Child Development and Pedagogy
Latest Mcq of Child Development and Pedagogy | for MP TET Grade 3
Child Development and Pedagogy Objective Questions For CTET, MP TET, UPTET
इस पोस्ट में हम आपके साथ बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र (Latest Mcq of Child Development and Pedagogy) की कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर सांझा कर रहे हैं। जो मध्यप्रदेश में इस वर्ष आयोजित होने वाली पात्रता परीक्षा MP TET grade-3 तथा जुलाई के महीने में आयोजित होने वाली परीक्षा CTET की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस आर्टिकल में हमने लगभग 45 प्रश्नों को आपके साथ शेयर किया है जो आपको इन टीचर एग्जाम को कॉलीफाई करने में मददगार साबित होंगे।
बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (Child Development and Pedagogy MCQ)
1.अध्यापक के दृष्टिकोण से प्रतिभा शीलता किसका संयोजन है?
- उच्च योग्यता- उचित रचनात्मकता- उच्च वचन बदला
- उच्च प्रेरणा- उच्च वचन बद्धता – उच्च क्षमता
- उच्च योग्यता- उच्च क्षमता- उच्च वचनबद्धता
- उच्च क्षमता- उच्च सर्जनात्मकता- उच्च स्मरण शक्ति
2.NCF-2005 के अनुसार के अनुसार गलतियां इस कारण महत्वपूर्ण होती हैं?
- यह कक्षा के कुछ बच्चों को हटाने के लिए आधा स्थान उपलब्ध कराती हैं
- यह अध्यापकों को बच्चों को डांटने के लिए एक तरीका उपलब्ध कराती है
- यह बच्चे के विचार की अंतर्दृष्टि उपलब्ध कराती है तथा समाधान ओं को पहचानने में सहायता करती है
- यह विद्यार्थियों को उत्तरिणं एवं अनुतीर्ण समान में वर्गीकृत करने के लिए मह्तवपूर्ण उपकरण है
3.‘आउट ऑफ द बॉक्स’ चिंतन किससे संबंधित है?
- अनुकूल चिंतन
- स्मृति आधारित चिंतन
- अपसारी चिंतन
- अभिसारी चिंतन
4.वंचित समूहों के विद्यार्थियों को सामान्य विद्यार्थियों के साथ साथ पढ़ना चाहिए इसका अभिप्राय है-
- समावेशी शिक्षा
- विशेष शिक्षा
- एकीकृत शिक्षा
- अपवर्जक शिक्षा
5.विकृत लिखावट से संबंधित लिखने की योग्यता में कमी किस का एक लक्षण है?
- डिसग्राफिया B. डिस्प्रेक्सिया
- डिस्केलकुलिया D. डिस्लेक्सिया
6.शिक्षार्थियों को सबसे कम प्रतिबंध विद्यालय वातावरण में रखने के माध्यम से विद्यालय-
- लड़कियों और अलाभान्वित वर्गों के लिए शैक्षिक अवसरों को सम्मान करता है|
- वंचित वर्ग के बच्चों के जीवन को सामान्य करता है जो इन बच्चों के समुदायों और अभिभावकों के साथ विद्यालय के संबंध को बढ़ा रहा है|
- विज्ञान मेला और प्रश्नोत्तरी जैसी गतिविधियों में लायन विद वर्ग के बच्चे को भागीदार बनाता है|
- दूसरे बच्चों को संवेदनशील बनाता है कि वह लाभान्वित बच्चों को दबाए नहीं और उन्हें निशाना दिखाएं|
7.एकाग्रता समय के साथ मेल बैठाने के लिए एक दत्त कार्य को पूरा करने के लिए आवंटित समय को घटाना और चरणबद्ध तरीके से इस एकाग्रता समय को बढ़ाना निम्नलिखित में से किस प्रकार के विकार को निबटने के सर्वाधिक उपयोगी है?
- अशांत कारी व्यवहार संबंधी विकार
- डिसफासिया
- संवेदी एकीकरण विकास
- एकाग्रता हास् अक्रियाशील विकास
8.निम्नलिखित में से कौन सा उपागम अशांत कारी व्यवहार संबंधी विकार वाले बच्चों के साथ व्यवहार करने के लिए बच्चों को उसके आसपास के लोगों और सामाजिक संस्थाओं के साथ अंतः क्रिया करने का सुझाव देता है? A. मनोगत्यात्मक
- पर्यावरणीय
- जीव वैज्ञानिक
- व्यवहारवादी
9.रेन जूली प्रतिभाशाली की अपनी….. परिभाषा के लिए जाने जाते हैं?
- चार पंक्तिय
- चार स्तरीय
- त्रि वृत्तीय
- त्रि मुखिया
10.प्रतिभाशाली शिक्षार्थियों के लिए-
- अभिक्षमता को कौशल के रूप में समझाना सही है|
- प्रगति के निरीक्षण करने की आवश्यकता नहीं है|
- शिक्षक को अनुकूलन करना चाहिए जैसे शिक्षार्थी में बदलाव आता है|
- शिक्षक को पहल करनी चाहिए और समस्या समाधान में मुख्य भूमिका निभानी चाहिए|
11.इनमें से कौनसी अधिगम अशक्तता वाले बच्चों की एक विशेषता है?
