Child Development and Pedagogy
NCF 2005 Notes in Hindi for CTET 2020
NCF 2005 : National curriculum Framework complete notes in Hindi for CTET
नमस्कार! दोस्तों Study safar.com में आप सभी का स्वागत है। आज के आर्टिकल (NCF 2005 Notes in Hindi for CTET 2020) में हम NCF – 2005 के कुछ महत्वपूर्ण Notes करने जा रहे हैं क्योंकि सभी शिक्षक भर्ती परीक्षा जैसे- CTET,MPTET, KVS,UPTET,DSSSB आदि परीक्षा के लिए बहुत ही उपयोगी है अतः इस आर्टिकल में हमने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा कोविस्तारपूर्वक समझाया है जिससे आपको इसे समझने में आसानी होगी और परीक्षा में इससे संबंधित प्रश्नों को आसानी से हल कर पाएंगे।
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005
- यह विद्यालय शिक्षा का अब तक का नवीनतम राष्ट्रीय दस्तावेज है ।
- मानव विकास संसाधन मंत्रालय की पहल पर प्रोफेसर यशपाल की अध्यक्षता में देश के चुने हुए विज्ञान में नई राष्ट्रीय चुनौतियों के रूप में देखा।
- राष्ट्रीय पाठ्यचर्या 2005 दस्तावेज का आरंभ रविंद्र नाथ टैगोर के निबंध सभ्यता और प्रगति के एक उद्धरण से होता है जिसने कभी गुरु हमें याद दिलाते हैं की रचनात्मकता और आदर, आनंद बचपन की कुंजी है, वरना समझ गया संसार द्वारा उनकी विकृति का खतरा है।
- NCF-2005 के निर्माण एनसीईआरटी द्वारा किया गया था एवं उसको पूर्ण करने का कार्य निदेशक प्रोफेसर कृष्ण कुमार के नेतृत्व में किया गया था इसका प्रमुख लक्ष्य आत्म ज्ञान अर्थात विद्यार्थियों को अलग-अलग अनुभवों का अवसर देकर में स्वयं ज्ञान प्राप्ति करने योग्य बनाना है।
- NCF 2005 को प्राथमिक शिक्षा में लागू किया गया था इस अधिगम प्रक्रिया के माध्यम से विद्यार्थियों को रखने की प्रणाली से मुक्त करना था ताकि विद्यार्थियों का चहुंमुखी विकास हो सके ।
- आठवीं अनुसूची की सभी भाषाओं में NCF-2005 का अनुवाद किया गया है।
Ncf-2005 का प्रमुख – “सूत्र बिना भार के अधिगम”
मार्गदर्शी सिद्धांत
- ज्ञान को स्कूल की बाहरी जीवन से जोड़ा जाए।
- पढ़ाई को रतन प्रणाली से मुक्त किया जाए।
- पाठ्य चर्चा चर्चा पाठ्यपुस्तक केंद्रित ना रह जाए।
- कक्षा कक्ष को गतिविधियों से जोड़ा जाए।
- राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार हूं।
प्रमुख सुझाव (NCF 2005 Notes in Hindi for CTET 2020)
बालकों को क्या और कैसे पढ़ाया जाए? इन्हीं विषयों पर ज्ञान को केंद्रित कराने हेतु एक दस्तावेज है जिसके सुझाव निम्नलिखित हैं-
- NCF-2005 का मुख्य उद्देश्य जीवन एवं ज्ञान के मध्य की दूरी को कम करना था इस प्रक्रिया में बच्चों के विद्यालय जीवन को बाहरी जीवन से जोड़ना चाहिए।
- अभिभावक को सख्त संदेश दिया जाए कि बच्चों को छोटी उम्र में निपुण बनाने की आकांक्षा रखना गलत है।
- शिक्षण सूत्र जैसे ज्ञात से अज्ञात की ओर मूर्त से अमूर्त की ओर का अधिकतम प्रयोग हो।
- मूल्यों को उपदेश देकर नहीं वातावरण देकर स्थापित किया जाए।
- सूचना को ज्ञान मारने से बचा जाए।
- अच्छी विद्यार्थियों की धारणा में बदलाव आवश्यक है अर्थात अच्छा विद्यार्थी वह है जो तर्कपूर्ण बहस के द्वारा अपने मौलिक विचार शिक्षक के सामने प्रस्तुत करता है।
- विशाल पाठ्यक्रम बा मोटी किताबी शिक्षा प्रणाली की असफलता का प्रतीक है।
- बच्चों को स्कूल से बाहर ही जीवन में तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना।
- समुदाय को मानवीय संसाधनों के रूप में प्रयुक्त होने का अवसर देना।
- पुस्तकालय में बच्चों को स्वयं पुस्तक चुनने के अवसर दें ।
- सजावा पुरस्कार की भावना को सीमित रूप से प्रयोग करना चाहिए।
- शिक्षकों को अकादमिक संसाधन मानव आचार्य आदि समय पर पहुंचाया जाए।
