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CTET 2024: बाल विकास से सीटेट के विगत वर्षों में पूछे गए इन सवालों को हल कर, चेक! करें अपनी तैयारी

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CTET 2024 Bal Vikas Previous Year Question: सीबीएसई के द्वारा सीटेट के 18 संस्करण का आयोजन बेहद जल्द होने वाला है सूत्रों के मुताबिक इस वर्ष इस परीक्षा में शामिल होने के लिए 30 लाख से भी ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं ऐसे में एक कड़ा मुकाबला परीक्षा में देखने को मिलेगा. बेहतर अंक पाने के लिए एक रणनीति के तहत अभ्यर्थियों को अपनी तैयारी अभी से प्रारंभ कर देनी चाहिए क्योंकि एक माह से भी कम का समय परीक्षा प्रारंभ होने में बचा हुआ है इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस आर्टिकल में आज हम बाल विकास के कुछ विगत वर्षों में पूछे गए सवालों का संकलन आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं, जिनका अध्ययन आपको एक बार अवश्य करना चाहिए.

सीटेट परीक्षा में बाल विकास से पूछे गए चुनिंदा सवाल, यहां देखें—Bal Vikas previous year question and answer for CTET exam 2024 paper 1 and Paper 2

1. वह अवस्था जब बच्चा तार्किक रूप से वस्तुओं व घटनाओं के विषय में चिन्तन प्रारम्भ करता है,

(1) संवेदी प्रेरक अवस्था

(2) औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था

(3) पूर्व-संक्रियात्मक अवस्था

(4) मूर्त-संक्रियात्मक अवस्था

2. एक शिक्षक अपने लोकतान्त्रिक स्वभाव के कारण विद्यार्थियों को पूरी कक्षा में कहीं भी बैठने की अनुमति देता है। कुछ शिक्षार्थी एक-साथ बैठते हैं और चर्चा करते हैं या सामूहिक पठन करते हैं। कुछ चुपचाप बैठकर अपने-आप पढ़ते हैं। एक अभिभावक को यह पसन्द नहीं आता। इस स्थिति से निबटने का निम्न में से कौन-सा तरीका सबसे बेहतर हो सकता है?

(1) अभिभावकों को प्रधानाचार्य से शिक्षक की शिकायत करनी चाहिए

(2) अभिभावकों को प्रधानाचार्य से अनुरोध करना चाहिए कि वे उनके बच्चे का अनुभाग बदल दें

(3) अभिभावकों को शिक्षक पर विश्वास व्यक्त करना चाहिए और शिक्षक के साथ समस्या पर चर्चा करनी चाहिए

(4) अभिभावकों को उस विद्यालय से अपने बच्चे को निकाल लेना चाहिए

3. ‘सीखने के अन्तः दृष्टि सिद्धान्त’ को किसने बढ़ावा दिया?

(1 ) ‘गेस्टाल्ट’ सिद्धान्तवादी

(2) पावलॉव

(3) जीन पियाजे

(4) वाइगोत्स्की

4. बच्चों के बौद्धिक विकास की चार विशिष्ट अवस्थाओं की पहचान की गई –

(1) कोहलबर्ग द्वारा 

(2) एरिकसन द्वारा 

(3) स्किनर द्वारा 

(4) पियाजे द्वारा

5. निम्नलिखित में से किस अवस्था में बच्चे अपने समवयस्क समूह के सक्रिय सदस्य हो जाते हैं?

(1) किशोरावस्था

(2) प्रौढ़ावस्था 

(3) पूर्व बाल्यावस्था

(4) बाल्यावस्था

6. बच्चों की सीखने की प्रक्रिया में माता-पिता को …………  भूमिका निभानी चाहिए।

(1) नकारात्मक 

(2) अग्रोन्मुखी 

(3) सहानुभूतिपूर्ण 

(4) तटस्थ

7. “विकास कभी न समाप्त होने वाली प्रक्रिया है ।” यह विचार किससे सम्बन्धित है?