- 50 से नीचे की बुद्धि लब्धि|
- धाराप्रवाह रूप में बढ़ने तथा शब्दों पर पलट कर जाने में कठिनाई|
- अन्य बच्चों को धमकाना तथा आक्रामक कार्यों में लगे रहना|
- एक ही प्रकार की गत्यात्मक प्रिया को बार-बार दोहराना|
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12.एक अध्यापिका समाज के वंचित वर्गों से लाए बच्चों की आवश्यकताओं के प्रति प्रभावशाली तरीके से प्रतिक्रिया निम्नलिखित द्वारा कर सकती है-
- अन्य बच्चों को वंचित वर्ग से आए बच्चों के साथ सहयोग करने के लिए कहना तथा विद्यालय के तरीकों को सीखने में उनकी सहायता करने के लिए कहना|
- वंचित वर्ग से आए बच्चों को विद्यालय के नियमों एवं अपेक्षाओं के प्रति संवेदनशील बनाना ताकि वे उनका अनुपालन करें|
- विद्यालय व्यवस्था तथा स्वयं के उन तौर-तरीकों के बारे में विचार करना जिनसे पक्षपात एवं जोड़ी बताएं झलकती हैं|
- इनमें से कोई नहीं |
13.समावेशी शिक्षा के पीछे मूलाधार यह है कि-
- समाज में विभिन्नता है और विद्यालयों को इस विभिन्नता के प्रति संवेदनशील होने के लिए समावेशी होने की आवश्यकता है|
- प्रत्येक बच्चे के निष्पादन के लिए मानव एक समान तथा मानकीकृत होने चाहिए|
- हमें विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के ऊपर दया करने की आवश्यकता है|
- विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए अलग विद्यालयों की व्यवस्था करना लागत प्रभावी है|
14.” पाठ्य चर्चा ऐसी हो जो पाठ्यपुस्तक के ज्ञान को पुनः प्रस्तुत करने के स्थान पर बच्चों को अपनी आवाज पाने, का, प्रश्न पूछने और जांच पड़ताल करने तथा अपने अनुभवों को बांटने तथा विद्यालय को ज्ञान के साथ जोड़ने में सक्षम बनाएं “| राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005, पृष्ठ 13 पर पृष्ठभूमि में, एक शिक्षक की प्राथमिक भूमिका क्या होनी चाहिए-
- बच्चों के अनुभवों को निरस्त कर पाठ्य पुस्तकों पर ध्यान केंद्रित करना|
- पाठ्य पुस्तक के अध्याय को क्रमवार पूरा करना|
- यह सुनिश्चित करना कि शिक्षिका अच्छे प्रश्न पूछे और शिक्षार्थी अपनी उत्तर पुस्तिका में उत्तर लिखें|
- बच्चों को उनकी अपनी समझ और अपने ज्ञान को साझा करने के पर्याप्त अवसर देना|
15.अधिगम अशक्ता तथा वाले-
- बच्चे दृश्य- शब्दों (साइट वर्ड्स)को आसानी से पहचानते और समझते हैं|
- बच्चों का मानसिक विकास बंद होता है|
- बच्चे निम्न बुद्धि लब्धि वाले होते हैं|
- बच्चों को एक समान दिखाई देने वाले अक्षरों और वर्णों में भ्रम होता है|
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16.एक समावेशी कक्षा में किसी शिक्षिका की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है-
- बच्चे के माता-पिता के व्यवसाय को जानना था कि शिक्षिका प्रत्येक बच्चे के भावी व्यवसाय को जान सके|
- सुनिश्चित करना कि प्रत्येक बच्चे को अपनी संभावना को प्राप्त करने का अवसर मिले|
- कक्षा के लिए ऐसी योजना बनाना कि प्रत्येक बच्चा समान गति से आगे बढ़े|
- यह सुनिश्चित करना कि शिक्षिका कक्षा को मानक निर्देश दे रही है|
17.निम्नलिखित में से कौन सा भूलने का कारण नहीं है?
- मानसिक द्वन्द
- पुनरावृति का अभाव
- सीखने की मात्रा
- शिक्षक की योग्यता
18.निम्नलिखित में से कौन सा कथन समावेशन का सबसे अच्छा वर्णन करता है?
- यह एक विश्वास है कि कुछ बच्चे कभी कुछ सीख ही नहीं सकते |
- यह एक दर्शन है कि सभी बच्चों को नियमित विद्यालय प्रणाली में सामान शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है| C. यह एक दर्शन है कि विशेष बच्चे “ईश्वर के विशेष उपहार हैं”|
- यह एक विश्वास है कि बच्चों को अपनी योग्यता के अनुसार अलग किया जाना चाहिए|
19.”वंचित वर्ग “ की पृष्ठभूमि के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षक को चाहिए कि-
- उनके बारे में अधिक जानकारी जुटाने का प्रयास करें और उन्हें कक्षा में होने वाली चर्चा में शामिल करें|
- उन्हें कक्षा में अलग बिठाए|
- उन पर ध्यान ना दें क्योंकि वे दूसरे शिक्षार्थियों के साथ अंतः क्रिया नहीं कर सकते|
- उन्हें बहुत से लिखित कार्य दे|
20.निम्नलिखित में से कौन सा व्यवहार बच्चों के अधिगम निर्योगायता की पहचान करता है ?
- अपमानजनक|
- ‘B’ को ‘D’ , ‘WAS’ को ‘SAW’’ ‘ ‘21’ को ‘12’ लिखना|
- कम अवधान- विस्तार और उच्च सारी गतिविधि|
- मनोभाव को जल्दी-जल्दी बदलना|
21.एक बच्चा जो आंशिक रूप से देख सकता है-
- उसे शिक्षा नहीं देनी चाहिए, क्योंकि वह उसके किसी काम नहीं आएगी|
- उसे अलग संस्थान में डालने की आवश्यकता है|
- विशेष प्रावधान करते हुए उसे’ नियमित’ विद्यालय में रखना चाहिए|
- बिना किसी विशेष प्रावधान के उसे’ नियमित’ विद्यालय में डालना चाहिए|
22.माध्यमिक विद्यालय की कक्षा में शिक्षिका के पास एक’ ‘बधिर’ बच्चा है उसके लिए यह महत्वपूर्ण है कि-
- विद्यालय सलाहकार से कहे कि वे बच्चे के अभिभावकों से बात करें तथा उन्हें अपने बच्चे को विद्यालय से हटाने के लिए करें|
- यह बच्चे को उस स्थान पर बिठाए जहां से वह शिक्षिका के होंठ तथा चेहरे के भाव साफ तौर पर देख सके|
- उसके प्रति संकेत करें जिससे वह बच्चा बार-बार नहीं कर पा रहा है|
- बच्चे को डांट फटकार कर उसे अलग स्थान पर बैठा है ताकि वह बधिर केंद्र में प्रवेश ले ले|
23.एक शिक्षक समाज के ‘वंचित वर्ग’ के बच्चों की आवश्यकता को प्रभाव पूर्ण तरीके से पूरा कर सकता-
- कक्षा काश के प्रत्येक बच्चे की आवश्यकतानुसार आपने शिक्षण कौशल अपनाकर|
- उनकी पृष्ठभूमि की उपेक्षा करके तथा उन्हें विद्यालय में कार्य करने के लिए कह कर|
- उन्हें कक्षा कक्ष में अलग स्थान पर बैठा कर, ताकि वे अन्य बच्चों से मेलजोल ना करें|
- अन्य बच्चों को वंचित पृष्ठभूमि वाले बच्चों के प्रति सहानुभूति पूर्ण व्यवहार करने के लिए कह कर|
(Latest Mcq of Child Development and Pedagogy)
24.अधिगम निर्योगियता वाले बच्चे-
- बहुत सक्रिय होते हैं, लेकिन उनकी बुद्धि लब्धि कम होती है|
- बहुत बुद्धिमान तथा परिपक्व होते हैं|
- कुछ भी नहीं सीख सकते|
- अधिगम के कुछ पक्षों से संघर्ष करते हैं|
25.शिक्षक बच्चों को सर्जनात्मक विचारों के लिए प्रोत्साहित कर सकता है-
- उन्हें बहुत कल भी प्रश्न देकर|
- उन्हें समस्या समाधान के लिए विभिन्न तरीकों से सोचने के लिए कह कर|
- उन्हें उत्तर कंठस्थ करने के लिए कह कर|
- उनसे प्रतिस्मरण आधारित प्रश्न पूछकर|
26.विशेष आवश्यकता वाले बच्चों में व्यवहार करने के लिए निम्नलिखित दार्शनिक दृष्टिकोणओं में से किसका अनुसरण किया जाना चाहिए?
