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Hindi Bhasha Shikshan Important Questions For CTET 2020
CTET- 2020 :Hindi Bhasha Shikshan Important Questions|| For CTET 2020,MPTET, REET & All TET
नमस्कार! दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम हिंदी भाषा शिक्षण के कुछ अति महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (Hindi Bhasha Shikshan Important Questions For CTET 2020) आपके पास साथ शेयर कर रहे हैं । जो कि आपके आने वाले टीचिग एग्जाम जैसे -CTET 2020,MPTET, REET की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। आशा है कि इन प्रश्नों के अध्यन से आपको संबंधित प्रश्नों को हल करने में काफी मदद मिलेगी।
हिंदी भाषा शिक्षण महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी (Hindi Bhasha Shikshan Important Questions)
प्रश्न भाषा शिक्षण की विधियां मुख्यतः किस पर निर्भर करनी चाहिए?
उत्तर- बच्चों का स्तर आयु और प्रकरण।
प्रश्न अभिप्रेरणा का सिद्धांत क्या कहता है?
उत्तर- विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने पर बल देता है।
प्रश्न विद्यार्थी की भाषा और उसके सामाजिक परिवेश का प्रभाव पड़ता है यह सिद्धांत है?
उत्तर- अनुकरण का।
प्रश्न मातृभाषा शिक्षण बनाता है?
उत्तर- शिक्षण को सरल बनाता है
प्रश्न कौन सा नियम स्कूल ज्ञान से सूक्ष्म ज्ञान की ओर अग्रसर होने की बात कहता है?
उत्तर- मूर्त से अमूर्त की ओर का।
प्रश्न सृजनात्मकता का विकास किस करने में कौन सा सहायक नहीं है?
उत्तर- प्रश्नों के उत्तर देना।
प्रश्न जो बच्चे सुन नहीं सकते वह कर सकते हैं?
उत्तर- वह भाषा का प्रयोग लिखित रूप में कर सकते हैं।
प्रश्न दैनिक कार्यों में मनुष्य के किन दो कौशलों का सर्वाधिक प्रयोग करता है?
उत्तर- श्रवण एवं वाचन कौशल।
प्रश्न सस्वर वाचन का मुख्य उद्देश्य है?
उत्तर- बच्चों में पड़ने संबंधी झिझक को समाप्त करना
प्रश्न किस प्रतियोगिता के लिए मौत मौखिक अभिव्यक्ति की आवश्यकता नहीं होती?
उत्तर- कविता लेखन
प्रश्न एक से अधिक भाषाओं का प्रयोग किस चीज पर बल देता है?
उत्तर- संज्ञानात्मक रूप से समृद्ध होने का संकेत है।
प्रश्न मैं अपनी कक्षा में बहुभाषिकता को महत्व देती हूं इसलिए मैं-
उत्तर- सभी बच्चों को अपनी मातृभाषा में कहने सुनने की आजादी देती हूं।
प्रश्न मातृभाषा में शिक्षा से तात्पर्य है?
उत्तर- कक्षा में पढ़ाई करने में सुविधा होगी बेहतर परिणाम निकलेंगे।
प्रश्न आप की कक्षा में कुछ विद्यार्थी सड़क को सड़क बोलते हैं इसका सबसे संभावित कारण है?
उत्तर- उनकी मातृभाषा का प्रभाव।
प्रश्न हिंदी की कक्षा में प्राया हिंदी तर भाषी बच्चे अरुचि प्रदर्शित करते हैं क्योंकि-
उत्तर- तुलनात्मक रूप से हिंदी बहुत कठिन लगती है।
प्रश्न भाषा शिक्षण में पाठ्य पुस्तकों के अतिरिक्त कौन सा सबसे कम प्रभावशाली है?
उत्तर- प्रश्नों के उत्तर लिखना।
प्रश्न लेखन क्षमता का विकास करने के संदर्भ में आपके लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है?
उत्तर- सुनी पढ़ी और समझी हुई बातों की स्वाभाविक लिखित अभिव्यक्ति।
प्रश्न उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने को प्रभावित करता है?
उत्तर- शिक्षक का भाषा शिक्षण संबंधी रवैया।
प्रश्न उच्च प्राथमिक स्तर पर समझ कर पढ़ने के संदर्भ में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है?
