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Madhya Pradesh ke Pramukh Andolan aur Satyagraha

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MP ke Pramukh Andolan

MP GK: History of Madhya Pradesh

नमस्कार! दोस्तों आज के आर्टिकल में हम जानेंगे (Madhya Pradesh ke Pramukh Andolan aur Satyagraha) मध्य प्रदेश की इतिहास संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी जिसने हम जानेंगे कि मध्य प्रदेश के इतिहास में अनेकों आंदोलनों और सत्याग्रह में का वर्णन है भारत की आजादी में मध्य प्रदेश के किन-किन क्रांतिकारियों ने भाग लिया था और किस तरह सत्याग्रह और आंदोलनों की मदद से भारत की आजादी में अपना सहयोग प्रदान किया तो आइए जानते हैं मध्य प्रदेश के इतिहास में हुए प्रमुख आंदोलनों और सत्याग्रह के बारे में जो की परीक्षा में पूछे जा सकते हैं-

Madhya Pradesh ke Aandolan in Hindi

झंडा सत्याग्रह

  • मार्च 1923 में जबलपुर में तिरंगा झंडा फहराने को लेकर स्थानीय अधिकारियों में विवाद हुआ।
  • यह विवाद कांग्रेस सदस्यों द्वारा 8 मार्च 1923 को नगर पालिका भवन पर झंडा फहराने के समय ब्रिटिश डिप्टी कमिश्नर ने क्रोधित होकर झंडा नीचे उतारने का आदेश दिया था।
  • सरकारी प्रतिबंध की अवहेलना करते हुए जिला कांग्रेस समिति ने सत्याग्रह प्रारंभ कर दिया जिसका नेतृत्व पंडित सुंदरलाल शर्मा ,सुभद्रा कुमारी चौहान और नाथूराम मोदी ने किया था।
  • सत्याग्रह करने वालों पर मुकदमा चलाया गया जिसमें पंडित सुंदरलाल शर्मा को 6 माह का कारावास हुआ।
  • इसके बाद नागपुर झंडा सत्याग्रह का केंद्र बन गया तब सुभद्रा कुमारी चौहान और उनके पति लक्ष्मण सिंह को नागपुर भेज दिया गया।
  • 18 अगस्त 1923 को ब्रिटिश अधिकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज के साथ स्वयंसेवकों को जुलूस निकालने की
  • अनुमति दी जिसका नेतृत्व माखनलाल चतुर्वेदी, वल्लभभाई पटेल और राजेंद्र प्रसाद ने किया।

चरण पादुका नरसंहार

  • 14 जनवरी 1931 को मकर सक्रांति के दिन छतरपुर जिले में उर्मिला नदी के तट पर स्थित सिंहपुर चरण पादुका मैदान में चल रही जनसभा को ब्रिटिश सैन्य बल ने चारों ओर से घेर कर जनसभा में उपस्थित लोगों पर गोली चलवाई।
  • इस हत्याकांड में 21 लोगों की मृत्यु हो गई और 26 लोग घायल हुए शहीद होने वालों में सेट सुंदर लाल बौहरा, धर्मदास, रामलाल आदि शामिल थे।
  • चरण पादुका नरसंहार को मध्यप्रदेश के जलियांवाला बाग हत्याकांड की संज्ञा दी जाती है।
  • (Madhya Pradesh ke Pramukh Andolan aur Satyagraha)
  • इस नरसंहार ने पूरे बुंदेलखंड में अंग्रेज शासन के विरुद्ध लोगों को उत्तेजित कर दिया।

जंगल सत्याग्रह

  • वर्ष 1930 में घोड़ाडोंगरी बेतूल क्षेत्र में आदिवासियों ने सत्याग्रह किया।
  • जंगल सत्याग्रह महात्मा गांधी द्वारा प्रारंभ किए गए नमक सत्याग्रह से प्रेरित था इसका नेतृत्व डी पी मिश्रा लाला बाजपेई आदि नेताओं ने किया था।
  • यह आंदोलन बेतूल, वंजारी, ढाल, छिंदवाड़ा, ओरछा, सिवनी, टूरिया और हरदा के जंगलों में व्यापक रूप से फैल गया।
  • जंगल सत्याग्रह के दौरान घोड़ाडोंगरी बेतूल के आदिवासी कंधे पर कंबल डालकर और हाथ में लाठी लेकर ब्रिटिश सत्याग्रह को चुनौती देते हुए गजेंद्र सेवकों के नेतृत्व में जंगल से बाहर आ गए।