- उन्हें समावेशी शिक्षा का और नियमित विद्यालयों में अध्ययन करने का अधिकार प्राप्त है|
- उन्हें किसी प्रकार की शिक्षा की आवश्यकता ही नहीं होती|
- उन्हें पृथक करके उनकी शिक्षा किसी भिन्न शैक्षिक संस्थाओं में होनी चाहिए|
- उन्हें केवल व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए
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27.निम्नलिखित में से कौन सा ‘समझ के लिए शिक्षण’ को प्रदर्शित नहीं करता-
- नियम कैसे काम करता है स्पष्ट करने हेतु उदाहरण उपलब्ध कराने के लिए विद्यार्थियों को पढ़ना|
- समानता और अंतर देखने एवं स्थापित (Generate Analogies) करने के लिए विद्यार्थियों की सहायता करना|
- विद्यार्थियों को एकाकी और प्रक्रियाओं (Isolated Fact and Procedures) को याद करने का योग्य बनाना|
- परिघटना (Phenomenon) या अवधारणा को अपने शब्दों में अभिव्यक्त करने के लिए विद्यार्थियों को कहना|
28.शिक्षार्थी जो पहले सीख चुके हैं उसकी पुनरावृत्ति और प्रत्यय स्मरण में शिक्षायार्थियो की मदद करना महत्वपूर्ण है क्योंकि-
- नई जानकारी को पूर्व जानकारी से जोड़ना सीखने को समृद्ध बनाता है
- पूर्व पाठों को दोहराने का यह प्रभावी तरीका है
- यह शिक्षार्थियों की स्मृति को बढ़ता है जिससे सीखना सुद्रढ़ होता है
- यह किसी की कक्षा अनुदेशन के लिए सुविधाजनक शुरुआत है
29.निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘सीखने’ के बारे में सही है-
- सीखना उस वातावरण में प्रभावी होता है जो संवेगात्मक रूप से सकारात्मक हो और शिक्षार्थियों को संतुष्ट करने वाला हो
- सीखने के किसी भी चरण पर सीखना संवेगात्मक कारकों से प्रभावित नहीं होता
- सीखना मूल रूप से मानसिक प्रक्रिया है
- इनमें से कोई नहीं
30.‘’एक बच्चा अतीत की समान परिस्थिति में की गई अनु क्रियाओं के आधार पर नई स्थिति के प्रति अनु-क्रिया करता है’’ यह किससे संबंधित है-
- सीखने का ‘सादर्शयता नियम’ (Law of Similarity)
- सीखने का ‘प्रभाव नियम’ (Law of Effect)
- सीखने की प्रक्रिया का ‘अभिवृत्ति नियम’ (Law of Attitude)
- सीखने का ‘तत्परता नियम’ (Law of Readines)
31.सीखना समृद्ध हो सकता है यदि-
- वास्तविक दुनिया से उदाहरण को कक्षा में लाया जाए जिससे विद्यार्थी एक दूसरे में अंतर क्रिया करें और शिक्षक उस प्रक्रिया को सुगम बनाएं |
- कक्षा में अधिक से अधिक शिक्षण सामग्री (Teaching Aids) का प्रयोग किया जाए
- शिक्षक विभिन्न प्रकार के व्याख्यान और स्पष्टीकरण (Explanation) का प्रयोग करें
- कक्षा में आवधिक परीक्षाओं (Periodic Tests) पर अपेक्षित ध्यान दिया जाए
32.एक शिक्षक को अपने विद्यार्थियों की क्षमताओं को समझने का प्रयास करना चाहिए निम्नलिखित में से कौन सा क्षेत्र इस उद्देश्य के साथ संबंध है-
- शिक्षा समाज समाजशास्त्र (Education Sociology)
- सामाजिक दर्शन (Social Philosophy)
- मीडिया मनोविज्ञान (Media Psychology)
- शिक्षा मनोविज्ञान (Education Psychology)
33.शिक्षायार्थियो का ‘आत्मा नियमन ‘ ……. की ओर संकेत करता है –
- विद्यार्थियों के लिए विनियम बनाना
- विद्यार्थी निकाय द्वारा बनाए गए नियम विनियम
- स्व अनुशासन और नियंत्रण
- अपने सीखने का स्वयं परीक्षण करने की योग्यता
34.निम्नलिखित में से किस कथन को ‘सीखने’ के लक्षण के रूप में नहीं माना जा सकता-
- सीखना कुछ ऐसी चीज है जो कुछ अनुभवों के परिणाम स्वरुप घटित होती है
- व्यवहार का अध्ययन सीखना है C. अधिगम भी सीखने का एक हिस्सा है
- सीखना एक प्रक्रिया है जो व्यवहार में मदद करती है
35.सिद्धांत के रूप में रचनावाद (Constructivism)-
- दुनिया के बारे में अपना दृष्टिकोण निर्मित करने के शिक्षार्थी की भूमिका पर बल देता है
- सूचनाओं को याद करने और पुनः स्मरण (Recall) द्वारा जांच करने पर बल देता है
- शिक्षक की प्रभुत्व शाली भूमिका पर बल देता है
- अनुकरण की भूमिका पर केंद्रित है
36.विशेष रूप से प्राथमिक स्तर पर विद्यार्थियों के सीखने संबंधी समस्याओं को संबोधित करने का सबसे बेहतर तरीका है-
- अक्षमता के अनुरूप विभिन्न शिक्षण पद्धतियों का प्रयोग करना
- महंगी और चमकदार (Expensive & Glossy) सहायक सामग्री का प्रयोग करना
- सरल और रोचक पाठ्य पुस्तकों का प्रयोग करना
- कहानी कथन पद्धति (Story Telling Method) का प्रयोग करना
37.निम्न में से कौन से कथन को सीखने की प्रक्रिया की विशेषता नहीं बनाना चाहिए-
- शैक्षिक संस्थान की ही एक मात्र स्थान है जहां अधिगम प्राप्त होता है
- सीखना एक व्यापक प्रक्रिया है
- सीखना लक्ष्य मुखी होता है
- अधिगम भी सीखने की प्रक्रिया है
38.सीखने के अंतर्दृष्टि सिद्धांत (Insight Theory of Learning) को निम्नलिखित में से किसने बढ़ावा दिया-
- गेस्टाल्ट सिद्धांत वादी (Gestalt Theorist)
- पावलॉव (Pavlov)
- जीन पियाजे (J.Piaget)
- वाईगोटस्की (Vygostky)
39.अधिगम के प्रक्रम में अभिप्रेरणा-
- सीखने वालों की स्मृति को तेज बनाता है
- पुराने अधिगम से नए अधिगम को विभेदित (Differentiate) करता है
- एक विशेष रूप (Undirectional) से सोचने में सीखने वाले को प्रस्तुत करता है
- नए सीखने वालों में अधिगम के लिए रुचि का सृजन करता है
(Latest Mcq of Child Development and Pedagogy)
40.बचपन से साम्प्रतिक दृष्टिकोण (Current View) की मान्यता है-
- बहुत तरीके से बच्चे व्यस्को के बराबर होते हैं
- बच्चों को युवा प्राप्त वयस्कों के रूप में सबसे अच्छा माना जाता है
- बचपन आधारित रूप से ‘प्रतीक्षा अवधि’ (Waiting Period) है
- बचपन वृद्धि एवं परिवर्तन की एक अनूठी अवधि है