उत्तर- किसी लिखित सामग्री का निहितार्थ समझना।
प्रश्न परस्पर बातचीत मुख्यता है-
उत्तर- सुनने और बोलने की कौशलों के विकास में सहायक है
प्रश्न मौखिक अभिव्यक्ति में कौन सी विशेषता होनी चाहिए?
उत्तर- स्वाभाविकता ,स्पष्टता ,बोधगम्यता।
प्रश्न हिंदी भाषा के प्रश्न पत्र में आप किस प्रश्न को सर्वाधिक उचित मानते हैं?
उत्तर- सर्वनाम के भेदों को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की भाषा का आकलन करते समय करना चाहिए?
उत्तर- उनकी क्षमता और सीमाओं का ध्यान रखना चाहिए।
प्रश्न हिंदी भाषा का आकलन करते समय पोर्टफोलियो बच्चों के बारे में यह बताता है कि-
उत्तर- उनकी प्रगति किस प्रकार हो रही है।
प्रश्न हिंदी भाषा के प्रश्न पत्र में आप किस सवाल को सबसे बेहतर मानते हैं?
उत्तर- अगर आप बाबा भारती की जगह होते तो क्या करते?
प्रश्न उच्च प्राथमिक स्तर पर बच्चों की मौखिक अभिव्यक्ति का सतत आकलन करने के लिए सर्वाधिक उचित तरीका है?
उत्तर- प्रश्न पूछना ,प्रतिक्रिया व्यक्त करना परिचर्चा
इस पोस्ट मे जो हिन्दी भाषा शिक्षण के Important Question आपके साथ (Hindi Bhasha Shikshan Important Questions For CTET 2020) शेयर किए है । आशा हे की आपको पसंद आए होगे ऐसे ही Important Questions के लिए हमारी bebsite पर विजिट करते रहे ।
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CTET Hindi Pedagogy 2021 pdf Download
Hindi Pedagogy Question Answer| for CTET 2021
नमस्कार! अभ्यार्थियों आज इस आर्टिकल में हम (CTET Hindi Pedagogy 2021 pdf Download) हिंदी पेडगॉजी (भाषा अधिगम और अर्जन) से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं जो कि आने वाली सीटीईटी परीक्षा के लिए बहुत ही उपयोगी है
जैसा कि आपको ज्ञात होगा कि केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) 2021, 16 दिसंबर से आयोजित होने वाली है इस बार परीक्षा ऑनलाइन आयोजित होने वाली है जो भी अभ्यर्थी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उन्हें आवश्यक है कि वह ऑनलाइन मॉक टेस्ट अटेंड करें ताकि परीक्षा में आसानी हो-
हिंदी पेडगॉजी: अधिगम और अर्जन से संबंधित प्रश्न
Q.1 अर्थ की गहनता को समझने में कौन सी पद्धति सर्वाधिक रूप से सहायक है?
a) सस्वर पठन
b) मौन पठन
c) द्रुत पठन
d) धीमा पठन
Ans- b
Q.2 भाषा अर्जन में महत्वपूर्ण है ?
a) भाषा की विभिन्न रूपों का प्रयोग
b) भाषा का व्याकरण
c) पाठ्य पुस्तक
d) भाषा का शिक्षण
Ans-a
Q.3 बच्चे अपने परिवेश से स्वयं भाषा अर्जित करते हैं इसका एक निहितार्थ यह है कि-
a) बच्चों को अत्यंत सरल भाषा का परिवेश उपलब्ध कराया जाए
b) बच्चों को बिल्कुल भी भाषा ना पढ़ाई जाए
c) बच्चों को समृद्धि भाषिक परिवेश उपलब्ध कराया जाए
d) बच्चों को केवल लक्ष्य भाषा का ही परिवेश उपलब्ध कराया जाए
Ans- c
Q.4 भाषा अर्जन और भाषा अधिगम के संदर्भ में कौन सा कथन सही नहीं है?
a) सांस्कृतिक विभिन्नता भाषा -अर्जन और भाषा अधिगम को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारक हैं
b) भाषा -अर्जन में विभिन्न संकल्पना ए मातृभाषा में बनती है
c) भाषा -अधिगम में कभी भी अनुवाद का सहारा नहीं लिया जाता
d) भाषा -अर्जन सहज और स्वाभाविक होता है जबकि भाषा अर्जन प्रयास पूर्ण होता है
Ans- c
Q.5 “भाषा सीखे जाने के क्रम में वैज्ञानिक पड़ताल भी साथ -साथ चलती रहती है ” कथन किसका है ?
