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Madhya Pradesh Nadi Ghati Pariyojnaen in Hindi
मध्यप्रदेश GK : List of Nadi Ghati pariyojana in Madhya Pradesh || For MPPSC,MP Police
हेलो! दोस्तों आर्टिकल में हम आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं। मध्य प्रदेश की विभिन्न नदियों पर स्थित (Madhya Pradesh Nadi Ghati Pariyojnaen in Hindi) नदी घाटी परियोजनाएं व उनसे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां जो कि परीक्षाओं की दृष्टि से अत्यंत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे संबंधित प्रश्न परीक्षा में अवश्य ही पूछा जाता है। मध्यप्रदेश में अनेकों नदी घाटी परियोजनाएं स्थित है। जिससे विद्युत का उत्पादन किया जाता है कुछ परियोजना विभिन्न राज्यों के साथ संयुक्त हैं, तो आइए जानते हैं मध्य प्रदेश की नदी घाटी परियोजनाओं के बारे, में जो इस प्रकार है-
मध्यप्रदेश में नदी घाटी परियोजनाएं
नर्मदा नदी घाटी परियोजना
- यह मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नदी परियोजना है जिसमें नर्मदा तथा उसकी सहायक नदियों के पानी को बांधों में रोककर विद्युत और सिंचाई का विकास किया जाता है।
- इस परियोजना के तहत 29 बड़े बांध 135 मध्यम और 3000 छोटे बांध बनाने का लक्ष्य रखा है।
- इस परियोजना के विरोध में मेघा पाटेकर, अरुंधति रॉय, बाबा आमटे ने नर्मदा बचाओ आंदोलन चलाया।
- इसी समय पर्यावरण कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह ने भी छोटे छोटे बांधों का महत्व बताया और पानी वाले बाबा (जल पुरुष) के नाम से लोकप्रिय हुए।
1.सरदार सरोवर परियोजना
- इसकी आधारशिला 5 अप्रैल 1961 को पंडित जवाहरलाल नेहरु के द्वारा रखी गई थी ।
- यह नर्मदा नदी पर गुजरात के नौगांव में स्थित है।
- नर्मदा नदी पर सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना है।
- यह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान की संयुक्त परियोजना है जिसमें राजस्थान को केवल जल की प्राप्ति होगी।
- इसकी विद्युत उत्पादन क्षमता 1450 मेगावाट है,जिस में सर्वाधिक 57% हिस्सा मध्यप्रदेश का होगा।
- इस परियोजना का 17 सितंबर 2017 को नरेंद्र मोदी जी के द्वारा उद्घाटन किया गया।
2.ओंकारेश्वर परियोजना
- यह खंडवा के मांधाता ग्राम में स्थित है।
- विद्युत उत्पादन क्षमता- 520 मेगा वाट
3. महेश्वर परियोजना
- यह परियोजना खरगोन के महेश्वर जिले में स्थित है।
- विद्युत उत्पादन क्षमता- 400 मेगा वाट
4. इंदिरा सागर परियोजना
- इस परियोजना की आधारशिला श्रीमती इंदिरा गांधी के द्वारा 23 अक्टूबर 1984 को रखी गई थी।
- या खंडवा के पुनासा नामक स्थान पर निर्मित है।
- विद्युत उत्पादन क्षमता 1000 मेगावाट है।
- यह नर्मदा नदी पर मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना है।
5.बरगी परियोजना
- यह परियोजना बरगी नदी पर है।
- स्थान- जबलपुर के बिजोरा नामक स्थान पर।
- इसे रानी अवंतीबाई परियोजना के नाम से भी जाना जाता है।
- विद्युत उत्पादन क्षमता- 90 मेगावाट है।
6.जोबट परियोजना
- अलीराजपुर से जोबट नामक स्थान पर स्थित है
- इसे चंद्रशेखर आजाद परियोजना भी कहते हैं
- यह हथनी नदी पर बनाई गई है
7.सूक्ता परियोजना
- स्थान- खंडवा जिले में सूक्ता नदी पर
- अन्य नाम- भगवंत सागर परियोजना
8.मान परियोजना
- स्थान- धार
- नदी- मान नदी
9.कोलार परियोजना
- नर्मदा की सहायक कोलार नदी पर यह परियोजना स्थित है। 9
- स्थान- सीहोर
10. वारना परियोजना
- यह परियोजना रायसेन जिले में नर्मदा की सहायक वारना नदी पर स्थित है।
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चंबल नदी घाटी परियोजना
