Hindi Notes
Hindi Sahitya ke Important Question Answer (हिंदी साहित्य)
Top 100 Hindi Sahitya Question Answers (हिंदी साहित्य महत्वपूर्ण प्रशनोतरी)
इस आर्टिकल में हम आपके साथ हैं हिंदी साहित्य की कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी सांझा कर रहे हैं। इस (Hindi Sahitya ke Important Question Answer) आर्टिकल में हमने हिंदी साहित्य के कुछ अति महत्वपूर्ण प्रश्नों को शामिल किया है। जो आगामी परीक्षाओं जैसे UPTET और अन्य सभी स्टेट की TET एग्जाम दृष्टि से अत्यंत ही महत्वपूर्ण है।
हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण प्रश्न (Hindi Literature Questions and Answers)
प्रश्न भारतीय आर्य भाषाओं में विकास के कितने चरण हैं?
उत्तर 3
प्रश्न निम्न में से किस विद्वान ने प्राकृत को मिली तथा संस्कृत को कठोर कहां है?
उत्तर राजशेखर
प्रश्न अपभ्रंश में राम काव्य के प्रथम कवि है?
उत्तर स्वयंभू
प्रश्न हिंदी में हिंदी साहित्य का इतिहास सबसे पहले किसने लिखा?
उत्तर शिव सिंह सिंगर
प्रश्न हिंदी साहित्य का आधा इतिहास किसने लिखा है?
उत्तर सुमन राजे
प्रश्न रीतिकाल को अंधकार काल किसने कहा है?
उत्तर त्रिलोचन
प्रश्न हिंदी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास के लेखक हैं?
उत्तर विश्वनाथ त्रिपाठी
प्रश्न हिंदी की पहली कहानी लेखिका का नाम क्या है?
उत्तर बंग महिला
प्रश्न प्रेमचंद के किस उपन्यास का पात्र सूरदास है?
उत्तर रंगभूमि
प्रश्न सिद्धओ ने किस भाषा शैली की रचनाएं की है?
उत्तर संधा
प्रश्न डॉ रामकुमार वर्मा ने संधि काल का समय माना है?
उत्तर 750 से 1000
प्रश्न हिंदी साहित्य के प्रारंभिक काल को जय काल किसने कहा है?
उत्तर रमाशंकर सुरती रसाल
प्रश्न घुटन रचना का संबंध किस विधा से है?
उत्तर आत्मकथा
प्रश्न गर्दिश के दिन आत्मकथा के लेखक कौन है?
उत्तर कमलेश्वर
प्रश्न पुष्टिमार्ग के प्रवर्तक माने जाते हैं?
उत्तर वल्लभाचार्य
प्रश्न हिंदी के किस साहित्यकार को सर्वप्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ?
उत्तर सुमित्रानंदन पंत 1968
प्रश्न शब्दार्थ श रिर दावत काव्यम यह परिभाषा किसने दी है?
उत्तर वामन
प्रश्न हिंदी के प्रथम दैनिक समाचार पत्र का नाम बताओ?
उत्तर उदंत मार्तंड
प्रश्न अवधि को अन्य किस नाम से भी जाना जाता है?
उत्तर कौशली
प्रश्न स्नेहलीला के रचनाकार कौन हैं?
उत्तर विष्णु दास
प्रश्न आदिकाल साहित्य का प्रमुख रस है?
उत्तर वीर
प्रश्न मनोविश्लेषण वादी कवि किसे माना जाता है?
उत्तर अजेय
प्रश्न हिंदी का सबसे प्राचीन छंद कौन सा है?
उत्तर दोहा
प्रश्न कौनसी कवि तार सप्तक नहीं है?
उत्तर रामधारी सिंह दिनकर
प्रश्न रामायण महा नाटक 1610 की रचयिता है?
उत्तर प्राण चंद चौहान
प्रश्न कबीर की भाषा को साधु कड़ी किसने कहा है?
उत्तर रामचंद्र शुक्ल
प्रश्न कबीर की भाषा को पंचमेल खिचड़ी किसने कहा?
