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Rajasthan GK : Famous Temple of Rajasthan in Hindi

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राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिर (Famous Temple of Rajasthan)

नमस्कार! दोस्तों इस पोस्ट में हम आपके साथ राजस्थान के प्रमुख मंदिर (Rajasthan GK :Famous Temple of Rajasthan in Hindi) एक विस्तृत जानकारी साझा कर रहे हैं । इस आर्टिकल में हमने आपके लिए मंदिरों के निर्माणकर्ता तथा वह मंदिर राजस्थान में कहां स्थित है । यह पूरी जानकारी आपके साथ शेयर की है । राजस्थान राज्य के सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में इनसे संबंधित प्रश्न अवश्य ही पूछे जाते हैं । इस आर्टिकल के अध्ययन से आपको उन प्रश्नों को हल करने में मदद मिलेगी।

राजस्थान में अनेकों मंदिर स्थित है ,इनमें प्रमुख रूप से दिलवाड़ा मंदिर है यह राजस्थान के सिरोही जिले के माउंट आबू नगर में स्थित है। यह पांच मंदिरों का एक समूह है इन (Rajasthan GK :Famous Temple of Rajasthan in Hindi) मंदिरों का निर्माण 11वीं और 13वी के तीर्थंकर को समर्पित है । दिलवाड़ा का जैन मंदिर परिसर में पांच मंदिर संगमरमर का बना हुआ है । मंदिरों के लगभग 48 स्तंभ में नृत्यांगना की आकृतियां बनी हुई है। दिलवाड़ा के मंदिर और मूर्तियां मंदिर निर्माण कला का उत्तम उदाहरण है । इस मंदिर के आदिनाथ की मूर्ति की आंखें असली हीरे की बनी हुई है तथा उनके गले में बहुमूल्य रत्नों का हार है इन मंदिरों में तीर्थंकर के साथ-साथ हिंदू देवी देवताओं की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं।

राजस्थान के प्रमुख मंदिर (Famous Temple of Rajasthan)

उदयपुर के मंदिर

  • सास बहू( सहस्त्रबाहु) का मंदिर– नागदा
  • एकलिंग जी(कैलाशपुरी) का मंदिर– कैलाशपुरी
  • अंबिका देवी( मेवाड़ का खजुराहो)- जगत (यहां नत्य करते हुए भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा स्थापित है)
  • स्कंद कार्तिकेय का मंदिर- उदयपुर (इन्हें गिरवा की अमरनाथ के नाम से भी जाना जाता है)
  • विष्णु मंदिर- जावर (इस मंदिर का निर्माण राणा कुंभा की बेटी रामा बाई ने करवाया था)
  • जगदीश मंदिर– उदयपुर (इसका निर्माण जगत सिंह प्रथम में 1651 ईसवी में बनवाया)

कोटा के मंदिर

  • कंसुआ का शिव मंदिर– कुटिया लिपि के 8वीं शताब्दी का शिवगढ़ लेख
  • विभीषण मंदिर- राजस्थान का एकमात्र विभीषण मंदिर कोटा में है,इस मंदिर में केवल चीज की पूजा होती है
  • मथुराधीश मंदिर– वल्लभ संप्रदाय की पीठ
  • चार चोमा शिवालय– कोटा का सबसे प्राचीन शिवालय
  • बुधादीत सूर्य मंदिर
  • गेपरनाथ महादेव

भरतपुर के मंदिर

  • उषामंदिर– बयाना (भरतपुर) [निर्माणकर्ता- बाणासुर ने]
  • लक्ष्मण मंदिर– भारत का एकमात्र मंदिर भरतपुर में स्थित है, इसे महाराजा बलदेव सिंह ने 19वीं शताब्दी में बनवाया था।