41.अल्प वयस्क बच्चों के अधिगम प्रक्रम में अभिभावकों की भूमिका होनी चाहिए-
- निषेधात्मक (Negative)
- अग्र सक्रिय (Proactive)
- संवेदनात्मक (Sympathetic)
- उदासीन (Neutral)
42.बच्चा किस प्रकार सीखता है-
- पुस्तके पढ़ कर
- परिचर्या (Discussion) द्वारा
- प्रश्न पूछकर
- कई प्रकार से
43.निम्न में सर्वोत्तम कौन सा एक अच्छा अध्यापक है-
- अध्ययन के लिए व्याख्यान विधि का प्रयोग करता है
- प्रयाग प्रदर्शन के माध्यम से सिखाता है
- विद्यार्थियों को शरदा सीखने के लिए प्रेरित करता है
- विद्यार्थियों को सदैव अनुशासन में रखता है
44.एक अध्यापक की दृष्टि में कौन सा कथन सर्वोत्तम है-
- प्रत्येक बच्चा सीख सकता है
- अधिकतर बच्चे सीख सकते हैं
- कुछ बच्चे सीख सकते हैं
- बहुत कम बच्चे सीख सकते हैं
45.सीखने की प्रक्रिया में विद्यार्थियों द्वारा की गई त्रुटियों के संबंध मैं आपकी दृष्टि में निम्न में से कौन सा कथन सर्वोत्तम है-
- विद्यार्थियों को कभी भी त्रुटियां नहीं करनी चाहिए
- त्रुटियां अधिगम प्रक्रिया का भाग है
- विद्यार्थी की लापरवाही के कारण त्रुटियां होती हैं
- कभी-कभी विद्यार्थी त्रुटियां भी कर सकता है
दोस्तों आज इस पोस्ट में हमने आपके साथ चाइल्ड डेवलपमेंट एंड पेडगॉजी (Latest Mcq of Child Development and Pedagogy) के कुछ ऑब्जेक्टिव शेयर किया है । आशा है यह ऑब्जेक्टिव आपको टीचर लेवल की सभी एग्जाम में सहायता प्रदान करेंगे आपको आने वाली परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं!!!!!!!!!!!!
Child Development and Pedagogy
Pavlov ka Anukulit Anukriya Siddhant For CTET 2021
CTET 2021: पावलव का अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत (Pavlov’s Principle of Optimized Response)
इस आर्टिकल में मनोविज्ञान (Pavlov ka Anukulit Anukriya Siddhant For CTET 2021) का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत आपके साथ शेयर कर रहे हैं। जिसका नाम है, “पावलव का अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत” इस सिद्धांत से संबंधित प्रश्न सभी शिक्षा भर्ती परीक्षा में अवश्य ही पूछे जाते हैं एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है इस सिद्धांत को हमने इस आर्टिकल में विस्तारपूर्वक समझाया है। तथा इससे संबंधित प्रश्न उत्तर आपके साथ साझा किए हैं, आशा है यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा।
पावलव का अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत (Pavlov ka Anukulit Anukriya Siddhant)
प्रतिपादक (अनुबंधन) का जनक- ई पी पावलाव
जन्म- 26 सितंबर 1849 रियाजान, रूस
मृत्यु – 27 फरवरी 1936 मास्को, रूस
ईवान पावलाव –
- ई पी पावलाव रूसी वैज्ञानिक थे। इनका पूरा नाम ‘ईवान पात्रोंविच पावलव’ था।
- इन्होंने पाचन क्रिया के दैहिकी का विशेष रूप से अध्ययन किया और उनका यह अध्ययन इतना महत्वपूर्ण एवं लोकप्रिय हुआ कि 1904 ईस्वी में इसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार भी दिया गया।
- ई पी पावलाव को अनुबंधन का जनक कहा जाता है।
- मनोवैज्ञानिक के साथ-साथ पावलाव एक चिकित्सक भी थी।
- पावलव ने कुत्ते की पैरोटिड ग्रंथि का ऑपरेशन का लार का एकत्रीकरण किया।
- इस प्रयोग द्वारा पावलव में यह निष्कर्ष निकाला कि यदि लंबे समय तक स्वाभाविक तथा अस्वाभाविक उद्दीपन का एक साथ प्रस्तुत किए जाएं तो व्यक्ति अस्वाभाविक उद्दीपन के प्रति भी स्वाभाविक जैसी अनुक्रिया करने लगता है जिसे अनुकूलित अनुक्रिया अथवा अनुबंधित अनुक्रिया कहते हैं।
पावलव s- प्रकार
- प्रयोग– कुत्ते पर प्रयोग किया
- जब कुत्ते के सामने भोजन रख दिया जाता था। जो हमारा उद्दीपक है, तो जैसे ही भोजन रखा जाता तो कुत्ते के मुंह में लार की वृद्धि होती है
- इन्होंने कुत्ते को रस्सी से बांध दिया था।
प्रथम चरण
स्वाभाविक उद्दीपक = स्वाभाविक प्रतिक्रिया
(भोजन) (लार निकलना)
द्वितीय चरण
घंटी + भोजन = लार निकलना
(कृतिम उद्दीपक) (स्वाभाविक उद्दीपक) (स्वाभाविक प्रतिक्रिया)
तृतीय चरण
घंटी = लार निकलना
(कृतिम उद्दीपक) (स्वाभाविक प्रतिक्रिया)
- नोट- घंटी भोजन के मध्य समय – 2 से 4 सेकंड
- भोजन को घंटी से अधिक प्रभावशाली होना चाहिए।
इस सिद्धांत की शैक्षिक उपयोगिता
- शिक्षक को विषय वस्तु के प्रति अनुबंधन करना चाहिए।
- अच्छी आदतों का निर्माण किया जा सकता है।
- अनुशासन बच्चों में लाया जा सकता है।
- बुरी आदत तो वह क्या दी से छुटकारा मिल जाता है।
- सतर्क रहना।
- शिक्षण में दृश्य श्रव्य सामग्री का प्रयोग।
- पुनरावृति पर बल।
- यांत्रिक तरीके से सीखने पर बल।
- इसी प्रकार बालक को में प्रेम भावना का विकास होता है।
- भाषा को सीखने और सिखाने के लिए विशेष उपयोगी।
- आदतों के निर्माण में विशेष उपयोगी।
- भय संबंधित मानसिक भ्रांतियों को दूर करने में सहायक।
उपनाम
- C-R थ्योरी
- शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत
- प्राचीन परंपरागत अनुबंधन सिद्धांत
- समृद्ध प्रतिक्रिया प्रत्यावर्तन सिद्धांत
- अनुबंधन का सिद्धांत
- शरीर शास्त्री सिद्धांत
- क्लासिकल अनुबंधन सिद्धांत
UCS – unconditional stimulus [अनुबंधित उद्दीपक (भोजन), स्वाभाविक उद्दीपक ]
CS – conditional stimulus [अनुबंधित उद्दीपक (घंटी), अस्वाभाविक उद्दीपक ]
UCR – unconditional response [अनुबंधित अनुक्रिया (लार), स्वाभाविक अनुक्रिया]
CR – conditional response [अनुबंधित अनुक्रिया (लार) ,अस्वाभाविक अनुक्रिया]
पावलाव के सिद्धांत पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
Q.1 पावलव का सिद्धांत किस नाम से जाना जाता है ?