- बच्चों के अनुभव और स्वर को प्राथमिकता देते हुए बाल केंद्रित शिक्षा प्रदान की जाए।
- शिक्षक प्रशिक्षण व विद्यार्थियों के मूल्यांकन को सतत प्रक्रिया के रूप में अपनाया जाए।
Ncf-2005 के प्रमुख अंग और अध्याय
- परी क्षेत्र परिप्रेक्ष्य इसमें स्वतंत्रता के बाद भारतीय चर्चा में किए गए सुधार के प्रयासों की चर्चा की गई है।
- सीखना का ज्ञान इसमें ज्ञान की प्रकृति और बच्चों में सीखने की कार्य नीतियों में चर्चा की गई है।
- आपकी चर्चा के क्षेत्र स्कूल की अवस्थाएं एवं आकलन इसमें पाठ्यचर्या के विभिन्न क्षेत्रों के संबंध में सुझाव दिए हैं स्कूल के विषयों और पाठ्यचर्या के क्षेत्रों की फिर से संकल्पना करने पर जोर दिया गया है।
- विद्यालय कक्षा का वातावरण इसमें भौतिक वातावरण के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक वातावरण की भी चर्चा की गई है।
- व्यवस्था में सुधार इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि शिक्षण बच्चे की सीखने की सहज इच्छा को समृद्ध करें ना कि केवल सूचना प्रदान करें।
Ncf-2005 के गणित प्रति दृष्टिकोण
- विद्यालयों में गणित शिक्षा का मुख्य उद्देश्य बच्चों की सोच का गणितीयकरण करना है।
- अमूर्त विचारों के साथ कार्य करना और समस्या समाधान के उपाय ढूंढना।
Ncf-2005 भाषा के प्रति दृष्टिकोण
- बच्चों को मातृभाषा में ही शिक्षा प्रदान की जाए और शिक्षकों को कक्षा में बहुभाषी वातावरण का महत्व उपयोग कर सकने की क्षमता प्रदान की जाए।
- त्रिभाषा फार्मूला राजभाषा मातृभाषा अंग्रेजी को पुनः लागू किए जाने की दिशा में काम किया जाना चाहिए।
- भारतीय समाज की बहुभाषिकता प्रकृति को स्कूली जीवन की समृद्धि के लिए संसाधन के रूप में देखा जाना चाहिए।
- बच्चों में भाषा समझने और अभिव्यक्त करने की क्षमता जन्मजात होती है।
Ncf-2005 विज्ञान के प्रति दृष्टिकोण
- पाठ्यक्रम की विषय वस्तु प्रक्रिया और शिक्षण बच्चे की उम्र के अनुरूप हो।
- विषय वस्तु को बच्चे की समझ के स्तर के अनुसार सहज और सरल रूप में रखना चाहिए।
- पार्टी चर्चा बच्चे की जिज्ञासा और रचनात्मकता को पोषित करें।
- विज्ञान को विद्यार्थी के व्यापक परिवेश स्थानीय और वैश्विक के संदर्भ में रखकर सिखाया जाए।
- विद्यार्थी में जीवन व पर्यावरण के संरक्षण के प्रति चेतना पैदा करें।
Ncf-2005 सामाजिक विज्ञान के प्रति दृष्टिकोण
- प्राथमिक कक्षाओं के लिए प्राकृतिक और सामाजिक पर्यावरण को भाषा और गणित के अविभाज्य अंग के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए।
- बच्चों को उन क्रियाओं में संलग्न करना चाहिए जो उनकी प्राकृतिक और सामाजिक पर्यावरण संबंधी समझदारी को बढ़ाने में मदद कर सके।
- इस स्तर पर अमूथन के आधार पर नहीं बल्कि उदाहरणों के आधार पर समझाया जाना चाहिए।
- जीवन की भौतिक जैविक की सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं से सचित्र उदाहरण देने की आवश्यकता है।
- बच्चों में अवलोकन पहचानने और वर्गीकरण करने की कौशलों के विकास के लिए यह आवश्यक है।
Ncf-2005 में शिक्षकों के प्रति दृष्टिकोण
- शिक्षा ज्ञान का स्रोत नहीं अपितु एक ऐसा शुभम करता है जो सूचना को अर्थ में बदलने की प्रक्रिया में विविध उपायों द्वारा बच्चों हेतु सहायक हो।
Ncf 2005 में बच्चों के प्रति दृष्टिकोण
- इसमे सभी बच्चे में सीखने की गति प्रकृति अलग होती है सभी बच्चे शक्ति रूप से पूर्व ज्ञान एवं उपलब्धि सामग्री गतिविधियों के आधार पर अपने लिए अर्थ निर्माण करते हैं।
दोस्तों उपरोक्त आर्टिकल में हमने ncf-2005 से संबंधित (NCF 2005 Notes in Hindi for CTET 2020) महत्वपूर्ण Notes आपके साथ साझा किए हैं आशा है आप इनका ध्यान पूर्वक अध्ययन करेंगे और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा को आसानी से समझ पाएंगे धन्यवाद