Child Development and Pedagogy
Vygotsky ka Sangyanatmak Vikas ka Siddhant in Hindi
Vygotsky ka Sangyanatmak Vikas ka Siddhant ||For CTET and All TET Exam 2020
वाइगोत्स्की का सामाजिक दृषिटकोण संज्ञानात्मक विकास (Vygotsky ka Sangyanatmak Vikas ka Siddhant in Hindi) का एक प्रगतिशील विश्लेषण प्रस्तुत करता है। वस्तुत: वाइगोत्सकी ने बालक के संज्ञानात्मक विकास में समाज एवं उसके सांस्कृतिक संबन्धों के बीच संवाद को एक महत्त्वपूर्ण आयाम घोषित किया। प्याज़े की तरह वाइगोत्स्की भी यह मानते थे कि बच्चे का निर्माण करते हैं। किन्तु इनके अनुसार संज्ञानात्मक विकास एकाकी नहीं हो सकता, यह भाषा-विकास, सामाजिक-विकास, यहाँ तक कि शारीरिक-विकास के साथ-साथ सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ में होता है।
वाइगोत्सकी के अनुसार अधिगम और विकास की पारस्परिक प्रक्रिया में बालक की सक्रिय भागीदारी होती है जिसमें भाषा का संज्ञान पर सीधा प्रभाव होता है। अधिगम और विकास अन्तर्सम्बन्धित प्रक्रियाएं है जो छात्र के जीवन के पहले दिन से प्रारम्भ हो जाती हैं। वाइगोत्सकी के अनुसार विभिन्न बालकों के अलग-अलग विकास स्तर पर अधिगम की व्यवस्था समरूप तो हो सकती है किन्तु एकरूप नहीं, क्योंकि सभी बच्चों का सामाजिक अनुभव अलग होता है। उनके अनुसार अधिगम विकास को प्रेरित करता है। उनका यह दृष्टिकोण प्याज़े के सिद्धान्त एवं अन्य सिद्धान्तों से भिन्न है।
वाइगोत्सकी का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत (Vygotsky ka Sangyanatmak Vikas ka Siddhant in Hindi)
वाइगोत्सकी के अनुसार
“बच्चे के विकास में समाज और संस्कृति का महत्वपूर्ण योगदान होता है बच्चे अपने से बेहतर की संगति में अच्छा सीखते हैं”
- वाइगोत्सकी के सिद्धांत को सामाजिक सांस्कृतिक सिद्धांत भी कहा जाता है बालक का विकास समाज के द्वारा होता है।
- सामाजिक अंतर क्रिया के द्वारा बालक ज्ञान अनुभव को प्राप्त करता है।
- बालकों के विकास का महत्वपूर्ण आधार सामाजिक अंतर क्रिया होता है जिसमें बालक का संज्ञानात्मक व सारे सामाजिक विकास होता है।
वाइगोत्सकी ने कहा था कि बालक समाज के साथ अंतर क्रिया के द्वारा ही विचारों या भाषा का विकास करता है अर्थात वह भाषा भी सामाजिक अंतर क्रिया के द्वारा ही सीखता है।
बालक में भाषा दो प्रकार की speech द्वारा सीखी जाती है
- Inner speech-विचारों से उत्पन्न थिंकिंग या मस्तिष्क से उत्पन्न में चार या आंतरिक – 30 कहते हैं।
- External speech- इतने बालक विचारों को ध्वनियों में परिवर्तित कर देता है या दूसरों से बातचीत करता है तो उसे एक्सटर्नल स्पीच कहते हैं इसे शाब्दिक भाषा भी कहते हैं ।
वाइगोत्सकी ने कहा था की बालक में पहले विचार आते हैं फिर भाषा आती है जबकि पिया जी ने कहा था कि बालक में पहले भाषा आती है फिर विचार आते हैं।
दोनों का निष्कर्ष यही निकलता है कि विचार और भाषा एक दूसरे पर आधारित है अतः नहीं कह सकती कि पहले क्या आता है क्योंकि जो हम सोचते हैं वह भी एक भाषा है।
भाषा यंत्र यह सामाजिक अंतर क्रिया के द्वारा अपनी ही एक संस्कृति से खुदी संस्कृति पर स्थानांतरित करता है भाषा के सभी गुण देश के विचार, भाव ,अनुभव ,कौशल, ज्ञान, नैतिकता भी अनुभव वह निम्न प्रकार से प्राप्त करता है।
अनुकरणीय सीखना (Imitative learning)
बालक अनुकरण की द्वारा ही भाषा का अधिगम एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाते हैं या प्रकट करते हैं।
निर्देशात्मक सीखना (Instructional learning)
इसने बालक किसी फ्रॉड व्यक्ति कैसे अध्यापक या अभिभावक के निर्देशों के माध्यम से ही स्वयं को ज्ञान से परिपूर्ण करता है।
