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Madhya Pradesh ke Pramukh Rajvansh in Hindi || MP GK

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Pramukh Rajvansh of mp

MP GK: Madhya Pradesh ke Pramukh Rajvansh

नमस्कार! दोस्तों आज के मध्य प्रदेश सामान्य ज्ञान में हम आपके साथ (Madhya Pradesh ke Pramukh Rajvansh in Hindi) मध्य प्रदेश के इतिहास के प्रमुख राजवंशों की संपूर्ण सूची शेयर करने जा रहे हैं इसके साथ ही राजवंशों से संबंधित प्रश्न उत्तर को भी हमने शामिल किया है जो कि परीक्षा में अक्सर पूछे जाते हैं तो आइए जानते हैं मध्य प्रदेश के प्रमुख राजवंशों के बारे में-

मध्य प्रदेश के प्रमुख राजवंश

परमार वंश

  • 850 ईसवी में मध्यप्रदेश के मालवा में परमार वंश का उदय हुआ।
  • परमार वंश की स्थापना उपेंद्र ने की थी।
  • इस वंश के शासकों ने ताप्ती नदी को अपनी दक्षिणी सीमा सन निर्धारित किया।
  • परमार वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक राजा भोज थे।
  • राजा भोज ने धार को अपनी राजधानी बनाया।
  • रायसेन में भोजपुर मंदिर भोपाल में भोज ताल और धार में सरस्वती मंदिर का निर्माण कराया राजा भोज संस्कृत के ज्ञाता थे।
  • राजा भोज ने कविराज की उपाधि धारण की और सरस्वतीकंठआभरण, समरांगणसूत्र, सिद्धांत, संग्रहयुक्ति, शब्दानुशासन, चारुचर्चा जैसे ग्रंथों की रचना की।

हैहय वंश

  • यदु कबीले के शासक हैहय ने इस वंश की स्थापना की।
  • इस वंश के राजा महिष्मत ने नर्मदा के किनारे महिष्मति (महेश्वर) नगर की स्थापना की।
  • किस वंश के शासक कीर्ति वीर्य अर्जुन ने अयोध्या और लंकेश शासकों को हराया।
  • गुर्जरों के प्प्रभाव के चलते इस वंश का पतन हो गया।

गुप्त वंश

  • मध्य प्रदेश में गुप्त काल के दौरान आर्थिक और राजनीतिक रूप से समृद्धि देखने को मिलती है।
  • समुद्रगुप्त ने अपनी दक्षिण बिजाई के दौरान उज्जैन को अपना मुख्य केंद्र बनाया।
  • गुप्त शासकों के दौरान उज्जैन संस्कृति और कला के केंद्र के रूप में उभरा।
  • चंद्रगुप्त द्वितीय ने उज्जैन के कवि कालिदास को अपने नवरत्नों में शामिल किया।
  • गुप्त शासक भानु गुप्त के शासनकाल में सागर में एरण अभिलेख से सर्वप्रथम सती प्रथा का उल्लेख मिलता है।
  • समुद्रगुप्त के बड़े बेटे राम गुप्त ने विदिशा को अपनी राजधानी बनाया राम गुप्त का उल्लेख विशाखदत्त की पुस्तक देवी चंद्रगुप्त में मिलता है।
  • चंद्रगुप्त द्वितीय ने विदिशा के उदयागिरी में गुफाओं का निर्माण कराया और उदयगिरी अभिलेख की रचना करवाई।
  • चंद्रगुप्त द्वितीय ने सांची में बौद्ध विहार के निर्माण के लिए दान प्रदान किया।
  • गुप्त शासक कुमारगुप्त के शासनकाल में मंदसौर अभिलेख की रचना करवाई गई इस अभिलेख में सूर्य मंदिर के निर्माण का उल्लेख के मिलता है।

शुंग वंश

  • मौर्य वंश के पश्चात पुष्यमित्र सुंग ने शुंग वंश की स्थापना की।
  • शुंग वंश की राजधानी विदिशा थी।
  • शुंग वंश के शासक अग्निमित्र का उल्लेख कालिदास की पुस्तक मालविका अग्निमित्र में मिलता है।
  • सॉन्ग शासकों ने सांची के स्तूप के चारों ओर रेलिंग या वेदिका का निर्माण कराया।
  • शुंग वंश के शासनकाल में ही यूनानी शासक एंटीऑलकिड्स ने अपने राजदूत हेरोडोटस को भारत भेजा।
  • हेलिओडोरस ने वैष्णव संप्रदाय को अपनाते हुए विदिशा में गरुड़ स्तंभ या हेलिओडोरस स्तंभ की स्थापना की।
  • पुष्यमित्र शुंग को बौद्ध धर्म का विनाशक भी कहा जाता है।
  • शुंग शासकों ने ग्रीक शासकों को कालीसिंध नदी के तट पर हराया।