उत्तर बाबू श्याम सुंदर दास
प्रश्न दिवेदी युग का कभी नहीं है?
उत्तर अंबिकादत्त व्यास
प्रश्न अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध की प्रथम रचना है ?
उत्तर कृष्ण शतक
प्रश्न आनंद अरुणोदय किसकी रचना है ?
उत्तर प्रेमघन
प्रश्न भारतेंदु की कविता की सबसे बड़ी विशेषता क्या है?
उत्तर प्राचीन और नवीन का समन्वय
प्रश्न कामायनी में श्रद्धा किसका प्रतीक है?
उत्तर ह्रदय का
प्रश्न हिंदी में स्वच्छंद छंद के प्रथम प्रयोग ता कौन है?
उत्तर निराला
प्रश्न छायावादी कवि का रूद्र किसे कहा जाता है?
उत्तर निराला
प्रश्न लोकायतन किस प्रकार की रचना है?
उत्तर प्रबंध काव्य
प्रश्न आचार्य नंददुलारे वाजपेई नहीं छायावाद का जनक किसे माना है?
उत्तर सुमित्रानंदन पंत
प्रश्न छायावाद को चित्र भाषा शैली किसने कहा?
उत्तर रामचंद्र शुक्ल ने
प्रश्न जगन्नाथदास रत्नाकर किस उपनाम से उर्दू में कविता लिखते थे?
उत्तर जकी
प्रश्न हिंदी का प्रथम सूफी कवि कौन है?
उत्तर मुरला दाऊद
प्रश्न श्री गुरु ग्रंथ साहब का संकलन किसने किया है?
उत्तर अर्जुन देव
प्रश्न लखनऊ में प्रगतिशील लेखक संघ के प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता किसने की?
उत्तर प्रेमचंद्र
प्रश्न खरोष्ठी लिपि की उत्पत्ति किससे हुई है?
उत्तर अरमैक लिपि
(Hindi Sahitya ke Important Question Answer)
प्रश्न अंततः व्यंजनों की संख्या कितनी है?
उत्तर 4
प्रश्न मानक हिंदी से क्या तात्पर्य है?
उत्तर साहित्य पुस्तकों की भाषा
प्रश्न मेवाती किस उपभाषा वर्ग की बोली है?
उत्तर राजस्थानी हिंदी
प्रश्न संविधान के अनुच्छेद 351 में किस विषय का वर्णन है?
उत्तर हिंदी के विकास के लिए निर्देश
प्रश्न ग्वालियर की बोली है?
उत्तर बुंदेली
प्रश्न अपभ्रंश को पुरानी हिंदी किसने कहा?
उत्तर चंद्रधर शर्मा गुलेरी
प्रश्न संविधान की आठवीं अनुसूची में कौन सी भाषा शामिल नहीं है?
उत्तर भोजपुरी
प्रश्न मालती माधव किसकी रचना?
उत्तर भवभूति
प्रश्न रोला छंद के प्रत्येक चरण में कितनी मात्राएं होती हैं?
उत्तर 24
प्रश्न नामवर सिंह किस कृति के लेखक हैं?
उत्तर दूसरी परंपरा की खोज
प्रश्न द्वापर किसकी प्रसिद्ध कृति है?
उत्तर मैथिलीशरण गुप्त
प्रश्न भाषा की प्रकृति कैसी होती है?
उत्तर कठिन से सरल की ओर
प्रश्न प्रेमचंद्र घर में शीर्षक से प्रेमचंद्र की जीवनी किसने लिखी है?
उत्तर शिवरानी देवी
प्रश्न वटवृक्ष की छाया में जीवनी किसकी जीवन पर आधारित है?
उत्तर अमृतलाल नागर
प्रश्न अकाल पुरुष गांधी जीवनी के लेखक हैं?
उत्तर जैनेंद्र कुमार
प्रश्न माटी की मूरतें किस विधा से संबंधित है?
उत्तर रेखा चित्र
प्रश्न हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा कितने भागों में विभाजित?