सहकारी अधिगम (Colllaverative learning)
इसमें बालक अपने साथियों के साथ विशिष्ट कौशलों को समूह बनाकर वहन करते हैं अर्थात समान उम्र के बालकों के साथ अधिगम करते हैं।
कुल मिलाकर इन तीनों में सामाजिक अंतर क्रिया ही होती है अर्थात सामाजिक संस्कृति शब्द के साथी वाइगोत्सकी की थ्योरी बनती है।
संज्ञानात्मक विकास में समीपस्थ विकास का क्षेत्र (Zone of proximal Development)
वाइगोत्सकी ने कहा कि संज्ञानात्मक विकास एक अंतर व्यक्ति कि समाज की परिस्थितियों में उत्पन्न होता है जिसमें बालक को को अपने वास्तविक विकास के स्तर अर्थ अर्थ जहां वह बिना किसी मदद की स्वयं कोई कार्य कर सकते हैं उससे अलग उनके संभावित विकास के स्तर की ओर ले जाने का प्रयास किया जाता है इन दोनों के बीच के अंतर को वाइगोत्सकी ने समीपस्थ विकास का क्षेत्र जेपीडी कहां है।
यह वह क्षेत्र है जो बालक किस सीखने से संबंधित है।
उसमें बालक किसी कौशल्य व्यक्ति की सहायता से उस कार्य को पूरा कर सकता है जिसे वह स्वतंत्र रूप से पूरा नहीं कर सकता है।
जेपीडी सिद्धांत में बालक के कार्य करने की दो तरीके होते हैं
- निम्नतम सीमा (lower limit)
- उच्चतम सीमा (higher limit)
1.निम्नतम सीमा – यह वह स्थान है जो बालक के किसी कार्य का व्यक्तिगत स्तर होता है अर्थात जो कार्य बालक स्वयं बिना किसी दूसरे की सहायता से करता है उसे लोअर लिमिट या इंडिविजुअली लिमिट कहते हैं ।
2.उच्चतम सीमा- जब बालक किसी कार्य को करने में बाहरी मदद लेता है तो उसे हायर लिमिट कहते हैं इसे inter psychologically limitभी कहते हैं क्योंकि इसमें मैं समाज की भी मदद लेता है।
सैद्धांतिक मतभेद
जीन पियाजे के संज्ञानात्मक स्तर को एक माना है लेकिन वाइगोत्सकी ने इसे एक नहीं माना है वाइगोत्सकी का मानना है कि बच्चे स्वतंत्र रूप से क्या कर सकते हैं तथा वयस्कों से सहायता प्राप्त करके और क्या कर सकते हैं।
वाइगोत्सकी के सिद्धांत के महत्वपूर्ण प्रश्न
Q.1 वाइगोत्सकी के अनुसार संज्ञानात्मक विकास का मूल कारण है
- संतुलन
- सामाजिक अन्योनक्रिया
- मानसिक प्रारूप का समायोजन
- उद्दीपन अनुक्रिया युग्मन
Q.2 वाइगोत्सकी के अनुसार बच्चे सीखते हैं?
- वयस्कों और सम वयस्क के साथ परस्पर क्रिया से
- जब पुनर्बलन प्रदान किया जाता है
- परिपक्व होने से
- अनुकरण से
Q.3 वाइगोत्सकी के अनुसार सीखने को पृथक नहीं किया जा सकता?
- व्यवहार मे मापने योग्य परिवर्तन से
- अवबोधन और अबधनात्मक प्रक्रियाओं से
- उसके सामाजिक संदर्भ से
- पुनर्बलन से
Q.4 लेव वाइगोत्सकी के अनुसार अधिगम-
- एक व्यक्तिगत गतिविधि है
- एक निष्क्रिय गतिविधि है
- एक अनुबंधित गतिविधि है
- एक सामाजिक गतिविधि है
Q.4 निजी भाषा शब्दावली का प्रयोग पहली बार किसके द्वारा किया गया-
- कोहल वर्ग
- वाइगोत्सकी
- एरिकसन
- पियाजे
Q.5 वाइगोत्सकी की संस्तुति के अनुसार बच्चों की व्यक्तिगत बाघ की संकल्पना-
- स्पष्ट करती है कि बच्चे अपने ही कार्यों के निर्देश के लिए भाषा का उपयोग करते हैं
- प्रदर्शित करती है कि बच्चे बुद्धू होते हैं इसलिए उन्हें करोड़ों के निर्देशन की आवश्यकता होती है
- स्पष्ट करती है कि बच्चे अहम केंद्रित होते हैं
- प्रदर्शित करती है कि बच्चे अपने आप से प्यार करते हैं
Q.6 “बच्चे का सामाजिक सांस्कृतिक विकास सामाजिक अंतर क्रियाओं से विकसित होता है” यह किसका कथन है
- प्राइड
- वाइगोत्सकी
- पिया जी
- एरिकसन
Q.7 लैब वाइगोत्सकी कि समाज संरचना सिद्धांत में दृढ़ विश्वास रखने वाले शिक्षक के नाते आप अपने बच्चों की आंख लर्न के लिए निम्नलिखित में से किस विधि को वरीयता देंगे?