- यह मध्य प्रदेश की पहली बहुद्देशीय परियोजना है जिसकी शुरुआत 1953-54 में हुई।
- मध्यप्रदेश और राजस्थान की संयुक्त परियोजना है जिसमें मध्यप्रदेश और राजस्थान का 50-50% हिस्सा है।
- यह परियोजना चंबल नदी पर स्थित है।
इस परियोजना के तहत 3 बांध का निर्माण किया गया है जो इस प्रकार हैं
1.गांधी सागर बांध
स्थान- मंदसौर
स्थापना- 1960
उत्पादन क्षमता- 115 मेगावाट
यह मध्य प्रदेश का पहला जलविद्युत केंद्र है।
2.जवाहर सागर बांध
स्थान- राजस्थान के कोटा में
अन्य नाम- कोटा बैराज बांध
विद्युत उत्पादन क्षमता- 99 मेगा वाट
3.राणा प्रताप सागर बांध
स्थान- चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा
अन्य नाम- रावतभाटा बांध
विद्युत उत्पादन क्षमता- 172 मेगा वाट
राजघाट परियोजना
- यह बेतवा नदी पर स्थित है।
- यह मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर निर्मित है।
- विद्युत उत्पादन क्षमता- 45 मेगावाट
- इस परियोजना को रानी लक्ष्मी बाई के नाम से भी जाना जाता है।
हलाली परियोजना
- यह हलाली नदी पर विदिशा और रायसेन की सीमा पर निर्मित है।
- इसे सम्राट अशोक सागर परियोजना के नाम से भी जाना जाता है।
उर्मिल परियोजना
- यह उर्मिल नदी पर छतरपुर के ग्राम भी रोटा नामक स्थान पर निर्मित है।
- यह मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की संयुक्त परियोजना है।
बावनथडी परियोजना
- यह बावनथडी नदी पर बालाघाट में निर्मित है ।
- इसे राजीव सागर परियोजना के नाम से जाना जाता है।
- यह मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना है।
पेंच परियोजना
- यह पेज नदी पर छिंदवाड़ा में स्थित है।
- यह मध्य प्रदेश महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना है।
- विद्युत उत्पादन क्षमता 160 मेगावाट है।
बाणसागर परियोजना
- यह सोन नदी पर निर्मित है।
- जय शहडोल की देवलोन्द मैं निर्मित है।
- यह मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और बिहार की संयुक्त परियोजना है जिसमें जल एवं निर्माण की लागत का बंटवारा क्रमश 2:1:1 मैं किया जाता है।
- इसकी विद्युत उत्पादन क्षमता 425 मेगावाट है।
नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना
- इस परियोजना के अंतर्गत नर्मदा के पानी को ओमकारेश्वर बांध से छपरा में छोड़ा जाता है।
- नर्मदा क्षिप्रा का मिलन इंदौर के निकट शिप्रा नदी के उद्गम स्थल उज्जैनी गांव में हुआ है।
- इस परियोजना की शुरुआत 29 नवंबर 2012 में हुई थी इसका लोकार्पण 25 फरवरी 2014 को हुआ ।
दोस्तों उपरोक्त आर्टिकल में हमने मध्य प्रदेश की विभिन्न नदी घाटी परियोजनाओं (Madhya Pradesh Nadi Ghati Pariyojnaen in Hindi) से संबंधित जानकारी आपके साथ सांझा की आशा है आप इनका ध्यान पूर्वक अध्ययन करेंगे जिससे आपको परीक्षा में इस टॉपिक से संबंधित प्रश्नों को हल करने में आपको मदद मिलेगी।
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MP Police Constable 2021: Madhya Pradesh ke Pramukh Abhilekh
MP GK 2021: नमस्कार! प्यारे मित्रों इस आर्टिकल में आज हम मध्य प्रदेश सामान्य ज्ञान के ही एक महत्वपूर्ण टॉपिक मध्य प्रदेश के प्रमुख अभिलेखों (Madhya Pradesh ke Pramukh Abhilekh,MP GK) से संबंधित वस्तुनिष्ठ प्रश्न लेकर आए हैं जोकि आपकी सभी स्टेट लेवल की प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं जैसा कि आप जानते हैं कि मध्यप्रदेश में पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2021 के आयोजन की तिथि घोषित कर दी गई हैयदि आप भी इस परीक्षा में सम्मिलित होने जा रहे हैं तो यहां दिए गए मध्य प्रदेश सामान्य ज्ञान के सवाल आपको एक बार जरूर पढ़ लेना चाहिए.
