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List of Mountain Passes in India pdf || भारत के प्रमुख दर्रे

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भारत के प्रमुख दर्रे ||Mountain Passes in India

नमस्कार! दोस्तों इस आर्टिकल में है भारत में स्थित प्रमुख दर्रे (List of Mountain Passes in India pdf ) के नाम से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं जो कि सभी प्रतियोगी परीक्षाओं दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं आइए जानते हैं भारत के प्रमुख दर्रे के बारे में-

दर्रा किसे कहते हैं?

पहाड़ों के बीच की जगह को दर्रा (पास) कहा जाता है। या कहें कि पर्वतों और पहाड़ों के मध्य पाए जाने वाले भाषण के प्राकृतिक स्थानों को “दर्रा” कहा जाता है। ये वे प्राकृतिक मार्ग हैं जिनके पास पहाड़ों को पार किया जाता है। भारत के प्रमुख दर्रे: भारत के दर्रे दो भागों में बांटे जा सकते हैं, के हिमालय के पर्वतीय राज्यों में पाए जाने वाले दर्रे ‘और प्रायद्वीप भारत के राज्यों में पाए जाने वाले दर्रे’ हैं। ये दर्रों का महत्व व्यापार, परिवहन, युद्ध और अन्य उद्देश्यों के लिए है।

Bharat ke Pramukh Darre in Hindi

कराकोरम दर्रा

> यह दर्रा जम्मू-कश्मीर राज्य के लद्दाख क्षेत्र में कराकोरम पहाड़ीयों के मध्य स्थित है।

> इस दर्रे से होकर यार कन्द तथा तारिम बेसिन को मार्ग जाता है।

> यह भारत का सबसे ऊंचा (5664 मी.) दर्रा है यहां से चीन को जाने वाली एक सड़क भी बनाई गई है।

नीति दर्रा

> यह उत्तराखण्ड(भारत) एवं तिब्बत(चीन) की सीमा पर स्थित है।

> 5389 मी. ऊंचा यह दर्रा उत्तराखण्ड से मानसरोवर एवं कैलाश पर्वत जाने के लिए रास्ता देता है।

लिपुलेख दर्रा

> यह दर्रा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद में 5334 मी. की ऊंचाई पर स्थित है। उत्तराखण्ड एवं तिब्बत की सीमा पर स्थित है।

> यहां भारत-तिब्बत की व्यापार पोस्ट स्थित है।

> यह भारत-चीन एवं नेपाल की सीमा पर अवस्थित है तथा भारत एवं नेपाल के बीच में इसके नियंत्रण को लेकर विवाद भी है परन्तु वर्तमान में इस पर भारत का नियंत्रण है।

> यहां से कैलाश-मानसरोवर जाने का रास्ता गुजरता है।

माना दर्रा

> यह दर्रा उत्तराखंड के अंतिम गाँव माना में स्थित है।

> इसकी ऊंचाई 5545 मी. है।

> यह उत्तराखंड के माना को तिब्बत से जोड़ता है।

> उत्तराखण्ड की हिमालय की जास्कर श्रेणी में स्थित है।

> यह भारत एवं चीन की सीमा पर स्थित है।

नाथूला दर्रा

> भारत-चीन युद्ध में सामरिक महत्व के कारण चर्चित यह दर्रा सिक्किम राज्य में डोगेक्या श्रेणी में स्थित है।

> यह दार्जलिंग तथा चुम्बी घाटी से होकर तिब्बत जाने का मार्ग प्रशस्त करता है।

> चुम्बी नदी इसी दर्रे से बहती है।

> 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद इसे बंद कर दिया गया था जिसे 2006 में पुनः खोल दिया गया।

जोजीला दर्रा

> इसकी समुन्द्र तल से ऊंचाई 3528 मी. है।

> यह दर्रा जम्मू – कश्मीर राज्य की जास्कर श्रेणी में स्थित है।

> जोजिला दर्रे का निर्माण सिन्धु नदी द्वारा हुआ है।

> यह कश्मीर घाटी को लेह से जोड़ता है।

> इस दर्रे से श्रीनगर से लेह को मार्ग(राष्ट्रीय राजमार्ग – 1D) गुजरता है।

(List of Mountain Passes in India pdf)