- सहयोगी प्रोजेक्ट
- मानकीकृत परीक्षण
- शिक्षा पर आधारित प्रत्यास्मरण की क्षेत्र
- बहु विकल्प विधि
Q.8 वाइगोत्सकी के अनुसार-
- बच्चे भाषा अर्जन की एक युक्ति से कोई भाषा सीखते हैं
- भाषिक विकास मानव चिंतन के स्वभाव को बदल देता है
- भाषिक विकास में संस्कृति की भूमिका बहुत कम होती है
- वयस्क और साथियों से अनुरोध क्रिया करने का भाषा के विकास में कोई प्रभाव नहीं पड़ता
Related Article:-
|
Child Development and Pedagogy
Pavlov ka Anukulit Anukriya Siddhant For CTET 2021
CTET 2021: पावलव का अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत (Pavlov’s Principle of Optimized Response)
इस आर्टिकल में मनोविज्ञान (Pavlov ka Anukulit Anukriya Siddhant For CTET 2021) का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत आपके साथ शेयर कर रहे हैं। जिसका नाम है, “पावलव का अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत” इस सिद्धांत से संबंधित प्रश्न सभी शिक्षा भर्ती परीक्षा में अवश्य ही पूछे जाते हैं एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है इस सिद्धांत को हमने इस आर्टिकल में विस्तारपूर्वक समझाया है। तथा इससे संबंधित प्रश्न उत्तर आपके साथ साझा किए हैं, आशा है यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा।
पावलव का अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत (Pavlov ka Anukulit Anukriya Siddhant)
प्रतिपादक (अनुबंधन) का जनक- ई पी पावलाव
जन्म- 26 सितंबर 1849 रियाजान, रूस
मृत्यु – 27 फरवरी 1936 मास्को, रूस
ईवान पावलाव –
- ई पी पावलाव रूसी वैज्ञानिक थे। इनका पूरा नाम ‘ईवान पात्रोंविच पावलव’ था।
- इन्होंने पाचन क्रिया के दैहिकी का विशेष रूप से अध्ययन किया और उनका यह अध्ययन इतना महत्वपूर्ण एवं लोकप्रिय हुआ कि 1904 ईस्वी में इसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार भी दिया गया।
- ई पी पावलाव को अनुबंधन का जनक कहा जाता है।
- मनोवैज्ञानिक के साथ-साथ पावलाव एक चिकित्सक भी थी।
- पावलव ने कुत्ते की पैरोटिड ग्रंथि का ऑपरेशन का लार का एकत्रीकरण किया।
- इस प्रयोग द्वारा पावलव में यह निष्कर्ष निकाला कि यदि लंबे समय तक स्वाभाविक तथा अस्वाभाविक उद्दीपन का एक साथ प्रस्तुत किए जाएं तो व्यक्ति अस्वाभाविक उद्दीपन के प्रति भी स्वाभाविक जैसी अनुक्रिया करने लगता है जिसे अनुकूलित अनुक्रिया अथवा अनुबंधित अनुक्रिया कहते हैं।
पावलव s- प्रकार
- प्रयोग– कुत्ते पर प्रयोग किया
- जब कुत्ते के सामने भोजन रख दिया जाता था। जो हमारा उद्दीपक है, तो जैसे ही भोजन रखा जाता तो कुत्ते के मुंह में लार की वृद्धि होती है
- इन्होंने कुत्ते को रस्सी से बांध दिया था।
प्रथम चरण
स्वाभाविक उद्दीपक = स्वाभाविक प्रतिक्रिया
(भोजन) (लार निकलना)
द्वितीय चरण
घंटी + भोजन = लार निकलना
(कृतिम उद्दीपक) (स्वाभाविक उद्दीपक) (स्वाभाविक प्रतिक्रिया)
तृतीय चरण
घंटी = लार निकलना
(कृतिम उद्दीपक) (स्वाभाविक प्रतिक्रिया)
- नोट- घंटी भोजन के मध्य समय – 2 से 4 सेकंड
- भोजन को घंटी से अधिक प्रभावशाली होना चाहिए।
इस सिद्धांत की शैक्षिक उपयोगिता
- शिक्षक को विषय वस्तु के प्रति अनुबंधन करना चाहिए।
- अच्छी आदतों का निर्माण किया जा सकता है।
- अनुशासन बच्चों में लाया जा सकता है।
- बुरी आदत तो वह क्या दी से छुटकारा मिल जाता है।
- सतर्क रहना।
- शिक्षण में दृश्य श्रव्य सामग्री का प्रयोग।
- पुनरावृति पर बल।
- यांत्रिक तरीके से सीखने पर बल।
- इसी प्रकार बालक को में प्रेम भावना का विकास होता है।
- भाषा को सीखने और सिखाने के लिए विशेष उपयोगी।
- आदतों के निर्माण में विशेष उपयोगी।
- भय संबंधित मानसिक भ्रांतियों को दूर करने में सहायक।
उपनाम
- C-R थ्योरी
- शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत
- प्राचीन परंपरागत अनुबंधन सिद्धांत
- समृद्ध प्रतिक्रिया प्रत्यावर्तन सिद्धांत
- अनुबंधन का सिद्धांत
- शरीर शास्त्री सिद्धांत
- क्लासिकल अनुबंधन सिद्धांत
UCS – unconditional stimulus [अनुबंधित उद्दीपक (भोजन), स्वाभाविक उद्दीपक ]
CS – conditional stimulus [अनुबंधित उद्दीपक (घंटी), अस्वाभाविक उद्दीपक ]
UCR – unconditional response [अनुबंधित अनुक्रिया (लार), स्वाभाविक अनुक्रिया]
CR – conditional response [अनुबंधित अनुक्रिया (लार) ,अस्वाभाविक अनुक्रिया]
पावलाव के सिद्धांत पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
Q.1 पावलव का सिद्धांत किस नाम से जाना जाता है ?
a) संबंध प्रत्यावर्तन
b) संबंध प्रतिक्रिया
c) अनुकूलित अनुक्रिया
d) उपयुक्त सभी
Ans-(d)
Q.2 पावलव के शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत के अनुसार घंटी तथा भोजन के मध्य …… ही अनुबंधन कहलाता है ?