मध्य प्रदेश के प्रमुख अभिलेख– MP GK
1.मंदसौर अभिलेख –यह भूभाग प्राचीन पश्चिमी मालवा का हिस्सा था जिसका नाम दशपुर भी मिलता है इसमें विक्रम संवत 529 (473ई.) की तिथि दी गई है यह लेख प्रशस्ति के रूप में है जिसकी रचना संस्कृत विद्वान वत्स भट्टी ने की थी इस लेख में इस राज्य के राज्यपाल बंधु वर्मा का उल्लेख मिलता है जो महा शासन करता था इस लेख में सूर्य मंदिर के निर्माण का भी उल्लेख किया गया है।
2.सांची अभिलेख –यहां से प्राप्त लेख गुप्त संबंध 131 – 450 ई.कहां है इसमें हरि स्वामी ने द्वारा यहां के आर्य संघ को धन दान में दिए जाने का जिक्र है।
3.उदयगिरि गुहालेख-गुप्त संवत 106 या 425 ईसवी का एक जीन अभिलेख मिला है इसमें शंकर नामक व्यक्ति द्वारा इस स्थान में पार्श्वनाथ की मूर्ति स्थापित किए जाने का विवरण है।
4.तुमैन अभिलेख-यह अभिलेख गुना जिले में है यहां से गुप्त वंश 116 या 435 ईसवी का लेख मिलता है जिसमें राजा को शरद कालीन सूर्य की भांति बताया गया है कुमारगुप्त का शासन काल के समय पुष्प मित्र जाति के लोगों का शासन नर्मदा नदी के मुहाने के समीप मेकल में थाइस राज्य के एरण प्रदेश पर भी कुमारगुप्त प्रथम का शासन स्थापित था क्योंकि अभिलेखों से प्राप्त प्रांतीय पदाधिकारियों की सूची में इसे रन प्रदेश के साथ घटोत्कच पुत्र का नाम भी ज्ञात होता है कुमारगुप्त प्रथम की मृत्यु के बाद गुप्त साम्राज्य की बागडोर उसके पुत्र स्कंद गुप्त के हाथों में आ गई।
5.सुपिया अभिलेख –रीवा जिले में स्थित सूफियाना पाकिस्तान का यह लेख मिला है जिसमें गुप्त संवत 141- 460 ईसवी तक की तिथि लिखी है इसमें गुप्तों की वंशावली घटोत्कच के समय से मिलती है तथा गुप्त वंश को घटोत्कच कहा गया है।
6.एरण अभिलेख – तोरमाण का बड़ा प्रतिमा एरण अभिलेख बा मिहिरकुल का ग्वालियर अभिलेख घोड़ों की उपस्थिति दर्शाता है।
Madhya Pradesh ke Pramukh Abhilekh Important MCQ
Q.1 तैमून अभिलेख में किस शासक को शरद कालीन सूर्य की भांति बताया गया है ?
(a)समुद्रगुप्त
(b)चंद्रगुप्त द्वितीय
(c) कुमारगुप्त
(d) अशोक
Ans-(c)
Q.2 किस अभिलेख में गुप्त संवत की तिथि और गुप्तों की वंशावली घटोत्कच के समय से मिलती है ?
(a) सुपिया
(b)मंदसौर
(c) तुमैन
(d) उचहरा
Ans-(a)
Q.3 किस अभिलेख में रेशम बुनकरों की एक श्रेणी का वर्णन मिलता है ?
(a) मंदसौर
(b) उदयगिरि
(c) सांची
(d) तुमैन
Ans-(a)
Q.4 मध्यप्रदेश में हूणों की उपस्थिति की जानकारी किस अभिलेख से मिली है ?
(a) एरण अभिलेख
(b) ग्वालियर अभिलेख
(c) तुमैन अभिलेख
(d) a और b दोनो
Ans-(d)
Q.5 मध्य प्रदेश में स्थित किस अभिलेख में अशोक का नाम अशोक मिलता है ?
(a)रूपनाथ
(b) गुर्जरा
(c)मंदसौर
(d) सारो- मारो
Ans-(b)
Q.6 संघभेदरोकने की आज्ञा वाला अशोक अभिलेख कहां मिला है ?
(a) उज्जैन
(b) विदिशा
(c) सांची
(d) रुपनाथ
Ans-(c)
Q.7 किस अभिलेख में भानु गुप्त के सेनापति गोपी राज की मृत्यु के बाद उसकी विधवा की सती होने का उल्लेख मिलता है ?
(a) रूपनाथ
(b) एरण
(c) मंदसौर
(d) तुमैन
Ans-(b)
Q.8 बटियागढ़ अभिलेख में दिल्ली का नाम क्या मिलता है ?
