Child Development and Pedagogy
Vygotsky ka Sangyanatmak Vikas ka Siddhant in Hindi
Vygotsky ka Sangyanatmak Vikas ka Siddhant ||For CTET and All TET Exam 2020
वाइगोत्स्की का सामाजिक दृषिटकोण संज्ञानात्मक विकास (Vygotsky ka Sangyanatmak Vikas ka Siddhant in Hindi) का एक प्रगतिशील विश्लेषण प्रस्तुत करता है। वस्तुत: वाइगोत्सकी ने बालक के संज्ञानात्मक विकास में समाज एवं उसके सांस्कृतिक संबन्धों के बीच संवाद को एक महत्त्वपूर्ण आयाम घोषित किया। प्याज़े की तरह वाइगोत्स्की भी यह मानते थे कि बच्चे का निर्माण करते हैं। किन्तु इनके अनुसार संज्ञानात्मक विकास एकाकी नहीं हो सकता, यह भाषा-विकास, सामाजिक-विकास, यहाँ तक कि शारीरिक-विकास के साथ-साथ सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ में होता है।
वाइगोत्सकी के अनुसार अधिगम और विकास की पारस्परिक प्रक्रिया में बालक की सक्रिय भागीदारी होती है जिसमें भाषा का संज्ञान पर सीधा प्रभाव होता है। अधिगम और विकास अन्तर्सम्बन्धित प्रक्रियाएं है जो छात्र के जीवन के पहले दिन से प्रारम्भ हो जाती हैं। वाइगोत्सकी के अनुसार विभिन्न बालकों के अलग-अलग विकास स्तर पर अधिगम की व्यवस्था समरूप तो हो सकती है किन्तु एकरूप नहीं, क्योंकि सभी बच्चों का सामाजिक अनुभव अलग होता है। उनके अनुसार अधिगम विकास को प्रेरित करता है। उनका यह दृष्टिकोण प्याज़े के सिद्धान्त एवं अन्य सिद्धान्तों से भिन्न है।
वाइगोत्सकी का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत (Vygotsky ka Sangyanatmak Vikas ka Siddhant in Hindi)
वाइगोत्सकी के अनुसार
“बच्चे के विकास में समाज और संस्कृति का महत्वपूर्ण योगदान होता है बच्चे अपने से बेहतर की संगति में अच्छा सीखते हैं”
- वाइगोत्सकी के सिद्धांत को सामाजिक सांस्कृतिक सिद्धांत भी कहा जाता है बालक का विकास समाज के द्वारा होता है।
- सामाजिक अंतर क्रिया के द्वारा बालक ज्ञान अनुभव को प्राप्त करता है।
- बालकों के विकास का महत्वपूर्ण आधार सामाजिक अंतर क्रिया होता है जिसमें बालक का संज्ञानात्मक व सारे सामाजिक विकास होता है।
वाइगोत्सकी ने कहा था कि बालक समाज के साथ अंतर क्रिया के द्वारा ही विचारों या भाषा का विकास करता है अर्थात वह भाषा भी सामाजिक अंतर क्रिया के द्वारा ही सीखता है।
बालक में भाषा दो प्रकार की speech द्वारा सीखी जाती है
- Inner speech-विचारों से उत्पन्न थिंकिंग या मस्तिष्क से उत्पन्न में चार या आंतरिक – 30 कहते हैं।
- External speech- इतने बालक विचारों को ध्वनियों में परिवर्तित कर देता है या दूसरों से बातचीत करता है तो उसे एक्सटर्नल स्पीच कहते हैं इसे शाब्दिक भाषा भी कहते हैं ।
वाइगोत्सकी ने कहा था की बालक में पहले विचार आते हैं फिर भाषा आती है जबकि पिया जी ने कहा था कि बालक में पहले भाषा आती है फिर विचार आते हैं।
दोनों का निष्कर्ष यही निकलता है कि विचार और भाषा एक दूसरे पर आधारित है अतः नहीं कह सकती कि पहले क्या आता है क्योंकि जो हम सोचते हैं वह भी एक भाषा है।
भाषा यंत्र यह सामाजिक अंतर क्रिया के द्वारा अपनी ही एक संस्कृति से खुदी संस्कृति पर स्थानांतरित करता है भाषा के सभी गुण देश के विचार, भाव ,अनुभव ,कौशल, ज्ञान, नैतिकता भी अनुभव वह निम्न प्रकार से प्राप्त करता है।
अनुकरणीय सीखना (Imitative learning)
बालक अनुकरण की द्वारा ही भाषा का अधिगम एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाते हैं या प्रकट करते हैं।
निर्देशात्मक सीखना (Instructional learning)
इसने बालक किसी फ्रॉड व्यक्ति कैसे अध्यापक या अभिभावक के निर्देशों के माध्यम से ही स्वयं को ज्ञान से परिपूर्ण करता है।
सहकारी अधिगम (Colllaverative learning)
इसमें बालक अपने साथियों के साथ विशिष्ट कौशलों को समूह बनाकर वहन करते हैं अर्थात समान उम्र के बालकों के साथ अधिगम करते हैं।
