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Rajasthan ke Pramukh Shilalekh List in Hindi || Rajasthan GK
Rajasthan GK : Rajasthan ka sabse prachin shilalekh || For Rajasthan police and patwari Exam 2020
नमस्कार! दोस्तों आज की आर्टिकलमें हम आपके साथ राजस्थान के प्रमुख शिलालेखों (Rajasthan ke Pramukh Shilalekh List in Hindi) की एक संपूर्ण सूची शेयर करने जा रहे हैं जो कि परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि राजस्थान स्टेट लेवल की परीक्षाओं में राजस्थान जीके के प्रश्न अवश्य ही पूछे जाते हैं और उसमें राजस्थान में उपस्थित शिलालेखों से संबंधित एक से दो प्रश्न मुख्य रूप से पूछे जाते हैं अतः आपको इनका ज्ञान होना बहुत ही आवश्यक है राजस्थान में उपस्थित समूह शिलालेखों की सूची इस प्रकार है
राजस्थान के प्रमुख शिलालेखों की सूची||Rajasthan ke Pramukh Shilalekh List in Hindi
बिजौलिया शिलालेख-
- भीलवाड़ा (1170 ई.) बिजौलिया के पार्श्वनाथ मन्दिर में लगा यह शिलालेख मूलतः दिगम्बर शिलालेख हैं।
- इस शिलालेख से साम्भर व अजमेर के चैहान वंश की जानकारी मिलती हैं। बिजौलिया शिलालेख के अनुसार चैहान वंश की उत्पति वत्सगौत्र के ब्राह्मण से हुई। इस शिलालेख में उपरमाल के पठार को उतमाद्रि कहा गया हैं।
- इस लेख के लेखक गुणभद्र व कायस्थ है लेकिन इसको पत्थर पर उत्कीर्ण गोविन्द ने किया था। इस शिलालेख के अनुसार साम्भर झील का निर्माण चैहान वंश के संस्थापक वासुदेव ने करवाया था।
चीरवा का शिलालेख-
- उदयपुर (1273 ई.)- यह शिलालेख गुहिलवंश के शासक जैत्रसिंह, तेजसिंह, समरसिंह आदि शासकों के बारे में जानकारी देता है।
- इस शिलालेख में टांटेड जाति के तलारक्षों के बारे में जानकारी मिलती हैं, जो नगर के सज्जन व्यक्ति की रक्षा तथा दुष्ट व्यक्ति को दण्ड देते थे।
बुचकला का शिलालेख-
- बिलाड़ा, जोधपुर (815 ई.) यह लेख प्रतिहार शासक नागभट्ट द्वितीय का हैं, इस लेख की भाषा संस्कृत तथा लिपी उतर-भारती हैं।
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घटियाला शिलालेख-
- जोधपुर (861 ई.) यह लेख संस्कृत भाषा में हैं, यह शिलालेख एक जैन मन्दिर के पास हैं जिसे ‘‘माता का साल’’ भी कहते हैं।
- राजस्थान में पहली बार सती प्रथा की जानकारी यही शिलालेख देता हैं इस शिलालेख के अनुसार राणुका की पत्नी सम्पल देवी सती हुई थी।
- यह शिलालेख कुक्कुक प्रतिहार की जानकारी देता हैं। इस शिलालेख का लेखक मग तथा उत्कीर्णकर्ता कृष्णेश्व र हैं।
आदिवराह मन्दिर का लेख-
- आहड़, उदयपुर (944 ई.)- ब्राह्मी लिपि में लिखित यह लेख मेवाड़ के शासक भृतहरि द्वितीय की जानकारी देता हैं।
प्रतापगढ़ का शिलालेख-
- अग्रवाल की बावड़ी, प्रतापगढ़ (946 ई.)- डॉ. ओझा ने इसको अजमेर संग्रहालय में रखवाया था