(a) काटनादबोट
(b) अच्युतगामिनी
(c) ओजिनी
(d) जोगिनीपुर
Ans-(d)
Q.9 राधौली तामपत्र से किस वंश की जानकारी मिलती है ?
(a) शैलवंश
(b)राष्ट्रकूट वंश
(c) उच्चकल्प राज्य
(d) औलिकर वंश
Ans-(a)
Q.10 रामनगर अभिलेख का संबंध किस वंश से है ?
(a) गोंड वंश
(b) बघेल वंश
(c) कलचुरी वंश
(d) शैलवंश
Ans-(a)
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Folk Dance of Madhya Pradesh in Hindi
Madhya Pradesh folk dance in Hindi || MP GK
नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम मध्य प्रदेश सामान्य ज्ञान (Folk Dance of Madhya Pradesh in Hindi) का ही एक महत्वपूर्ण टॉपिक मध्य प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्य आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं क्योंकि मध्य प्रदेश सामान्य ज्ञान में सिर्फ टॉपिक से प्रश्न मुख्य रूप से पूछे जाते हैं मध्यप्रदेश में कला और संस्कृति का एक अनूठा संग्रह है, यहां विभिन्न प्रकार के लोक नृत्य ,लोक कलाएं प्रचलित हैं मध्य प्रदेश में न केवल कई धर्मों हैं, बल्कि देश के कुछ सबसे प्रसिद्ध आदिवासी समुदायों का घर भी है। राज्य में जनजातीय संस्कृति पारंपरिक नृत्य ,लोक नृत्य की एक श्रृंखला है।
मध्य प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्य|| Madhya Pradesh ke Pramukh Lok Nritya
बिरहा
- बघेलखंड में बिरहा गायन के साथ नृत्य भी किया जाता है।
- बिरहा नृत्य बघेलखंड में सभी जातियों में प्रचलित है।
- यह नृत्य विशेष कर शादी विवाह दीपावली में बिरहा नृत्य होता है।
- जब बिरहा नृत्य अहीर लोग करते हैं तब वह अहीराई कहलाता है।
- बिरहा नृत्य में पुरुष नाचते हैं और कभी-कभी स्त्रियां भी उसमें शामिल होती हैं।
- जब स्त्री पुरुष नाचते हैं तब सवाल जवाब होते हैं।
- यह नृत्य तीव्र गति से चलता है गीत में सवाल जवाब होते हैं यह क्रम पुरुष और महिलाओं के बीच चलता रहता है।
- तेली,गडरिया,बारी जातियों में बिरहा नृत्य विशेष लोकप्रिय है।
राई लोक नृत्य
- यह बुंदेलखंड का एक लोकप्रिय नृत्य है।
- शादी विवाह उत्सव के अवसर पर राई नृत्य का आयोजन स्वभाव और प्रतिष्ठा प्रदान करता है।
- राई के केंद्र में बेड़नी होती है जिसे गति देने का कार्य मृदंग वादक करता है।
- यह नृत्य हंसी मजाक सटीक प्रस्तुति गुदगुदाने का कार्य करती है।
लेहंगी नृत्य
- लेहंगी नृत्य मध्य प्रदेश के ‘बंजारा’ और ‘कंजर’ जनजाति का एक लोकप्रिय लोक नृत्य है
- यह मानसून की अवधि के दौरान किया जाता है।
- ‘बंजारा’ जनजाति ‘राखी’ के त्योहार के दौरान भी इस नृत्य को करती है।
- युवा पुरुषों ने अपने हाथों में लाठी पकड़ लेते हैं और नृत्य करते समय एक-दूसरे को हारने की कोशिश करते हैं।
सैरा नृत्य
- यह नृत्य बुंदेलखंड में श्रावण और भादो में किया जाता है।
- सैरा नृत्य पुरुष प्रधान नृत्य है इस नृत्य में 14 से 20 व्यक्ति से भाग लेते हैं।
- उनके हाथों में लगभग सवा हाथ का एक डंडा होता रहता है नर्तक वृत्ताकार में खड़े होकर कृष्ण लीलाओं से संबंधित गीत गाते हुए नृत्य करते हैं पहले आधे नर्तक फिर दूसरे आधे नर्तक गीत को दोहराते हैं।
- इस नृत्य में ढोलक, टिमकी, मंजीरा, मृदंग और बांसुरी वाद्य प्रमुख होते हैं।
बधाई नृत्य
- बुंदेलखंड के ग्रामीण अंचलों में शादी विवाह के अवसर पर बधाई नृत्य करने की परंपरा है।