बाड़मेर के मंदिर

  • गरीब नाथ जी का मंदिर– शिव( बाड़मेर)
  • किराडू मंदिर– मूर्तियों का खजाना “राजस्थान का खजुराहो”
  • रणछोड़ राय जी का खेड़ा मंदिर– बाड़मेर
  • ब्रह्मा जी का दूसरा मंदिर– आसोतरा (बाड़मेर) खेताराम जी महाराज ने 1984 में निर्माण करवाया
  • आलम जी का थोरा- घोड़ा का तीर्थ स्थल गुडामालानी
  • मल्लिनाथ जी का मंदिर- तिलवाड़ा , (पशु मेला लगता है)
  • हल्देश्वर महादेव– पिप्लुंद,(मारवाड़ का लघु माउंट आबू)

जयपुर के प्रमुख मंदिर

  • गलताजी- मध्यकाल में यह उत्तर तोतात्रि कहलाता था । इसे जयपुर का बनारस तथा राजस्थान की दूसरी काशी कहते हैं यहां अत्यधिक बंदर होने के कारण इसे “मंकी वैली ” के नाम से भी जाना जाता है।
  • गोपीनाथ जी का मंदिर- 1772 में जल महल के समीप कनक वृंदावन में भव्य मंदिर बना हुआ है।
  • राजेश्वर शिवालय- मोती डूंगरी की पहाड़ी पर राजेश्वर शिवालय 1864 में बनवाया गया था।
  • कल्कि मंदिर- दक्षिणायन शैली में सवाई जयसिंह में 1739 में विश्व का एकमात्र कल्कि भगवान का मंदिर बनवाया था।
  • गोविंद देव मंदिर- जयपुर नरेश श्री गोविंद देव जी को जयपुर का वास्तविक शासक और स्वयं को उसका दीवाना मानते थे

अन्य महत्वपूर्ण मंदिर (जयपुर)

  • मोती डूंगरी (गणेश मंदिर)
  • गढ़ गणेश मंदिर
  • बिरला मंदिर
  • जगत शिरोमणि मंदिर
  • सूर्य मंदिर, आमेर
  • कल्याण राय जी का मंदिर
  • लक्ष्मी नारायण मंदिर
  • वीर हनुमान, सामोद
  • इंदिरा गांधी मंदिर
  • ताड़केश्वर
  • खोले का हनुमान
  • जगदीश मंदिर
  • झारखंड महादेव मंदिर
  • इस्कॉन टेंपल
  • बृहस्पति मंदिर

राजसमंद जिले के प्रमुख मंदिर

  • चारभुजा नाथ जी- गढ़बोर (मेवाड़ का वीर नाथ जी कहते हैं)
  • श्रीनाथजी मंदिर– नाथद्वारा यहां मंदिर की हवेली तथा यहां की गायकी को हवेली संगीत कहते हैं यह बल्लभ संप्रदाय की पीठ है इसे साथ ध्वजा का नाथ भी कहते हैं
  • श्री द्वारिकाधीश जी का मंदिर- काकरोली, राजसमंद (वल्लभ संप्रदाय की पीठ)

अन्य प्रमुख मंदिर (राजसमंद)

  • घेवर माता का मंदिर
  • कुंतेश्वर महादेव फरारा
  • परशुराम महादेव
  • रामेश्वर महादेव

