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CTET 2023: सीटेट परीक्षा में हिंदी पेडगॉजी के अंतर्गत बहुभाषिकता से जुड़े कुछ ऐसे ही सवाल पूछे जाएंगे, यहां पढ़िए संभावित प्रश्न

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CTET Question Based on Multilingualism: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) के द्वारा केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा 20 अगस्त 2023 को पूरे भारत में पुराने पैटर्न के आधार पर यानी ऑफलाइन मोड पर आयोजित की जाएगी. जिसमें लाखों अभ्यर्थी भाग लेंगे क्वालीफाई होने वाले अभ्यर्थियों को विद्यालयों में निकलने वाले शिक्षकों की नियुक्ति पर आवेदन करने का मौका मिलेगा. ऐसे में यदि आपने भेज परीक्षा के लिए अपने आवेदन किए हैं तो, यहां दिए गए हिंदी पढ़ने के अंतर्गत बहुभाषिकता पूछे जाने वाले प्रश्नों का अध्ययन जरूर करें.

बहुभाषिकता क्या है? यहां जाने!

भारतीय समाज बहुभाषिक है। इस समाज का प्रत्येक बच्च बहुभाषिक होता है, लेकिन कक्षाओं में समाज की भाषिक वास्तविकता को नजरअंदाज करके उन पर लक्ष्य भाषा के रूप लाद दिए जाते हैं। इससे बच्चों की सृजनात्मकता तथा समझ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। समाज बहुभाषिक होता है। उसमें रहने वाले बच्चे भी बहुभाषिक होते है। कक्षाओं में बच्चों की बहुभाषिक क्षमताओं का उपयोग करना सीखने-सिखाने की बहुभाषिक दृष्टि का महत्वपूर्ण पहलू हैं।

बहुभाषिकता ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक से अधिक भाषाओं के उपयोग को स्वीकार किया जाता है। एक ही समय में मातृभाषा के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषा / भाषाओं तथा अन्य भाषा को सुनने व समझने, बोलने व व्यक्त करने, लिखने तथा पढ़ने को महत्व दि जाना बहुभाषिकता का उद्देश्य है। बहुभाषिकता का क्रियान्वयन क तरह के विचारो को ध्यान में रखकर किया जा सकता है-

बहुभाषिकता (हिंदी पेडगॉजी) पर आधारित बेहद महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी एक बार जरुर पढ़े—hindi pedagogy question based on multilingualism

Q. भाषा की कक्षा में एक शिक्षक बच्चों से क्या अपेक्षा करता है?

(a) संस्कृतनिष्ठ भाषा में ही जवाब दें।

(b) बच्चे अपनी मातृभाषा का बिल्कुल भी प्रयोग न करें।

(c) बच्चे सवालों के बँधें-बँधाए जवाब न दें।

(d) बच्चे सवालों के बँधे-बँधाए जवाब दे ।

Ans- (c)

Q. बहुभाषिक एवं बहुसांस्कृतिक कक्षा में-

(a) बच्चों को मातृभाषा का प्रयोग वर्जित होना चाहिए।

(b) बच्चों की मातृभाषा को समुचित सम्मान, स्थान देते हुए मानक भाषा से भी परिचय कराना चाहिए।

(c) बच्चों को केवल मानक भाषा के प्रयोग के लिए ही पुरस्कृत करना चाहिए।

(d) बच्चो की मातृभाषा का ही सदैव प्रयोग किया जाना चाहिए।

Ans- (b)

Q. हमारी कक्षाओं में बच्चे भिन्न-भिन्न भाषिक पृष्ठभूमि से आते हैं, अतः-

(a) उनकी भाषाओं को भी कक्षा में सम्मान देना अनिवार्य है।

(b) उनकी भाषाओ को सीखना सभी शिक्षार्थियों के लिए अनिवार्य है।

(c) भाषा की पाठय पुस्तक में उनकी सभी भाषाओं के शब्द वाक्य में होना अनिवार्य है। 

(d) उनकी सभी भाषाओं की जानकारी शिक्षक के लिए अनिवार्य है।

Ans- (a)

Q. भाषा की पाठ्य-पुस्तकों में हिन्दीतर भाषाओं को भी जगह मिलनी चाहिए। इस कथन के समर्थन में कौन-सा तर्क काम करेगा?

(a) इससे भाषाओं के बीच द्वन्द्व नहीं होगा।

(b) इससे भाषागत विविधता को सही रूप में सम्बोधित किया जा सकता है। 

(c) इससे भारत की सभी भाषाओं को स्थान दिया जा सकेगा।

(d) इससे त्रिभाषा सूत्र का पालन किया जा सकता है।

Ans- (b)

Q. जब बच्चे भाषा से भिन्न कोई विषय पढ़ते तो वे- 

(a) साथ-साथ भाषा भी सीखते हैं।

(b) साथ-साथ परीक्षा की तैयारी भी करते हैं।

(c) केवल अवधारणा ही बना पाते हैं।

(d) केवल विषय ही पढ़ते हैं।

Ans- (a)

Q. बहुभाषिक कक्षा मे बच्चों की भाषाएँ-

(a) बहुत गंभीर समस्या है, जिसका कोई समाधान नहीं है।

(b) संसाधन के रूप में इस्तेमाल की जा सकती है।

(c) एक जटिल समस्या है, जो अन्य समस्याएँ पैदा करती है।

(d) हिंदी भाषा की कक्षाओं से बाहर ही रहनी चाहिए।

Ans- (b)

Q. हिंदी भाषा के विविध रूपों से परिचित कराने में……..सर्वाधिक सहायक है।

(a) हिंदी भाषा का साहित्य व अन्य मुद्रित सामग्री।

(b) हिंदी भाषा की पुस्तक व विज्ञापन।

(c) हिंदी की भाषा की पत्रिका, व पाठ्य पुस्तक ।

(d) हिंदी भाषा के समाचार-पत्र व विज्ञापन।

Ans- (a)

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