- इस नृत्य में स्त्री पुरुष की संयुक्त भूमिका होती है कहीं-कहीं घोड़ी सजा सवार कर नाचने की प्रथा है पहले नर्तक वृत्ताकार में खड़े होकर नृत्य करते हैं।
- इस नृत्य में दो नर्तक और नर्तकी एक साथ नाचते हैं।
- बधाई एक ताल है जिसे ढोलक और डसले पर बजाया जाता है।
Folk Dance of Madhya Pradesh in Hindi
ढिमरयाई नृत्य
- यह लोक नृत्य बुंदेलखंड के ग्रामीण अंचल में अधिक प्रचलित है।
- ढीमर जाति के लोग इस नृत्य को करते हैं इसलिए इसे ढिमरयाई नृत्य कहते हैं।
- शादी विवाह एवं नवदुर्गा आदि अवसरों पर यह नृत्य किया जाता है।
- नृत्य करते समय प्रमुख नर्तक श्रृंगार और भक्ति से गीत गाता है।
मटकी नाच
- मालवा में मटकी नाच का अपना पारंपरिक रंग है विभिन्न अवसरों विशेषकर सगाई विवाह पर मालवा के गांव की महिलाएं मटकी नाच करती हैं।
- एक ढोल या ढोलक जी एक खास ले जो मटकी के नाम से जानी जाती है उस की थाप पर महिलाएं नृत्य करती हैं।
- मटकी ताल के कारण इस नृत्य का नाम मटकी नृत्य पड़ा।
- कभी-कभी दो महिलाएं नृत्य करने लगती हैं इसे जिला कहते हैं आजकल मटकी नृत्य में कई महिलाएं सम्मिलित होती हैं महिलाएं अपनी परंपरागत वेशभूषा में पूरा चेहरे पर घूंघट डाले नृत्य करती हैं।
- रात में हाथ और पैरों का संचालन दर्शनीय होता है नृत्य के केंद्र में ढोल होता है।
- ढोल पर मटकी ताल इस नृत्य की मुख्य ताल है ढोल की मटकी और डंडे से बजाया जाता है।
आड़ा – खड़ा राजबाड़ी नाच
- इस राजबाड़ी नृत्य की परंपरा किसी भी अवसर विशेष पर समूचे मालवा में देखी जा सकती है परंतु विवाह में तो मंडल के नीचे वाला आडा खडा राजबाड़ी नृत्य आवश्यक किया जाता है।
- ढोल डंडे और किमडी से बजाया जाता है।
- यह नृत्य रजवाड़ी महिलाओं द्वारा कहरवा ताल पर खड़े-खड़े किया जाता है और राजबाड़ी साड़ी के पल्लू को पकड़कर किया जाता है।
दादर नृत्य
- यह बघेलखंड का प्रसिद्ध नृत्य है।
- दादर नृत्य अधिकांशतः पुरुषों के द्वारा खुशी के अवसरों पर किए जाते हैं कभी-कभी पुरुष नारी वेश में नाचते हैं।
- इस नृत्य के लिए कॉल कोटवार कहार विशेष रुप से प्रसिद्ध है यह जातियां दादर लेकर निकलती है।
- महिलाएं घूंघट में नाचती हैं पैरों में घुंघरू बांध देती हैं हाथ पैरों और कमर में मुद्राओं से दादी नृत्य परंपरा का निर्वाह करती हैं जातीय गीतों के साथ दादर नृत्य में अपनी निजी विशेषता होती है इन जातियों विशेषताओं के कारण ही कीह दादर बरी हाई दादर आदि नामों से दादर की प्रतिष्ठा पूरे बघेलखंड में है।
नौरता नृत्य
- यह एक लोकप्रिय लोक नृत्य है जो बुंदेलखंड क्षेत्र की अविवाहित लड़कियों द्वारा किया जाता है क्योंकि वे एक अच्छे पति और सईयूगमक में आनंद के लिए भगवान से मदद मांगती हैं।
- यह नृत्य नवरात्रि के उत्सव के साथ मेल खाता है देवी दुर्गा को श्रद्धांजलि देता है।
- समारोह में महिलाओं को अपने घर को सजाने के लिए जटिल रंगोली के डिजाइन के साथ चुने और कई अन्य रंगों से बनाया जाता है।
तृतीली नृत्य
- तृतीली नृत्य मध्य प्रदेश में ‘कमर’ जनजाति का एक लोक नृत्य है।
- जनजाति की दो या तीन महिलाएं जमीन पर बैठकर नृत्य प्रदर्शन शुरू करती हैं।
- छोटे धातु के झांझ जिन्हें ‘मन्जिरस’ कहा जाता है, उनके शरीर के अलग-अलग हिस्सों से बंधे होते हैं।
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Madhya Pradesh ke Pramukh Rajvansh in Hindi || MP GK
MP GK: Madhya Pradesh ke Pramukh Rajvansh