मध्यप्रदेश में नमक सत्याग्रह

  • वर्ष 1930 में गांधी जी ने दांडी मार्च करके नमक सत्याग्रह के माध्यम से सरकार को चुनौती दी।
  • 6 अप्रैल 1930 को जबलपुर मैं सेठ गोविंद दास एवं द्वारिका प्रसाद मिश्र के नेतृत्व में नमक सत्याग्रह की शुरुआत हुई।
  • सत्याग्रह के दौरान सिवनी जिले के श्री दुर्गा शंकर मेहता ने गांधी चौक पर नमक बनाकर सत्याग्रह किया।
  • मध्यप्रदेश में जबलपुर और सिवनी के अतिरिक्त खंडवा, सीहोर, रायपुर आदि नगरों में भी नमक कानून तोड़ा गया।

सोहावल का नरसंहार

  • सतना जिले में बिरसिंहपुर के समीप हिनौता गांव में 10 जुलाई 1948 को सोहावल रियासत में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध में लाल बुद्ध प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक आम सभा का आयोजन किया गया।
  • इस सभा में सम्मिलित होने जा रहे लाल बुद्ध प्रताप सिंह, रामआश्रय गौतम, मनधीर पांडे की माजन गांव के समीप ब्रिटिश सैनिकों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई।
  • इस हत्याकांड को माजन गोली कांड के नाम से भी जाना जाता है।

भोपाल राज्य का स्वतंत्रता संग्राम

  • वर्तमान मध्यप्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल भारत की स्वतंत्रता के समय स्वतंत्र नहीं हुई थी।
  • भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह खान ने भोपाल राज्य को स्वतंत्र रखने का निर्णय लिया परंतु वर्ष 1948 में भोपाल राज्य की भारत में विलय की मांग उठने लगी जिसका नेतृत्व भाई रतन कुमार प्रोफेसर अक्षय कुमार पत्रकार प्रेम श्रीवास्तव सूरजमल जैन मथुरा प्रसाद शांति देवी बसंती देवी आदि लोगों ने किया।
  • इस आंदोलन को गति देने के लिए भाई रतन कुमार उनके सहयोगीयों ने “नई राह” नामक अखबार निकाला।
  • इस आंदोलन का केंद्र भोपाल के जुबेर आती में स्थित रतन कुटी था जहां नई राह अखबार का कार्यालय भी था परंतु नवाब के आदेश पर इस कार्यालय को बंद कर दिया गया तब होशंगाबाद से एडवोकेट बाबूलाल वर्मा के घर से भूमिगत होकर आंदोलन चलाया गया।
  • अतः जनता का दबाव देखकर सरदार पटेल ने हस्तक्षेप किया जिसके कारण भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह को विवश होकर विलय समझौते पर हस्ताक्षर करने पड़े इस प्रकार भोपाल 1 जून 1949 को भारत में सम्मिलित हो गया।

पंजाब मेल हत्याकांड

  • 24 जुलाई 1931 को वीर यशवंत सिंह देव नारायण तिवारी और दलपत राव ने खंडवा रेलवे स्टेशन पर हमला करके ब्रिटिश अधिकारी हेक्सेल की हत्या कर दी।
  • जिसके पश्चात 10 अगस्त 1931 को खंडवा दौलत में मुकदमा प्रस्तुत किया गया और 11 दिसंबर 1931 को यशवंत सिंह और देवनारायण तिवारी को फांसी की सजा और दलपतराम को काला पानी की सजा दी गई।

चावल आंदोलन (रीवा)

  • 28 फरवरी 1947 को रीवा राज्य में जबरिया लेवही वसूली के विरोध में त्रिभुवन तिवारी और भैरव प्रसाद उरमालिया ने आंदोलन प्रारंभ किया।
  • रीवा राज्य के सैनिकों द्वारा इन दोनों ही क्रांतिकारियों की हत्या कर दी गई इस आंदोलन को रीवा का चावल आंदोलन कहा जाता है।

