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Baudh Dharm Notes in Hindi pdf || Indian History
बौद्ध धर्म का इतिहास in Hindi
नमस्कार! दोस्तों आज की आर्टिकल में इंडियन (Baudh Dharm Notes in Hindi pdf) हिस्ट्री का एक टॉपिक आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं जिसमें हम गौतम बुद्ध संपूर्ण जीवन और चरित्र को विस्तार पूर्वक जानेंगे क्योंकि इस टॉपिक संबंधित प्रश्न परीक्षा में पूछे जाते हैं अतः परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने हेतु आपको बौद्ध धर्म का संपूर्ण ज्ञान होना अति आवश्यक है
गौतमबुद्ध का जन्म- (563 ईसा पूर्व)
- गौतम बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के निकट लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व में हुआ था
- इनके पिता का नाम शुद्धोधन था जो कि शाक्य गण के प्रधान थे
- माता महामाया कोलिए गणराज्य कन्या थी
- गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था
- जिसका अर्थ होता है जिसकी आकांक्षाएं पूरी हो चुकी है
- गौतम बुद्ध को लाइट ऑफ एशिया भी कहते हैं
गौतम बुद्ध के जन्म स्थल लुंबिनी का प्रमाण
> सम्राट अशोक के एक अभिलेख में सूचना मिलती है कि शाक्यमुनि बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था
> मोरी बंसी शासक अशोक के रूम इन द अभिलेख से सूचना पीती है कि शाक्यमुनि बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था
> इस अभिलेख के अनुसार अशोक राज्य अभिषेक की भी वर्ष बाद यहां आया था और उसने उस स्थान की पूजा की थी जहां शाक्यमुनि बुद्ध का जन्म हुआ था
> साथ ही इस अभिलेख में लुंबिनी के बुद्ध के जन्म होने के कारण इसे कर छूट प्रदान करने की घोषणा भी की थी
महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण (कुशीनगर)
>इन्होंने अपने अंतिम दिन पावापुरी में एक चंद नामक लोहार के यहां बिताए और यहीं पर सूअर का मांस ग्रहण किया
>जिससे उन्हें डायरिया अतिसार हो गया
>483 बीसी कुशीनगर में इनकी मृत्यु हो गई
>80 वर्ष की अवस्था में उन्होंने शरीर त्याग दिया
>बौद्ध धर्म में इसे “महापरिनिर्वाण” कहते हैं
गौतम बुद्ध द्वारा अपने धर्म में दीक्षित किए जाने वाला अंतिम व्यक्ति कौन था- सुभद्द
>अपने जीवन में अंतिम वर्ष में गौतम बुद्ध अपने शिष्य चंद की यहां पर पहुंचे
>फिर मैं पावापुरी से कुशीनगर चले गए और यहीं पर सुभद्द को उन्होंने अपना अंतिम उपदेश दिया
आलार कलाम कौन थे -(बुद्ध के गुरु)
>महाभिनिष्क्रमण के बाद ज्ञान की खोज में महात्मा बुद्ध आलार कलाम के आश्रम में पहुंचे तथा उनसे दीक्षा ली
>कलाम ने आश्रम में उन्होंने तपस्या की किंतु इससे बुद्ध संतुष्ट नहीं हुए
>आलार कलाम साक्षी दर्शन के आचार्य थे तथा अपनी साधना शक्ति के लिए विख्यात थे
>आल्हा कलाम पहले गुरु- राजगृह
>रुद्रक रामपुत्त दूसरे गुरु -वैशाली
धर्म चक्र प्रवर्तन-(सारनाथ में)
>6 वर्षों की कठिन साधना के पश्चात वे 30 वर्ष की अवस्था में वैशाख पूर्णिमा की रात्रि को एक पीपल के वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ
>ज्ञान प्राप्ति के बाद बुद्ध कहलाए
>ज्ञान प्राप्ति के पश्चात गौतम बुद्ध ने अपने मत का प्रचार प्रारंभ किया
>रूबेला से भी सबसे पहले ऋषि पत्तन आए यहां उन्होंने पांच ब्राह्मण सन्यासियों को पहला उपदेश दिया
>इस प्रथम उपदेश को धर्म चक्र प्रवर्तन कहा जाता है
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बुद्ध ने सर्वाधिक उपदेश दिए थे- श्रावस्ती में
>बुद्ध ने सबसे अधिक शिष्य कौशल राज्य में हुए थे तथा यहां की राजधानी श्रावस्ती में उन्होंने सर्वाधिक उपदेश दिए थे
>कौशांबी बुद्ध किस की राज्य काल में आए थे -उदयन
>बुद्ध की मृत्यु के पश्चात प्रथम बौद्ध संगति की अध्यक्षता की गई -महा कश्यप द्वारा
>प्रथम बौद्ध संगति बुद्ध की मृत्यु के तत्काल बाद राज्य ग्रह की सप्तपर्णी गुफा में हुई
>इस समय मगध का शासक अजातशत्रु था
>इस संगति की अध्यक्षता महा कश्यप ने की तथा इसमें बुद्ध के प्रमुख शिष्य आनंद और उपाली उपस्थित थे
>इसमें बुद्ध की शिक्षाओं का संकलन हुआ तथा उन्हें सूत और विनय नाम की दो पिटको में विभाजित किया गया
गौतम बुध के प्रतीक चिन्ह
- बौद्ध धर्म के प्रतीक चिन्ह कमल का संबंध किससे है- जन्म
- हाथी- गर्भ में आने का प्रतीक
- कमल- जन्म का प्रतीक
- सांड- योवन का प्रतीक
- घोड़ा- गृह त्याग महाभिनिष्क्रमण
- शेर -समृद्धि विकास
- चक्र- प्रथम उपदेश धर्म चक्र प्रवर्तन
- स्तूप– पदचिन्ह मृत्यु महापरिनिर्वाण
- बोधि वृक्ष- ज्ञान संबोधी महाबोधि
(Baudh Dharm Notes in Hindi pdf)
करमापा लामा तिब्बत के बौद्ध संप्रदाय के किस वर्ग का है -कंगीउपा
>करमापा लामा तिब्बत के बौद्ध संप्रदाय का युवा वर्ग से संबंधित है
>बोधगया में महाबोधि मंदिर बनाया गया जहां गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ
>बोधगया में 6 वर्ष की साधना के पश्चात 35 वर्ष की आयु में बुध को वैशाख पूर्णिमा की रात को एक पीपल के वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ
>उन्होंने दुख तथा उसके कारणों का पता लगाया इसी समय से ही बुध नाम से विख्यात हुए
>यहीं पर महाबोधि मंदिर बनाया गया है
कौन सा बौद्ध पवित्र स्थल निरंजना नदी पर स्थित था -बौद्ध गया
>पवित्र बौद्ध स्थल बोधगया जहां गौतम बुद्ध ने सर्वप्रथम ज्ञान प्राप्त किया था निरंजना नदी पर स्थित है
>आधुनिक फाल्गुनी दी को ही पूर्व में निरंजना के नाम से जाना जाता था यह नदी दो छोटी धाराओं निरंजना एवं मोहना के मिलने के बाद बनती है
बुद्ध के उपदेश किस से संबंधित है -आचरण की शुद्धता और पवित्रता
>महात्मा बुद्ध ने उपदेश आचरण की पवित्रता और शुद्धता से संबंधित है
>बुद्ध के उपदेशों में आत्मा संबंधी विवाद नहीं है
>धार्मिक कर्मकांड की आलोचना की है
बुद्ध के जीवन काल में ही संघ प्रमुख होना चाहता था -देवदत्त
>देवदत्त बुद्ध का चचेरा भाई था
>यह पहले उनका अनुरोध बना और फिर उनका विरोधी हो गया
>वह बौद्ध संघ से बुद्ध को हटाकर स्वयं संघ बनना चाहता था लेकिन उसे सफलता नहीं मिली