- इस शिलालेख की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस शिलालेख में संस्कृत भाषा के साथ कुछ प्रचलित देशी भाषाओं का भी उल्लेख हुआ हैं। प्रतिहार वंश के शासकों की नामावली भी इसी शिलालेख में हैं।
- यह शिलालेख 10वीं सदी के धार्मिक जीवन, गाँवों की सीमा आदि पर प्रकाश डालता हैं। यह शिलालेख प्रतिहार शासक महेन्द्रदेव की जानकारी देता हैं।
औंसिया का लेख-
- जोधपुर (956 ई.)- इस लेख में मानसिंह को भूमि का स्वामी तथा वत्सराज को रिपुओं/शत्रुओं का दमन करने वाला कहा गया हैं।
- यह शिलालेख वर्ण व्यवस्था की भी जानकारी देता हैं, इस शिलालेख के अनुसार समाज के प्रमुख 4 वर्ण- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्यक तथा शूद्र में विभाजित था।
चितौड़ का लेख-
- चितौड़ (971 ई.)- इस शिलालेख की एक प्रतिलिपि अहमदाबाद में भारतीय मन्दिर में संग्रहित हैं तथा इस शिलालेख में स्त्रियों का देवालय में प्रवेश निषेध बताया गया हैं।
हस्तिकुण्डी शिलालेख-
- सिरोही (996 ई.)- यह शिलालेख वर्तमान में अजमेर संग्रहालय में सुरक्षित हैं, तथा इस शिलालेख में संस्कृत में सूर्याचार्य शब्द का प्रयोग हुआ हैं।
जालौर का लेख-
- जालौर (1118 ई.)- इस शिलालेख के अनुसार परमारों की उत्पति वशिष्ट मुनि के यज्ञ से हुई
- तथा परमारों की जालौर शाखा के प्रवर्तक वाक्पतिराज को बताया था।
नाडोल का शिलालेख-
- पाली (1141ई.) यह शिलालेख नाडोल के सोमेश्व र के मन्दिर का हैं
- इस शिलालेख में तत्कालीन राजस्थान की प्रशासनिक व्यवस्था का उल्लेख मिलता हैं।
घाणेराव का शिलालेख-
- पाली (1156 ई.) इस शिलालेख में 12 वीं सदी की राजस्थान की स्थिति को दर्शाया गया हैं।
बड़ली का शिलालेख-
- अजमेर (443 ई.पू.)- यह राजस्थान का सबसे प्राचीन तथा भारत का प्रियवा शिलालेख के बाद दूसरा सबसे प्राचीन शिलालेख है।
घोसुण्डी शिलालेख-
- नगरी, चितौड़गढ़ (द्वितीय शताब्दी ई. पू.) यह ब्राह्मी तथा संस्कृत दोनों भाषाओें में हैं। इसका एक टुकड़ा उदयपुर संग्रहालय में रखा गया है।
- राजस्थान मे वैष्णव सम्प्रदाय का सबसे प्राचीन शिलालेख यही है। इस शिलालेख को सर्वप्रथम डी. आर. भण्डारण द्वारा पढ़ा गया था।
सांमोली शिलालेख-
- भोमट, उदयपुर (646 ई.) – यह शिलालेख गुहिलवंश के शासक शिलादित्य के समय का हैं, तथा यह शिलालेख शिलादित्य के समय की आर्थिक व राजनीतिक जानकारी देता हैं।
- डॉ. ओझा ने इसको अजमेर संग्रहालय में रखवा दिया था, इस शिलालेख की भाषा संस्कृत तथा लिपि कुटिल हैं।
- गुहिलादित्य के समय के इस शिलालेख में लिखा गया है कि ‘‘वह शत्रुओं को जीतने वाला, देव ब्राह्मण और गुरूजनों को आनन्द देने वाला और अपने कुलरूपी आकाश का चन्द्रमा राजा शिलादित्य पृथ्वी पर विजयी हो रहा है।’’
- इस लेख के अनुसार इसी समय जावर में तांबे व जस्ते की खानों का काम शुरू हुआ
- तथा जेंतक मेहतर ने अरण्यवासिनी देवी का मन्दिर बनवाया था, जिसे जावर माता का मन्दिर भी कहते हैं।