(1) अन्त: सम्बन्ध का सिद्धान्त

(2) निरन्तरता का सिद्धान्त

(3) एकीकरण का सिद्धान्त 

(4) अन्तःक्रिया का सिद्धान्त

8. वह कौन-सा स्थान है, जहाँ बच्चे के ‘संज्ञानात्मक विकास’ को सबसे बेहतर तरीके से परिभाषित किया जा सकता है? 

(1) खेल का मैदान

(2) विद्यालय एवं कक्षा पर्यावरण

(3) सभागार

(4) घर

9. निम्न में से कौन-सा बुद्धिमान बच्चे का लक्षण नहीं है?

(1) वह जो लम्बे निबन्धों को बहुत जल्दी रटने की क्षमता रखता है 

(2) वह जो प्रवाहपूर्ण एवं उचित तरीके से सम्प्रेषण करने की क्षमता रखता है 

(3) वह जो अमूर्त रूप से सोचता रहता है 

(4) वह जो नये परिवेश में स्वयं को समायोजित कर सकता है

10. ………को एक अभिप्रेरित शिक्षण का संकेतक माना जाता है। 

(1) कक्षा में अधिकतम उपस्थिति

(2) शिक्षक द्वारा दिया गया उपचारात्मक कार्य

(3) विद्यार्थियों द्वारा प्रश्न पूछना

(4) कक्षा में एकदम खामोशी

11. निम्न में से कौन-सा बच्चे की सामाजिक मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं के साथ सम्बद्ध नहीं है? 

(1) सामाजिक अनुमोदन अथवा सराहना की आवश्यकता 

(2) संवेगात्मक सुरक्षा की आवश्यकता 

(3) शरीर से अपशिष्ट पदार्थों का नियमित रूप से बाहर निकलना

(4) सान्निध्य (संगति) की आवश्यकता

12. ‘मन का मानचित्रण’ सम्बन्धित है –

(1) बोध (समझ) बढ़ाने की तकनीक से 

(2) साहसिक कार्यों की क्रिया-योजना से 

(3) मन का चित्र बनाने से 

(4) मन की क्रियाशीलता पर अनुसन्धान से

13. विशेष रूप से प्राथमिक स्तर पर विद्यार्थियों की सीखने सम्बन्धी समस्याओं को सम्बोधित करने का सबसे बेहतर तरीका है

(1) अक्षमता के अनुरूप विभिन्न शिक्षण-पद्धतियों का प्रयोग करना 

(2) महँगी और चमकदार सहायक सामग्री का प्रयोग करना

(3) सरल और रोचक सहायक सामग्री का प्रयोग करना

(4) कहानी – कथन पद्धति का प्रयोग करना 

14. पियाजे के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन-सी अवस्था में बच्चा अमूर्त संकल्पनाओं के विषय में तार्किक चिन्तन करना आरम्भ करता है? 

(1) मूर्त-संक्रियात्मक अवस्था (07-11 वर्ष)

(2) औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था (11 वर्ष एवं ऊपर)

(3) संवेदी-प्रेरक अवस्था (जन्म 02 वर्ष)

(4) पूर्व -संक्रियात्मक अवस्था (02-07 वर्ष )

Ans- 2 

15. निम्न में से कौन-सा शिक्षार्थियों में सृजनात्मकता का पोषण करता है?

(1) अच्छी शिक्षा के व्यावहारिक मूल्यों के लिए विद्यार्थियोंका शिक्षण 

(2) प्रत्येक शिक्षार्थी की अन्तर्जात प्रतिभाओं का पोषण करने एवं प्रश्न करने के अवसर उपलब्ध कराना 

(3) विद्यालयी जीवन के प्रारम्भ से उपलब्धि के लक्ष्यों पर बल देना

(4) परीक्षा में अच्छे अंकों के लिए विद्यार्थियों की कोचिंग करना 

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