उत्तर 4
प्रश्न माखनलाल चतुर्वेदी को किस रचना के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था?
उत्तर हिम तरंगिणी
प्रश्न शब्दार्थ हो काव्यम यह परिभाषा किसने दी है?
उत्तर रुदट
प्रश्नभारत में सर्वप्रथम अपने नाट्यशास्त्र में कितने अलंकारों का उल्लेख किया है?
उत्तर 4
प्रश्न हिंदी का प्रथम गद्य कार कौन था?
उत्तर लल्लू लाल
प्रश्न भुक्ति बाद की अवधारणा किसकी है?
उत्तर भट्ट नायक
प्रश्न कुटज के रचयिता कौन हैं?
उत्तर हजारी प्रसाद द्विवेदी
प्रश्न शेष कादंबरी के रचयिता है?
उत्तर अलका सरावगी
प्रश्न रामचंद्र शुक्ल ने करुण रस का स्थाई भाव माना है ?
उत्तर करुणा
प्रश्न भोलाराम का जीव किस विधा की रचना है?
उत्तर व्यंग्य
प्रश्न भारतीय हिंदी को हिंदी का प्रथम निबंधकार किसने माना है?
उत्तर शिवदान सिंह चौहान
प्रश्न तुम चंदन हम पानी निबंध के रचनाकार हैं?
उत्तर विद्यानिवास मिश्र
प्रश्न कौन को एक खंडकाव्य है?
उत्तर पार्वती मंगल
प्रश्न किस रचना को छायावाद का मेनिफेस्टो कहा जाता है?
उत्तर पल्लव
प्रश्न बादल को निराला ने बादल राग में किसका प्रतीक माना है?
उत्तर कांति दूत का
प्रश्न हिंदी का पहला उपन्यास आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने किसे माना है?
उत्तर परीक्षा गुरु
प्रश्न प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन कहां हुआ था?
उत्तर मॉरीशस
प्रश्न अद्वैतवाद के प्रवर्तक हैं?
उत्तर शंकराचार्य
प्रश्न लक्ष्मीपुरा नामक रिपोर्ताज के लेखक हैं?
उत्तर शिवदान सिंह चौहान
प्रश्न ब्रज भाषा का विकास किस अपभ्रंश से हुआ है?
उत्तर शौरसेनी
प्रश्न आदिकाल को अपभ्रंश काल किसने कहा है?
उत्तर धीरेंद्र वर्मा
प्रश्न वीर रस प्रधान रचना में गुण होता है?
उत्तर ओज
प्रश्न छायावाद की मूल चेतना किस शब्द समूह से अधिक व्यक्त होती है?
उत्तर प्रकृति का मानवीकरण
प्रश्न चौरासी वैष्णव की वार्ता किसकी रचना है?
उत्तर गोकुलनाथ
प्रश्न अवध विलास के रचनाकार कौन है?
उत्तर लाल दास
प्रश्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की आत्मकथा है?
उत्तर सत्य की खोज
प्रश्न हिंदी में रिपोर्ताज विधा के जनक है?
उत्तर शिवदान सिंह चौहान
प्रश्न अष्टछाप का कवि नहीं है?
उत्तर नाभादास
प्रश्न कविता जीवन और जगत की अभिव्यक्ति है यह किसने कहा है?
उत्तर रामचंद्र शुक्ल
प्रश्न रसवादी आचार्य नहीं है?
उत्तर बामन
प्रश्न एकाग्रता और अभ्यास से उत्पन्न शक्ति को काव्य हेतु किसने माना है?
उत्तर राजशेखर ने
प्रश्न जहां उपमेय में उपमान की संभावना व्यक्त की जाए वहां कौन सा अलंकार होता है?
उत्तर उत्प्रेक्षा
प्रश्न इलाचंद्र जोशी के उपन्यास ओं में यथार्थवाद का रूप मिलता है?
उत्तर मनोवैज्ञानिक
प्रश्न हिंदी साहित्य का प्रथम स्वतंत्रता वादी कवि कौन है?
