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Madhya Pradesh Nadi Ghati Pariyojnaen in Hindi
मध्यप्रदेश GK : List of Nadi Ghati pariyojana in Madhya Pradesh || For MPPSC,MP Police
हेलो! दोस्तों आर्टिकल में हम आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं। मध्य प्रदेश की विभिन्न नदियों पर स्थित (Madhya Pradesh Nadi Ghati Pariyojnaen in Hindi) नदी घाटी परियोजनाएं व उनसे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां जो कि परीक्षाओं की दृष्टि से अत्यंत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे संबंधित प्रश्न परीक्षा में अवश्य ही पूछा जाता है। मध्यप्रदेश में अनेकों नदी घाटी परियोजनाएं स्थित है। जिससे विद्युत का उत्पादन किया जाता है कुछ परियोजना विभिन्न राज्यों के साथ संयुक्त हैं, तो आइए जानते हैं मध्य प्रदेश की नदी घाटी परियोजनाओं के बारे, में जो इस प्रकार है-
मध्यप्रदेश में नदी घाटी परियोजनाएं
नर्मदा नदी घाटी परियोजना
- यह मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नदी परियोजना है जिसमें नर्मदा तथा उसकी सहायक नदियों के पानी को बांधों में रोककर विद्युत और सिंचाई का विकास किया जाता है।
- इस परियोजना के तहत 29 बड़े बांध 135 मध्यम और 3000 छोटे बांध बनाने का लक्ष्य रखा है।
- इस परियोजना के विरोध में मेघा पाटेकर, अरुंधति रॉय, बाबा आमटे ने नर्मदा बचाओ आंदोलन चलाया।
- इसी समय पर्यावरण कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह ने भी छोटे छोटे बांधों का महत्व बताया और पानी वाले बाबा (जल पुरुष) के नाम से लोकप्रिय हुए।
1.सरदार सरोवर परियोजना
- इसकी आधारशिला 5 अप्रैल 1961 को पंडित जवाहरलाल नेहरु के द्वारा रखी गई थी ।
- यह नर्मदा नदी पर गुजरात के नौगांव में स्थित है।
- नर्मदा नदी पर सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना है।
- यह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान की संयुक्त परियोजना है जिसमें राजस्थान को केवल जल की प्राप्ति होगी।
- इसकी विद्युत उत्पादन क्षमता 1450 मेगावाट है,जिस में सर्वाधिक 57% हिस्सा मध्यप्रदेश का होगा।
- इस परियोजना का 17 सितंबर 2017 को नरेंद्र मोदी जी के द्वारा उद्घाटन किया गया।
2.ओंकारेश्वर परियोजना
- यह खंडवा के मांधाता ग्राम में स्थित है।
- विद्युत उत्पादन क्षमता- 520 मेगा वाट
3. महेश्वर परियोजना
- यह परियोजना खरगोन के महेश्वर जिले में स्थित है।
- विद्युत उत्पादन क्षमता- 400 मेगा वाट
4. इंदिरा सागर परियोजना
- इस परियोजना की आधारशिला श्रीमती इंदिरा गांधी के द्वारा 23 अक्टूबर 1984 को रखी गई थी।
- या खंडवा के पुनासा नामक स्थान पर निर्मित है।
- विद्युत उत्पादन क्षमता 1000 मेगावाट है।
- यह नर्मदा नदी पर मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना है।
5.बरगी परियोजना
- यह परियोजना बरगी नदी पर है।
- स्थान- जबलपुर के बिजोरा नामक स्थान पर।
- इसे रानी अवंतीबाई परियोजना के नाम से भी जाना जाता है।
- विद्युत उत्पादन क्षमता- 90 मेगावाट है।
6.जोबट परियोजना
- अलीराजपुर से जोबट नामक स्थान पर स्थित है
- इसे चंद्रशेखर आजाद परियोजना भी कहते हैं
- यह हथनी नदी पर बनाई गई है
7.सूक्ता परियोजना
- स्थान- खंडवा जिले में सूक्ता नदी पर