बुर्जिल दर्रा

> इसकी समुन्द्र तल से ऊंचाई 4100 मी. है।

> यह श्रीनगर को गिलगिट से जोड़ता है यह दर्रा कश्मीर और मध्य एशिया के बीच आवागमन का पारम्परिक मार्ग है।

पीर पंजाल दर्रा

> इसकी समुन्द्र तल से ऊंचाई 3490 मी. है।

> यह दर्रा जम्मू-कश्मीर राज्य के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।

> इस दर्रे से कुल गांव से कोठी जाने का मार्ग गुजरता है।

बनिहाल दर्रा

> बनिहाल दर्रा हिमालय का एक प्रमुख दर्रा हैं।

> राष्ट्रीय राजमार्ग 1अ एनएच1ए इस दर्रे से होकर निकलता है।

> यही दर्रा कश्मीर घाटी को जवाहर सुरंग के माध्यम से जम्मू के रास्ते शेष भारत से जोड़ता है।

> बनिहाल पीर पंजाल पर्वतश्रेणी का एक दर्रा है, जो जम्मू कश्मीर राज्य में स्थित है।
> समुद्र तल से 2832 मीटर (9291 फीट) की ऊँचाई पर पीर पंजाल श्रेणी में स्थित यह दर्रा जम्मू को श्रीनगर से जोड़ता है।
> कश्मीरी भाषा में ‘बनिहाल’ का अर्थ है- ‘हिमावात’।
> यह दर्रा डोडा ज़िले में 2,832 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बनिहाल के मैदानों से कश्मीर घाटी तक पहुँचने का प्रमुख मार्ग है।
> सड़क परिवहन की व्यवस्था करने के उद्देश्य से यहाँ ‘जवाहर सुरंग’ बनायी गई थी, जिसका उद्घाटन 1956 ई. में किया गया था, जिसके कारण अब इस दर्रे का बहुत उपयोग नहीं रह गया।

देब्सा दर्रा

> देब्सा दर्रा हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और स्पीति ज़िलों के मध्य महान् हिमालय में स्थित है।

> यह दर्रा समुद्र तल से 5360 मीटर (17,590 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है।

> देब्सा दर्रा कुल्लू और स्पीति को जोड़ने वाले पिन-परवती दर्रे की तुलना में एक आसान और कम दूरी का विकल्प है।

> सुंदर स्पीति घाटी हिमालय के पहाड़ों में हिमाचल प्रदेश के उत्तर-पूर्वी भाग में तिब्बत और भारत के बीच एक रेगिस्तानी पहाड़ भूमि है।

> यह दर्रा कुल्लू में पार्वती नदी की घाटी से होकर गुजरता है।

जौलेप्ला दर्रा

> इसकी समुन्द्र तल से ऊंचाई 4270 मी. है।

> इसका निर्माण तीस्ता नदी द्वारा किया गया था।

> यह सिक्कम में है और इसका भी सामरिक महत्व है।

> नाथूला और जौलेप्ला दार्जलिंग व चुम्बी घाटी से होकर तिब्बत जाने का मार्ग है।

बोमिडला दर्रा

> इसकी समुन्द्र तल से ऊंचाई 2217 मी. है।

> अरूणाचल प्रदेश के उत्तर पश्चिमी भाग में स्थित है।

> इस दर्रे से त्वांग घाटी होकर तिब्बत जाने का मार्ग है।

डिफू दर्रा

> दिफू अथवा डिफू दर्रा अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित है।

> यह दर्रा 4587 मीटर (15049 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है।

> अरुणाचल प्रदेश में स्थित यह दर्रा इस राज्य को मंडाले (म्यांमार) तक का आसान और सबसे छोटा रास्ता उपलब्ध कराता है।

> यह भारत और म्यांमार के बीच एक परंपरागत दर्रा है, जो व्यापार और परिवहन के लिए वर्ष भर खुला रहता है।