उत्तर श्रीधर पाठक
प्रश्न भरतमुनि ने काव्य गुणों की संख्या कितनी मानी है?
उत्तर 10
प्रश्न छंद माला के रचयिता कौन है?
उत्तर केशवदास
प्रश्न अलंकार संप्रदाय के प्रवर्तक आचार्य कौन है?
उत्तर भामह
प्रश्न छाले नामक 34 वा संचारी भाव किसने माना है?
उत्तर देव कवि
प्रश्न मीरा की भक्ति मानी जाती है?
उत्तर माधुरी भाव
प्रश्न मृगावती किसकी रचना है?
उत्तर कुतुब वन
प्रश्न पश्चिमी हिंदी की भाषा नहीं है?
उत्तर मैथिली
प्रश्न किस क्षेत्र में ब्रज भाषा नहीं बोली जाती?
उत्तर झांसी
प्रश्न जयशंकर प्रसाद का प्रथम नाटक है?
उत्तर सज्जन
प्रश्न समस्या समाधान नाटकों की रचना किसने की?
उत्तर लक्ष्मी नारायण मिश्रा
प्रश्न हिंदी प्रदीप का संपादन कार्य किसने किया?
उत्तर बालकृष्ण भट्ट
प्रश्न आधे अधूरे किसकी नाटक करती है?
उत्तर मोहन राकेश
प्रश्न कवि और कविता निबंध के लेखक हैं?
उत्तर महावीर प्रसाद द्विवेदी
प्रश्न आचरण की सभ्यता निबंध के लेखक हैं?
उत्तर सरदार पूर्ण सिंह
दोस्तों इस पोस्ट में हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी हमने (Hindi Sahitya ke Important Question Answer) आपके साथ शेयर की है। आशा है यह प्रश्न उत्तरी आपको आने वाली UPTET-2019 के लिए उपयोगी सिद्ध हो।इस आर्टिकल में हमने हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण प्रश्नों तथा पिछले वर्षों में आए हुए प्रश्नों का एक संग्रह आपके साथ साझा किया है। ऐसे ही नवीनतम जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट Studysafar.com पर विजिट करते रहे।
Hindi Notes
(Hindi) अनेक शब्दों के लिए एक शब्द महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
Anek Shabdon ke liye Ek Shabd MCQ Questions: प्रिय पाठकों इस आर्टिकल में हम हिंदी भाषा के अंतर्गत अनेक शब्दों के लिए एक शब्द पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न आपके साथ इस आर्टिकल में शेयर कर रहे हैं जोकि इस प्रकार है।
1. जो धन को व्यर्थ व्यय करता हो –
(a) कृपण
(b) मितव्ययी
(c) अल्पव्ययी
(d) अपव्ययी
Ans- d
2. जो काम न करना चाहे –
(a) आलसी
(b) निकम्मा
(c) अकर्मण्य
(d) दुष्कर
Ans- c
3. जिसे न देख सकें, न सुन सकें और न छू सकें –
(a) निराकार
(b) निर्गुण
(c) अदृश्य
(d) अगोचर
Ans- d
4. जो शत्रु की हत्या करता है?