जलियांवाला बाग कांड (भोपाल)

  • 14 जनवरी 1949 को मकर सक्रांति के दिन रायसेन बोर सा गांव में नर्मदा नदी के तट पर तिरंगा फहराने के कारण भोपाल रियासत की नवाबी सेना ने अधिकारी जाफर अली खान और स्थानीय लोगों के मध्य संघर्ष प्रारंभ हो गया।
  • इस संघर्ष में नवाब की सेना ने बैजनाथ गुप्ता छोटेलाल वीरधन सिंह मंगल सिंह और विशाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी।
  • इस अकाउंट को भोपाल का जलियांवाला बाग कांड कहा जाता है।

(Madhya Pradesh ke Pramukh Andolan aur Satyagraha)

रतौना का सत्याग्रह

  • सागर के निकट रतौना नामक स्थान में 1920 में कसाई खाने के विरुद्ध असहयोग आंदोलन के सिद्धांतों पर आधारित आंदोलन प्रारंभ किया गया।
  • सागर के रतौना में ब्रिटिश सरकार ने कसाई खाना खोल रखा था जिसमें प्रतिदिन सैकड़ों की तादात में गाय और बैल काटे जाते थे इसके विरोध में कई समाचार पत्रों और स्थानीय नेताओं ने विरोध दर्ज कराया था।
  • बढ़ते विरोध को देखते हुए ब्रिटिश सरकार ने एक समिति का गठन किया और इस समिति की सिफारिश पर कसाई खाने को बंद कर दिया गया असहयोग आंदोलन के दौरान ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध सागर में जनता की यह प्रथम विजय थी।

बुंदेला विद्रोह

  • 1842 में सागर के दीवानी न्यायालय ने सागर जिले के दो बुंदेला ठाकुर जवाहर सिंह बुंदेला और मधुकर शाह पर लगान वसूली के लिए डिक्री देकर उनकी संपत्ति जप्त करने की धमकी दी।
  • डिक्री के विरोध में बुंदेला ठाकुरों ने कुछ अंग्रेज सिपाहियों को मार दिया और शासन के विरुद्ध विद्रोह कर दिया।
  • विद्रोह की आग समस्त बुंदेलखंड में फैल गई नरसिंहपुर में यह विद्रोह सबसे अधिक सफल रहा।
  • नरसिंहपुर से विद्रोह का नेतृत्व गोंड राजा दिल्हन शाह ने किया।
  • इस विद्रोह की आग जबलपुर में भी फैल गई जहां हीरापुर का राजा हृदय शाह ने इस विद्रोह का नेतृत्व किया।
  • बुंदेला विद्रोह का परिणाम यह हुआ कि नर्मदा के दोनों तटों के बहुत बड़े भाग से विदेशी सत्ता कुछ समय के लिए समाप्त हो गई।
  • 1842 के अंत तक विद्रोही सरदारों और अंग्रेजों के बीच छोटी मोटी टक्कर होती रही।
  • इसी बीच कर्नल डेली द्वारा राजा हृदय शाह को सहपरिवार पकड़ लिया गया जिस कारण विद्रोहियों का मनोबल गिर गया।

मध्य प्रदेश के सत्याग्रह से संबंधित प्रश्नोत्तरी

Q.1 सिवनी में किस नेता ने गांधी चौक पर नमक सत्याग्रह किया था ?
A. दुर्गाशंकर मेहता
B. अब्दुल जब्बार
C. प्रभाकर डुंडी राज जटार
D. पूनम चंद राका

Q.2 6 अप्रैल 1930 को किसके नेतृत्व में मध्यप्रदेश में नमक सत्याग्रह प्रारम्भ हुआ ?
A. सेठ गोविंद
B. द्वारका प्रसाद मिश्र
C. ए ओर ब दोनों
D. इनमे से कोई नही

Q.3 मध्यप्रदेश में झंडा सत्याग्रह की शुरुआत कँहा से हुई थी ?
A. शिवपुरी
B. जबलपुर
C. बैतूल
D. छतरपुर

