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RRB Group D Cut Off 2022: कम रह सकता है रेलवे ग्रुप ड़ी परीक्षा का कट ऑफ, जानिए 4 बड़े कारण
RRB Group D 2022 Cutoff : साल 2019 की रेल्वे ग्रुप डी भर्ती परीक्षा का आयोजन लंबे समय के बाद पाँच चरणों मे 17 अगस्त से 11 अक्टूबर 2022 तक संपन्न की जा चुकी है। परीक्षा में शामिल हुए लाखों अभ्यर्थीयो द्वारा अब फ़ाइनल रिज़ल्ट का इंतज़ार किया जा रहा है। संभावना है कि 20 से 25 नवंबर तक रिजल्ट अधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि इस बार भर्ती परीक्षा के कट ऑफ मे भारी गिरावट देखने को मिल सकती है, आज के इस लेख मे हम आपको परीक्षा का कटऑफ कम होने के 4 सबसे बड़े कारण बताने वाले है। अतः जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक पढे।
रेलवे ग्रुप ड़ी परीक्षा के लिए 1 करोड़ 15 लाख उम्मीदवारों ने अपने आवेदन दिए थे जिसपर रेलवे द्वारा ग्रुप डी के 1.03 लाख से अधिक पदों पर नियुक्ति की जाएगी।
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काम रह सकता है रेलवे ग्रुप ड़ी परीक्षा कट ऑफ- जानें 4 बड़े कारण (RRB Group D 2022 Cutoff )
1. परीक्षा मे देरी
पहला बड़ा कारण यह है कि इस भर्ती परीक्षा के लिए 2019 मे आवेदकों ने अपने आवेदन दिए थे तथा लगभग 3.5 वर्ष के लंबे समयंत्राल के पश्चात परीक्षा आयोजित की गई है। ऐसे मे लगभग 50% आवेदक ऐसे है जिन्होंने भर्ती की आस ना करते हुए अपना खुद का काम शुरू कर दिया है या फिर अन्य प्राइवेट/सरकारी नौकरी मे जॉइन हो गए है। इसके अलावा ऐसे कई अभ्यर्थी है जो चयनित हो जाते है लेकिन जॉइन नहीं होते है। 2018 की भर्ती प्रक्रिया मे भी ऐसा ही हुआ था तथा तब कटऑफ को घटाकर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को आगे की प्रक्रिया के लिए बुलाया गया था।
2. वैकन्सी की संख्या अधिक
परीक्षा का कटऑफ कम होने का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि ग्रुप डी भर्ती परीक्षा के लिए पदों की संख्या लगभग 1.37 लाख है, जो कि कही ज्यादा अधिक है और इतनी ज्यादा पदों पर भर्ती बहुत कम आती है। अतः इस वजह से कटऑफ मे काफी अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा। सामान्यतः सभी प्रकार की भर्ती प्रक्रिया मे सबसे पहले कटऑफ कम किया जाता है जिसके पश्चात फिज़िकल मे कटऑफ बढ़ जाते है क्योंकि बहुत से अभ्यर्थी ऐसे होते जो पढ़ने मे अच्छे होते है परंतु फिज़िकल मे कमजोर होने के कारण बाहर हो जाते है। लेकिन इस बार कटऑफ का बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। क्योंकि इस बार पदों की संख्या अधिक है ।
3. परीक्षा का लेवल
इस बार परीक्षा का लेवल पिछली परीक्षा के मुकाबले कहीं ज्यादा डिफिकल्ट हो गया है, इसीलिए इस बार रिजल्ट पर कटऑफ में परीक्षा के टफ होने के कारण 10 से 12 अंकों की कमी देखने को मिल सकती है।
4. सामान्यीकरण के कारण
इस बार परीक्षा के रिजल्ट मे सामान्यीकरण (Normalization) के कारण भी कटऑफ मे कमी आ सकती है। आपको बता दे सामान्यीकरण एक ऐसा गणित है जिसके माध्यम से अभ्यर्थियों के अंकों को एक प्रकार से समान कर दिया जाता है अर्थात परीक्षा कई शिफ्टों मे आयोजित कराई गई थी। इसलिए किसी का पेपर टफ था तो किसी का आसान, इसी के कारण जो अभ्यर्थी आसान लेवल की परीक्षा से 80 अंक प्राप्त करता है तथा डिफिकल्ट लेवल की परीक्षा मे किसी अभ्यर्थी द्वारा 60 अंक लाता है तो अभ्यर्थियों के अंक घाटा और बढ़ा दिए जाते है।
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