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Shikshak Veer Scheme Fact Check: ‘शिक्षकवीर’ जैसी कोई योजना नहीं, फैलाई जा रही है भ्रामक खबर, पीआईबी नें ट्वीट पर दी जानकारी
Shikshak Veer Scheme Fact Check: इंटरनेट पर आए दिन कई असत्यापित स्रोतों द्वारा कई भ्रामक खबरें फैलाई जाती हैं। पिछले कुछ दिनों से ऐसी ही एक भ्रामक खबर शिक्षक नियुक्तियों को लेकर वायरल हो रही है। इस खबर के अनुसार अब शिक्षकों की नियुक्ति शिक्षकवीर योजना के अंतर्गत कराई जाएगी। हालांकि आपको बता दें, शिक्षक नियुक्ति से संबन्धित ये खबर बिल्कुल बेबुनियाद है। प्रैस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो यानि पीआईबी द्वारा भी इस खबर का खंडन किया गया है।
आपको बता दें, शिक्षक नियुक्ति से संबन्धित शिक्षकवीर योजना की एक पेपरकटिंग विगत कुछ दिनों से काफी सुर्खियों में है। यह पेपरकटिंग कई यूज़रों द्वारा इंटरनेट पर शेयर भी की जा रही है, जिसे पढ़कर कई शिक्षक अभ्यर्थी उलझन में पड़ गए हैं। आइए जानें आखिर क्या है पूरा मामला।
यहाँ जानें क्या है मामला
आए दिन इंटरनेट पर चर्चा में रहने वाली भ्रामक खबरों में से एक खबर की पेपरकटिंग कुछ समय से बहुत वायरल हो रही है। शिक्षक नियुक्ति से संबन्धित यह खबर दावा करती है, कि अब शिक्षकों की नियुक्तियाँ भी अग्निवीर योजना की तर्ज पर कराई जाएगी। इस योजना में शिक्षकों को 10 वर्ष के कार्यकाल हेतु नियुक्त करने की बात कही गई है। इसके अतिरिक्त इस खबर में ये भी दावा किया गया है, कि इसके माध्यम से 4 गुना अधिक शिक्षकों को पद पर नियुक्त किया जाएगा। इस योजना को अग्निवीर की ही भांति ‘शिक्षकवीर’ नाम दिया गया है।
बता दें, इस तथाकथित पेपरकटिंग में हैडलाइन “शिक्षक भर्ती की नई नियमावली को राष्ट्रपति की मंजूरी” नज़र आ रही है। इसके साथ ही नीचे कई सब हैडलाइन्स जैसे- “B.Ed. वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, अग्निवीर की तर्ज पर भर्ती”, “1 सितंबर से नया नियम, 10 साल होगी शिक्षक नौकरी” एवं “4 गुना शिक्षक लिए जाएंगे” भी इसमें दी गई है। साथ ही इस पेपरकटिंग में नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ‘द्रौपदी मुर्मू’ की तस्वीर भी लगी हुई है।
पीआईबी नें किया खबर का खंडन
प्रैस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो यानि पीआईबी सरकार की नोडल एजन्सि है। इस एजन्सि द्वारा इंटरनेट पर फ़ेल रही खबरों का सत्यापन किया जाता है। पीआईबी द्वारा इस वायरल हो रही शिक्षकवीर से संबन्धित खबर की भी जांच की गई। बता दें, पीआईबी नें अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर ये जानकारी दी है, कि यह खबर बिल्कुल गलत है। पीआईबी नें बताया, कि खबर में किए गए सभी दावे फर्जी हैं एवं सरकार द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अभ्यर्थी पीआईबी का ये ट्वीट नीचे दी गई लिंक के माध्यम से देख सकते हैं-
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