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CTET 2023: ‘जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत’ पर आधारित परीक्षा में पूछे जाने वाले संभावित प्रश्न यहां पढ़ें!
Jean Piaget Theory Quiz Test For CTET Exam: केंद्रीय शिक्षा पत्र का परीक्षा 2023 का आयोजन 20 अगस्त पूरे भारत में ऑफलाइन मोड में होने जा रहा है परीक्षा में लागू की संख्या में अभ्यर्थियों के शामिल होने का अनुमान है । ऐसे में यह कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश रहने वाली है। यदि आप भी इस परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, तो आपके लिए इस आर्टिकल में हम जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत पर आधारित परीक्षा में पूछे जाने वाले संभावित प्रश्न लेकर आए हैं। जो की परीक्षा की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है अभ्यर्थियों को परीक्षा हॉल में जाने से पहले इन प्रश्नों का अध्ययन एक बार जरूर कर लेना चाहिए।
सीटेट परीक्षा के लिए जीन पियाजे के सिद्धांत से संबंधित प्रश्नोत्तरी-CTET Jean Piaget Theory of Cognitive Development Questions and Answers
Q. एक साइकिल में जाते हुए कोई बच्चा अपनी बहन से कहता है, “तेज़ चलाओ ! हम वहाँ जल्दी पहुँच जाएँगे।” वह यह समझ प्रदर्शित कर रहा है :
(a) प्रतीकात्मक विचार
(b) अहंकेंद्रित विचार
(c) कार्य कारण
(d) वैपर्ययी चिंतन
Ans:- (c)
Q. नवीन जानकारी को शामिल करने के लिए वर्तमान स्कीमा (अवधारणा) में बदलाव की प्रक्रिया____ कहलाती है।
(a) समायोजन
(b) आत्मसात्करण
(c) अनुकूलन
(d) अहंकेंद्रिता
Ans:- (2)
Q. जीन पियाजे के सिद्धांत का प्रमुख प्रस्ताव है कि-
(a) बच्चों की सोच वयस्कों से बेहतर होती है ।
(b) बच्चों की सोच मात्रात्मक रूप में वयस्कों से भिन्न होती है।
(C) बच्चों की सोच गुणात्मक रूप में वयस्कों से भिन्न होती है।
(d) बच्चों की सोच वयस्कों से निम्न होती है।
Ans:- ©
Q. संतुलन बनाए रखने के लिए ‘स्कीमाओं को समायोजित करने, हटाने और नए स्कीमा बनाने है की प्रक्रिया को कहा जाता है :
(a) आधारभूत सहायता
(b) निकटस्थ विकास का क्षेत्र
(c) अनुकूलन
(d) स्कीमा निर्माण
Ans:- ©
Q.एक वर्ष तक के शिशु जब आँख, कान व हाथों से “सोचते” हैं, तो निम्नलिखित में से कौन-सा स्तर शामिल होता है?
(a) मूर्त संक्रियात्मक स्तर
(b) पूर्व-संक्रियात्मक स्तर
(c) इंद्रियजनित गामक स्तर
(d) अमूर्त संक्रियात्मक स्तर
Ans:- (c)
Q. सिया कक्षा पिकनिक तय करने हेतु रिषभ से सहमत नहीं है । वह सोचती है कि बहुमत के अनुकूल बनाने के लिए नियमों का संशोधन किया जा सकता है। यह सहपाठी विरोध, पियाज़े के अनुसार, निम्नलिखित में से किससे सम्बन्धित है ?
(a) विषमांग नैतिकता
(b) संज्ञानात्मक अपरिपक्वता
(c) प्रतिक्रिया
(d) सहयोग की नैतिकता
Ans:- (a)
Q. जीन पियाजे के अनुसार प्रारूप (स्कीमा) निर्माण वर्तमान योजनाओं के अनुरूप बनाने हेतु नवीन जानकारी में संशोधन और नवीन जानकारी के आधार पर पुरानी योजनाओं में संशोधन के परिणाम के रूप में घटित होता है। इन दो प्रक्रियाओं को जाना जाता है:
(a) समायोजन और अनुकूलन के रूप में
(b) समावेशन और समायोजन के रूप में
(c) साम्यीकरण और संशोधन के रूप में
(d) समावेशन और अनुकूलन के रूप में
Ans:- (b)
Q. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन पियाजे के सिद्धान्त के अनुसार कहा नहीं जा सकता?
(a) बच्चे अपनी दुनिया के बारे में ज्ञान का निर्माण और उपयोग करते हैं ।
(b) विकास गुणात्मक चरणों में होता है।
(c) निरंतर अभ्यास से अधिगम होता है।
(d) बच्चे अपने पर्यावरण पर क्रिया करते है ।
Ans:- ©
Q. जीन पियाजे के अनुसार, बच्चे-
(a) को उद्दीपन-अनुक्रिया संबंधों के सावधीपूर्ण नियंत्रण के द्वारा एक विशेष तरीके से व्यवहार करने के लिए अनुबंधित किया जा सकता है।
(b) प्रेक्षणात्मक अधिगम की प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए दूसरों का अवलोकन करके सीखते हैं।
(c) को पुरस्कार एवं दण्ड के सिद्धांतों का प्रयोग करते हुए विशिष्ट तरीके से व्यवहार करना एवं सीखना सिखाया जा सकता है।
(d) ज्ञान को सक्रिय रूप से संरचित करते हैं, जैसे-जैसे वे दुनिया में व्यवहार कौशल का प्रयोग करते हैं तथा अन्वेषण करते हैं।
Ans:- (d)
Q.निम्न में से कौन-सा पूर्व क्रियात्मक अवस्था काल के बच्चे को विश्लेषित करता हैं?
(a) विलंबित अनुकरण
(b) लक्ष्य-निर्देशित व्यवहार
(c) विचारों की अनुत्क्रमणीयता
(d) वर्तुल प्रतिक्रिया
Ans:- ©
Q. पियाजे के अनुसार विकास की प्रथम अवस्था (जन्म से 2 वर्ष तक) में बच्चा अधिक उपयुक्त प्रकार से जिसके द्वारा सीखता है, वह है-
(a) इंद्रियों के प्रयोग द्वारा
(b) भाषा के नए सीखे शब्दों के बोध के द्वारा
(c) अमूर्त चिंतन द्वारा
(d) मूर्त चिंतन द्वारा
Ans:- (a)
Q. पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धान्त के अनुसार समाविष्टीकरण से तात्पर्य है-
(a) पूर्ववर्ती विद्यमान बौद्धिक संरचनाओं तथा वातावरणीय माँग का मिलान
(b) चिन्तन के नये तरीकों का समावेश तथा पूर्ववर्ती विद्यमान बौद्धिक संरचनाओं में सुधार करते हुए व्यवहार करना
(c) पूर्व ज्ञान तथा नवीन ज्ञान के बीच साम्यावस्था होना
(d) प्रत्यक्षात्मक व संज्ञानात्मक सूचनाओं को सार्थक पैटर्न में व्यवस्थित करना
Ans:- (a)
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