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Thorndike Trial and Error Theory for CTET Exam 2022-23

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Thorndike Trial and Error Theory For CTET 2022: देश के केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति हेतु अनिवार्य केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है जिसमें लाखों अभ्यर्थी शिक्षक बनने की इच्छा लिए शामिल होते हैं इस परीक्षा में बाल विकास शिक्षा शास्त्र से जुड़े कई सवाल पूछे जाते हैं यह परीक्षा की दृष्टि से बेहद स्कोरिंग विषय है जिसमें मजबूत पकड़ अभ्यर्थियों को बेहतर अंक दिलाने में सहायक होगी इसी विषय के अंतर्गत मनोवैज्ञानिक थार्नडाइक के सिद्धांत से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं परीक्षा में एक से दो अंक पक्की करने के लिए (Thorndike Trial and Error Theory For CTET 2022) यहां दिए गए सिद्धांत को ध्यान पूर्वक जरूर पढ़ें

मनोवैज्ञानिक थार्नडाइक का प्रयास और त्रुटि का सिद्धांत—Trial and Error Theory For CTET EXAM

> थार्नडाइक एक अमेरिकी वैज्ञानिक थे

> वह पशु वैज्ञानिक थे

> अधिगम के सबसे पहले नियम थार्नडाइक ने दिए

> थार्नडाइक को प्रथम शैक्षिक मनोवैज्ञानिक कहा जाता है

> Educational Psychology and Animal Intelligence  थार्नडाइक के द्वारा लिखी गई

> थार्नडाइक ने प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत दिया, वो सोचते थे कि अगर किसी की उत्तेजना (stimulus) बढ़ा दे तो वह उसके प्रति अनुक्रिया (response) करेगा और वह जब बार- बार अनुक्रिया को दोहराएगा तो वह कुछ ना कुछ सीखेगा । 

प्रयोग:-

थार्नडाइक ने एक पिंजरे में भूखी बिल्ली को बंद कर दिया और बाहर एक मरी मछली रख दी पिंजरे में एक लीवर लगा होता है जिस पर पैर पड़ने पर गेट खुल जाता है बिल्ली भूख के मारे छटपटाती हैं इधर-उधर घूमती है और अचानक उसका पैर उस लीवर पर पड़ जाता है और गेट खुल जाता है और बिल्ली अपने लक्ष्य (मृत मछली) तक पहुंच जाती है

> यह प्रयोग (सिद्धांत) यह बताता है कि जब हम प्रयास करेंगे तो त्रुटियां होंगी लेकिन अंत में हम अपने लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे यानी सीख जाएंगे । 

थार्नडाइक ने 2 नियम दिए :-

1. मुख्य नियम

2. गौण नियम

प्राथमिक नियम (Primary Law)

> अभ्यास का नियम (LAW OF Excercise) – यह नियम बताता है कि किसी काम का हम जितना अभ्यास करेंगे, उसे उतना ज्यादा ही सीखेंगे।

> तत्परता का नियम (LAW OF READINESS) – यह नियम बताता है। कि किसी काम को करने के लिए हम जितने तत्तपर रहेंगे, उसे उतना जल्दी ही सीखेंगे

> प्रभाव का नियम (LAW OF EFFECT) – यह नियम यह बताता है कि यदि सीखना संतोषजनक हो तो सीखना तीव्र हो जाता है यदि सीखना असंतोष जनक है तो सीखना संभव नहीं होता थार्नडाइक ने इस नियम में पुरस्कार और दंड को महत्व दिया है

गौण नियम (Secondary Laws)

> मनोवृति/ अभिवृत्ति का नियम (LAW OF Disposition) – यह नियम  हमें यह बताता है कि किसी भी काम को करने के लिए जितनी हमारी Positive अभिवृत्ति होगी उतना ही ज्यादा उस काम को सीखेंगे और अगर अभिवृत्ति कम हुई तो उस काम को कम सीखेंगे।

> आंशिक क्रिया का नियम (LAW OF PARTIAL ACTION) – इस नियम के अनुसार हम अपने पूरे कार्य को छोटे-छोटे भागों में विभाजित करके करें तो यह अधिक शीघ्र और सरल हो जाता है

> आत्मीकरण का नियम (LAW OF ASSIMILATION) – इस नियम के अनुसार हम नवीन (नए) ज्ञान को अपने पूर्व (पुराने) ज्ञान के साथ जोड़कर इसे स्थाई बना लेते हैं इससे अधिगम अधिक सुगम और सरल हो जाता है

> सहचर्य क्रिया का नियम (LAW OF ASSOCIATIVE SHIFTING) – इस नियम का अभिप्राय है पहले की गई क्रिया को अन्य परिस्थिति में भी उसी प्रकार करना

> बहु प्रतिक्रिया का नियम (LAW OF MULTIPLE RESPONSE) – इस नियम के अनुसार हम नया कार्य सीखते समय अनेक प्रतिक्रियाएं एवं प्रयास करते हैं तथा उसके बाद उस कार्य को करने की सही विधि मालूम हो जाती है
> सादृश्यता का नियम (Law of Analogy) – इस नियम में अतीत की सामान परिस्थितियों में की गयी अनुक्रियाओं के आधार पर नई स्थिति के प्रति अनुक्रिया की जाती है

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