Q.4 13 अप्रैल 1923 को नागपुर में शुरू हुए सत्याग्रह के साथ जबलपुर में किसके नेतृत्व में सत्याग्रह का आयोजन हुआ?
A. दुर्गाशंकर मेहता
B. पंडित सुंदरलाल
C. सरोजिनी नायडू
D. द्वारका प्रसाद मिश्र

Q.5 पंजाब मेल हत्याकांड कँहा हुआ था ?
A. इटारसी रेलवे स्टेशन
B. खंडवा रेलवे स्टेशन
C. रीवा रेलवे स्टेशन
D. जबलपुर रेलवे स्टेशन

Q.6 आदिवासियों ने जंगल सत्याग्रह कब किया था ?
A. बर्ष 1923
B. बर्ष 1925
C. बर्ष 1930
D. इनमे से कोई नही

Q.7 1 बर्ष 1923 में हुए झण्डा सत्याग्रह का निर्देशन किया था ?
A. सर्वश्री देवदास गांधी
B. रामगोपालाचार्य
C. डाँ. राजेन्द्र प्रसाद
D. उपरोक्त सभी

Q.8 बर्ष 1930 में टुरिया जंगल सत्याग्रह का नेतृत्व किसने किया था ?
A. दुर्गाशंकर मेहता
B. गर्जन सिंह कोरकू
C. सुजान सिंह
D. पंडित चंदशेखर

Q.9 चरणपादुका गोलीकांड कँहा हुआ था ?
A. रीवा
B. ग्वालियर
C. छतरपुर
D. जबलपुर

Q.10 1930 में घोड़ा डोगरी सत्याग्रह हुआ था ?
A. जबलपुर
B. छतरपुर
C. बैतूल
D. सिवनी

इन्हें भी पढ़ें:-

1. मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपात Click Here
2. मध्य प्रदेश के प्रमुख अनुसंधान केंद्रों की सूची Click Here
3. मध्य प्रदेश की नदियाँ और उनके उदगम स्थल Click Here
4. मध्यप्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान Click Here
5. मध्य प्रदेश के प्रमुख समाधि स्थल एवं मकबरे Click Here
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MP GK : मध्य प्रदेश के प्रमुख समाधि स्थल एवं मकबरे

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madhya pradesh ke pramukh samadhi aur makbare

Madhya Pradesh ke Pramukh Samadhi aur Makbare

नमस्कार! दोस्तों Studysafar. com मे आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में (MP GK:मध्य प्रदेश के प्रमुख समाधि स्थल एवं मकबरे) हम मध्य प्रदेश GK का एक महत्वपूर्ण टॉपिक मध्य प्रदेश के प्रमुख महल एवं मकबरे की एक संपूर्ण सूची आपके साथ शेयर कर रहे हैं । मध्यप्रदेश में अनेकों राजा महाराजाओं के पुराने महल और किले उपस्थित हैं । जिनका इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। जैसे -चंदेरी ,चंदेरी मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है बुंदेला और मालवा की सुल्तानों की बनवाई कई इमारते यहां देखी जा सकती हैं । इसका उल्लेख महाभारत में भी मिलता है चंदेरी बुंदेलखंडी शैली की साड़ियों के लिए काफी प्रसिद्ध है। पारंपरिक हस्त निर्मित साड़ियों का यह एक प्रसिद्ध केंद्र है, यहां पर नौवीं और दसवीं सदी के कई जैन मंदिर स्थित है,इसकी वजह से यहां जैन तीर्थ यात्री बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।

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मध्यप्रदेश की प्रमुख महल और मकबर (pramukh samadhi aur makbare in mp)