शंकरघट्टा का शिलालेख-
- गंभीरी नदी के पास, चितौड़गढ़ (713 ई.)- यह शिलालेख चितौड़ में सूर्य मन्दिर का उल्लेख करता हैं।
किराड़ू का शिलालेख-
- बाड़मेर (1161 ई.) परमार शासकों के वंश क्रम की जानकारी देने वाला यह शिलालेख संस्कृत भाषा में उत्कीर्ण हैं,
- इस शिलालेख में परमारों की उत्पति माउण्ट आबू के वशिष्ट मुनि के यज्ञ से बताई गई हैं।
(Rajasthan ke Pramukh Shilalekh List in Hindi)
श्रृंगी ऋषि शिलालेख-
- कैलाशपुरी, उदयपुर (1428 ई.) इस शिलालेख की रचना कवि राजवाणी विलास ने की थी,
- यह लेख मोकल के समय का हैं जिसने अपनी पत्नी गौरम्बिका की मुक्ति के लिए श्रृंगी ऋषि के पवित्र स्थान पर एक कुण्ड बनवाकर उसकी प्रतिष्ठा स्थापित करवाई।
- यह शिलालेख गुहिलवंशीय शासक हम्मीर, क्षेत्रसिंह व मोकल का भी उल्लेख करता हैं।
- इस शिलालेख में लिखा हुआ है कि राणा लाखा ने त्रिस्थली- काशी, प्रयाग व गया जाने वाले हिन्दुओं से लिए जाने वाले करों को हटवाकर वहाँ पर शिव मन्दिर का निर्माण करवाया था।
समाधीश्वर शिलालेख-
- चितौड़गढ़ (1428 ई.)- गुहिलवंश की धर्म स्थापना से सम्बन्धित इस शिलालेख की रचना एकनाथ ने की थी।
- इस लेख में हम्मीर का वर्णन करते हुए लिखा गया हैं उसकी तुलना कामदेव, विष्णु, अच्युत, शंकर तथा कर्ण से की गई हैं।
देलवाड़ा का शिलालेख-
- सिरोही (1428 ई.)- मेवाड़ी भाषा में लिखित इस शिलालेख में टंक नामक मुद्रा व स्थानीय करों का उल्लेख मिलता हैं।
नागदा का शिलालेख-
- उदयपुर (1437 ई.)- समाज में बहुविवाह तथा संयुक्त परिवार जैसी प्रथाओं का उल्लेख इस शिलालेख में हैं।
माचेड़ी का शिलालेख-
- माचेड़ी की बावड़ी, अलवर (1382 ई.)- इस शिलालेख में पहली बार ‘‘बड़गूजर’’ शब्द का प्रयोग हुआ हैं।
दोस्तों उपरोक्त आर्टिकल में हमें जानना (Rajasthan ke Pramukh Shilalekh List in Hindi) राजस्थान के प्रमुख शिलालेख के बारे में जो की परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है आशा है आप उनका ध्यान पूर्वक अध्ययन करेंगे और परीक्षा में आने वाले शिलालेखों से संबंधित प्रश्नों को आसानी से हल कर पाएंगे धन्यवाद!
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Rajasthan GK: Question on Climate of Rajasthan
Climate of Rajasthan Practice MCQ: नमस्कार प्यारे अभ्यर्थियों आज हम यहां राजस्थान में आगामी महीनों में होने वाले प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण राजस्थान सामान्य ज्ञान के अंतर्गत पूछे जाने वाले राजस्थान की प्रमुख जलवायु से जुड़े बेहद रोचक और महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह आपके लिए लेकर आए हैं जिनका अभ्यास आपको परीक्षा में बेहतर अंक दिलाने में सहायक होगा इसलिए एग्जाम हॉल में जाने से पूर्व इन सवालों को एक नजर जरूर पढ़ें.