a) संबंध प्रत्यावर्तन
b) संबंध प्रतिक्रिया
c) अनुकूलित अनुक्रिया
d) उपयुक्त सभी
Ans-(d)
Q.2 पावलव के शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत के अनुसार घंटी तथा भोजन के मध्य …… ही अनुबंधन कहलाता है ?
a) अनुक्रिया
b) साहचर्य
c) उद्दीपक
d) अंतदृष्टि
Ans-(b)
Q.3 अधिगम से संबंधित पावलव की रचना है –
a) एनिमल इंटेलिजेंस
b) कंडीशन रिफ्लेक्सेस
c) डायनेमिक थ्योरी
d) लर्निंग रिइंफोर्समेंट
Ans-(b)
Q.4 अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धांत – – – – अनुकूल पर बल देता है ?
a) प्रेरणा
b) पुनर्बलन
c) चिंतन
d) अंतदृष्टि
Ans-(a)
Q.5 पावलव के प्राचीन अनुबंधन सिद्धांत में भोजन है ?
a) अनुबंधित उद्दीपक
b) अननुबंधित उद्दीपक
c) अनुबंधित अनुक्रिया
d) अननुबंधितअनुक्रिया
Ans-(b)
Q.6 पावलव के सिद्धांत को कंप्यूटर स्टीमुलेशन द्वारा कौन सी मशीन बताती है ?
a) हॉफमैन मशीन
b) कोफ्का मशीन
c) स्टीमुलेशन मशीन
d) उपरोक्त में से कोई नहीं
Ans-(a)
Q.7 एक व्यक्ति बाजार में सामान खरीदने जाता है तो उसका हाथ अपने आप पेंट के पीछे दाहिनी जेब पर जाता है, इसका कारण है –
a) समायोजन
b) अभी क्षमता
c) प्रतिबाधा
d) अनुबंधन
Ans-(d)
Q.8 अनुबंधन की बाद घंटी की ध्वनि से लार का स्त्राव उदाहरण है ?
a) अनुबंधित अनुक्रिया
b) अनअनुबंधित अनुक्रिया
c) अनुबंधित उद्दीपक
d) अननुंबधित उद्दीपक
Ans-(a)
Q.9 शास्त्रीय अनुबंधन में सम्मिलित होते हैं
a) एक उत्तेजक का दूसरे उत्तेजक से साहचर्य
b) उत्तेजक का अनुक्रिया के लिए स्थान पूर्ति
c) एक उत्तेजक की दूसरी उत्तेजक के लिए स्थान पूर्ति
d) उत्तेजक का अनुक्रिया से साहचर्य
Ans-(a)
Q.10 एक बार बालक जलने के बाद अंगीठी से दूर रहता है, वह उदाहरण है ?
a) प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत
b) क्रिया अनुबंध
c) शास्त्रीय अनुबंधन
d) अंतर्दृष्टि सिद्धांत
Ans-(c)
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सिगमंड फ्रायड का मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त – Freud’s Psychoanalytic Theory of Personality
इस आर्टिकल में आज हम आपके साथ टीचिंग एग्जाम (Sigmund Freud ka Siddhant) की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण टॉपिक सिगमंड फ्रायड का मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत शेयर कर रहे हैं। इस सिद्धांत की विस्तृत जानकारी हमने आपके साथ सांझा की है जो आगामी टीचिंग एग्जाम जैसे –MPTET Grade-3,CTET,REET,UPTET आदि की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण टॉपिक है।
सिगमंड फ्रायड का मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत
इस सिद्धांत का प्रतिपादन सिगमंड फ्रायड ने किया था जो ऑस्ट्रिया के निवासी थे सिद्धांत में मन या मस्तिष्क का विश्लेषण किया जाता है, उनका जन्म 6 मई 1856 को हुआ था।उन्नीसवीं सदी के आरंभ के कुछ समय पहले मनोविज्ञान एक स्वतंत्र विज्ञान के रूप में विकसित हुआ इसलिए पहले मनोविज्ञान को दर्शन के अंतर्गत पढ़ा जाता था। उस वक्त मनोविज्ञान का उद्देश्य वयस्क मानव चेतना का विश्लेषण और अध्ययन करना था ब्राइटनेस परंपरागत चेतना के मनोविज्ञान का विरोध किया और मनोविश्लेषण संबंधी कई नई संकल्पनाओं का प्रतिपादन किया, जिस पर हमारा आधुनिक मनोविज्ञान टिका हुआ है।
प्रतिपादन- सिगमंड फ्रायड
जन्म- 6 मई 1856
मृत्यु- 23 सितंबर 1940
निवासी-ऑस्ट्रिया (वियाना) में
इन्होंने मन की तीन प्रकार बताएं है –
1.चेतन मन (conscious mind)- यह मन वर्तमान के विचारों से संबंधित होता है।
2.अर्द्ध चेतन मन (subconscious mind)-इसमें हमें तुरंत ज्ञान नहीं होता लेकिन कुछ टाइम देखकर याद किया जा सकता है।
3.अचेन मन (Unconscious mind)-इसमें भी बातें होती है जो हम भूल चुके हैं और हमारी याद करने पर भी याद नहीं आती हैं।
फ्रायड व्यक्तित्व को तीन भागों में बांटा है –
i) ld (इदम्)-उसने व्यक्ति की शारीरिक और मूल अवस्था आवश्यकताएं हैं जैसे- भूख,प्यास आदि को satisfied करना होता हैयह सामाजिक आवश्यकता और नैतिक मूल्यों की चिंता किए बिना इच्छाओं की पूर्ति पर बल देता है।