a) चोम्स्की
b) औरोरिन
c) वाइगोत्सकी
d) जीन पियाजे
Ans-a
Q.6 कविता शिक्षण में गीत प्रणाली का प्रयोग किस स्तर पर करना सर्वाधिक उपयोगी होता है ?
a) प्राथमिक कक्षा स्तर
b) माध्यमिक कक्षा स्तर
c) उच्च कक्षा स्तर
d) उच्चतर माध्यमिक कक्षा स्तर
Ans-a
Q.7 प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने से तात्पर्य है ?
a) भाषा वैज्ञानिक तथ्य स्पष्ट करना
b) भाषा का व्याकरण सिखाना
c) उच्च स्तरीय साहित्य पढ़ाना
d) भाषा का प्रयोग सिखाना
Ans-d
Q.8 भाषा तब सबसे सहज और प्रभावी रूप से सीखी जाती है जब-
a) भाषा की नियम कण्ठस्थ कराए जाएं
b) भाषा शिक्षक कठोर रवैया अपनाते हैं
c) भाषा प्रयोग की दक्षता प्रमुख उद्देश्य हो
d) भाषा की पाठ्य पुस्तक में अधिक से अधिक पाठो का समावेश हो
Ans- c
(CTET Hindi Pedagogy 2021 pdf Download)
Q.9 भाषा सीखने का अर्थ उस भाषा की — – – -सीखना भी है क्योंकि भाषा किसी भी – – – -का अभिन्न हिस्सा होता है?
a) ऐतिहासिकता, इतिहास
b) संस्कृति, संस्कृति
c) बारीकी, व्याकरण
d) नियमबद्धता, व्याकरण
Ans-b
Q.10 उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने को प्रभावित करता है?
a) बच्चों द्वारा किए जाने वाला सुलेख
b) शिक्षक का भाषा शिक्षण संबंधी रवैया
c) शिक्षक द्वारा ली गई लिखित परीक्षा
d) भाषा संबंधी गृह कार्य
Ans- b
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Hindi Bhasha Shikshan ke Pramukh Siddhant
Bhasha Shikshan ke Siddhant for For CTET,HTET,MPTET 2020
नमस्कार! मित्रों इस आर्टिकल में हम आपके साथ हिंदी पेडगॉजी से संबंधित (Hindi Bhasha Shikshan ke Pramukh Siddhant) हिंदी भाषा शिक्षण की प्रमुख सिद्धांत शेयर करने जा रहे हैं जो कि सभी टीचिंग एग्जाम की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं हमने सभी महत्वपूर्ण सिद्धांतों को विस्तारपूर्वक समझाया है जिससे आप परीक्षा में आने वाले इनसे संबंधित प्रश्नों को आसानी से हल कर पाएंगे तथा हिंदी शिक्षण शास्त्र के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को आप अच्छे से समझ सकेंगे
हिंदी भाषा शिक्षण के प्रमुख सिद्धांत|| Principles of Teaching Hindi Language
भाषा शिक्षण के लिए मनोवैज्ञानिकों ने अनेक महत्वपूर्ण सिद्धांत दिए हैं जिनका संक्षिप्त वर्णन निम्नलिखित है-
1.अनुबंधन का सिद्धांत (Theory of of conditioning)
भाषा विकास में अनुबंधन ही आशा अचार्य का बहुत योगदान है शेष अवस्था में जब बच्चे शब्द सीखते हैं तो सीखना अमूर्त नहीं होता बल्कि किसी मूर्त वस्तु से जोड़कर उन्हें शब्दों की जानकारी दी जाती है
2.अनुकरण का सिद्धांत (Theory of imitations)
चैंपियंस सरली कर दी तथा है वैज्ञानिकों ने अनुकरण के द्वारा भाषा सीखने पर अध्ययन किया इनका माथे की अपने परिवारजनों तथा साथियों की भाषा का अनुकरण करके सीखते हैं
3.चोमस्की का भाषा अर्जित करने का सिद्धांत
चोमस्की का कहना है कि बच्चों की निश्चित संख्या से कुछ निश्चित नियमों का अनुसरण करते हुए वाक्यों का निर्माण करना सीख जाते हैं इन शब्दों से 9 वाक्य एवं शब्दों का निर्माण होता है इन वाक्यों का निर्माण बच्चे जिन नियमों के अंतर्गत करते हैं उन्हें जो मशीनें जेनरेटिव ग्रामर की संज्ञा प्रदान की है