(a) शत्रुघ्न
(b) नश्वर
(c) जन्मांध
(d) निर्दय
Ans- a
5. आवश्यकता से अधिक वर्षा होना –
(a) अनावृष्टि
(b) अतिवृष्टि
(c) झंझावात
(d) दुर्दिन
Ans- b
6. जो वस्तु खाने योग्य हो –
(a) भोजन
(b) अन्न
(c) खाद्य
(d) अखाद्य
Ans- c
7. जो कवि तत्क्षण ( तुरन्त ) कविता कर सकें –
(a) महाकवि
(b) गायक
(c) रचनाकार
(d) आशुकवि
Ans- d
8. आकाश में विचरण करने वाला –
(a) पक्षी
(b) थलचर
(c) कौवा
(d) नभचर
Ans- d
9. जो अपने कर्त्तव्य को न जानता हो –
(a) अनजान
(b) अज्ञानी
(c) किंकर्त्तव्यविमूढ़
(d) कर्त्तव्यहीन
Ans- c
10. जिसे जीता न जा सके –
(a) विजितक
(b) अज्ञेय
(c) अजेय
(d) दुर्जेय
Ans- c
11. दोपहर के बाद का समय –
(a) पूर्वाह्न
(b) अपराह्न
(c) मध्याह
(d) निशीथ
Ans- b
12. जो आंखों के सामने घटित न हो –
(a) अभिज्ञान
(b) अज्ञात
(c) परोक्ष
(d) अपरोक्ष
Ans- c
13. अन्योन्याश्रित –
(a) किसी पर आश्रित होना
(b) किसी पर आश्रित न होना
(c) एक-दूसरे पर आश्रित होना
(d) किसी को आश्रित बना देना
Ans- c
14. निम्न में कौन-सा शब्द अनेकार्थक है?
(a) अंबर
(b) बालक
(c) साहस
(d) पुस्तक
Ans- a
15. सर्प, मेढ़क, सिंह, घोड़ा, वानर, हाथी आदि को समझाने वाला शब्द है –
(a) शिव
(b) हरि
(c) कपिश
(d) पशु
Ans- b
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Hindi Notes
Makhanlal Chaturvedi ka Jivan Parichay
Makhanlal Chaturvedi Biography in Hindi
नमस्कार! दोस्तों आज के आर्टिकल में हम हिंदी के (Makhanlal Chaturvedi ka Jivan Parichay) प्रसिद्ध कवि माखनलाल चतुर्वेदी जी का जीवन परिचय आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं जो की परीक्षा में अक्सर पूछा जाता है हमने उनके जीवन परिचय व उनकी रचनाओं को एक क्रमबद्ध तरीके से आपके लिए प्रस्तुत किया है जिससे कि आप उसे आसानी से याद करते हैं कर सकें
माखनलाल चतुर्वेदी का जीवन परिचय| Makhanlal Chaturvedi ka Jivan Parichay |
1. | नाम | माखनलाल चतुर्वेदी |
2. | जन्म – | 4 अप्रैल सन 1889 |
3. | पिता – | पंडित श्री नंद लाल चतुर्वेदी |
4. | माता – | श्रीमती सुंदरी बाईं |
5. | जन्म स्थान | बाबई जिला होशंगाबाद (मध्य प्रदेश) |
6. | रचनाएं – | हिम किरिटनी, हिम तरंगिणी, युग चरण, पुष्प की अभिलाषा, अमर राष्ट्र |
7. | भाषा का ज्ञान – | संस्कृत, गुजराती, बांग्ला, हिंदी और अंग्रेजी |
8. | मासिक पत्रिका – | प्रभा |
9. | उपाधि – | डीलिट की उपाधि और पद्मभूषण से अलंकृत |
10. | मृत्यु – | 30 जनवरी सन 1968 ईस्वी |
परिचय
माखनलाल चतुर्वेदी जी का जन्म 4 अप्रैल सन 1889 ईस्वी में होशंगाबाद जिले के बाबई नामक ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम पंडित श्री नंद लाल चतुर्वेदी और माता श्रीमती सुंदरी वाई था। आप की प्रारंभिक शिक्षा विद्यालय में ही हुई और प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत आपने घर पर ही संस्कृत, गुजराती, बांग्ला, हिंदी एवं अंग्रेजी भाषाओं का ज्ञान अर्जित कर लिया। इसके पश्चात आपने कुछ दिनों तक अध्यापन का कार्य भी