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Aacharya Chanakya 10 Line in Sanskrit language|आचार्य चाणक्य के बारे में 10 वाक्य संस्कृत भाषा में यहां पढ़िए!

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नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपके साथ आचार्य चाणक्य के बारे में 10 वाक्य संस्कृत भाषा में शेयर करने जा रहे हैं इ इसके साथ ही उनके जीवन की संक्षिप्त जानकारी (Aacharya Chanakya 10 line in Sanskrit language) आपके लिए लेकर आए हैं, जहां से परीक्षा में अक्सर सवाल पूछे जाते हैं।

चाणक्य राजा चन्द्रगुप्त मौर्य के समय उनके मंत्रीमंडल में महामंत्री थे. चाणक्य का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था इनकी शिक्षा महान शिक्षा केंद्र” तक्षशिला” में हुई। 14 सालो तक चाणक्य ने अध्ययन किया और 26 वर्ष की आयु में इन्होंने अर्थशात्र, समाजशात्र, और राजनीति विषयो में गहरी शिक्षा प्राप्त की।

एक बार की बात है जब मगध वंश के दरबार में इनका अपमान किया गया तब से इन्होंने नन्द वंश को मिटाने की प्रतिज्ञा ली और बाद में चन्द्रगुप्त मौर्य के राजगद्दी में बिठाने के बाद इन्होंने अपनी प्रतिज्ञ पूरी की ओर नन्द वंश का नाश कर दिया। उन्होंने वहां मौर्य वंश स्थापित कर दिया। उस समय नन्द वंशो ने गरीबो की दशा खराब कर रखी थी तब प्रजा की रक्षा की और अपना कर्तव्य का पालन किया. उन्होंने नन्द वंशो को भारत से बाहर किया और एक राजा चन्द्रगुप्त मौर्य को एक अखंड राष्ट्र बनाने में मदद की। मौर्य वंश को बनाने में चाणक्य को श्रेय जाता हैं। चाणक्य कूटनीति को अहम मानते थे। इसलिये इन्हे कुटनीति का जनक भी माना जाता है। इस लिये राजा चन्द्रगुप्त मौर्य ने इन्हे महामंत्री का दर्जा दिया। 

चाणक्य का जन्म और नाम

चाणक्य के विषय में इतिहास में ज्यादा प्रमाण नहीं मिलाता है.कुछ विद्वान इनके नाम के पीछे भी अपनी राय रखते है क्योंकि इनका नाम कौटिल्य भी था। कुछ लोग मानते है कुटल गोत्र होने के कारण इनका नाम कौटिल्य पड़ा। भारत में आज भी चाणक्य को चाणक्य और कौटिल्य आदि नामो से ही जाना जाता है। इस सम्बन्ध में महान विद्वान राधाकांत जी ने अपनी रचना में कहा हैं अस्तु कौटिल्य इति वा कौटिल्य इति या चनाक्यस्य गोत्र्नाम्ध्यम”। कुछ लोग ने सीधी राय रखी है चणक का पुत्र होने के कारण इन्हे चाणक्य कहा जाता हैं. कुछ विद्वान मानते है कि इनके पिता ने इनका नाम बचपन में विष्णु गुप्त रखा था जो बाद में चाणक्य और कौटिल्य कहलाये।

नाम (Name)चाणक्य
जन्म (Birthday)350 ईसा पूर्व (अनुमानित स्पष्ट नहीं है)
मृत्यु की तिथि (Death)275 ईसा पूर्व, पाटलिपुत्र, (आधुनिक पटना में) भारत
पिता (Father Name)ऋषि कानाक या चैनिन (जैन ग्रंथों के अनुसार)
माता (Mother Name)चनेश्वरी (जैन ग्रंथों के अनुसार)
शैक्षिक योग्यता (Education)समाजशास्त्र, राजनीति, अर्थशास्त्र, दर्शन, आदि का अध्ययन।
वैवाहिक स्थितिविवाहित
उनके द्वारा रचित अर्थशास्त्रनामक ग्रंथ राजनीति अर्थनीति कृषि समाज नीति आदि का महान ग्रंथ हैअर्थशास्त्र मौर्य कालीन भारतीय समाज का दर्पण माना जाता है चाणक्य की मृत्यु को लेकर दो कहानी संदर्भ में आती है लेकिन दोनों में से कौन सी सच है इसका भी कोई कर नहीं निकला है विष्णु पुराण भागवत आदि पुराणों तथा कथा सरित सागर आदि संस्कृत ग मेंतो चाणक्य का नाम आया ही है बौद्ध ग में भी इसकी कथा बराबर मिलती है बुद्ध घोष की बनाई हुई विनय पिटक की टीका में चाणक्य का वृतांत दिया हुआ है

10 line on Acharya Chanakya in Sanskrit language

1) चाणक्यः मौर्यवंशप्रथमराज्ञः चंद्रगुप्तस्य मन्त्रीसहायक: च आसीत् ।

2) सः कौटिल्यः वा विष्णुगुप्तः इति नामभ्याम् अपि प्रसिद्धः आसीत्।

3) सः प्राचीनभारतस्यप्रसिद्धतमः कूटनीतिज्ञोऽभवत् ।

4) तस्य साहाय्येन एव चन्द्रगुप्तेन नन्दराज्यम् अवस्थापितम् मौर्यवंशं: स्थापित:च।

5) चाणक्य: अर्थशास्त्रम् इति पुस्तकस्य लेखको आसीत् ।

6) चाणक्यस्य पिता चणकः कचनब्राह्मणः आसीत्।

7) बाल्ये चाणक्यः सर्वान् वेदान् शास्त्राणि च अपठत्।

8) परं सः नीतिशास्त्रम् एव इच्छति स्म ।

9) सः यौवने तक्षशीलायाम् अवसत्।

10) स, कुटनितज्ञ, दार्शनिक च स्तः।

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