a) अनुक्रिया
b) साहचर्य
c) उद्दीपक
d) अंतदृष्टि
Ans-(b)
Q.3 अधिगम से संबंधित पावलव की रचना है –
a) एनिमल इंटेलिजेंस
b) कंडीशन रिफ्लेक्सेस
c) डायनेमिक थ्योरी
d) लर्निंग रिइंफोर्समेंट
Ans-(b)
Q.4 अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धांत – – – – अनुकूल पर बल देता है ?
a) प्रेरणा
b) पुनर्बलन
c) चिंतन
d) अंतदृष्टि
Ans-(a)
Q.5 पावलव के प्राचीन अनुबंधन सिद्धांत में भोजन है ?
a) अनुबंधित उद्दीपक
b) अननुबंधित उद्दीपक
c) अनुबंधित अनुक्रिया
d) अननुबंधितअनुक्रिया
Ans-(b)
Q.6 पावलव के सिद्धांत को कंप्यूटर स्टीमुलेशन द्वारा कौन सी मशीन बताती है ?
a) हॉफमैन मशीन
b) कोफ्का मशीन
c) स्टीमुलेशन मशीन
d) उपरोक्त में से कोई नहीं
Ans-(a)
Q.7 एक व्यक्ति बाजार में सामान खरीदने जाता है तो उसका हाथ अपने आप पेंट के पीछे दाहिनी जेब पर जाता है, इसका कारण है –
a) समायोजन
b) अभी क्षमता
c) प्रतिबाधा
d) अनुबंधन
Ans-(d)
Q.8 अनुबंधन की बाद घंटी की ध्वनि से लार का स्त्राव उदाहरण है ?
a) अनुबंधित अनुक्रिया
b) अनअनुबंधित अनुक्रिया
c) अनुबंधित उद्दीपक
d) अननुंबधित उद्दीपक
Ans-(a)
Q.9 शास्त्रीय अनुबंधन में सम्मिलित होते हैं
a) एक उत्तेजक का दूसरे उत्तेजक से साहचर्य
b) उत्तेजक का अनुक्रिया के लिए स्थान पूर्ति
c) एक उत्तेजक की दूसरी उत्तेजक के लिए स्थान पूर्ति
d) उत्तेजक का अनुक्रिया से साहचर्य
Ans-(a)
Q.10 एक बार बालक जलने के बाद अंगीठी से दूर रहता है, वह उदाहरण है ?
a) प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत
b) क्रिया अनुबंध
c) शास्त्रीय अनुबंधन
d) अंतर्दृष्टि सिद्धांत
Ans-(c)
Read Many More:-
Child Development and Pedagogy
Sigmund Freud ka Siddhant Notes & MCQ For MPTET,CTET & All TET
सिगमंड फ्रायड का मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त – Freud’s Psychoanalytic Theory of Personality
इस आर्टिकल में आज हम आपके साथ टीचिंग एग्जाम (Sigmund Freud ka Siddhant) की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण टॉपिक सिगमंड फ्रायड का मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत शेयर कर रहे हैं। इस सिद्धांत की विस्तृत जानकारी हमने आपके साथ सांझा की है जो आगामी टीचिंग एग्जाम जैसे –MPTET Grade-3,CTET,REET,UPTET आदि की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण टॉपिक है।
सिगमंड फ्रायड का मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत
इस सिद्धांत का प्रतिपादन सिगमंड फ्रायड ने किया था जो ऑस्ट्रिया के निवासी थे सिद्धांत में मन या मस्तिष्क का विश्लेषण किया जाता है, उनका जन्म 6 मई 1856 को हुआ था।उन्नीसवीं सदी के आरंभ के कुछ समय पहले मनोविज्ञान एक स्वतंत्र विज्ञान के रूप में विकसित हुआ इसलिए पहले मनोविज्ञान को दर्शन के अंतर्गत पढ़ा जाता था। उस वक्त मनोविज्ञान का उद्देश्य वयस्क मानव चेतना का विश्लेषण और अध्ययन करना था ब्राइटनेस परंपरागत चेतना के मनोविज्ञान का विरोध किया और मनोविश्लेषण संबंधी कई नई संकल्पनाओं का प्रतिपादन किया, जिस पर हमारा आधुनिक मनोविज्ञान टिका हुआ है।
प्रतिपादन- सिगमंड फ्रायड
जन्म- 6 मई 1856
मृत्यु- 23 सितंबर 1940
निवासी-ऑस्ट्रिया (वियाना) में
इन्होंने मन की तीन प्रकार बताएं है –
1.चेतन मन (conscious mind)- यह मन वर्तमान के विचारों से संबंधित होता है।
2.अर्द्ध चेतन मन (subconscious mind)-इसमें हमें तुरंत ज्ञान नहीं होता लेकिन कुछ टाइम देखकर याद किया जा सकता है।
3.अचेन मन (Unconscious mind)-इसमें भी बातें होती है जो हम भूल चुके हैं और हमारी याद करने पर भी याद नहीं आती हैं।
फ्रायड व्यक्तित्व को तीन भागों में बांटा है –