क्रमांक महल और मकबरे स्थान
1. महारानी सांख्य राजे सिंधिया की समाधि शिवपुरी
2 पीर बुधान का मकबरा शिवपुरी
3. तात्या टोपे की समाधि शिवपुरी
4. माधवराव सिंधिया की समाधि शिवपुरी
5. तानसेन का मकबरा ग्वालियर
6. मोहम्मद गौस का मकबरा ग्वालियर
7. रानी लक्ष्मी बाई की समाधि ग्वालियर
8. झलकारी बाई की समाधि ग्वालियर
9. अब्दुल्लाह शाह चंगेज का मकबरा मांडू( धार)
10. होशंगशाह का मकबरा मांडू( धार)
11. रानी अवंती बाई की समाधि मंडला
12. रानी गिरधारी बाई की समाधि मंडला
13. मुमताज महल की कब्र बुरहानपुर
14. दौलत का लोदी का मकबरा बुरहानपुर
15. नवाब सिद्दीकी हसन खां का मकबरा भोपाल
16. मल्हार राव होलकर की समाधि आलमपुर (भिंड)
17. रानी दुर्गावती की समाधि जबलपुर (बरेला गांव)
18. पेशवा बाजीराव की समाधि रावरखेड़ी (खरगोन)
19. बीजू बावरा की समाधि चंदेरी
20. काना बाबा की समाधि होशंगाबाद

दोस्तों इस आर्टिकल में हमने आपके साथ मध्य प्रदेश की सभी समाधि और मकबरे की सूची सांझा की है।मध्य प्रदेश भारत के ठीक मध्य में स्थित है मध्यप्रदेश में विंध्याचल और सतपुड़ा की पर्वत श्रंखला इस प्रदेश को और अधिक रमणीय बनाती हैं यहां से नर्मदा, ताप्ती ,चंबल ,सोन और महानदी ,निकलकर भारत के कई प्रदेशों में बहती है। इन प्राकृतिक देन (MP GK : मध्य प्रदेश के प्रमुख समाधि स्थल एवं मकबरे) की वजह से मध्य प्रदेश एक बेहद खूबसूरत हरा भरा हिस्सा बनकर उभरता है। मध्य प्रदेश से जुड़ी ऐसी नवीनतम जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहेपको आने वाली सभी परीक्षाओं के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं!!!!!!!!!!!!!!

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Mp Gk : मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां (Rivers of Madhya Pradesh)

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Rivers of Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश की नदियाँ और उनके उदगम स्थल

नमस्कार ! दोस्तों इस पोस्ट में हमने मध्य प्रदेश GK के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण टॉपिक (मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां) का विस्तार से अध्ययन करेंगे । मध्य प्रदेश स्टेट के सभी परीक्षाओं में इस टॉपिक से प्रश्न अवश्य ही पूछे जाते हैं। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको उन प्रश्नों का हल करने में बहुत ही सहायता मिलेगी।

भारत की प्रमुख 7 नदियों में से अनुपम नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक है । और यह मध्य प्रदेश के शहडोल जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील में है।अमरकंटक भारत के पवित्र स्थलों में गिना जाता है नर्मदा और सोन नदियों का उद्गम स्थल आदि काल से ही ऋषि-मुनियों की तपोभूमि रहा है।नर्मदा का उद्गम यहां एक कुंड से और सोनभद्र के पर्वत शिखर से हैं मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां इस प्रकार है-

Can Read Also:- 1. मध्यप्रदेश सरकार की वर्ष 2021 की प्रमुख योजनाएं Click Here

2. River of Madhya Pradesh Important Questions Click Here

मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां (Major Rivers in MP)

नदियों का प्रवाह

चंबल, बेतवा, सोन, केन- उत्तर दिशा की ओर

नर्मदा, ताप्ती- पूर्व दिशा की ओर

बेनगंगा, वर्धा- दक्षिण दिशा की ओर

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1.नर्मदा

उद्गम- अनूपपुर जिले के अमरकंटक से

समापन– खंभात की खाड़ी (अरब सागर)

लंबाई- 1312 (कुल लंबाई) 1077( एमपी में)

अन्य नाम- रेवा, मेकलसूता, नामादोस

सहायक नदियां- नर्मदा नदी की 41 सहायक नदियां हैं जिनमें से प्रमुख है-

वरना, हिरन, हथिनी,ऊटी, शेर, शक्कर, तवा, बंजर, दूधी आदि।

बेसिन क्षेत्र- 93180 वर्ग किलोमीटर

89.9%( एमपी में),6.5%(गुजरात में),2.7%(महाराष्ट्र में)

