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Success Story: 2021 मे फर्स्ट रैंक हासिल करने वाली श्रुति शर्मा अपने पहले प्रयास मे इस वजह से हुई थी असफल, जाने यहा
IAS Shruti Sharma AIR-1 Success Story: प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली यूपीएससी परीक्षा के लिए लाखों अभ्यर्थी अपनी कठिन परिश्रम के साथ तैयारी करते हैं। यूपीएससी परीक्षा को देश भर की सबसे कठिन परीक्षा में से एक माना जाता है जिसमें लाखों विद्यार्थी सफलता प्राप्त करने के लिए प्रतिवर्ष शामिल होते हैं। यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले विद्यार्थी अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन जाते है।
ऐसी ही कहानी है सत्र 2021 में सफलता प्राप्त करने वाली आईएएस श्रुति शर्मा की है। जिन्होंने अपने पहले प्रयास से हार न मानते हुए अपने दूसरे प्रयास मे यूपीएससी परीक्षा 2021 में पूरे भारत मे फर्स्ट रैंक हासिल करने वाली अभ्यर्थी बनी थी। इस लेख में हम आपको श्रुति शर्मा के बारे में बताएंगे कि कैसे उन्होंने परीक्षा के लिए अपनी तैयारी की तथा इनकी संपूर्ण सक्सेस स्टोरी आपको जानने को मिलेगी। अतः आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
अपने प्रदेश का नाम रोशन किया
श्रुति शर्मा उत्तर प्रदेश के बिजनौर की रहने वाली है उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई उत्तर प्रदेश के बिजनौर से ही की थी। उन्होंने सत्र 2021 मे अपने दूसरे प्रयास के साथ पहली रैंक हासिल कर अपने शहर बिजनौर व प्रदेश का नाम रोशन किया है। मात्र 22 साल की उम्र मे ही आल इंडिया फर्स्ट रैंक के साथ यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा मेर सफल होना कोई आम बात नहीं है जिसे श्रुति शर्मा ने का दिखाया है। और यह साबित कर दिया कि अगर मजबूत इरादे व कठिन परिश्रम की जाए तो कोई काम मुश्किल नहीं होता है।
श्रुति शर्मा का जन्म 1997 में उत्तर प्रदेश के बिजनौर, धमपुर मे हुआ था। उनके पिता एक कंस्ट्रक्शन है जिनका नाम सुनील दत्त शर्मा है तथा श्रुति की माता का नाम रचना शर्मा नेशनल टीचर है। श्रुति शर्मा ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई हिस्ट्री विषय से सेंट स्टीफन कॉलेज दिल्ली से पूरी की पूरी की जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी।
अपने पहले प्रयास मे श्रुति शर्मा इस वजह से हुई थी असफल
श्रुति शर्मा यूपीएससी परीक्षा के लिए अपनी तैयारी 4 सालों से कर रही थी। वे अपने दूसरे प्रयास मे 2021 की यूपीएससी परीक्षा मे टोपर रही थी। उन्होंने कहा था कि उनको ये तो पता था कि वे परीक्षा मे सफल हो जाएगी, लेकिन उनको यह अंदाजा बिल्कुल भी नहीं था कि वह परीक्षा में फर्स्ट रैंक के साथ सफलता प्राप्त करेगी।
श्रुति शर्मा ने पहली बार जब यूपीएससी परीक्षा के लिए फॉर्म भरा था तो उसमें भाषा इंग्लिश की वजाय हिंदी हो गई थी। यही कारण था कि वे अपने पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफल नहीं हो पाई थी। उन्होंने परीक्षा दी थी लेकिन कुछ अंकों से भी पीछे रह गई थी। लेकिन दूसरी बार उन्होंने कोई भी गलती कोई भी गलती ना करते हुए परीक्षा दी और सफलता हासिल की।
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