बौद्ध संघ में बिछड़ी के रूप में स्त्रियों के प्रवेश की अनुमति बुद्ध द्वारा कहां दी गई थी -वैशाली में
>अपने प्रिय से आनंद के कहने पर बुद्ध ने वैशाली में स्त्रियों को बुद्ध संघ में के रूप में प्रवेश की अनुमति प्रदान की थी
>बौद्ध संघ में सर्वप्रथम शामिल होने वाली पहली महिला प्रजापति गौतमी थी
अष्टांग मार्ग की संकल्पना अंग है- धर्मचक्र प्रवर्तन
>गौतम बुद्ध ने अपने चतुर्थ आर्यसत्य में दुख का उपाय बताया
>इसी दुख निरोध गामिनी प्रतिपदा कहा जाता है
>इसी मध्यमा प्रतिपदा या मध्यम मार्ग भी कहते हैं
>उनकी इस माध्यम प्रतिपदा में आठ सोपान है इसलिए इसे अष्टांगिक मार्ग भी कहते हैं
- सम्यक दृष्टि : चार आर्य सत्य में विश्वास करना
- सम्यक संकल्प : मानसिक और नैतिक विकास की प्रतिज्ञा करना
- सम्यक वाक : हानिकारक बातें और झूठ न बोलना
- सम्यक कर्म : हानिकारक कर्म न करना
- सम्यक जीविका : कोई भी स्पष्टतः या अस्पष्टतः हानिकारक व्यापार न करना
- सम्यक प्रयास : अपने आप सुधरने की कोशिश करना
- सम्यक स्मृति : स्पष्ट ज्ञान से देखने की मानसिक योग्यता पाने की कोशिश करना
- सम्यक समाधि : निर्वाण पाना और स्वयं का गायब होना
बुद्ध की 80 फुट बड़ी प्रतिमा जो बोधगया में है किसके द्वारा निर्मित की गई थी -जापानियों के द्वारा
>बुद्ध की 80 फुट ऊंची बोधगया में से प्रतिमान लाल ग्रेनाइट एवं बलुई पत्थर से निर्मित है
>जिसकी निर्माण में 7 वर्ष का समय लगा
>यह प्रतिमा जापान के दाइजों कियों संप्रदाय के सहयोग से निर्मित की गई थी
सुल्तानी युद्ध में बहुत दिन की कौन सी एक शाखा सबसे प्रभावशाली थी – वज्रयान
>वज्रयान का सबसे अधिक विकास आठवीं शताब्दी में हुआ था तथा इसके सिद्धांत मंजूश्री मूल कल को तथा गुहमसमाज नामक ग्रंथ में मिलते हैं
>किसे एशिया की ज्योतिपुंज के तौर पर जाना जाता है गौतम बुद्ध
>गौतम बुद्ध के जन्म पर एडविन अर्नाल्ड ने लाइट ऑफ एशिया नामक पुस्तक की रचना की थी
>यह पुस्तक ललित विस्तार के विषय वस्तु पर आधारित है
>इस पुस्तक का प्रकाशन वर्ष 1879 ही में लंदन में किया गया
बौद्ध धर्म की महायान और हीनयान संप्रदाय में अंतर
>हीनयान बुद्ध को एक महापुरुष माना जाता था
>महायान में उन्हें देवता माना गया तथा उनकी पूजा की जाने लगी
>पांचवी बौद्ध संगति में महायान को श्रेष्ठ बताया गया
>चतुर्थ बौद्ध संस्कृति में ही बुद्ध को देवता माना गया और उनकी पूजा की जाने लगी देवता का स्थान गौतम बुद्ध को कनिष्क काल में ही प्राप्त हो गया था
(Baudh Dharm Notes in Hindi pdf)
बौद्ध शिक्षा का केंद्र विक्रमशिला
>प्राचीन काल में बौद्ध शिक्षा के तीन प्रमुख केंद्र थे – नालंदा , वल्लभी, विक्रमशिला
>नालंदा बिहार में बड़गांव नामक ग्राम के समीप स्थित था यह धर्म शिक्षा का प्रमुख केंद्र था
>वल्लभी गुजरात के कटिया वाड़ा छेत्र में स्थित पश्चिमी भारत में यह संस्कृति का प्रमुख केंद्र था
>विक्रमशिला बिहार के पत्थर घाट नामक पहाड़ी पर स्थित था विक्रमशिला के महाविहार की स्थापना पाल नरेश धर्मपाल ने की थी
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