परियोजना- इंदिरा सागर बांध परियोजना (पुनासा डैम),सरदार सरोवर बांध परियोजना

प्रमुख तथ्य

  • यह मध्यप्रदेश की प्रमुख बड़ी तथा लंबी नदी है।
  • नर्मदा नदी भारत की पांचवीं सबसे बड़ी नदी है।
  • इस नदी को मध्य प्रदेश के लोक माता और जीवन रेखा कहते हैं।
  • नर्मदा को मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था की मेरुरज्जु कहते हैं।
  • यह नदी डेल्टा नहीं बनाती बल्कि एशचूरी का निर्माण करती है।
  • नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण का गठन 1980 में हुआ था।

2.चंबल

उद्गम- इंदौर जिले के महू की जानापाव पहाड़ी से

समापन- यमुना नदी (इटावा के पास)

लंबाई – 965 किलोमीटर

अन्य नाम- धर्मावती, चर्मावती ,भूगर्भा

सहायक नदी- पार्वती, कालीसिंध, सिंध, शिप्रा

परियोजना

  1. गांधी सागर बांध (मंदसौर)- मध्य प्रदेश की प्रथम जल विद्युत परियोजना है
  2. जवाहर सागर/ कोटा बैराज (राजस्थान)
  3. राणा प्रताप सागर परियोजना (राजस्थान)

यह नदी मध्य प्रदेश की सबसे उत्तरी सीमा बनाती है

3.सोन नदी

उद्गम– अनूपपुर के अमरकंटक से

समापन- गंगा नदी (पटना जिले के पास दीनापुर बिहार में)

लंबाई- 780 किलोमीटर

अन्य नाम- स्वर्ण नदी, हिरण्य बाहु

परियोजना- बाणसागर परियोजना शहडोल जिले में (एमपी+ बिहार+ यूपी)

4.ताप्ती नदी

उद्गम- बैतूल के मुलताई से

समापन– अरब सागर में

लंबाई –725 किलोमीटर

अन्य नाम- सूर्य पुत्री

सहायक नदी- पूर्णा

  • यह नदी भी डेल्टा नहीं बनाती तथा एशचुरी का निर्माण करती है।
  • सूरत शहर ताप्ती नदी के किनारे बसा हुआ है।

5.बेतवा नदी

उद्गम- रायसेन जिले कुमारा गांव से

समापन- यमुना नदी (हमीरपुर के निकट उत्तर प्रदेश)

लंबाई-540 किलोमीटर

सहायक नदी– बीना,धसान

परियोजना- राजघाट बांध परियोजना, हलाली परियोजना( सम्राट अशोक सागर परियोजना)

  • इसे मध्यप्रदेश की गंगा( प्रदूषण की दृष्टि से) भी कहा जाता है।
  • बुंदेलखंड की जीवन रेखा के नाम से भी इस नदी को जाना जाता है।
  • इसका पौराणिक नाम वेत्रबटी है।

6.तवा नदी

उद्गम- होशंगाबाद पचमढ़ी के पास महादेव पर्वत

समापन– नर्मदा नदी

  • नर्मदा एवं तवा नदी के संगम पर मांधार जलप्रपात है
  • मध्य प्रदेश का सबसे लंबा बांध तवा नदी पर ही बनाया गया है जिसकी लंबाई 1322 मीटर( होशंगाबाद) है
  • सबसे लंबा सड़क पुल तवा नदी पर है

7.शिप्रा नदी

उद्गम- करारी बरड़ी पहाड़ी इंदौर से इंदौर से

समापन- चंबल नदी (देवास के पास)

लंबाई– 195 किलोमीटर

  • इस नदी को मालवा की गंगा कहा जाता है
  • इसका प्राचीन नाम अवंती है
  • शिप्रा नदी के किनारे उज्जैन में सिंहस्थ का मेला लगता है

8.माही नदी

  • इस नदी का उद्गम स्थल विंध्याचल पर्वत से माना जाता है
  • यह नदी कर्क रेखा को दो बार काटती है

9.कालीसिंध

उद्गम- देवास के बागली गांव से

समापन- चंबल में जाकर मिल जाती है

लंबाई- 150 किलोमीटर

10. सिंध

उद्गम- गुना की सिरोंज से

समापन– चंबल नदी (इटावा)