i) ld (इदम्)-उसने व्यक्ति की शारीरिक और मूल अवस्था आवश्यकताएं हैं जैसे- भूख,प्यास आदि को satisfied करना होता हैयह सामाजिक आवश्यकता और नैतिक मूल्यों की चिंता किए बिना इच्छाओं की पूर्ति पर बल देता है।
ii) Ego (अहम)-यह आवश्यकताओं या इच्छाओं की संतुष्टि की योजना का निर्माण करता है और उसका implementationकरता है या परिणाम की चिंता करता है।
iii) super Ego (पराअहम्)- यह समाज द्वारा नैतिक सूत्रों के according काम करता हैयानी जिस व्यक्ति के अंदर super Ego ज्यादा होगी वह बुरे कामों से उतना ही दूर होगा जैसे – चोरी ना करना या झूठ ना बोलना ।
फ्राइड के व्यक्तित्व संबंधी विचारों को मनो लैंगिक विकास का सिद्धांत भी कहा जाता है। इसे फ्राइड ने 5 अवस्थाओं में बांटा है।
1.मौखिक अवस्था (Oral Stage)- जन्म से 1 वर्ष
2.गुदा अवस्था (Anal Stage) -2 से 3 वर्ष
3.लैंगिक अवस्था (Phallic Stage)- 4 से 5 वर्ष
4.सुषुप्त अवस्था (Lantency Stage) -6 से 12 वर्ष
5.जननी अवस्था (Gental Stage) -12 से 20 वर्ष
सिगमंड फ्रायड ने दो मूल प्रवृत्तियां बताई है –
1.जीवन
2.मृत्यु
स्वमोह- ऑडीपस व इलेक्ट्रा ग्रंथि
“सिगमंड फ्रायड के अनुसार“ ,लड़कों में ऑडीपस ग्रंथि पाई जाती है जिसके कारण वह अपनी मां से अधिक प्रेम करेंगे।
तथा लड़कियों में इलेक्ट्रा ग्रंथि पाई जाने के कारण वह अपने पिता से अधिक प्रेम करती हैं।
लिबिडो(Libido) -प्रेम, स्नेह व काम प्रगति को लिबिडो कहते हैं यह एक स्वाभाविक प्रकृति होती है और यदि इस प्रवृत्ति का दमन किया जाता है तो व्यक्ति को समायोजित हो जाता है
शैशव कामुकता-शैशव कामुकता की बात पर सिगमंड फ्रायड व उनके शिष्य जुग या युग के मध्य मतभेद हो जाता है
व्यक्तित्व मापन की विधियां
प्रक्षेपी विधियां
1.T.A.T (Thematic apperception test)
2.C.A.T (Children apperception test)
3.I.B.T (Ink Blot Test)
4.S.C.T (Sentence Complant Test)
5.F.W.A.T
अप्रक्षेपी विधियां
आत्म निष्ठ या व्यक्ति निष्ठ
- आत्मकथा विधि
- व्यक्ति इतिहास विधि
- साक्षात्कार विधि
- प्रश्नावली विधि
वस्तुनिष्ठ विधि
- समाजमिति विधि
- कर्म निर्धारण विधि
- शारीरिक परीक्षण विधि
- निरीक्षण विधि
प्रक्षेपण विधियां
- प्रक्षेपण शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम सिगमंड फ्रायड ने किया
- प्रक्षेप का अर्थ है अपनी बातों विचारों भावनाओं अनुभाव वादी को स्वयं ना बता कर किसी अन्य उद्दीपक या पदार्थ के माध्यम से अभिव्यक्त करना
1.T.A.T (Thematic apperception test) -प्रासंगिक अंतर बौद्ध परीक्षण या कथा प्रसंग परीक्षण
- प्रतिपादक- मोरगन वा मुर्र
- सन– 1935
- कुल कार्डों की संख्या- 31
- इस परीक्षण में 10 कारणों पर पुरुषों से संबंधित व 10 कार्डों पर महिलाओं से संबंधित 10 कारणों पर दोनों के चित्र बने होते हैं
- बालक को को चित्र दिखाकर कहानी लिखने को कहा जाता है और कम से कम 10 कार्ड ऊपर कहानी लिख पाई जाती है
- इस परीक्षण में 14 वर्ष से अधिक आयु वाले बालकों के लिए प्रयोग किया जाता है
- इसमें व्यक्ति की रुचियां, इच्छाओं बा आवश्यकताओं की जानकारी होती है।
2. C.A.T(Children apperception test)-बाल संप्रत्यय परीक्षण
- प्रतिपादक- लियोपोल्ड बेलोक (1948)
- विकास में योगदान- डॉ अर्नेस्ट कृष
- कार्डों की संख्या- 10
- इस परीक्षण में 10 कार्ड पर जानवरों के चित्र बने होते हैं बालक को को चित्र दिखाकर कहानी लिखने को कहा जाता है यह परीक्षण 3 से 11 वर्ष के बालक को के लिए उपयोगी हो।
3 .I.B.T (Ink Blot Test)-रोर्शा स्याही धब्बा परीक्षण
- प्रतिपादक- हरमन रोर्शा( 1921)
- कार्डों की संख्या– 10
- इस परीक्षण में 10 कार्डों पर स्याही के धब्बे बने होते हैं पांच कारणों पर काले और सफेद तथा बाकी पांच पर विभिन्न रंगों के धब्बे बने होते हैं