किया। इसके बाद आपने ‘प्रभा’ नामक एक मासिक पत्रिका का संपादन किया। खंडवा से प्रकाशित होने वाली कर्मवीर नामक पत्रिका लगभग 30 वर्ष तक संपादन और प्रकाशन का कार्य किया। आपने 1913 में अध्यापक की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और पूरी तरह काव्य साधना, पत्रकारिता और राष्ट्रीय आंदोलन के लिए समर्पित हो गए। देश प्रेम के साथ-साथ आपकी कविताओं में प्रकृति और प्रेम का भी चित्रण मिलता है।
रचनाएं
हिंदी साहित्य जगत के इतिहास में माखनलाल चतुर्वेदी जी की रचनाएं एक अमूल्य धरोहर हैं। हिमकिरिटनी, हिमतरंगिणी, युग चरण, माता, वेणु लो गूंजे धारा, मरण ज्वार, पुष्प की अभिलाषा, अमर राष्ट्र आदि इनकी प्रमुख रचनाएं हैं कलम के सिपाही के रूप में अपने भारत की स्वाधीनता के आंदोलन में कई उल्लेखनीय कार्य किए। सन 1945 ईस्वी में आप हिंदी साहित्य सम्मेलन के सभापति निर्वाचित हुए। आपकी काव्य सेवाओं के लिए सागर विश्वविद्यालय ने आपको डी लिट की उपाधि से सम्मानित किया। तथा सन् 1963 में भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण की उपाधि से अलंकृत हुए।
काव्य कृतियां
समर्पण,मरण ज्वार, माता, वेणु लो गूंजे धारा, बिजुरी काजल आज रही आदि माखनलाल चतुर्वेदी जी की प्रसिद्ध काव्य कृतियां हैं।
गधात्मक कृतियां
कृष्णार्जुन युद्ध, समय के पांव, साहित्य के देवता, आमिर इरादे और गरीब इरादे आदि आपके प्रसिद्ध गद्दात्मक कृतियां हैं।
सम्मान और उपाधि
माखनलाल चतुर्वेदी को 1943 ई० में देव पुरस्कार जो उस दौर का हिन्दी साहित्य का सबसे बड़ा पुरस्कार था
दिया गया हिंदी साहित्य अकादमी पुरस्कार जीतने वाले यह पहले व्यक्ति हैं
हिंदी साहित्य में अभूतपूर्व योगदान देने के कारण माखनलाल चतुर्वेदी को 1959 में सागर यूनिवर्सिटी से
डी.लिट् की उपाधि भी प्रदान की गयी
1963 में भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण दिया गया ( हालाँकि 10 सितम्बर 1967 ई० को राष्ट्र भाषा
हिन्दी पर आघात करने वाले राजभाषा संविधान संशोधन विधेयक के विरोध में माखनलाल जी
ने यह अलंकरण लौटा दिया)
भोपाल का माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय इन्हीं के नाम पर स्थापित किया गया
मृत्यु
30 जनवरी 1968 को राष्ट्र ने साहित्य जगत के अनमोल नगीने को खो दिया, 79 वर्ष की आयु में इस महान साहित्यकार का निधन हो गया माखनलाल चतुर्वेदी जी एक राष्ट्र प्रेमी कवि हुआ करते थे. ये उन प्रमुख कवियों में से एक थे जिन्होंने अपना परम लक्ष्य राष्ट्र हित को माना है
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Hindi Notes
Sumitranandan Pant ka Jivan Parichay in Hindi
सुमित्रानंदन पंत का जीवन परिचय|Biography of Sumitranandan pant
आज हम जानेंगे! प्रकृति के सुकुमार कवि कहे जाने वाले कवि सुमित्रानंदन पंत के बारे में (Sumitranandan Pant ka Jivan Parichay in Hindi) साथ ही उनकी सभी महत्वपूर्ण साहित्यिक रचनाएं और उनकी भाषा शैली का संपूर्ण विवरण इस आर्टिकल में हम आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं
Sumitranandan Pant ka Jivan Parichay
1. | पूरा नाम | सुमित्रानंदन पंत |
2. | दूसरा नाम | गुसाई दत्त |
3. | जन्म | 20 मई 1900 |
4. | पिता | श्री गंगाधर दत्त |
5. | माता | श्रीमती सरस्वती देवी |
6. | जन्म स्थान | कौसानी ,अल्मोड़ा (बागेश्वर) उत्तराखंड |
7. | हाई स्कूल शिक्षा | गवर्नमेंट हाई स्कूल अल्मोड़ा |
8. | उच्च शिक्षा | 1918 काशी क्विज कॉलेज, म्योर कॉलेज इलाहाबाद |
9. | मासिक पत्रिका | 1938 में मासिक पत्रिका “रूपाभ” का संपादन |
10. | कर्मभूमि | इलाहाबाद (प्रयागराज) |
11. | कार्यशैली | अध्यापक, लेखक, कवि |
12. | कार्यालय | 1950 से 1957 तक आकाशवाणी में परामर्शदाता |
13. | कविता | 1958 में युगवाणी से वाणी काव्य संग्रह की प्रतिनिधि कविताओं का संकलन चिदंबरा प्रकाशित हुआ, जिस पर 1968 में उन्हें ‘भारतीय ज्ञानपीठ’ पुरस्कार प्राप्त हुआ। |
14. | उपाधि | 1961 में पद्म भूषण की उपाधि से विभूषित हुए। |
15. | काव्य संग्रह | 1960 में ‘कला’ और ‘बूढ़ा चांद’ काव्य संग्रह के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ। |
16. | प्रकाशन | 1964 में विशाल महाकाव्य लोकायतन का प्रकाशन हुआ। |
17. | मृत्यु | 29 दिसंबर 1977 को (प्रयागराज) |
जीवन परिचय
प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत जी का जन्म 20 मई सन 1900 में अल्मोड़ा के निकट कौसानी नामक ग्राम में हुआ था, इनकी माता का नाम सरस्वती देवी तथा पिता का नाम पंडित गंगाधरपंत था जो एक धार्मिक ब्राह्मण थे जन्म के 6 घंटे बाद ही इनकी माता सरस्वती देवी का देहांत हो गया तब इनका पालन-पोषण इनकी बुआ ने किया किया पंत जी की प्रारंभिक शिक्षा अल्मोड़ा में हुई, काशी नारायण स्कूल में मैट्रिक की परीक्षा पास की और इंटर में कॉलेज छोड़कर असहयोग आंदोलन में सम्मिलित हो गए
सन 1956 ईस्वी में उत्तर प्रदेश सरकार ने इन्हें ₹100000 के भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया तथा भारत सरकार ने पद्मभूषण से अलंकृत किया था आधुनिक युग के क्रांतिकारी कवियों में पंत जी बहुत ऊंचा स्थान हैं निराला की भांति ही पंत जी ने भी कविता के लिए भाषा व्याकरण और दोनों के बंधनों को मानने से इनकार कर दिया पंत जी के काव्य को छायावादी और प्रगतिवादी दो भागों में बांटा जा सकता है परंतु समय-समय पर उनके कार्य में अनेक परिवर्तन साफ दिखाई पड़ते हैं खड़ी बोली का जो मधुर कोमल कांत रूप जी की कृतियों में मिलता है वह अत्यंत दुर्लभ है इस प्रकार सन 1977 ईस्वी में उनका स्वर्गवास हो गया
साहित्यिक परिचय
कवि सुमित्रानंदन पंत 7 वर्ष की अल्पायु से ही कविताओं की रचना करने लगे थे उन्होंने रूपभा पत्रिका का संपादन किया तत्पश्चात पंत जी का परिचय अरविंद घोष से हुआ और उसने उनसे प्रभावित होकर अनेक रचनाएं की 1916 में पद्म भूषण सम्मान मिला तथा “कला और बूढ़ा चांद” पर साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला छायावादी कविताएं अत्यंत कमल एवं मृदुल भावों को अभिव्यक्त करती है इन के कारणों से पंत जी को “प्रकृति का सुकुमार कवि” कहा जाता है