4.अभीप्रेरणा एवं रुचि का सिद्धांत
हिंदी पाठ्य सामग्री और उसकी शिक्षण प्रणालियों का चुनाव बच्चों की रुचि एवं आवश्यकताओं के अनुरूप किया जाना चाहिए उन्हें भाषा सीखने हेतु अभी प्रेरित करने के लिए यह आवश्यक है
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5.क्रियाशीलता का सिद्धांत
क्रियाशीलता के लिए छात्रों के प्रश्न पूछना स्कूल के साहित्य कार्यक्रम चलाना छात्रों की उसने क्रियाशील रखना पाठों का अभ्यास कराना मौखिक व लिखित कार्य कराना आदि कार्य किए जा सकते हैं
6.अभ्यास का सिद्धांत
खांडा एक ने कहा है कि भाषाई कौशल है इसका विकास अभ्यास पर ही निर्भर है भाषा की कलात्मक एवं भाव दोनों के लिए अभ्यास सर्वथा आवश्यक है
7.जीवन समन्वय का सिद्धांत
मनोवैज्ञानिकों ने यह सिद्ध किया है कि बच्चे उन विषयों एवं क्रियाओं में अधिक रूचि लेते हैं जो उनके वास्तविक जीवन से संबंधित होती हैं अध्यापक को पढ़ाने के लिए जिस सामग्री का चयन करना है उसका संबंध बच्चों के जीवन से अवश्य हो
8.निश्चित उद्देश्य एवं पाठ्य सामग्री का सिद्धांत
अध्यापक शिक्षण पूर्ण पाठ के उद्देश्य और उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए विषय सामग्री का चयन बच्चों के स्तर के अनुकूल करना चाहिए
9.व्यक्तिगत भिन्नता का सिद्धांत
एक ही कक्षा में छात्रों में व्यक्तिगत विभिन्नता आएं होती हैं कोई छात्र शब्द उच्चारण नहीं करता तो किसी का लेकर स्पष्ट नहीं होता किसी का वचन ठीक नहीं होता है तो किसी का लेख अशुद्ध होता है कोई मोल पाठ नहीं कर पाता है तो कोई कई बार याद करने पर भी तथ्य भूल जाता है इसलिए अध्यापक को इन सब की व्यक्तिगत विभिन्नता एवं कठिनाइयों को ध्यान से रखकर शिक्षण कार्य संपन्न कराना चाहिए
10.अनुपात एवं क्रम का सिद्धांत
भाषा कौशल मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं लेखन कौशल अभिव्यक्ति कौशल वाचन पठन कौशल एवं श्रवण कौशल की सभी भाषा कौशल आपस में संबंधित है यदि बालक किसी एक भाषा कौशल में निपुण और अन्य में फिसड्डी है तो इसे शिक्षण की असफलता ही माना जाएगा
11.बोलचाल का सिद्धांत
शिक्षण बोलचाल के माध्यम से होनी चाहिए इसकी भाषा सीखने में कम समय लगता है और इस प्रकार प्राप्त ज्ञान अधिक समय तक स्थाई रहता है साथ ही इससे बालकों की सृजनात्मक शक्ति एवं अभिव्यक्ति कौशल में भी वृद्धि होती है
12.चयन का सिद्धांत
हिंदी भाषा शिक्षण के लिए कब किस सिद्धांत के पद्धति का सहारा लिया जाए इसकी ठीक जानकारी अध्यापक को होनी चाहिए किसी पाठ को किस रूप में प्रस्तुत कर के छात्रों को सरल एवं सहज ग्रहण करने योग्य बनाया जाए इसके लिए अध्यापक को बहुमुखी प्रयास करना चाहिए और जो रूप अधिक प्रभाव कारी हो उसका चयन करना चाहिए जिससे छात्र लाभान्वित हो सके
13.बाल केंद्रित सिद्धांत
भाषा शिक्षण के समय इस बात का पर्याप्त ध्यान देना चाहिए कि शिक्षण का केंद्र बालक है इसलिए भाषा शिक्षण का केंद्र बालक हो भाषा शिक्षण में बालक के स्वभाव क्षमता रुचि स्तर आदि का ध्यान रखना सर्वाधिक आवश्यक
14.शिक्षण सूत्रों का सिद्धांत