ii) Ego (अहम)-यह आवश्यकताओं या इच्छाओं की संतुष्टि की योजना का निर्माण करता है और उसका implementationकरता है या परिणाम की चिंता करता है।
iii) super Ego (पराअहम्)- यह समाज द्वारा नैतिक सूत्रों के according काम करता हैयानी जिस व्यक्ति के अंदर super Ego ज्यादा होगी वह बुरे कामों से उतना ही दूर होगा जैसे – चोरी ना करना या झूठ ना बोलना ।
फ्राइड के व्यक्तित्व संबंधी विचारों को मनो लैंगिक विकास का सिद्धांत भी कहा जाता है। इसे फ्राइड ने 5 अवस्थाओं में बांटा है।
1.मौखिक अवस्था (Oral Stage)- जन्म से 1 वर्ष
2.गुदा अवस्था (Anal Stage) -2 से 3 वर्ष
3.लैंगिक अवस्था (Phallic Stage)- 4 से 5 वर्ष
4.सुषुप्त अवस्था (Lantency Stage) -6 से 12 वर्ष
5.जननी अवस्था (Gental Stage) -12 से 20 वर्ष
सिगमंड फ्रायड ने दो मूल प्रवृत्तियां बताई है –
1.जीवन
2.मृत्यु
स्वमोह- ऑडीपस व इलेक्ट्रा ग्रंथि
“सिगमंड फ्रायड के अनुसार“ ,लड़कों में ऑडीपस ग्रंथि पाई जाती है जिसके कारण वह अपनी मां से अधिक प्रेम करेंगे।
तथा लड़कियों में इलेक्ट्रा ग्रंथि पाई जाने के कारण वह अपने पिता से अधिक प्रेम करती हैं।
लिबिडो(Libido) -प्रेम, स्नेह व काम प्रगति को लिबिडो कहते हैं यह एक स्वाभाविक प्रकृति होती है और यदि इस प्रवृत्ति का दमन किया जाता है तो व्यक्ति को समायोजित हो जाता है
शैशव कामुकता-शैशव कामुकता की बात पर सिगमंड फ्रायड व उनके शिष्य जुग या युग के मध्य मतभेद हो जाता है
व्यक्तित्व मापन की विधियां
प्रक्षेपी विधियां
1.T.A.T (Thematic apperception test)
2.C.A.T (Children apperception test)
3.I.B.T (Ink Blot Test)
4.S.C.T (Sentence Complant Test)
5.F.W.A.T
अप्रक्षेपी विधियां
आत्म निष्ठ या व्यक्ति निष्ठ
- आत्मकथा विधि
- व्यक्ति इतिहास विधि
- साक्षात्कार विधि
- प्रश्नावली विधि
वस्तुनिष्ठ विधि
- समाजमिति विधि
- कर्म निर्धारण विधि
- शारीरिक परीक्षण विधि
- निरीक्षण विधि
प्रक्षेपण विधियां
- प्रक्षेपण शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम सिगमंड फ्रायड ने किया
- प्रक्षेप का अर्थ है अपनी बातों विचारों भावनाओं अनुभाव वादी को स्वयं ना बता कर किसी अन्य उद्दीपक या पदार्थ के माध्यम से अभिव्यक्त करना
1.T.A.T (Thematic apperception test) -प्रासंगिक अंतर बौद्ध परीक्षण या कथा प्रसंग परीक्षण
- प्रतिपादक- मोरगन वा मुर्र
- सन– 1935
- कुल कार्डों की संख्या- 31
- इस परीक्षण में 10 कारणों पर पुरुषों से संबंधित व 10 कार्डों पर महिलाओं से संबंधित 10 कारणों पर दोनों के चित्र बने होते हैं
- बालक को को चित्र दिखाकर कहानी लिखने को कहा जाता है और कम से कम 10 कार्ड ऊपर कहानी लिख पाई जाती है
- इस परीक्षण में 14 वर्ष से अधिक आयु वाले बालकों के लिए प्रयोग किया जाता है
- इसमें व्यक्ति की रुचियां, इच्छाओं बा आवश्यकताओं की जानकारी होती है।
2. C.A.T(Children apperception test)-बाल संप्रत्यय परीक्षण
- प्रतिपादक- लियोपोल्ड बेलोक (1948)
- विकास में योगदान- डॉ अर्नेस्ट कृष
- कार्डों की संख्या- 10
- इस परीक्षण में 10 कार्ड पर जानवरों के चित्र बने होते हैं बालक को को चित्र दिखाकर कहानी लिखने को कहा जाता है यह परीक्षण 3 से 11 वर्ष के बालक को के लिए उपयोगी हो।
3 .I.B.T (Ink Blot Test)-रोर्शा स्याही धब्बा परीक्षण
- प्रतिपादक- हरमन रोर्शा( 1921)
- कार्डों की संख्या– 10
- इस परीक्षण में 10 कार्डों पर स्याही के धब्बे बने होते हैं पांच कारणों पर काले और सफेद तथा बाकी पांच पर विभिन्न रंगों के धब्बे बने होते हैं
- बालक को को आकृति दिखाकर उसके बारे में पूछा जाता है इसमें बालक को के क्रियात्मक, भावात्मक बा संज्ञानात्मक परीक्षण किए जाते हैं
4.S.C.T (Sentence Complant Test)-वाक्य पूर्ति परीक्षण
- प्रतिपादक- पाइन एंड टेंडलर( 1930)
- विकास में योगदान– रोटर
- उदाहरण- मैं बहुत खुश होता हूं जब मेरे माता पिता………………. मुझे देते हैं
5.F.W.A.T -स्वतंत्र शब्द साहचर्य परीक्षण
- यह एक मनोविश्लेषणात्मक विधि है
- प्रतिपादक– फ्रांसिस गॉल्टन
- सन- 1879
- सहयोग- विलियम वांट