> डिफू दर्रा भारत, चीन और बर्मा की सीमाओं के पास है।

> पूर्वी असम के लिए इसका एक रणनीतिक महत्त्व भी है।

यांग्याप दर्रा

> यह भारत एवं तिब्बत की सीमा पर अवस्थित है।यह दर्रा महान हिमालय श्रेणी में अवस्थित है।

> इसके पास से ही ब्रह्मपुत्र नदी भारत में प्रवेश करती है।

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शिपकीला दर्रा

> इसकी समुन्द्र तल से ऊंचाई 4300 मी. है।यह हिमाचल प्रदेश की जास्कर श्रेणी में स्थित है।

> यह शिमला को तिब्बत से जोड़ता है।

> यहां भारत की व्यापार पोस्ट(भारत की तिब्बत के साथ व्यापार पोस्ट नाथूला, सिक्किम एवं लिपुलेख, उत्तराखण्ड में भी) स्थित है।

> यहां से भारतीय राष्ट्रीय मार्ग-5 गुजरता है।

रोहतांग दर्रा

> इसकी समुन्द्र तल से ऊंचाई 4620 मी. है।

> हिमाचल प्रदेश की पीर-पंजाल श्रेणियों में स्थित है।

[” केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को देखते हुए रोहतांग दर्रा सुरंग का नाम अटल बिहारी वाजपेयी सुरंग करने का निर्णय लिया है। “]

मंगशा धुरा

> मंगशा धुरा दर्रा उत्तराखण्ड राज्य के पूर्व में स्थित सीमान्त नगर पिथौरागढ़ में स्थित है।

> यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 5674 मीटर (18615 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है।

> पिथौरागढ़ स्थित यह दर्रा उत्तराखंड को तिब्बत से जोड़ता है।

> मानसरोवर की यात्रा के लिए यात्रियों को इस दर्रे से भी गुजरना पड़ता है।

> यहाँ पर्यटकों एवं तीर्थ यात्रियों के लिए भूस्खलन एक बड़ी समस्या है।

बड़ोलाचाला दर्रा / बारालाचा

> इसकी समुन्द्र तल से ऊंचाई 4883 मी. है।

> हिमाचल प्रदेश में जास्कर पहाडि़यों में स्थित इस दर्रे से लेह और मंडी के बीच मार्ग जुड़ता है।

खारदुंगला दर्रा

> खारदुंग ला दर्रा हिमालय का एक पहाड़ी दर्रा है, जो लद्दाख के भारतीय केंद्र शासित प्रदेश के लेह जिले में है।

> इसे “खारदोंग ला” या “खर्दज़ॉंग ला” के नाम से भी जाना जाता है।

List of Mountain Passes in India pdf

प्रायद्वीपीय भारत के प्रमुख दर्रे

पाल घाट

> यह केरल के मध्य-पूर्व में स्थित है।

> इसकी ऊंचाई 305 मीटर है।

> यह नीलगिरि तथा अन्नामलाई पहाड़ी के मध्य स्थित है।

> यह केरल एवं तमिलनाडु को जोड़ता है।

चांगला (Chang La)

> भारत के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित एक पहाड़ी दर्रा है।

>यह 5,360 मीटर (17,590 फ़ुट) की ऊँचाई पर काराकोरम की लद्दाख़ पर्वतमाला नामक उपश्रेणी में लेह से पांगोंग त्सो (झील) के मार्ग पर स्थित है।

> यह चांगथंग पठार का प्रमुख प्रवेशद्वार माना जाता है।

थालघाट

> 583 मी. ऊंचा यह दर्रा महाराष्ट्र में पश्चिमी घाट की श्रेणियों में स्थित है।

> यह मुम्बई को नासिक से जोड़ता है।

भोरघाट

> यह महाराष्ट्र राज्य के पश्चिमी घाट श्रेणियों में स्थित है।

> यह मुम्बई को पुने से जोड़ता है।

शेनकोट्टा

> ये इलायची पहाड़ियों (कार्डमेम या कार्दामोम हिल्स) में 210 मी ० की ऊंचाई पर स्थित है।

> तिरुवनंतपुरम (केरल) और मदुरै (TN) को आपस में प्रवेश है।

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