- अन्य नाम- भगवंत सागर परियोजना
8.मान परियोजना
- स्थान- धार
- नदी- मान नदी
9.कोलार परियोजना
- नर्मदा की सहायक कोलार नदी पर यह परियोजना स्थित है। 9
- स्थान- सीहोर
10. वारना परियोजना
- यह परियोजना रायसेन जिले में नर्मदा की सहायक वारना नदी पर स्थित है।
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चंबल नदी घाटी परियोजना
- यह मध्य प्रदेश की पहली बहुद्देशीय परियोजना है जिसकी शुरुआत 1953-54 में हुई।
- मध्यप्रदेश और राजस्थान की संयुक्त परियोजना है जिसमें मध्यप्रदेश और राजस्थान का 50-50% हिस्सा है।
- यह परियोजना चंबल नदी पर स्थित है।
इस परियोजना के तहत 3 बांध का निर्माण किया गया है जो इस प्रकार हैं
1.गांधी सागर बांध
स्थान- मंदसौर
स्थापना- 1960
उत्पादन क्षमता- 115 मेगावाट
यह मध्य प्रदेश का पहला जलविद्युत केंद्र है।
2.जवाहर सागर बांध
स्थान- राजस्थान के कोटा में
अन्य नाम- कोटा बैराज बांध
विद्युत उत्पादन क्षमता- 99 मेगा वाट
3.राणा प्रताप सागर बांध
स्थान- चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा
अन्य नाम- रावतभाटा बांध
विद्युत उत्पादन क्षमता- 172 मेगा वाट
राजघाट परियोजना
- यह बेतवा नदी पर स्थित है।
- यह मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर निर्मित है।
- विद्युत उत्पादन क्षमता- 45 मेगावाट
- इस परियोजना को रानी लक्ष्मी बाई के नाम से भी जाना जाता है।
हलाली परियोजना
- यह हलाली नदी पर विदिशा और रायसेन की सीमा पर निर्मित है।
- इसे सम्राट अशोक सागर परियोजना के नाम से भी जाना जाता है।
उर्मिल परियोजना
- यह उर्मिल नदी पर छतरपुर के ग्राम भी रोटा नामक स्थान पर निर्मित है।
- यह मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की संयुक्त परियोजना है।
बावनथडी परियोजना
- यह बावनथडी नदी पर बालाघाट में निर्मित है ।
- इसे राजीव सागर परियोजना के नाम से जाना जाता है।
- यह मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना है।
पेंच परियोजना
- यह पेज नदी पर छिंदवाड़ा में स्थित है।
- यह मध्य प्रदेश महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना है।
- विद्युत उत्पादन क्षमता 160 मेगावाट है।
बाणसागर परियोजना
- यह सोन नदी पर निर्मित है।
- जय शहडोल की देवलोन्द मैं निर्मित है।
- यह मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और बिहार की संयुक्त परियोजना है जिसमें जल एवं निर्माण की लागत का बंटवारा क्रमश 2:1:1 मैं किया जाता है।
- इसकी विद्युत उत्पादन क्षमता 425 मेगावाट है।
नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना
- इस परियोजना के अंतर्गत नर्मदा के पानी को ओमकारेश्वर बांध से छपरा में छोड़ा जाता है।
- नर्मदा क्षिप्रा का मिलन इंदौर के निकट शिप्रा नदी के उद्गम स्थल उज्जैनी गांव में हुआ है।
- इस परियोजना की शुरुआत 29 नवंबर 2012 में हुई थी इसका लोकार्पण 25 फरवरी 2014 को हुआ ।
दोस्तों उपरोक्त आर्टिकल में हमने मध्य प्रदेश की विभिन्न नदी घाटी परियोजनाओं (Madhya Pradesh Nadi Ghati Pariyojnaen in Hindi) से संबंधित जानकारी आपके साथ सांझा की आशा है आप इनका ध्यान पूर्वक अध्ययन करेंगे जिससे आपको परीक्षा में इस टॉपिक से संबंधित प्रश्नों को हल करने में आपको मदद मिलेगी।