शिक्षण की कुछ सामान्य सूत्र हैं जिनके शिक्षण कार्य करने से बच्चों को सीखने में सरलता सुगमता और स्थायित्व प्राप्त होता है जैसे सरल से कठिन की ओर ज्ञात से अज्ञात की ओर आगमन से निगमन की और विश्लेषण की और आधी शिक्षण की इन सूत्रों का आधार है और पालन करने से शिक्षण अधिक प्रभाव कारी होता
15.साहचर्य का सिद्धांत
बच्चे दूसरों को सुनकर बोलना तो सीखते ही रहते हैं किंतु इस प्रकार के अधिगम के लिए पर्याप्त संख्या में इससे इस भाषा को बोलने वालों का सहचार्य मिलना आवश्यक है बच्चा मां को माया मन को कहने के साथ पहचानना और समझना तभी सीख सकेगा मां के उच्चारण के साथ स्वयं मां को और पिताजी आ पापा के उच्चारण के साथ स्वयं पिता को भी देखेगा
16.आवृत्ति का सिद्धांत
मनोवैज्ञानिक प्रयोगों से यह सिद्ध हो चुका है कि भाषा सीखने आवृत्ति का बहुत महत्व है सीखी हुई बात को जितना अच्छी तरह से दोहराया जाएगा वह उतनी ही अधिक देर तक याद रहेगी
17.परिपक्वता का सिद्धांत
परिपक्वता का तात्पर्य है कि भाषा अव्यवो एवं स्वरों नियंत्रण होना बोलने में जीभ ताल होता तथा स्वर यंत्र आदि जिम्मेदार होते हैं इनमें किसी भी प्रकार की कमजोरियां कमी वाणी को प्रभावित करती है इन सभी अंगों में जब परिपक्वता होती है तो भाषा पर नियंत्रण होता है और अभिव्यक्ति अच्छी होती है
दोस्तों उपरोक्त आर्टिकल में जो हिंदी भाषा शिक्षण के प्रमुख सिद्धांत (Hindi Bhasha Shikshan ke Pramukh Siddhant) को आपके सांझा किया है आशा है कि आप उनका ध्यान पूर्वक अध्ययन करेंगे और आने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा में अपनी सफलता सुनिश्चित करेंगे धन्यवाद!
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Bhasha Shikshan ki vidhiyan for CTET 2020
Bhasha Shikshan ki Vidhiyan ||For CTET,DSSSB,NVS,HTET,MPTET 2020
नमस्कार! दोस्तों आज के आर्टिकल में हम हिंदी भाषा (Bhasha Shikshan ki vidhiyan for CTET 2020) शिक्षण की कुछ महत्वपूर्ण विधि सांझा करने जा रहे हैं जो कि आने वाले सभी की शिक्षक भर्ती परीक्षा जैसे-CTET,MPTET,HTET,KVS,DSSSB की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है इस टॉपिक से संबंधित परीक्षा में अवश्य ही पूछे जाते ही आर्टिकल आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है
भाषा मानव जीवन का एक अभिन्न अंग है जिसके बिना मानव के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती भाषा के माध्यम से ही व्यक्ति अपने विचारों का आदान प्रदान करता है इस भाषा शिक्षण के लिए विभिन्न शिक्षण विधियां अपनाई जाती हैं जिसके माध्यम से शिक्षा का स्तर बेहद सरल हो जाता है और शिक्षार्थियों का ध्यान आकर्षित होता है
- भाषा शिक्षण विधियां
- हिंदी शिक्षण की विधियां
a.गद्य शिक्षण
b.पद्य शिक्षण
c.व्याकरण शिक्षण
भाषा शिक्षण की विधियां
1. व्याकरण विधि
इस विधि में भाषा की तुलना व्याकरण के ज्ञान पर जोर दिया जाता है तथा व्याकरण के नियमों का ज्ञान करवाया जाता है
व्याकरण अनुवाद विधि इस विधि के अंदर मातृभाषा के माध्यम से दूसरी भाषा सिखाई जाती है
जैसे- तुम्हारा नाम क्या है? what is your name?