नमस्कार! दोस्तों आज के मध्य प्रदेश सामान्य ज्ञान में हम आपके साथ (Madhya Pradesh ke Pramukh Rajvansh in Hindi) मध्य प्रदेश के इतिहास के प्रमुख राजवंशों की संपूर्ण सूची शेयर करने जा रहे हैं इसके साथ ही राजवंशों से संबंधित प्रश्न उत्तर को भी हमने शामिल किया है जो कि परीक्षा में अक्सर पूछे जाते हैं तो आइए जानते हैं मध्य प्रदेश के प्रमुख राजवंशों के बारे में-
मध्य प्रदेश के प्रमुख राजवंश
परमार वंश
- 850 ईसवी में मध्यप्रदेश के मालवा में परमार वंश का उदय हुआ।
- परमार वंश की स्थापना उपेंद्र ने की थी।
- इस वंश के शासकों ने ताप्ती नदी को अपनी दक्षिणी सीमा सन निर्धारित किया।
- परमार वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक राजा भोज थे।
- राजा भोज ने धार को अपनी राजधानी बनाया।
- रायसेन में भोजपुर मंदिर भोपाल में भोज ताल और धार में सरस्वती मंदिर का निर्माण कराया राजा भोज संस्कृत के ज्ञाता थे।
- राजा भोज ने कविराज की उपाधि धारण की और सरस्वतीकंठआभरण, समरांगणसूत्र, सिद्धांत, संग्रहयुक्ति, शब्दानुशासन, चारुचर्चा जैसे ग्रंथों की रचना की।
हैहय वंश
- यदु कबीले के शासक हैहय ने इस वंश की स्थापना की।
- इस वंश के राजा महिष्मत ने नर्मदा के किनारे महिष्मति (महेश्वर) नगर की स्थापना की।
- किस वंश के शासक कीर्ति वीर्य अर्जुन ने अयोध्या और लंकेश शासकों को हराया।
- गुर्जरों के प्प्रभाव के चलते इस वंश का पतन हो गया।
गुप्त वंश
- मध्य प्रदेश में गुप्त काल के दौरान आर्थिक और राजनीतिक रूप से समृद्धि देखने को मिलती है।
- समुद्रगुप्त ने अपनी दक्षिण बिजाई के दौरान उज्जैन को अपना मुख्य केंद्र बनाया।
- गुप्त शासकों के दौरान उज्जैन संस्कृति और कला के केंद्र के रूप में उभरा।
- चंद्रगुप्त द्वितीय ने उज्जैन के कवि कालिदास को अपने नवरत्नों में शामिल किया।
- गुप्त शासक भानु गुप्त के शासनकाल में सागर में एरण अभिलेख से सर्वप्रथम सती प्रथा का उल्लेख मिलता है।
- समुद्रगुप्त के बड़े बेटे राम गुप्त ने विदिशा को अपनी राजधानी बनाया राम गुप्त का उल्लेख विशाखदत्त की पुस्तक देवी चंद्रगुप्त में मिलता है।
- चंद्रगुप्त द्वितीय ने विदिशा के उदयागिरी में गुफाओं का निर्माण कराया और उदयगिरी अभिलेख की रचना करवाई।
- चंद्रगुप्त द्वितीय ने सांची में बौद्ध विहार के निर्माण के लिए दान प्रदान किया।
- गुप्त शासक कुमारगुप्त के शासनकाल में मंदसौर अभिलेख की रचना करवाई गई इस अभिलेख में सूर्य मंदिर के निर्माण का उल्लेख के मिलता है।
शुंग वंश
- मौर्य वंश के पश्चात पुष्यमित्र सुंग ने शुंग वंश की स्थापना की।
- शुंग वंश की राजधानी विदिशा थी।
- शुंग वंश के शासक अग्निमित्र का उल्लेख कालिदास की पुस्तक मालविका अग्निमित्र में मिलता है।
- सॉन्ग शासकों ने सांची के स्तूप के चारों ओर रेलिंग या वेदिका का निर्माण कराया।
- शुंग वंश के शासनकाल में ही यूनानी शासक एंटीऑलकिड्स ने अपने राजदूत हेरोडोटस को भारत भेजा।
- हेलिओडोरस ने वैष्णव संप्रदाय को अपनाते हुए विदिशा में गरुड़ स्तंभ या हेलिओडोरस स्तंभ की स्थापना की।
- पुष्यमित्र शुंग को बौद्ध धर्म का विनाशक भी कहा जाता है।
- शुंग शासकों ने ग्रीक शासकों को कालीसिंध नदी के तट पर हराया।
वाकाटक वंश
- इस वंश की स्थापना विंध्य शक्ति प्रथम ने की।
- इस वंश की राजधानी विदिशा थी बिंदशक्ति के पुत्र प्रवरसेन ने अपने साम्राज्य का विस्तार नर्मदा के उत्तरी क्षेत्र तक किया।