- बालक को को आकृति दिखाकर उसके बारे में पूछा जाता है इसमें बालक को के क्रियात्मक, भावात्मक बा संज्ञानात्मक परीक्षण किए जाते हैं
4.S.C.T (Sentence Complant Test)-वाक्य पूर्ति परीक्षण
- प्रतिपादक- पाइन एंड टेंडलर( 1930)
- विकास में योगदान– रोटर
- उदाहरण- मैं बहुत खुश होता हूं जब मेरे माता पिता………………. मुझे देते हैं
5.F.W.A.T -स्वतंत्र शब्द साहचर्य परीक्षण
- यह एक मनोविश्लेषणात्मक विधि है
- प्रतिपादक– फ्रांसिस गॉल्टन
- सन- 1879
- सहयोग- विलियम वांट
- इस परीक्षण में व्यक्तित्व मापन के अलावा कई मनोवैज्ञानिक रोगों का इलाज भी किया जाता है
अप्रक्षेपी या अन्य विधियां – (चेतन मन का अध्ययन)
1.आत्म निष्ठ या व्यक्ति निष्ठ विधि
a.आत्मकथा या अंतर दर्शन विधि
- प्रवर्तक- विलियम वुण्ट और शिष्य टिचनेर
- यह एक प्राचीनतम विधि है
- यह एक मनोवैज्ञानिक विधि नहीं है
- इसके कारण इनका वर्तमान समय में उपयोग नहीं किया जाता है
b . व्यक्ति इतिहास विधि/ जीवन कृत विधि/ केस स्टडी-
- प्रवर्तक- टाइड मैन
- निदानात्मक अध्ययनों की सर्वश्रेष्ठ विधि है आज सामान्य बालकों के निदान की सर्वश्रेष्ठ विधि है समस्या के कारण को जानना निदान कहलाता है जो मनोविज्ञान की सहायता से किया जाता है तथा कारण को दूर करना उपचार कहलाता है जो शिक्षा की सहायता से किया जाता है बिना निदान के उपचार संभव नहीं है
c .प्रश्नावली विधि
- प्रवर्तक-वुडवर्थ
- प्रश्नावली में आमने- सामने होना जरूरी नहीं होता और उत्तर के रूप में विकल्प होते हैं
d.साक्षात्कार विधि
- साक्षात्कार विधि का प्रारंभ अमेरिका में हुआ इसमें प्रश्नों का कोई बंधन नहीं होता है और ना ही समय पर साक्षात्कार वार्तालाप का ही एक रूप माना जाता है
- वस्तुनिष्ठ विधिया
- a.निरीक्षण विधि या वही दर्शन विधि
- प्रवर्तक- व्हाटसन
- इस विधि में सामने वाले व्यक्ति के व्यापार का भिन्न भिन्न परिस्थितियों का अध्ययन किया जाता है और निष्कर्ष निकाला जाता है कि विषय का व्यक्तित्व कैसा है
b . समाजमिति विधि
- प्रवर्तक- J. L.मोरेनो
- इस विधि में व्यक्ति की सामाजिकता के बारे में समाज के व्यक्तियों से जानकारी लेकर निष्कर्ष निकाला जाता है कि विषय का व्यक्तित्व कैसा है
c . कर्म निर्धारण मापनी/ रेटिंग स्केल
- प्रतिपादक-थरस्टेन
- इस परीक्षण में पूर्ण सहमत- सहमत- अनिश्चित- असहमत- पूर्ण सहमत में क्रम निर्धारण मापनी के माध्यम से आंकड़े एकत्रित करके निष्कर्ष निकाला जाता है कि विषय का व्यक्तित्व कैसा है।
d . शारीरिक परीक्षण
- इस परीक्षण में व्यक्ति की शारीरिक जांच करके निष्कर्ष निकाला जाता है कि निर्धारित नौकरी के लिए व्यक्ति स्वस्थ है या नहीं
Sigmund Freud Theory Based Questions and Answers
Q.1 फ्राइड के अनुसार हमारे मूल्यों का आंतरिकीकरण …….. में होता है ।
a) इदम्
b) अहम्
c) पराहम्
d) परिस्थितियों
Ans-(c)
Q.2 फ्राइड के अनुसार मूल प्रवृत्ति के दो प्रकार हैं –
a) आक्रामकता एवं चिंता
b) अहम तथा पराअहम
c) इरोज एवं थेनेटॉस
d) इड तथा अहम
Ans-(c)
Q.3 मानव व्यक्तित्व के मनो लैंगिक विकास को निम्न में से किसने महत्व दिया था ?
a) कमेनियस
b) हॉल
c) हॉलिंगवर्थ
d) फ्रायड
Ans-(d)
Q.4 इदम् का ईगो पर हावी होने की स्थिति में व्यक्ति होता है –
a)अनैतिक व असामाजिक
b) दबाव
c) दुशचिंता
d) कुंठित
Ans-(a)
Q.5 अलमारी से अमूल किताब नहीं पाता है और थोड़ी देर के लिए परेशान हो जाता है फिर याद आती है कि उस किताब को हमने अपने दोस्त को दिया था यह अवस्था है –
a) चेतन मन
b) अचेतन मन
c) अर्द्धचेतन मन
d) इदम
Ans- (c)
Q.6 शारीरिक योग्यता वाले व्यक्ति के लिए निम्न में से कौन सी युक्ति रक्षा तंत्र में सबसे संतोषजनक होगी ?
a) तादात्मीकरण
b) विवेकीकरण
c) अति कल्पना
d) इनमें से कोई नहीं
Ans-(c)
Q.7 निम्न में से कौन सा तरीका प्रत्यक्ष समायोजन का है ?