कुल मिलाकर इन तीनों में सामाजिक अंतर क्रिया ही होती है अर्थात सामाजिक संस्कृति शब्द के साथी वाइगोत्सकी की थ्योरी बनती है।
संज्ञानात्मक विकास में समीपस्थ विकास का क्षेत्र (Zone of proximal Development)
वाइगोत्सकी ने कहा कि संज्ञानात्मक विकास एक अंतर व्यक्ति कि समाज की परिस्थितियों में उत्पन्न होता है जिसमें बालक को को अपने वास्तविक विकास के स्तर अर्थ अर्थ जहां वह बिना किसी मदद की स्वयं कोई कार्य कर सकते हैं उससे अलग उनके संभावित विकास के स्तर की ओर ले जाने का प्रयास किया जाता है इन दोनों के बीच के अंतर को वाइगोत्सकी ने समीपस्थ विकास का क्षेत्र जेपीडी कहां है।
यह वह क्षेत्र है जो बालक किस सीखने से संबंधित है।
उसमें बालक किसी कौशल्य व्यक्ति की सहायता से उस कार्य को पूरा कर सकता है जिसे वह स्वतंत्र रूप से पूरा नहीं कर सकता है।
जेपीडी सिद्धांत में बालक के कार्य करने की दो तरीके होते हैं
- निम्नतम सीमा (lower limit)
- उच्चतम सीमा (higher limit)
1.निम्नतम सीमा – यह वह स्थान है जो बालक के किसी कार्य का व्यक्तिगत स्तर होता है अर्थात जो कार्य बालक स्वयं बिना किसी दूसरे की सहायता से करता है उसे लोअर लिमिट या इंडिविजुअली लिमिट कहते हैं ।
2.उच्चतम सीमा- जब बालक किसी कार्य को करने में बाहरी मदद लेता है तो उसे हायर लिमिट कहते हैं इसे inter psychologically limitभी कहते हैं क्योंकि इसमें मैं समाज की भी मदद लेता है।
सैद्धांतिक मतभेद
जीन पियाजे के संज्ञानात्मक स्तर को एक माना है लेकिन वाइगोत्सकी ने इसे एक नहीं माना है वाइगोत्सकी का मानना है कि बच्चे स्वतंत्र रूप से क्या कर सकते हैं तथा वयस्कों से सहायता प्राप्त करके और क्या कर सकते हैं।
वाइगोत्सकी के सिद्धांत के महत्वपूर्ण प्रश्न
Q.1 वाइगोत्सकी के अनुसार संज्ञानात्मक विकास का मूल कारण है
- संतुलन
- सामाजिक अन्योनक्रिया
- मानसिक प्रारूप का समायोजन
- उद्दीपन अनुक्रिया युग्मन
Q.2 वाइगोत्सकी के अनुसार बच्चे सीखते हैं?
- वयस्कों और सम वयस्क के साथ परस्पर क्रिया से
- जब पुनर्बलन प्रदान किया जाता है
- परिपक्व होने से
- अनुकरण से
Q.3 वाइगोत्सकी के अनुसार सीखने को पृथक नहीं किया जा सकता?
- व्यवहार मे मापने योग्य परिवर्तन से
- अवबोधन और अबधनात्मक प्रक्रियाओं से
- उसके सामाजिक संदर्भ से
- पुनर्बलन से
Q.4 लेव वाइगोत्सकी के अनुसार अधिगम-
- एक व्यक्तिगत गतिविधि है
- एक निष्क्रिय गतिविधि है
- एक अनुबंधित गतिविधि है
- एक सामाजिक गतिविधि है
Q.4 निजी भाषा शब्दावली का प्रयोग पहली बार किसके द्वारा किया गया-
- कोहल वर्ग
- वाइगोत्सकी
- एरिकसन
- पियाजे
Q.5 वाइगोत्सकी की संस्तुति के अनुसार बच्चों की व्यक्तिगत बाघ की संकल्पना-
- स्पष्ट करती है कि बच्चे अपने ही कार्यों के निर्देश के लिए भाषा का उपयोग करते हैं
- प्रदर्शित करती है कि बच्चे बुद्धू होते हैं इसलिए उन्हें करोड़ों के निर्देशन की आवश्यकता होती है
- स्पष्ट करती है कि बच्चे अहम केंद्रित होते हैं
- प्रदर्शित करती है कि बच्चे अपने आप से प्यार करते हैं
Q.6 “बच्चे का सामाजिक सांस्कृतिक विकास सामाजिक अंतर क्रियाओं से विकसित होता है” यह किसका कथन है
- प्राइड
- वाइगोत्सकी
- पिया जी
- एरिकसन
Q.7 लैब वाइगोत्सकी कि समाज संरचना सिद्धांत में दृढ़ विश्वास रखने वाले शिक्षक के नाते आप अपने बच्चों की आंख लर्न के लिए निम्नलिखित में से किस विधि को वरीयता देंगे?
- सहयोगी प्रोजेक्ट
- मानकीकृत परीक्षण
- शिक्षा पर आधारित प्रत्यास्मरण की क्षेत्र
- बहु विकल्प विधि
Q.8 वाइगोत्सकी के अनुसार-
- बच्चे भाषा अर्जन की एक युक्ति से कोई भाषा सीखते हैं
- भाषिक विकास मानव चिंतन के स्वभाव को बदल देता है
- भाषिक विकास में संस्कृति की भूमिका बहुत कम होती है
- वयस्क और साथियों से अनुरोध क्रिया करने का भाषा के विकास में कोई प्रभाव नहीं पड़ता
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