राजस्थान की जलवायु पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी—Rajasthan Climate Practice MCQ Test
प्रश्न 1 1000 मिलिबार की समदाब रेखा जुलाई माह में गुजरती है –
(अ) सिरोही, उदयपुर, प्रतापगढ़ और झालावाड़ से
(ब) सिरोही, चित्तौड़गढ़, कोटा और बांरा से
(स) जालोर, पाली, अजमेर एवं करौली से
(द) उदयपुर, चित्तौड़गढ़, कोटा एवं बारां से
Ans- अ
प्रश्न 2 कोपेन ने जलवायु प्रदेश के वर्गीकरण का आधार माना है –
(अ) वनस्पति
(ब) वर्षा
(स) तापमान
(द) वायुदाब
Ans- अ
प्रश्न 3 राजस्थान में शीतकालीन वर्षा का कारण है –
(अ) स्थानीय हवायें
(ब) द. पूर्वी मानसून
(स) उ. पूर्वी मानसून
(द) पश्चिमी विक्षोभ
Ans- द
प्रश्न 4 राजस्थान में अरावली का कौन सा भाग सर्वाधिक वर्षा प्राप्त करता है –
(अ) उत्तर-पूर्वी
(ब) मध्य
(स) दक्षिणी
(द) शेखावाटी पहाड़ियां
Ans- स
प्रश्न 5 राजस्थान में न्यूनतम ग्रीष्मकालीन तापमान वाला क्षेत्र है –
(अ) दक्षिणी-पूर्वी
(ब) उत्तरी-पश्चिमी
(स) दक्षिणी-पश्चिमी
(द) उत्तरी-पूर्वी
Ans- स
प्रश्न 6 राजस्थान में लौटते मानसून ऋतु की अवधि है –
(अ) जुलाई से अगस्त
(ब) मार्च से जून
(स) अक्टूबर से दिसम्बर
(द) जनवरी से फरवरी
Ans- स
प्रश्न 8 कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार झुंझुनू जिले की जलवायु किस कोटि में रखी जा सकती है –
(अ) Aw
(ब) Bshw
(स) Bwhw
(द) Cwg
Ans- ब
प्रश्न 9 पूर्व दिशा से राजस्थान में चलने वाली हवा को क्या कहा जाता है-
(अ) पुरवाई
(ब) लू
(स) पछुआ
(द) पश्चिमी विक्षोभ
Ans- अ
प्रश्न 10 राजस्थान में किस दिशा में वर्षा कम होती जाती है
(अ) उत्तर से दक्षिण
(ब) पश्चिम से पूर्व
(स) उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व
(द) दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व
Ans- द
प्रश्न 11 थार मरुस्थल में रात्रि का तापमान गर्मियों में अचानक गिर जाता है क्योंकि –
(अ) निम्न सापेक्षिक आर्द्रता, दिन में ऊंचा तापक्रम एवं बादलों का अभाव
(ब) झीलों की उपस्थिति, अधिवासों की विरलाता एवं उच्च वायुवेग
(स) वातावरण की शुष्कता, स्वच्छ आकाश, मिट्टी की बलुई प्रकति. वनस्पति का अभाव
(द) वायुमण्डलीय दबाव के कम होने, नग्न चट्टानों की उपस्थित, बालू के टिलों की उपस्थिति के कारण
Ans- स
प्रश्न 12 राजस्थान का कौनसा जिला ‘आर्द्र दक्षिण-पूर्वी मैदान’ के कृषि जलवायु प्रदेश में सम्मिलित नहीं है –
(अ) बूंदी
(ब) बारां
(स) कोटा
(द) उदयपुर
Ans- द
प्रश्न 13 राजस्थान में प्रवेश करने वाले पश्चिम विक्षोभ की उत्पत्ति कौन से क्षेत्र से होती है –
(अ) अरब सागर
(ब) हिन्द महासागर
(स) बंगाल की खाड़ी
(द) भूमध्य सागर
Ans- द
प्रश्न 14 निम्नलिखित में से किस स्थान पर राजस्थान में साधारणतः सर्वाधिक वर्षा दर्ज की जाती है –
(अ) नाथद्वारा
(ब) मा. आबु
(स) प्रतापगढ़
(द) रावतभाटा
Ans- ब
प्रश्न 15 उत्तर-पूर्वी राजस्थान की जलवायु है –
(अ) अर्द्ध-शुष्क
(ब) आर्द्र
(स) उप-आर्द्र
(द) अति-आर्द्र
Ans- अ
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REET 2021 Rajasthan GK Important Question in Hindi
Rajasthan GK Questions in Hindi for REET 2021
दोस्तों इस आर्टिकल में हम जानेंगे राजस्थान जीके (REET 2021 Rajasthan GK Important Question in Hindi) के कुछ वस्तुनिष्ठ महत्वपूर्ण प्रश्न जो कि राजस्थान रीट 2021 में पूछे जा सकते हैं इन प्रश्नों के अध्ययन से आपको राजस्थान जीके से संबंधित प्रश्नों को हल करने में सहायता मिलेगी
Rajasthan GK MCQs in Hindi
Q.1 राजस्थान का वह स्थल जो पशुपालन का प्राचीनतम साक्ष्य प्रस्तुत करता है ?