छायावाद के महत्वपूर्ण स्तंभ सुमित्रानंदन पंत प्रकृति के चितेरे कवि हैं हिंदी की कविता में प्रकृति को पहली बार प्रमुख विषय बनाने का काम पर नहीं किया उनकी कविता प्रकृति और मनुष्य के अंतरंग संबंधों का दस्तावेज है
प्रकृति के अद्भुत चित्रकार पंत का मिजाज कविता में बदलाव का पक्षधर रहा है शुरुआती दौर में उन्होंने छायावादी कविताएं लिखी पल-पल परिवर्तित प्रकृति बेस इन्हें जादू की तरह आकृष्ट कर रहा था बाद में चलकर प्रगतिशील दौड़ में ताजा और वे आंखें जैसी कविताएं भी लिखी इनके साथ ही अरविंद के मानववाद से प्रभावित होकर माना तुम सबसे सुंदर तक जैसी पंक्तियां भी लिखते रहें उन्होंने नाटक, कहानी, आत्मकथा ,उपन्यास और आलोचना के क्षेत्र में भी काम किया रूपाय नामक पत्रिका का संपादन भी किया जिसमें प्रगतिवादी साहित्य का विस्तार से विचार-विमर्श होता है
रचनाएं
- उपवास,
- पल्लव,
- वीणा,
- ग्रंथि,
- गुंजन,
- ग्राम्य,
- युगांत,
- युगांतर,
- स्वर्ण किरण,
- स्वर्ण धूलि,
- कला और बूढ़ा चांद,
- लोकायतन,
- सत्य काम,
- मुक्ति यज्ञ,
- तारा पथ,
- मानसी,
- युगवाणी,
- उत्तरा, र
- जत शिखर,
- शिल्पी,
- सौवर्ण,
- अतिमा,
- पतझड़,
- अवगुंठित,
- जोतिस्ना,
- मेघनाथ वध आदि।
प्रमुख रचनाएं
युगपथ, चिदंबरा, पल्लविनी, स्वच्छंद, आदि।
अनूदित रचनाएं
मधुज्वाल (उमर खय्याम की रुबाईयों का फारसी से हिंदी में अनुवाद)
अन्य कवियों के साथ संग्रह
खादी के फूल (हरिवंश राय बच्चन), प्रथम रश्मि, अनुभूति, परिवर्तन आदि।
भाषा शैली
पंत जी की भाषा कोमल कांत पदावली से युक्त खड़ी बोली है पंत जी की शैली अंग्रेजी, संस्कृत, बांग्ला के कवियों से प्रभावित गीत आत्मक मुक्तक शैली है
साहित्य में स्थान
पंत जी असाधारण प्रतिभा संपन्न साहित्यकार थे
डॉ हजारी प्रसाद द्विवेदी जी ने पंत जी के काव्य का विवेचन करते हुए लिखा है-
“पंत जी केवल शिल्प शिल्पी ही नहीं महानुभाव शिल्पी हैं वे सौंदर्य के निरंतर निखरती सूक्ष्म रूप को वाणी देने वाले भाव शिल्पी भी हैं”
आधुनिक काव्य के कवियों में पंत जी का महत्वपूर्ण स्थान है
महत्वपूर्ण बिंदु
> सुमित्रानंदन पंत का घर आज “सुमित्रानंदन पंत साहित्यिक व वीथिका” बन चुका है।
> उनके कपड़े, चश्मा, कलम आदिव्यक्तिगत वस्तुएं इसी घर में सुरक्षित रखी गई हैं।
> संग्रहालय में उनको मिले ज्ञानपीठ पुरस्कार और हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा मिला वाचस्पति का प्रशस्ति पत्र भी मौजूद है।
> उनकी रचनाएं लोकायतन, आस्था आदि कविता संग्रह की पांडुलिपि अभी सुरक्षित रखी हैं।
> कालाकांकर के कुवर सुरेश सिंह और हरिवंश राय बच्चन से किए गए उनके पत्र व्यवहार की प्रतिलिपि अभी मौजूद हैं।
> सुमित्रानंदन पंत हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
> इस युग को जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और रामकुमार वर्मा जैसे कवियों का युग कहा
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Colours Name in Sanskrit Language || रंगों के नाम संस्कृत में