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CTET 2023: सीटेट परीक्षा में बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए ‘हिंदी पेडागाजी’ के इन सवालों पर डालें एक नजर!
Hindi Pedagogy For CTET: सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट 2023 सीबीएसई बोर्ड के द्वारा 20 अगस्त को आयोजित होगा। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए देशभर से लाखों की संख्या में अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। यदि आप भी इस परीक्षा में सम्मिलित होने जा रहे हैं, तो यहां पर दी गई जानकारी आपके लिए बेहद ही महत्वपूर्ण होने वाली है।
सीटेट परीक्षा के आयोजन में महज कुछ ही दिनों का समय शेष रह गया है। लिहाजा अभ्यर्थी अपनी तैयारी को अंतिम रूप देने में व्यस्त होंगे। परीक्षा में बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए अभ्यर्थियों को चाहिए कि वह एक विशेष रणनीति के तहत अपनी पढ़ाई पर फोकस करें। ताकि परीक्षा में उत्तम परिणाम प्राप्त हो सके यहां पर हम हिंदी पेडागोजी के कुछ स्कोर बूस्टर प्रश्न आपके साथ साझा कर रहे हैं इन प्रश्नों के माध्यम से अभ्यर्थी अपनी तैयारी को परख सकेंगे।
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हिंदी पेडागोजी के ऐसे प्रश्न जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं—CTET 2023 objective Question Hindi Pedagogy
1. भाषा का प्रयोग-
1) केवल परीक्षा में होता है
2) केवल पाठ्य-पुस्तक में होता है
3) केवल मुद्रित सामग्री में होता है।
4) जीवन के विभिन्न संदर्भों में होता है।
Ans- 4
2. बच्चे अपने परिवेश से स्वयं भाषा अर्जित करते हैं। इसका अर्थ एक निहितार्थ यह है कि-
1) बच्चों को बिल्कुल भी भाषा न पढ़ाई जाए
2) बच्चों को समृद्ध भाषिक परिवेश उपलब्ध कराया जाए
3) बच्चों को केवल लक्ष्य भाषा का ही परिवेशउपलब्ध कराया जाए
4) बच्चों को अत्यंत सरल भाषा का परिवेश उपलब्ध कराया जाए
Ans- 2
3. भाषा है ?
1) अर्जित संपत्ति
2) उत्तराधिकार में प्राप्त
3) ईश्वर प्रदत्त संपत्ति संपत्ति
4) सहजात योग्यता
Ans- 1
4. भाषा की नियमबद्ध प्रकृति को पहचानने और उसकाविश्लेषण करने में कौन-सा बिंदु कम सहायक है?
1) विविधतापूर्ण भाषिक तत्त्वों वाले साहित्य को पढ़ने का अवसर देना
2) विभिन्न विषयों से जुड़े पाठों को पढ़ने, चर्चा करनेका अवसर देना
3) व्याकरण के नियमों का विश्लेषण करना
4) भाषा प्रयोग की बारीकियों पर ध्यान देना
Ans- 3
5. बच्चे अपने आस-पास बोली जाने वाली भाषा/भाषाओं को सुनकर स्वयं –
1) अपना लघु व्याकरण बनाते हहै
2) भाषा के नियम नहीं बना सकते
3) अपनी भाषा में संशोधन नहीं कर सकते
4) भाषा का सृजनशील प्रयोग नहीं कर सकते
Ans- 1
6. भाषा एक विषय है ?
1) सैद्धांतिक
2) व्यावहारिक
3) नीरस
4) चुनौतीपूर्ण
Ans- 1
7. ‘उसने पढ़ा।’, उसने खाया।’ और ‘उसने चीखा।’ जैसेभाषा-प्रयोग दर्शाते हैं ?
1) नियम का उल्लंघन
2) संदर्भ की समझ न होना
3) नियम कंठस्थ न होना
4) नियमों का अति सामान्यीकरण
Ans- 4
8. भाषा-अर्जन –
1) शिक्षक की आवश्यक उपस्थिति की माँग करता है
2) भाषा की कक्षा में ही संभव है
3) सहज, स्वाभाविक होता है
4) प्रयासपूर्ण होता है
Ans- 3
9. भाषा तब सबसे सहज और प्रभावी रूप से सीखी जाती है जब
1) भाषा प्रयोग की दक्षता प्रमुख उद्देश्य हो
2) भाषा की पाठ्य-पुस्तक में अधिक से अधिक पाठों का समावेश हो
3) भाषा के नियम कंठस्थ कराए जाएँ
4) भाषा – शिक्षक कठोर रवैया अपनाते हैं।
Ans- 1
10. भाषा सीखने में होने वाली त्रुटियाँ-
1) सही नहीं हैं, इनके प्रति कठोर रवैया अपनाना चाहिए
2) बच्चे, शिक्षक पाठ्यक्रम आदि की असफलताओं के संकेतक हैं
3) भाषा प्रयोग की असफलता की ओर संकेत करती हैं
4) भाषा सीखने की प्रक्रिया के स्वाभाविक पड़ाव हैं
Ans- 4
11. भाषा सीखने में जो त्रुटियाँ होती हैं ?
1) उन्हें कठोरता से लेना चाहिए
2) उन्हें जल्दी से दूर किया जाना चाहिए
3) वे बच्चों की त्रुटियों की ओर संकेत करती हैं
4) वे सीखने की प्रक्रिया का स्वाभाविक हिस्सा होती हैं। जो समय के साथ दूर होने
Ans- 4
12. मैंने चाट खाई और फिर मैंने हँसी ।’ शर्मिला का यहभाषा प्रयोग ओर संकेत करता है? मुख्यतः किस
1) व्याकरणिक नियमों की जानकारी न होना
2) नियमों का अति सामान्यीकरण
3) भाषा-प्रयोग में असावधानी
4) भाषा की समझ न होना
Ans- 2
13. ‘भाषा-अर्जन’ और ‘भाषा-अधिगम’ के संदर्भ में कौन-सा कथन सही नहीं है?
1) रोजगार प्राप्त करने के लिए ही भाषा सीखी जाती है।
2) भाषा-अर्जन’ के लिए समृद्ध भाषायी परिवेश की आवश्यकता होती है
3) ‘भाषा-अधिगम’ में संप्रेषण-कुशलता पर भी बलरहता है
4) भाषा-अर्जन सहज और स्वाभाविक होता है, जबकि भाषा-अधिगम प्रयासपूर्ण होता है
Ans- 1
14. अन्य विषयों की कक्षाएँ भी भाषा-अधिगम में सहायताकरती हैं, क्योंकि –
1) सभी शिक्षक एक से अधिक भाषा जानते हैं
2) अन्य विषयों की पाठ्य-पुस्तकें भाषा-शिक्षण के उद्देश्यों को ध्यान में रखती हैं
3) अन्य विषयों को पढ़ने पर वैविध्यपूर्ण भाषा प्रयोग के अनेक अवसर उपलब्ध होते
4) अन्य विषयों के शिक्षक विषय के साथ-साथ भाषा भी सिखाते हैं
Ans- 3
15. भाषा
1) जानने का अर्थ उसका व्याकरण जानना है
2) सीखने-सिखाने में पाठ्य-पुस्तकों का विशेष महत्त्वहोता है
3) जीवन की विभिन्न स्थितियों को साधती है।
4) व्याकरण पर ही आधारित होती है।
Ans- 3
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