(A) दर
(B) आहड़
(C) कालीबंगा
(D) बागोर
Q.2 राजस्थान स्थित मत्स्य देश का एक राजा, जो महभारत युद्ध में युद्धिष्ठिर की ओर से लड़ा और वीर गति को प्राप्त हुआ ?
(A) चण्डप्रघोत
(B) विराट
(C) अजातशत्रु
(D) इनमें से कोई नहीं
Q.3 राजपूताना शब्द के प्रथम प्रयोगकर्ता थे ?
(A) कर्नल टॉड
(B) अलेक्जेण्डर
(C) जॉर्ज तामर
(D) इनमें से कोई नहीं
Q.4 राजस्थान के इतिहास के प्रणेता कहे जाते हैं ?
(A) कर्नल टॉड
(B) हेरोडोटस
(C) जार्ज टामस
(D) इनमें से कोई नहीं
Q.5 राजस्थान में पत्रकारिता के भीष्म पितामह हैं ?
(A) पं. झाबरमल शर्मा
(B) मुनीजित विजय
(C) विजय सिंह पथिक
(D) इनमें से कोई नहीं
Q.6 राजस्थान में 1857 के विद्रोह की शुरुआत कहाँ से हुई ?
(A) नीमच छावनी
(B) एनिनपुरा छावनी
(C) देवली छावनी
(D) नसीराबाद छावनी
Q.7 लार्ड हेस्टिंग्स संधि स्वीकार करने वाला प्रथम राजस्थानी राज्य था ?
(A) करौली
(B) उदयपुर
(C) जोघपुर
(D) कोटा
(REET 2021 Rajasthan GK Important Question in Hindi)
Q.8 राजस्थान का सबसे कम भू-भाग है ?
(A) पहाड़ी प्रदेश
(B) वन प्रदेश
(C) मैदानी प्रदेश
(D) पठारी प्रदेश
Q.9 राजस्थान में किस भौतिक प्रदेश का सर्वाधिक विस्तार है ?
(A) पूर्वी मैदान
(B) हाड़ौती पठार
(C) घग्घर मैदान
(D) पश्चिमी मरुस्थल
Q.10 बाजरे का उत्पादन किस प्रकार की मृदा में अधिक किया जाता है ?
(A) लोभी मृदा
(B) जलोढ़ मृदा
(C) बलुई मृदा
(D) चिकनी मृदा
Q.11 अजमेर जिले में बहने वाली नदी है ?
(A) चम्बल
(B) सोम
(C) बनास
(D) कोठारी
Q.12 राजस्थान में खारे पानी की सबसे बड़ी झील कौन-सी है ?
(A) सांभर
(B) लूनकरनसर
(C) पंचपद्रा
(D) डीडवाना
Q.13 निम्नलिखित में से कौन-सा एक कारण राजस्थान में मरुस्थलीकरण का नहीं है ?
(A) शहरीकरण
(B) अनुचित मृदा एवं जल-प्रबंधन
(C) अतिचारण
(D) वनोन्मूलन
Q.14 सेवण घास किस जिले में विस्तृत रूप से उगती है ?