मातृभाषा- हिंदी
लक्ष्य भाषा -अंग्रेजी
- भाषा सीखने की सर्वाधिक प्रचलित और प्राचीनतम विधि है
- भाषा कौशल की दक्षता प्रदान करना है इसका प्रमुख उद्देश्य है
- बोलने की अपेक्षा लिखने और पढ़ने पर तथा भाषा के तत्वों पर अधिक ध्यान दिया जाता है
- दोष लक्ष्य भाषा को कम महत्व दिया जाता है
- यह भाषा शिक्षण की वैज्ञानिक विधि नहीं है
जॉन बी शैडो ने इसका विरोध किया और कहा भाषा शिक्षण में पहले बोलने और पड़ने पर बल देना चाहिए व्याकरण पर बाद में
2.प्रत्यक्ष विधि –
इसके अंतर्गत सीखने वाले को सीखी जाने वाली भाषा के सीधे संपर्क में लाया जाता है और मौके का अभ्यास के सहारे सिखाया जाता है इसलिए इसे मौखिक वार्तालाप विधि भी कहते हैं इसमें भाषा के दो आधारभूत कौशल सुनना और बोलना है
3. संप्रेषण परक भाषा शिक्षण विधि
प्रत्यक्ष विधि में भाषा सीखने के व्यावहारिक पक्ष पर बल दिया जाता है और इसी पक्ष को प्रबल बनाने के लिए विधि सामने आई
इस विधि के अनुसार भाषा को नियम बद व्यवस्था के रूप में सीखना ही पर्याप्त नहीं है उसे सामाजिक संप्रेषण की वस्तु के रूप में सीखना चाहिए
भाषा सीखने से आशय है उसे सामाजिक सांस्कृतिक नियमों को अच्छी तरह से सीखना
4. अनुकरण विधि
इस विधि में बालक शिक्षक का अनुकरण करके सीखता है
- लिखित अनुकरण
- उच्चारण अनुकरण
- रचना अनुकरण
1.लिखित अनुकरण /रूपरेखा अनुकरण – इसने वाक्य या अक्षर बिंदु रूप में लिखे रहते हैं
a.स्वतंत्र अनुकरण –अध्यापक श्यामपट्ट पर या अभ्यास पुस्तिका पर लिख देता है और उसका अनुकरण करके लिखने को कह देता है
b.मांटेसरी विधि- इस विधि में आंख कान और हाथ की नो की सहायता ली जाती है बालक अक्षरों को देखकर उनकी ध्वनि को कानों से सुन कर उसके पश्चात उभरे हुए अक्षरों पर उंगली फिरता है
c.पेस्टोलॉजी विधि-इस विधि में अक्षर को खंडों में सिखाया जाता है जैसे का को लिखने लिखना हो तो पहले इस जीरो एक सिरका आदि लिखकर का बनाया जाता है
d.जैकपॉट विधि –इस विधि को शिक्षा शास्त्री जैकपॉट ने प्रस्तुत किया था इसमें बालक स्वयं संशोधन करता है
2.उच्चारण अनुकरण- इसमें बालक अध्यापक के शब्दों का उच्चारण करता है और सीखता है
3.रचना अनुकरण – विधि किस विधि में जिस भाषा शैली में रचना करनी होती है उसी भाषा या शैली में रचना को विद्यार्थी के सामने प्रस्तुत किया जाता है
जैसे- दीपावली पर लेख बताकर होली पर लिखने को बोला जाता है यह उच्च कक्षाओं के लिए ही उपयुक्त है
5. इकाई विधि
इस विधि के अंदर छात्र सीखने में शारीरिक और मानसिक रूप से इस प्रकार व्यस्त रहते हैं कि प्राप्त ज्ञान के माध्यम से वे नई परिस्थितियों के साथ समायोजन कर सकें
- 1926 में डॉक्टर मॉरिसन ने इकाई संगठन के 5 पद दिए
- पूर्व ज्ञान इसके अंतर्गत अध्यापक छात्रों के पूर्व ज्ञान का पता लगाता है
- प्रस्तुतीकरण यहां अध्यापक नवीन ज्ञान को छात्रों के समक्ष प्रस्तु प्रस्तुत करता है