a) प्रक्षेपण
b) दमन
c) प्रतिगमन
d) लक्ष्यों का प्रतिस्थापन
Ans-(d)
Q.8 विकास की अवस्था तौर पर 1 से 3 वर्ष की आयु में होती है इनको विकसित होने लगता है और इड कुछ हद तक नियंत्रित हो जाती है
a) मौखिक
b) फालिक
c) विलम्ब
d) गुदा
Ans-(d)
Q.9 कुछ लोग कहते हैं कि जब बच्चों पर गुस्सा आता है, तो वे खेलते हैं जब तक भी बेहतर महसूस ना करें । इस व्यवहार का प्रतिनिधित्व कौन सा रक्षा तंत्र करता है ?
a) प्रक्षेपण
b) विस्थापन
c) प्रतिक्रिया गठन
d) उच्च बनाने की क्रिया
Ans-(b)
Q.10 5 वर्ष के बालक में अपने पिता के पिता माता के प्रति अत्यधिक प्रेम की भावना विकसित हो जाती है बालक के व्यापार में होने वाले इस परिवर्तन को फ्राइड द्वारा क्या नाम दिया गया है ?
a) पराहम्
b) इलेक्ट्रा कंपलेक्स
c) ओडिपस कंपलेक्स
d) नार्सीजिज्म
Ans-(c)
Read more……….
इस पोस्ट में हमने आपके साथ व्यक्तित्व मापन का सिगमंड फ्रायड का मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत (Sigmund Freud ka Siddhant) सांझा किया है ,आशा है यह आर्टिकल आपकी परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा आपको आने वाली सभी परीक्षाओं के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं। ऐसी नवीनतम जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहे।
Child Development and Pedagogy
CTET Exam 2021: व्यक्तित्व पर आधारित इन सवालों के जवाब देकर चेक करें,अपनी तैयारी का स्तर
CTET 2021(CTET personality based MCQ) : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा आयोजित की जाने वाली केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) का आयोजन 16 दिसंबर से 13 जनवरी के बीच किया जाएगा।यह परीक्षा देश की सबसे बड़ी शिक्षक पात्रता परीक्षा में से एक है और इसमें शामिल होकर हर साल लाखों अभ्यर्थी अपने शिक्षक बनने के सपने को पूरा करते हैं, चूँकि अब परीक्षा में कुछ ही दिन का समय शेष बचा है ऐसे में अभ्यर्थियों के लिए आवश्यक है रिवीजन के साथ-साथ प्रैक्टिस सेट लगावे, जिससे कि परीक्षा में होने वाली गलतियों से बचा जा सके,यदि आप इस परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, तो परीक्षा से पूर्व आपको हमारे द्वारा शेयर किए जा रहे व्यक्तित्व (CTET personality based MCQ) पर आधारित वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को एक बार अवश्य पढ़ लेना चाहिए।
(Personality) व्यक्तित्व का अर्थ-
व्यक्तित्व शब्द अंग्रेजी भाषा की ‘पर्सनैलिटी’ से बना है,अंग्रेजी भाषा का पर्सनैलिटी शब्द लैटिन भाषा के ‘परसोना’ से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है – नकली चेहरा, मोटा या नकाब।
व्यक्तित्व के व्यापक अर्थ में व्यक्ति के बाहरी और आंतरिक दोनों पक्षों को शामिल किया जाता है।
बाहरी पक्ष- इसमें व्यक्ति के रूप, रंग, सुंदरता ,बनावट, वेशभूषा आदि को शामिल किया जाता है, यह पक्ष दूसरे व्यक्ति को तुरंत प्रभावित करता है, लेकिन इसे व्यक्तित्व का अस्थाई पक्ष कहते है।
आंतरिक पक्ष- इसमें व्यक्ति की मानसिक शक्ति, आंतरिक गुणों व संवेगात्मक पक्ष को शामिल किया जाता है, यह व्यक्तित्व का प्रभावी एवं स्थाई पक्ष माना जाता है, जो दूसरे व्यक्ति को जीवन पर्यंत प्रभावित करता रहता है।
व्यक्तित्व की परिभाषाएं
आलपोर्ट के अनुसार
“व्यक्तित्व उन मनो दैहिक व्यवस्थाओं का एक गत्यात्मक संगठन है जो वातावरण के अपूर्व समायोजन को स्थापित करता है। “
रेक्सरॉक के अनुसार
“व्यक्तित्व समाज के द्वारा मान्य पूरा अमान्य गुणों का योग है। “
गिलफोर्ड के अनुसार
“व्यक्तित्व व्यक्ति के सभी गुणों का समूह है। “
वुडवर्थ के अनुसार
“व्यक्तित्व व्यक्ति की समस्त विशेषताओं का योग है। “
Rk मर्डन के अनुसार
“व्यकितत्व व्यक्ति के जन्मजात अर्जित स्वभाव मूल प्रवृत्तियों इच्छाओ भावनाओं का संगठन है। “
आइजेनक के अनुसार
“व्यक्तित्व व्यक्ति के चरित्र स्वभाव बुरी आदत शारीरिक बनावट विशेषता आदि का एक स्थाई व स्थिर संगठन है जो वातावरण के साथ अपना समायोजन कर लेता है।“
सीटेट परीक्षा में पूछे जाते हैं पर्सनैलिटी बेस्ट यह सवाल –Important Questions on Personality for CTET 2021
1.व्यक्तित्व और बुद्धि में वही संबंध है जो बुद्धि और ……. में है ?