चित्तौड़गढ़ के मंदिर

  • मीरा मंदिर- निर्माता( राणा सांगा) यह मंदिर इंडो आर्यन शैली में बना हुआ है तथा इस मंदिर के सामने गुरु रैदास की छतरी बनी हुई है
  • मातृकुंडिया- चंद्रभागा नदी के किनारे इसे राजस्थान का हरिद्वार कहते हैं यहां लक्ष्मण झूला लगा हुआ है।
  • देवरा बावड़ी मंदिर– यह मंदिर बेगू कस्बे में है।
  • कुंभ श्याम मंदिर- चित्तौड़गढ़ दुर्ग में है कुंभा ने अपने इष्ट देव भगवान विष्णु ने वराह अवतार की मूर्ति स्थापित कर जीर्णोद्धार करवाया यह मंदिर भी इंडो आर्यन स्थापत्य कला में बना है।
  • सांवलिया सेठ मंदिर– मंडपिया (चित्तौड़गढ़) ,अफीम मंदिर (राजस्थान में सर्वाधिक आय वाला मंदिर)
  • समी द्वेष वर मंदिर- परमार मूर्तिकला का उदाहरण है,इसका निर्माण परमार नरेश राजा भोज ने 1011 -55 मैं करवाया जो कि कुमारपाल शिलालेख से ज्ञात होता है, मोकल ने इसका जीर्णोद्धार करवाया इसलिए से मोकल मंदिर भी कैसे हैं।
  • बाडोली का शिव मंदिर– भैंस रोड गढ़ में स्थित है आठवीं शताब्दी का मंदिर है घाट ईश्वर महादेव विष्णु के वामन अवतार की मूर्ति है परमार शासक ने इसका निर्माण कराया था।

अन्य प्रमुख मंदिर (चित्तौड़गढ़)

  • जातला माता पांडोली ,
  • रगतिया भैरू,
  • जोगणिया माता मंदिर,
  • शनि महाराज मंदिर,
  • मरमी माता मंदिर

अजमेर के मंदिर

  • प्रथम जैन तीर्थंकर -ऋषभदेव जी का मंदिर
  • कचरिया मंदिर- किशनगढ़ अजमेर( राधा कृष्ण मंदिर)

पुष्कर के मंदिर

  • ब्रह्मा जी मंदिर व पातालेश्वर महादेव मंदिर
  • बारह मंदिर गायत्री मंदिर
  • रंगनाथ जी का मंदिर
  • तुलसीदास जी का मंदिर

अलवर के मंदिर

  • टहला– राजोर गढ़( गुर्जर प्रतिहार काल)
  • जलेश्वर महादेव मंदिर- थाना गाजी
  • प्राचीन हनुमान मंदिर- पांडुपोल
  • नारायणी माता मंदिर– बरबा
  • डूंगरी चंद्रप्रभु मंदिर- जैन मंदिर

चूरू के मंदिर

  • सालासर हनुमान जी मंदिर
  • गोगा जी महाराज मंदिर- ददरेवा
  • तिरुपति बालाजी मंदिर- सुजानगढ़
  • वेंकटेश्वर मंदिर
  • भानगढ़ का मंदिर

सवाई माधोपुर के मंदिर

  • धूमेश्वर महादेव मंदिर- शिवाड़
  • त्रिनेत्र गणेश मंदिर- रणथंबोर
  • चौथ माता मंदिर- चौथ का बरवाड़ा

बारा के मंदिर

  • भड देवरा का शिव मंदिर (पंचायतन शैली)
  • ब्राह्मणी माता का मंदिर- सोरसन
  • सीताबाड़ी- सहरिया जनजाति का प्रमुख आस्था स्थल
  • गढ़ गच देवालय- अटरू
  • श्री कल्याण जी का मंदिर

भीलवाड़ा के मंदिर

  • सवाई भोज मंदिर- आसींद
  • कुशाल माता मंदिर- बदनोर
  • बारह देवरा शिव मंदिर- जहाजपुर
  • तिलस्वा महादेव मंदिर- मांडलगढ़
  • बिजासन माता का मंदिर- मंडल

पाली के मंदिर

  • सोमनाथ मंदिर
  • रणकपुर के जैन मंदिर
  • आदिनाथ जैन मंदिर
  • चामुंडा माता मंदिर
  • शैलेश्वर महादेव मंदिर
  • परशुरामश्वर मंदिर

सीकर के मंदिर

  • जीण माता का मंदिर- रेवासा
  • खाटू श्याम जी मंदिर
  • मुरली मनोहर मंदिर- लक्ष्मणगढ़
  • हर्ष गिरी का शिव मंदिर

टोंक के मंदिर

  • कल्याण जी का मंदिर- डिग्गी
  • विष्णु की चतुर्भुज प्रतिमा

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