- इस परीक्षण में व्यक्तित्व मापन के अलावा कई मनोवैज्ञानिक रोगों का इलाज भी किया जाता है
अप्रक्षेपी या अन्य विधियां – (चेतन मन का अध्ययन)
1.आत्म निष्ठ या व्यक्ति निष्ठ विधि
a.आत्मकथा या अंतर दर्शन विधि
- प्रवर्तक- विलियम वुण्ट और शिष्य टिचनेर
- यह एक प्राचीनतम विधि है
- यह एक मनोवैज्ञानिक विधि नहीं है
- इसके कारण इनका वर्तमान समय में उपयोग नहीं किया जाता है
b . व्यक्ति इतिहास विधि/ जीवन कृत विधि/ केस स्टडी-
- प्रवर्तक- टाइड मैन
- निदानात्मक अध्ययनों की सर्वश्रेष्ठ विधि है आज सामान्य बालकों के निदान की सर्वश्रेष्ठ विधि है समस्या के कारण को जानना निदान कहलाता है जो मनोविज्ञान की सहायता से किया जाता है तथा कारण को दूर करना उपचार कहलाता है जो शिक्षा की सहायता से किया जाता है बिना निदान के उपचार संभव नहीं है
c .प्रश्नावली विधि
- प्रवर्तक-वुडवर्थ
- प्रश्नावली में आमने- सामने होना जरूरी नहीं होता और उत्तर के रूप में विकल्प होते हैं
d.साक्षात्कार विधि
- साक्षात्कार विधि का प्रारंभ अमेरिका में हुआ इसमें प्रश्नों का कोई बंधन नहीं होता है और ना ही समय पर साक्षात्कार वार्तालाप का ही एक रूप माना जाता है
- वस्तुनिष्ठ विधिया
- a.निरीक्षण विधि या वही दर्शन विधि
- प्रवर्तक- व्हाटसन
- इस विधि में सामने वाले व्यक्ति के व्यापार का भिन्न भिन्न परिस्थितियों का अध्ययन किया जाता है और निष्कर्ष निकाला जाता है कि विषय का व्यक्तित्व कैसा है
b . समाजमिति विधि
- प्रवर्तक- J. L.मोरेनो
- इस विधि में व्यक्ति की सामाजिकता के बारे में समाज के व्यक्तियों से जानकारी लेकर निष्कर्ष निकाला जाता है कि विषय का व्यक्तित्व कैसा है
c . कर्म निर्धारण मापनी/ रेटिंग स्केल
- प्रतिपादक-थरस्टेन
- इस परीक्षण में पूर्ण सहमत- सहमत- अनिश्चित- असहमत- पूर्ण सहमत में क्रम निर्धारण मापनी के माध्यम से आंकड़े एकत्रित करके निष्कर्ष निकाला जाता है कि विषय का व्यक्तित्व कैसा है।
d . शारीरिक परीक्षण
- इस परीक्षण में व्यक्ति की शारीरिक जांच करके निष्कर्ष निकाला जाता है कि निर्धारित नौकरी के लिए व्यक्ति स्वस्थ है या नहीं
Sigmund Freud Theory Based Questions and Answers
Q.1 फ्राइड के अनुसार हमारे मूल्यों का आंतरिकीकरण …….. में होता है ।
a) इदम्
b) अहम्
c) पराहम्
d) परिस्थितियों
Ans-(c)
Q.2 फ्राइड के अनुसार मूल प्रवृत्ति के दो प्रकार हैं –
a) आक्रामकता एवं चिंता
b) अहम तथा पराअहम
c) इरोज एवं थेनेटॉस
d) इड तथा अहम
Ans-(c)
Q.3 मानव व्यक्तित्व के मनो लैंगिक विकास को निम्न में से किसने महत्व दिया था ?
a) कमेनियस
b) हॉल
c) हॉलिंगवर्थ
d) फ्रायड
Ans-(d)
Q.4 इदम् का ईगो पर हावी होने की स्थिति में व्यक्ति होता है –
a)अनैतिक व असामाजिक
b) दबाव
c) दुशचिंता
d) कुंठित
Ans-(a)
Q.5 अलमारी से अमूल किताब नहीं पाता है और थोड़ी देर के लिए परेशान हो जाता है फिर याद आती है कि उस किताब को हमने अपने दोस्त को दिया था यह अवस्था है –
a) चेतन मन
b) अचेतन मन
c) अर्द्धचेतन मन
d) इदम
Ans- (c)
Q.6 शारीरिक योग्यता वाले व्यक्ति के लिए निम्न में से कौन सी युक्ति रक्षा तंत्र में सबसे संतोषजनक होगी ?
a) तादात्मीकरण
b) विवेकीकरण
c) अति कल्पना
d) इनमें से कोई नहीं
Ans-(c)
Q.7 निम्न में से कौन सा तरीका प्रत्यक्ष समायोजन का है ?
a) प्रक्षेपण
b) दमन
c) प्रतिगमन
d) लक्ष्यों का प्रतिस्थापन
Ans-(d)
Q.8 विकास की अवस्था तौर पर 1 से 3 वर्ष की आयु में होती है इनको विकसित होने लगता है और इड कुछ हद तक नियंत्रित हो जाती है
a) मौखिक
b) फालिक
c) विलम्ब
d) गुदा
Ans-(d)
Q.9 कुछ लोग कहते हैं कि जब बच्चों पर गुस्सा आता है, तो वे खेलते हैं जब तक भी बेहतर महसूस ना करें । इस व्यवहार का प्रतिनिधित्व कौन सा रक्षा तंत्र करता है ?
a) प्रक्षेपण
b) विस्थापन
c) प्रतिक्रिया गठन
d) उच्च बनाने की क्रिया
Ans-(b)
Q.10 5 वर्ष के बालक में अपने पिता के पिता माता के प्रति अत्यधिक प्रेम की भावना विकसित हो जाती है बालक के व्यापार में होने वाले इस परिवर्तन को फ्राइड द्वारा क्या नाम दिया गया है ?
a) पराहम्
b) इलेक्ट्रा कंपलेक्स
c) ओडिपस कंपलेक्स
d) नार्सीजिज्म
Ans-(c)
Read more……….