a) अध्ययन
b) व्यवहार
c) संलग्नता
d)समायोजन
उत्तर – (b)
2.शेल्डन में व्यक्तित्व को किस आधार पर वर्गीकृत किया ?
a)शारीरिक रचना
b) शीलगुण
c) त्वचा का रंग
d) सामाजिकता
उत्तर – (a)
3. व्यक्तिव का उसकी सामाजिक व्यवहार के आधार पर अंतर्मुखी वर्गों में विभाजित करने वाले मनोवैज्ञानिक हैं ?
a) कैटल
b) युंग
c) आलपोर्ट
d) ब्रुनर
उत्तर-(b)
4.अंतर्मुखी व्यक्तित्व का प्रकार है?
a) शरीर रचना प्रकार
b) मनोवैज्ञानिक प्रकार
c) मूल संबंधी प्रकार
d) रचनात्मक प्रकार
उत्तर – (b)
5.अत्यधिक वाचाल प्रसन्न चित्त और सामाजिक प्रवृत्ति के व्यक्ति के व्यक्तित्व को युंग ने क्या नाम दिया?
a) अंतर्मुखी
b) बहिर्मुखी
c) स्नायु विकृत
d) स्थिर
उत्तर – (b)
6. व्यक्तित्व की प्रक्षेपण विधि कौन सी है?
a) रोर्शा स्याही धब्बा परीक्षण
b) स्टैनफोर्ड बिने परीक्षण
c) बाकर मेहंदी परीक्षण
d)भाटिया परीक्षण माला
उत्तर -(a)
7. “रोर्शा स्याही धब्बा परीक्षण ” व्यक्तित्व परीक्षण का कौन सा प्रकार है ?
a)व्यक्तिगत
b) प्रक्षेपी
c) अप्रेक्षेपी
d) अर्धप्रक्षेपी
उत्तर -(b)
8.व्यक्तित्व मापन की व्यक्तिनिष्ठ विधि है ?
a) व्यक्ति इतिहास
b)क्रम निर्धारण मापनी
c) रोर्शा शाही परीक्षण
d) शब्द साहचर्य परीक्षा
उत्तर -(a)
9.व्यक्तित्व मापन की एक प्रक्षेपी परीक्षण विधि नीचे दी गई है ?
a)साक्षात्कार
b)चेक लिस्ट
c) शब्द सहचार्य परीक्षण
d) व्यक्ति अध्ययन
उत्तर -(c)
10.तनाव को कम करने के लिए अचेतन मन का प्रयोग करना क्या कहलाता है?
a) रक्षात्मक युक्तियां
b) अवधान प्राप्ति
c) लक्ष्यों का विशेषण
d) प्रत्यय बाधा निवारण
उत्तर – (a)
11.रमेश दुबला पतला लंबे कद का व्यक्ति है जो सपनों की दुनिया में खोया रहता है रमेश की यह गुण निम्न में से किस प्रकार के व्यक्तित्व के अंतर्गत आते हैं?
a) स्थूलकाय
b) पुष्टकाय
c)विशालकाय
d) कृषकाय
उत्तर – (d)
12. किशोरावस्था में बालक अधिकांशतः अपने ही रूप पर मोहित हो जाता है फ्रायड ने इस भावना को कहां है –
a) इलेक्ट्रा
b) नार्सिसिज्म
c) ओडिपस
d) इरोस
उत्तर-(b)
13.व्यक्ति के मन में विचार आता है कि मुझे अध्यापक पर प्रहार करना चाहिए और वह बिना किसी कारण ही पूरी कक्षा के सामने अध्यापक पर हाथ उठा देता है उस व्यक्ति का व्यक्तित्व स्तर है?
a) झ्ड
b) इगो
c) सुपर इगो
d) सेण्ट्रल इगो
उत्तर-(a)
14.व्यक्तित्व के किस पहलू से बच्चे के आउटगोइंग (निमार्गी) होने की संभावना बढ़ जाती है?
a) बार्हिमुखता
b) अंतर्मुखता .
c) समाजीकरण
d) स्नायुविकृति
उत्तर – (a)
15. TAT (thematic apperception test) कितने से अधिक आयु के व्यक्ति के लिए उपयोगी है?
a) 18
b) 20
c) 14
d) 6
उत्तर – (c)
Read Many More:-
यहां हमने CTET परीक्षा के लिए उपयोगी CTET personality based MCQ शेयर किए हैं सीटेट से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट पर विजिट करते रहिएगा I
-
Sanskrit4 years ago
Fruits Name in Sanskrit Language|| फलों के नाम संस्कृत में
-
Uncategorized2 years ago
संस्कृत में मम परिचय | Mam Parichay Sanskrit Mein Class 10th
-
CTET & Teaching12 months ago
CTET January 2024: केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए गणित शिक्षण शास्त्र से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न
-
CTET & Teaching12 months ago
CTET 2024 Practice Set: लेव वाइगोत्सकी के सिद्धांत से हर बार पूछे जाते है ये सवाल
-
Current Affairs3 years ago
India Ranking in Different Indexes 2021 pdf in Hindi
-
CTET & Teaching1 year ago
TET Exams 2023-24: शिक्षक बनाना चाहते है तो अभी पढ़ें पर्यावरण पेडगॉजी ये सवाल
-
Sanskrit3 years ago
Importance of Trees Essay in Sanskrit
-
Sanskrit4 years ago
Colours Name in Sanskrit Language || रंगों के नाम संस्कृत में