- आत्मीय करणछात्र नवीन ज्ञान को आत्मसात करने के लिए अनेक किया है करते हैं जैसे पढ़ना लिखना बाद में बात करना पूछना तर्क करना आदि इससे कक्षा की व्यवस्था अव्यवस्थित हो जाती है
- संगठन अव्यवस्थित कक्षा को पुनः संगठित करके अर्जित ज्ञान को तार्किक रूप में लिखने को बोला जाता
- अभिव्यक्ति अध्यापक छात्रों के ज्ञान को अनेक प्रकार से दोहराता है
6.स्वाभाविक विधि
इस प्रक्रिया के अंदर एक छोटा बालक स्वाभाविक रूप से अनुकरण करके भाषा सीख लेता है इस प्रक्रिया में सबसे पहले सुनना और समझना इसके बाद उच्चारण करना तथा अंत में पढ़ना और लिखना सीखना है
7.अक्षर बोध विधि
यह प्राचीन शिक्षण विधि है इसमें सबसे पहले स्वर और व्यंजन का ज्ञान कराया जाता है और फिर शब्द और वाक्य का क्रम सिखाया जाता है
(Bhasha Shikshan ki vidhiyan for CTET 2020)
8.धन्यआत्मक विधि
इस विधि में अर्थ की अपेक्षा ध्वनि पर अधिक ध्यान दिया जाता है
बार-बार अभ्यास से उच्चारण स्थिर हो जाता है उच्चारण स्पष्ट करने के लिए लिंगुअफोन ईयर फोन टेप रिकॉर्डर आदि का सहारा लिया जाता है
इस विधि में अंग्रेजी शब्दों के उच्चारण में शुद्धता आती है जैसे-cut,but,bat
9.समवायविधि
- यह भाषा संसर्ग विधि का दूसरा रूप है
- इसमें गद्य शिक्षण के दौरान ही साथ साथ व्याकरण की शिक्षा दी जाती है लेकिन व्याकरण की केवल व्यवहारिक शिक्षा भी दी जाती है
- यह विधि भाषा संसद का विधि की अपेक्षा अधिक अच्छी है
10.संघटना परक विधि
इस विधि के अंदर शिक्षक स्वयं या टेप रिकॉर्डर के माध्यम सेपूरा संवाद सुनाता है विद्यार्थी उसको कंठस्थ कर लेते हैं उसके बाद अर्थ समझा कर उसका अभ्यास कराया जाता है
11.अनुवाद विधि
इसके अंतर्गत अर्थ की समानता के आधार पर एक भाषा का दूसरी भाषा में अंदर अनुवाद किया जाता है
इसकी तीन चरण है
- पठान तथा पाठ विश्लेषण
- संक्रमण का पुनर्गठन
- लक्ष्य भाषा में अभिव्यक्ति
अनुवाद की प्रक्रिया मुख्य रूप से अर्थ के ग्रहण तथा संप्रेषण की प्रक्रिया है
12.संरचनात्मक अथवा गठन विधि
यह भी किसी की जाने वाली भाषा की संरचना सीखने पर अधिक बल देती है इसके अंतर्गत मौखिक अभ्यास पर बल दिया जाता है
13.निर्दिष्ट कार्यविधि
इस विधि के अंतर्गत छात्रों को पाठ पढ़ाने से पहले ही उस पाठ को से संबंधित कार्य दे दिया जाता है जैसे कुछ कठिन शब्दों का अर्थ कविता याद करना पाठ से संबंधित प्रश्न घर से याद करके ले ली लाने को कहा जाता है
इसी बालकों में स्वयं विचार करने और सीखने की आदत पड़ जाती है
14.पर्यवेक्षक विधि
इस विधि के अंतर्गत विद्यार्थियों को कार्य दे दिया जाता है और छात्र बिना किसी सहायता की उस कार्य को करते हैं इसके कारण छात्रों में स्वयं कार्य करने की आदत हो जाती है
15.खेल विधि
खेल द्वारा शिक्षार्थी आनंद पूर्वक शिक्षा ग्रहण करते हैं कोल्डवेल कोक महोदय का कहना है कि केवल श्रवण और पठान मात्र से ही शिक्षा पूरी नहीं होती बल्कि इसके लिए रुचि पूर्ण स्वाध्याय और स्वानुभूति की आवश्यकता होती
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