वाकाटक वंश

  • इस वंश की स्थापना विंध्य शक्ति प्रथम ने की।
  • इस वंश की राजधानी विदिशा थी बिंदशक्ति के पुत्र प्रवरसेन ने अपने साम्राज्य का विस्तार नर्मदा के उत्तरी क्षेत्र तक किया।
  • समुद्रगुप्त ने अपने दक्षिणी अभियान के दौरान वाकाटक वंश पर अधिकार कर लिया।
  • समुद्रगुप्त द्वितीय ने वाकाटक वंश की राजकुमारी प्रभावती से विवाह किया।

कलचुरी वंश

  • 550 ईसवी में कृष्ण राज ने कलचुरी वंश की स्थापना की।
  • कलचुरी वंश की 4 शाखाएं थी।
  1. माहिष्मती के कलचुरी।
  2. त्रिपुरी के कलचुरी।
  3. रतनपुर के कलचुरी।
  4. रायपुर के कलचुरी।

चंदेल वंश

  • इस वंश की स्थापना नन्नूक ने की चंदेल शासकों ने खजुराहो महोबा के क्षेत्र पर अपना राज्य स्थापित किया।
  • चंदेलो का शासन वर्तमान बुंदेलखंड तक स्थापित था।
  • इस साम्राज्य को जेजकमुक्ती भी कहा जाता है।
  • चंदेल शासक यशोवर्मन में खजुराहो में विष्णु मंदिर का निर्माण कराया यह सुवर्णन के पुत्र धंगदेव ने स्वतंत्र चंदेल राज्य की स्थापना की।
  • धंगदेब ने खजुराहो में पार्श्वनाथ मंदिर और विश्वनाथ मंदिर का निर्माण कराया।
  • महमूद गजनबी के विरुद्ध बनाए गए संघ में धगदेव ने भी भाग लिया।
  • चंदेल शासक विद्याधर ने महमूद गजनबी से साम्राज्य की रक्षा की और कंदारिया महादेव मंदिर का निर्माण कराया।
  • परमार देव ने गुलाम वंश के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक की अधीनता स्वीकार कर ली जिस कारण चंदेल वंश दिल्ली सल्तनत के अधीन हो गया।
  • चंदेल शासक परमार देव के दरबार में आल्हा और उदल जैसे योद्धा थे जिन्होंने पृथ्वीराज चौहान से युद्ध कर अपने शासक की जान बचाई।

बुंदेल वंश

  • इस वंश की स्थापना 1531 में रूद्र प्रताप बुंदेला ने की।
  • बुंदेल वंश की राजधानी ओरछा थी।
  • इस वंश के शासक वीर सिंह बुंदेला ने जहांगीर के कहने पर अब्दुल फजल की हत्या कर दी।

बघेल वंश

  • इस वंश का शासन वर्तमान रीवा क्षेत्र तक था।
  • रामचंद्र देव बघेल वंश के प्रभावी शासक थे।
  • मशहूर संगीतज्ञ तानसेन ने अपना दरबारी जीवन रामचंद्र के दरबार से प्रारंभ किया।
  • मुगल शासक अकबर ने रामचंद्र को पराजित करके रीवा को मुगल साम्राज्य में मिलाया और तानसेन को अपने नवरत्नों में शामिल किया।
  • स्वतंत्रता के पश्चात बघेल वंश विंध्य प्रदेश के रूप में भारतीय संघ में शामिल हुआ।
  • बघेल वंश के अंतिम शासक मार्तंड सिंह थे जो रीवा से सांसद चुने गए।

होलकर वंश

  • 1730 में मल्हार राव होलकर ने होलकर वंश की स्थापना की।
  • 1731 में मालवा को तीन सरदारों ने बांट दिया गया।
  1. होलकर
  2. पवार
  3. सिंधिया
  • 1732 में मालवा में 5 मराठा राज्यों की नीव पड़ी।
  1. होलकर वंश इंदौर
  2. जीवाजीराव वंश देवास
  3. आनंद राव वंश पवार
  4. सिंधिया वंश ग्वालियर
  5. तुकोजीराव पंवार वंश देवास
  • 1767 में अहिल्याबाई ने होलकर वंश की बागडोर संभाली और तुकोजीराव को अपना सेनापति नियुक्त किया।
  • तुकोजीराव तृतीय होलकर वंश के अंतिम शासक थे।
  • होलकर राज्य का विलय तुकोजीराव तृतीय ने भारतीय संघ में किया।