(A) बाड़मेर
(B) सीकर
(C) जैसलमेर
(D) जोधपुर
Q.15 राजस्थान का प्रमुख खनिज है ?
(A) सीसा व जस्ता
(B) मैंगनीज व टंगस्टन
(C) तांबा व एस्बेस्टस
(D) इनमें से कोई नहीं
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Rajasthan ki nadiyon ke kinare base Sahar List
Rajasthan GK : Rajasthan ki Pramukh nadiyon ke kinare base Sahar || For Rajasthan Patwar 2020
नमस्कार! दोस्तों आज के आर्टिकल में हम राजस्थान जीके (Rajasthan ki nadiyon ke kinare base Sahar List) का एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं जिसमें हम राजस्थान की प्रमुख नदियों के किनारे बसे हुए शहरों की एक सूची आपके साथ सांझा कर रहे हैं जो की परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे संबंधित प्रश्न परीक्षा में अवश्य ही पूछे जाते हैं इनका ध्यान से आपको परीक्षा में आने वाले इससे संबंधित प्रश्नों को हल करने में सहायता मिलेगी
राजस्थान की नदियों के किनारे बसे प्रमुख शहर||Major cities situated on the banks of rivers in Rajasthan
- लूनी नदी –अजमेर, गोविंदगढ़ ,बालोतरा, बिलाड़ा
- मंथाई नदी -रणकपुर
- मेजा नदी –डबलाना
- चेप नदी –गड़ीसर
- सुकड़ी- सोजत, जालौर
- वेडच नदी –चित्तौड़गढ़
- बनास नदी -मेनाल, नाथद्वारा, कांकरोली
- पश्चिम बनास- माउंट आबू ,चंद्र गिरी
- बाड़ी –पाली
- खारी नदी –आसींद
- जोजडी नदी- पीपाड़ा, नागौर
- माही नदी- पीपलखूंट, गलियांलोट, डूंगरपुर
- चंबल नदी –कोटा, केशवरायपाटन, धौलपुर ,रावतभाटा
- काकनी नदी –लोदवा सभ्यता
- मित्री नदी –बाली, पाली
- घग्गर नदी –-सूरतगढ़, हनुमानगढ़
- गोदावरी- खेरवाड़ा
- जवाई नदी -एरिनपुरा, सिरोही
राजस्थान की नदियों के किनारे बने दुर्ग
- गागरोन का किला -कालीसिंध नदी के संगम पर
- भैंस रोड गढ़ दुर्ग -चंबल वह बामणी नदी के संगम पर
- शेरगढ़ दुर्ग-परवन नदी के किनारे
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग -गंभीरी और बेच ड नदियों के संगम स्थल के निकट पहाड़ी पर
- मनोहर बयाना दुर्ग- पर वन और कालीखाड़ नदियों के संगम पर
- गढ़ पैलेस –कोटा चंबल नदी के किनारे
नदियों के निकट स्थित अभ्यारण
- राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभ्यारण चंबल नदी
- जवाहर सागर अभ्यारण चंबल नदी
- शेरगढ़ अभ्यारण 12 परवन नदी
- बस्सी अभ्यारण चित्तौड़गढ़ उरई व बामणी का उद्गम
- भैंस रोड गढ़ चित्तौड़गढ़ चंबल व बमिनी नदी के संगम पर
- बनास मेनाल बेईच बीगोद के पास भीलवाड़ा
- माही जाखम सोम बेणेश्वर डूंगरपुर
- बनास चंबल सीप रामेश्वर घाट सवाई माधोपुर
- बनास डाई व खारी राजमहल टोंक
दोस्तों ऊपर दिए गए आर्टिकल में जो हमने राजस्थान की प्रमुख नदियों के किनारे बसे शहरों की सूची (Rajasthan ki nadiyon ke kinare base Sahar List) आपके के साथ सांझा की है आशा है कि आप इसका ध्यान पूर्वक अध्ययन करेंगे और परीक्षा में आने वाले इनसे संबंधित प्रश्नों को आसानी से हल कर पाएंगे
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