- समुद्रगुप्त ने अपने दक्षिणी अभियान के दौरान वाकाटक वंश पर अधिकार कर लिया।
- समुद्रगुप्त द्वितीय ने वाकाटक वंश की राजकुमारी प्रभावती से विवाह किया।
कलचुरी वंश
- 550 ईसवी में कृष्ण राज ने कलचुरी वंश की स्थापना की।
- कलचुरी वंश की 4 शाखाएं थी।
- माहिष्मती के कलचुरी।
- त्रिपुरी के कलचुरी।
- रतनपुर के कलचुरी।
- रायपुर के कलचुरी।
चंदेल वंश
- इस वंश की स्थापना नन्नूक ने की चंदेल शासकों ने खजुराहो महोबा के क्षेत्र पर अपना राज्य स्थापित किया।
- चंदेलो का शासन वर्तमान बुंदेलखंड तक स्थापित था।
- इस साम्राज्य को जेजकमुक्ती भी कहा जाता है।
- चंदेल शासक यशोवर्मन में खजुराहो में विष्णु मंदिर का निर्माण कराया यह सुवर्णन के पुत्र धंगदेव ने स्वतंत्र चंदेल राज्य की स्थापना की।
- धंगदेब ने खजुराहो में पार्श्वनाथ मंदिर और विश्वनाथ मंदिर का निर्माण कराया।
- महमूद गजनबी के विरुद्ध बनाए गए संघ में धगदेव ने भी भाग लिया।
- चंदेल शासक विद्याधर ने महमूद गजनबी से साम्राज्य की रक्षा की और कंदारिया महादेव मंदिर का निर्माण कराया।
- परमार देव ने गुलाम वंश के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक की अधीनता स्वीकार कर ली जिस कारण चंदेल वंश दिल्ली सल्तनत के अधीन हो गया।
- चंदेल शासक परमार देव के दरबार में आल्हा और उदल जैसे योद्धा थे जिन्होंने पृथ्वीराज चौहान से युद्ध कर अपने शासक की जान बचाई।
बुंदेल वंश
- इस वंश की स्थापना 1531 में रूद्र प्रताप बुंदेला ने की।
- बुंदेल वंश की राजधानी ओरछा थी।
- इस वंश के शासक वीर सिंह बुंदेला ने जहांगीर के कहने पर अब्दुल फजल की हत्या कर दी।
बघेल वंश
- इस वंश का शासन वर्तमान रीवा क्षेत्र तक था।
- रामचंद्र देव बघेल वंश के प्रभावी शासक थे।
- मशहूर संगीतज्ञ तानसेन ने अपना दरबारी जीवन रामचंद्र के दरबार से प्रारंभ किया।
- मुगल शासक अकबर ने रामचंद्र को पराजित करके रीवा को मुगल साम्राज्य में मिलाया और तानसेन को अपने नवरत्नों में शामिल किया।
- स्वतंत्रता के पश्चात बघेल वंश विंध्य प्रदेश के रूप में भारतीय संघ में शामिल हुआ।
- बघेल वंश के अंतिम शासक मार्तंड सिंह थे जो रीवा से सांसद चुने गए।
होलकर वंश
- 1730 में मल्हार राव होलकर ने होलकर वंश की स्थापना की।
- 1731 में मालवा को तीन सरदारों ने बांट दिया गया।
- होलकर
- पवार
- सिंधिया
- 1732 में मालवा में 5 मराठा राज्यों की नीव पड़ी।
- होलकर वंश इंदौर
- जीवाजीराव वंश देवास
- आनंद राव वंश पवार
- सिंधिया वंश ग्वालियर
- तुकोजीराव पंवार वंश देवास
- 1767 में अहिल्याबाई ने होलकर वंश की बागडोर संभाली और तुकोजीराव को अपना सेनापति नियुक्त किया।
- तुकोजीराव तृतीय होलकर वंश के अंतिम शासक थे।
- होलकर राज्य का विलय तुकोजीराव तृतीय ने भारतीय संघ में किया।
सिंधिया वंश
- इस वंश की स्थापना राणा जी सिंधिया ने की जिन्हें पेशवा ने मालवा का एक भाग 1731 में प्रदान किया।
- 1765 में महादजी सिंधिया ने उज्जैन को अपनी राजधानी बनाया।
- 1794 में दौलतराव सिंधिया ने ग्वालियर को अपनी राजधानी बनाया।
- 1857 की क्रांति में ग्वालियर में सिंधिया वंश के शासक जयाजीराव सिंधिया थे जिन्होंने ब्रिटिश सरकार की मदद की।
- 1948 में जीवाजी राव सिंधिया ने ग्वालियर राज्य को भारतीय संघ में सम्मिलित कराया।
मध्य प्रदेश के राजवंश से संबंधित प्रश्न
Q.1 चंदेल राजवंश का संबंध किस क्षेत्र से है?