इस पोस्ट में हमने आपके साथ व्यक्तित्व मापन का सिगमंड फ्रायड का मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत (Sigmund Freud ka Siddhant) सांझा किया है ,आशा है यह आर्टिकल आपकी परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा आपको आने वाली सभी परीक्षाओं के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं। ऐसी नवीनतम जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहे।
Child Development and Pedagogy
CTET Exam 2021: व्यक्तित्व पर आधारित इन सवालों के जवाब देकर चेक करें,अपनी तैयारी का स्तर
CTET 2021(CTET personality based MCQ) : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा आयोजित की जाने वाली केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) का आयोजन 16 दिसंबर से 13 जनवरी के बीच किया जाएगा।यह परीक्षा देश की सबसे बड़ी शिक्षक पात्रता परीक्षा में से एक है और इसमें शामिल होकर हर साल लाखों अभ्यर्थी अपने शिक्षक बनने के सपने को पूरा करते हैं, चूँकि अब परीक्षा में कुछ ही दिन का समय शेष बचा है ऐसे में अभ्यर्थियों के लिए आवश्यक है रिवीजन के साथ-साथ प्रैक्टिस सेट लगावे, जिससे कि परीक्षा में होने वाली गलतियों से बचा जा सके,यदि आप इस परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, तो परीक्षा से पूर्व आपको हमारे द्वारा शेयर किए जा रहे व्यक्तित्व (CTET personality based MCQ) पर आधारित वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को एक बार अवश्य पढ़ लेना चाहिए।
(Personality) व्यक्तित्व का अर्थ-
व्यक्तित्व शब्द अंग्रेजी भाषा की ‘पर्सनैलिटी’ से बना है,अंग्रेजी भाषा का पर्सनैलिटी शब्द लैटिन भाषा के ‘परसोना’ से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है – नकली चेहरा, मोटा या नकाब।
व्यक्तित्व के व्यापक अर्थ में व्यक्ति के बाहरी और आंतरिक दोनों पक्षों को शामिल किया जाता है।
बाहरी पक्ष- इसमें व्यक्ति के रूप, रंग, सुंदरता ,बनावट, वेशभूषा आदि को शामिल किया जाता है, यह पक्ष दूसरे व्यक्ति को तुरंत प्रभावित करता है, लेकिन इसे व्यक्तित्व का अस्थाई पक्ष कहते है।
आंतरिक पक्ष- इसमें व्यक्ति की मानसिक शक्ति, आंतरिक गुणों व संवेगात्मक पक्ष को शामिल किया जाता है, यह व्यक्तित्व का प्रभावी एवं स्थाई पक्ष माना जाता है, जो दूसरे व्यक्ति को जीवन पर्यंत प्रभावित करता रहता है।
व्यक्तित्व की परिभाषाएं
आलपोर्ट के अनुसार
“व्यक्तित्व उन मनो दैहिक व्यवस्थाओं का एक गत्यात्मक संगठन है जो वातावरण के अपूर्व समायोजन को स्थापित करता है। “
रेक्सरॉक के अनुसार
“व्यक्तित्व समाज के द्वारा मान्य पूरा अमान्य गुणों का योग है। “
गिलफोर्ड के अनुसार
“व्यक्तित्व व्यक्ति के सभी गुणों का समूह है। “
वुडवर्थ के अनुसार
“व्यक्तित्व व्यक्ति की समस्त विशेषताओं का योग है। “
Rk मर्डन के अनुसार
“व्यकितत्व व्यक्ति के जन्मजात अर्जित स्वभाव मूल प्रवृत्तियों इच्छाओ भावनाओं का संगठन है। “
आइजेनक के अनुसार
“व्यक्तित्व व्यक्ति के चरित्र स्वभाव बुरी आदत शारीरिक बनावट विशेषता आदि का एक स्थाई व स्थिर संगठन है जो वातावरण के साथ अपना समायोजन कर लेता है।“
सीटेट परीक्षा में पूछे जाते हैं पर्सनैलिटी बेस्ट यह सवाल –Important Questions on Personality for CTET 2021
1.व्यक्तित्व और बुद्धि में वही संबंध है जो बुद्धि और ……. में है ?
a) अध्ययन
b) व्यवहार
c) संलग्नता
d)समायोजन
उत्तर – (b)
2.शेल्डन में व्यक्तित्व को किस आधार पर वर्गीकृत किया ?
a)शारीरिक रचना
b) शीलगुण
c) त्वचा का रंग
d) सामाजिकता
उत्तर – (a)
3. व्यक्तिव का उसकी सामाजिक व्यवहार के आधार पर अंतर्मुखी वर्गों में विभाजित करने वाले मनोवैज्ञानिक हैं ?
a) कैटल
b) युंग
c) आलपोर्ट
d) ब्रुनर
उत्तर-(b)
4.अंतर्मुखी व्यक्तित्व का प्रकार है?
a) शरीर रचना प्रकार
b) मनोवैज्ञानिक प्रकार
c) मूल संबंधी प्रकार
d) रचनात्मक प्रकार
उत्तर – (b)
5.अत्यधिक वाचाल प्रसन्न चित्त और सामाजिक प्रवृत्ति के व्यक्ति के व्यक्तित्व को युंग ने क्या नाम दिया?
a) अंतर्मुखी
b) बहिर्मुखी
c) स्नायु विकृत
d) स्थिर
उत्तर – (b)
6. व्यक्तित्व की प्रक्षेपण विधि कौन सी है?
a) रोर्शा स्याही धब्बा परीक्षण
b) स्टैनफोर्ड बिने परीक्षण
c) बाकर मेहंदी परीक्षण
d)भाटिया परीक्षण माला
उत्तर -(a)
7. “रोर्शा स्याही धब्बा परीक्षण ” व्यक्तित्व परीक्षण का कौन सा प्रकार है ?
a)व्यक्तिगत
b) प्रक्षेपी
c) अप्रेक्षेपी
d) अर्धप्रक्षेपी
उत्तर -(b)
8.व्यक्तित्व मापन की व्यक्तिनिष्ठ विधि है ?
a) व्यक्ति इतिहास
b)क्रम निर्धारण मापनी
c) रोर्शा शाही परीक्षण
d) शब्द साहचर्य परीक्षा
उत्तर -(a)
9.व्यक्तित्व मापन की एक प्रक्षेपी परीक्षण विधि नीचे दी गई है ?
a)साक्षात्कार
b)चेक लिस्ट
c) शब्द सहचार्य परीक्षण
d) व्यक्ति अध्ययन
उत्तर -(c)
10.तनाव को कम करने के लिए अचेतन मन का प्रयोग करना क्या कहलाता है?
a) रक्षात्मक युक्तियां
b) अवधान प्राप्ति
c) लक्ष्यों का विशेषण
d) प्रत्यय बाधा निवारण
उत्तर – (a)
11.रमेश दुबला पतला लंबे कद का व्यक्ति है जो सपनों की दुनिया में खोया रहता है रमेश की यह गुण निम्न में से किस प्रकार के व्यक्तित्व के अंतर्गत आते हैं?
a) स्थूलकाय
b) पुष्टकाय
c)विशालकाय
d) कृषकाय
उत्तर – (d)
12. किशोरावस्था में बालक अधिकांशतः अपने ही रूप पर मोहित हो जाता है फ्रायड ने इस भावना को कहां है –
a) इलेक्ट्रा
b) नार्सिसिज्म
c) ओडिपस
d) इरोस
उत्तर-(b)
13.व्यक्ति के मन में विचार आता है कि मुझे अध्यापक पर प्रहार करना चाहिए और वह बिना किसी कारण ही पूरी कक्षा के सामने अध्यापक पर हाथ उठा देता है उस व्यक्ति का व्यक्तित्व स्तर है?
a) झ्ड
b) इगो
c) सुपर इगो
d) सेण्ट्रल इगो
उत्तर-(a)
14.व्यक्तित्व के किस पहलू से बच्चे के आउटगोइंग (निमार्गी) होने की संभावना बढ़ जाती है?
a) बार्हिमुखता
b) अंतर्मुखता .
c) समाजीकरण
d) स्नायुविकृति
उत्तर – (a)
15. TAT (thematic apperception test) कितने से अधिक आयु के व्यक्ति के लिए उपयोगी है?
a) 18
b) 20
c) 14
d) 6
उत्तर – (c)
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