Sanskrit
Essay on Pustakam in Sanskrit | For Class 8
Pustakam ka Nibandh Sanskrit Mein
नमस्कार! दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम आपके साथ (Essay on Pustakam in Sanskrit) पुस्तकम् का निबंध संस्कृत भाषा में शेयर करने जा रहे हैं जैसा कि आप जानते हैं कि पुस्तक का हमारे जीवन में एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है यह हमारी परम मित्र होती हैं यह हमें अज्ञान से ज्ञान की ओर अग्रसर करती हैं
पुस्तकों का इतिहास आज से नही बल्कि काफी प्राचीन समय से हैं। पुस्तकों को प्राचीन काल से हमारे महापुरुष लिखते आ रहे हैं। पुस्तकों से हमे काफी कुछ सीखने को मिलता हैं। कई ऐसी पुस्तके हैं जो हमे भविष्य को मजबूत बनाने के लिए ज्ञान देती हैं। हमारे देश के कई महापुरुष ऐसे भी हुए हैं जिन्होंने पुस्तके लिखी हैं और उन पुस्तकों के ज्ञान अपने जीवन में उतारते हैं।
जीवन में ज्ञान की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पुस्तकों का होना जरुरी हैं।
पुस्तकम् पर निबंध संस्कृत में |
1. मम प्रियम् पुस्तकम् अस्ति।
2. वयम प्रियम पुस्तकम् अस्ति। 3. एतद मम पुस्तकम् अस्ति। 4. एतद तव पुस्तकम् अस्ति। 5. सचित्र पुस्तकम् मम प्रियम्। 6. पुस्तकानि महाम अतीव रोचन्ते। 7. मम समीपे बहुनि: पुस्तकानि सन्ति। 8. पुस्तकानि अतीव मनोहराणि सन्ति। 9. मम समीपे चित्रपुस्तकम् अपि अस्ति। 10.रमणीयं चित्रम चित्तम आनंदयति। 11. पुस्तकानि ज्ञांनस्य भण्डार: भवंति। 12. पुस्तकानि अस्माकं मित्राणि सन्ति। 13. पुस्तकानां संडति लाभप्रदा भवति। 14. अस्मभि: पुस्तकानि रक्षणीयानि। 15. स्वगृहं लघु: पुस्तकालयां निर्मातव्य:। 16. पुस्तकेशु यत्र कुत्रचित् न लेखनीयम। 17. अह्म पाठशालां गच्छामि पुस्तकम् नमामि च। 18. पुस्तक पठनेन ज्ञानलाभ: भवति। |
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