Ans-बुंदेलखंड
Q.2 तोमर राजवंश का संबंध किस क्षेत्र से है?
Ans-ग्वालियर
Q.3 परमार राजवंश का संबंध किस क्षेत्र से है?
Ans-मालवा
Q.4 बुंदेला राजवंश का संबंध किस क्षेत्र से है?
Ans-बुंदेलखंड
Q.5 होलकर राजवंश का संबंध किस क्षेत्र से है?
Ans-मालवा
Q.6 सिंधिया राजवंश का संबंध किस क्षेत्र से है?
Ans-ग्वालियर
Q.7 चंद्र राजवंश का संबंध किस क्षेत्र से है?
Ans-बघेलखंड से बुंदेलखंड तक
Q.8 यशोधर्मन कहां का शासक था?
Ans-दशपुर
(Madhya Pradesh ke Pramukh Rajvansh in Hindi)
Q.9 उदयगिरि की गुफाएं एवं शिकवा के मंदिरों का निर्माण किसने कराया था?
Ans-गुप्त वंश
Q.10 किस राजा ने देवनाम्प्रिया की उपाधि धारण की थी?
Ans-अशोक
Q.11 किस वंश ने ओरछा को बुंदेलखंड की राजधानी बनाया था?
Ans-बुंदेल
Q.12 मालवा में गौरी वंश की स्थापना किसने की?
Ans-अलाउद्दीन खिलजी
Q.13 त्रिपुरी किस वंश की राजधानी थी?
Ans-कलचुरी
Q.14 गोंड वंश की स्थापना किसने की थी?
Ans-जादू राय
Q.15 गरुड़ किस वंश का राजकीय चिन्ह क्या था?
Ans-गुप्त वंश
Q.16 खजुराहो मंदिरों में स्थित पाश्र्वनाथ जैन मंदिरों का निर्माण चंदेल वंश के किस शासक ने करवाया था ?
Ans-धग देव
Q.17 इंदौर के होल्कर वंश का संस्थापक कौन था?
Ans-मल्हार राव होलकर
Q.18 उदयगिरि की गुफाओं में टिकवा के मंदिरों का निर्माण किस वंश के शासकों ने करवाया था?
Ans-गुप्त
Q.19 ग्वालियर का किला तोमर वंश के अधिकार में कब था?
Ans-1398 से 15१8 में
Q.20 फुल महानदी जी सिंधिया ने अपनी राजधानी उज्जैन से ग्वालियर स्थानांतरित कब की?
Ans-1810 ईस्वी
Q.21 देवी अहिल्या बाई ने किस क्षेत्र पर शासन किया था?
Ans-इंदौर
Q.22 मालवा का प्रथम शासक जिसने कंपनी का अंत करने का बीड़ा उठाया था?
Ans-यशवंतराव होलकर
Q.23 मध्यप्रदेश में परिवार वंश की स्वतंत्र सत्ता की स्थापना किसने की?
Ans-कृष्णराज उपेंद्र
Q.24 तोमर वंश का संस्थापक कौन था?
Ans-वीर सिंह देव
Q.25 शत्रुघ्न के पुत्र शत्रु दाती ने मध्य प्रदेश के किस क्षेत्र में शासन किया?
Ans-शिवनी
Q.26 हैहय वंश से संबंधित राजा कौन है?
Ans-कृष्ण राज, शंकरगढ़, बुद्ध राज
(Madhya Pradesh ke Pramukh Rajvansh in Hindi)
Q.27 10 वीं सदी में कत्थक घाट वंश का शासन मध्य प्रदेश में कहां स्थित था?
Ans-ग्वालियर कुंड नरवर
Q.28 परमार वंश का अंतिम शासक कौन था?
Ans-महलक देव
Q.29 परमार वंश के किस प्रतापी शासक ने चालुक्य वंश के तेलप राजा का वध किया था?
Ans-भोज
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