11. पार्वती

उद्गम– सीहोर (आष्टा)

समापन -चंबल में

12.टोंस( तमसा)

उद्गम– सतना जिले में कैमूर की पहाड़ियों से

समापन– गंगा नदी

13. वैनगंगा

उद्गम- यह सिवनी के पारस बड़ा पठार से

समापन –वर्धा नदी (महाराष्ट्र)

वर्धा तथा बेनगंगा का संगम प्राणहिता के नाम से जाना जाता है

14. केन

उद्गम– कटनी से

समापन- यमुना नदी में

मध्य प्रदेश की नदियों से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न मध्य प्रदेश की नदियों की प्रकृति किस प्रकार की है?

उत्तर– प्रायद्वीपीय

प्रश्न मध्य प्रदेश में देश की कितनी नदियां बहती हैं?

उत्तर- सर्वाधिक

प्रश्न नर्मदा नदी का आप्रवाह क्षेत्र है?

उत्तर 93180वर्ग किलोमीटर

प्रश्न नर्मदा नदी मध्य प्रदेश में कितने किलोमीटर में बहती है?

उत्तर1077 किलो मीटर

प्रश्न नर्मदा नदी कौन सा जलप्रपात बनाती है?

उत्तर कपिलधारा- दुग्ध धारा, मांधार तथा दर्दी, धुआंधार तथा सहस्त्रधारा

प्रश्न नर्मदा नदी की कुल कितनी सहायक नदियां हैं?

उत्तर-41

प्रश्न मध्यप्रदेश में किस स्थान से 3 किलोमीटर के अंदर दो प्रमुख नदियों का उद्गम है/

उत्तर -अमरकंटक

प्रश्न कौन सी नदी नर्मदा के समानांतर बहती है?

उत्तर-ताप्ती

प्रश्न मध्य प्रदेश की किस नदी का जल चूलिया झरने में गिरता है?

उत्तर चंबल

इन्हें भी पढ़ें

1. मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपात Click Here
2. मध्य प्रदेश के प्रमुख अनुसंधान केंद्रों की सूची Click Here
3. मध्यप्रदेश के खेलकूद से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर Click Here
4. मध्यप्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान Click Here
5. मध्य प्रदेश के प्रमुख समाधि स्थल एवं मकबरे Click Here

इस आर्टिकल में हमने आपके साथ मध्य प्रदेश की नदियों के बारे में विस्तृत जानकारी सांझा की है आशा है कि हमारे आर्टिकल (मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां) से आपको परीक्षा में नदियों से संबंधित प्रश्न को हल करने में काफी सहायता मिलेगी ऐसी नवीनतम जानकारी के लिए हमारी साइट पर विजिट करते रहे आने वाले एग्जाम के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं!!!!

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Mp Gk : Madhya Pradesh ke Pramukh National Park

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Madhya Pradesh ke Pramukh National Park

National Park of Madhya Pradesh

नमस्कार!दोस्तों Studysafar.comमे आप सभी का स्वागत है।इस पोस्ट में हम आपके साथ एमपी जीके (Mp Gk : Madhya Pradesh ke Pramukh National Park ) का एक महत्वपूर्ण टॉपिक मध्य प्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान आपके साथ सांझा कर रहे हैं। इस आर्टिकल में हम मध्य प्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों को विस्तार पूर्वक जानेंगे। इससे संबंधित प्रश्न मध्य प्रदेश के सभी स्टेट लेवल का एग्जाम जैसे MPPSC,MPSI,MP POLICE मैं मुख्य रूप से पूछे जाते हैं इस आर्टिकल की सहायता से आपको इससे संबंधित प्रश्नों को हल करने में मदद मिलेगी। मध्य प्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान इस प्रकार है।

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मध्यप्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान (Madhya Pradesh ke Pramukh National Park)

कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान

  • यह राष्ट्रीय उद्यान मंडला जिले के अंतर्गत आता है
  • इसी सन 1933 में अभ्यारण तथा 1955 में नेशनल पार्क बनाया गया था
  • कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान को 1974 में बाघ परियोजना (टाइगर रिजर्व) में शामिल किया गया
  • यहां पर हांलो घाटी तथा बंजर घाटी प्रमुख दर्शनीय स्थल है
  • इस राष्ट्रीय उद्यान में वर्ल्ड बैंक की सहायता से पार्क इंटर प्रिवेंशल योजना चल रही है

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान

  • पन्ना राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में पन्ना एवं छतरपुर में फैला हुआ है
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 543 वर्ग किलोमीटर है
  • इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना करने से क्या थी में हुई थी तथा इसे 1994 में बाघ परियोजना में शामिल किया गया

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान

  • यह होशंगाबाद जिले में लगभग 525 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है
  • यह सन 1983 में स्थापित किया गया था
  • इसे 1999- 2000 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया है

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान

  • यह राष्ट्रीय उद्यान उमरिया शहडोल जिले में है
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 437 वर्ग किलोमीटर है
  • बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन 1968 में की गई थी तथा इसे 1993 में बाघ परियोजना में शामिल किया गया था
  • यहां बाघों का सर्वाधिक घनत्व है (एक बाघ प्रति 8 वर्ग किलोमीटर)
  • इस राष्ट्रीय उद्यान में सफेद शेर पाए जाते हैं
  • यह 32 पहाड़ियों से घिरा हुआ है

संजय राष्ट्रीय उद्यान

  • यह राष्ट्रीय उद्यान 1981 में स्थापित किया गया था
  • यह मध्य प्रदेश के सीधी जिले में है
  • इस राष्ट्रीय उद्यान का कुछ हिस्सा छत्तीसगढ़ राज्य में चला गया है
  • का क्षेत्रफल लगभग 467 वर्ग किलोमीटर है
  • भारत सरकार के अनुसार यह प्रोजेक्ट टाइगर में सम्मिलित है

पेंच राष्ट्रीय उद्यान

  • यह सिवनी, छिंदवाड़ा जिले तथा महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है
  • इश्क इंडिया प्रियदर्शनी राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया है
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 293 वर्ग किलोमीटर है
  • इसकी स्थापना सन 1975 में हुई थी
  • पेंच राष्ट्रीय उद्यान को 1993 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया
  • इस राष्ट्रीय उद्यान में मोगली लेन चित्र तथा वाटर राफ्टिंग सुविधा है

माधव राष्ट्रीय उद्यान

  • यह 1958 में स्थापित किया गया था
  • यह शिवपुरी जिले में स्थित है
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 337 वर्ग किलोमीटर है
  • जॉर्ज कैसल भवन भी यहीं पर स्थित है
  • इस उद्यान से राष्ट्रीय राजमार्ग 3 आगरा- मुंबई गुजरता है

फासिल (जीवाश्म) राष्ट्रीय उद्यान

  • राष्ट्रीय उद्यान डिंडोरी जिले में स्थित है
  • क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 0.27 वर्ग किलोमीटर है
  • इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1968 में की गई थी
  • इस उद्यान में पादपों तथा जंतुओं के जीवाश्म पाए जाते हैं

बन बिहार

  • सन 1979 में स्थापित यह राष्ट्रीय उद्यान भोपाल में स्थित है
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 4.452 वर्ग किलोमीटर है

ओमकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान

  • यह राष्ट्रीय उद्यान खंडवा में स्थित है, इसका क्षेत्रफल 293 वर्ग किलोमीटर है

डायनासोर जीवाश्म उद्यान

  • धार जिले में 2010 में स्थापित किया गया था
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 0.897 वर्ग किलोमीटर है

(Mp Gk : Madhya Pradesh ke Pramukh National Park)

मध्यप्रदेश के प्रोजेक्ट टाइगर में सम्मिलित राष्ट्रीय उद्यान व अभयारण्य

प्रोजेक्ट टाइगर में 6 राष्ट्रीय उद्यान और 1 अभ्यारण शामिल है

  1. कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान
  2. बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
  3. पेंच राष्ट्रीय उद्यान
  4. पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
  5. सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
  6. संजय गांधी (डुबरी) राष्ट्रीय उद्यान
  7. रातापानी (अभ्यारण)
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