सिंधिया वंश

  • इस वंश की स्थापना राणा जी सिंधिया ने की जिन्हें पेशवा ने मालवा का एक भाग 1731 में प्रदान किया।
  • 1765 में महादजी सिंधिया ने उज्जैन को अपनी राजधानी बनाया।
  • 1794 में दौलतराव सिंधिया ने ग्वालियर को अपनी राजधानी बनाया।
  • 1857 की क्रांति में ग्वालियर में सिंधिया वंश के शासक जयाजीराव सिंधिया थे जिन्होंने ब्रिटिश सरकार की मदद की।
  • 1948 में जीवाजी राव सिंधिया ने ग्वालियर राज्य को भारतीय संघ में सम्मिलित कराया।

 

मध्य प्रदेश के राजवंश से संबंधित प्रश्न

Q.1 चंदेल राजवंश का संबंध किस क्षेत्र से है?

Ans-बुंदेलखंड

Q.2 तोमर राजवंश का संबंध किस क्षेत्र से है?

Ans-ग्वालियर

Q.3 परमार राजवंश का संबंध किस क्षेत्र से है?

Ans-मालवा

Q.4 बुंदेला राजवंश का संबंध किस क्षेत्र से है?

Ans-बुंदेलखंड

Q.5 होलकर राजवंश का संबंध किस क्षेत्र से है?

Ans-मालवा

Q.6 सिंधिया राजवंश का संबंध किस क्षेत्र से है?

Ans-ग्वालियर

Q.7 चंद्र राजवंश का संबंध किस क्षेत्र से है?

Ans-बघेलखंड से बुंदेलखंड तक

Q.8 यशोधर्मन कहां का शासक था?

Ans-दशपुर

(Madhya Pradesh ke Pramukh Rajvansh in Hindi)

Q.9 उदयगिरि की गुफाएं एवं शिकवा के मंदिरों का निर्माण किसने कराया था?

Ans-गुप्त वंश

Q.10 किस राजा ने देवनाम्प्रिया की उपाधि धारण की थी?

Ans-अशोक

Q.11 किस वंश ने ओरछा को बुंदेलखंड की राजधानी बनाया था?

Ans-बुंदेल

Q.12 मालवा में गौरी वंश की स्थापना किसने की?

Ans-अलाउद्दीन खिलजी

Q.13 त्रिपुरी किस वंश की राजधानी थी?

Ans-कलचुरी

Q.14 गोंड वंश की स्थापना किसने की थी?

Ans-जादू राय

Q.15 गरुड़ किस वंश का राजकीय चिन्ह क्या था?

Ans-गुप्त वंश

Q.16 खजुराहो मंदिरों में स्थित पाश्र्वनाथ जैन मंदिरों का निर्माण चंदेल वंश के किस शासक ने करवाया था ?

Ans-धग देव

Q.17 इंदौर के होल्कर वंश का संस्थापक कौन था?

Ans-मल्हार राव होलकर

Q.18 उदयगिरि की गुफाओं में टिकवा के मंदिरों का निर्माण किस वंश के शासकों ने करवाया था?

Ans-गुप्त

Q.19 ग्वालियर का किला तोमर वंश के अधिकार में कब था?

Ans-1398 से 15१8 में

Q.20 फुल महानदी जी सिंधिया ने अपनी राजधानी उज्जैन से ग्वालियर स्थानांतरित कब की?

Ans-1810 ईस्वी

Q.21 देवी अहिल्या बाई ने किस क्षेत्र पर शासन किया था?

Ans-इंदौर

Q.22 मालवा का प्रथम शासक जिसने कंपनी का अंत करने का बीड़ा उठाया था?

Ans-यशवंतराव होलकर

Q.23 मध्यप्रदेश में परिवार वंश की स्वतंत्र सत्ता की स्थापना किसने की?

Ans-कृष्णराज उपेंद्र

Q.24 तोमर वंश का संस्थापक कौन था?

Ans-वीर सिंह देव

Q.25 शत्रुघ्न के पुत्र शत्रु दाती ने मध्य प्रदेश के किस क्षेत्र में शासन किया?

Ans-शिवनी

Q.26 हैहय वंश से संबंधित राजा कौन है?

Ans-कृष्ण राज, शंकरगढ़, बुद्ध राज

(Madhya Pradesh ke Pramukh Rajvansh in Hindi)

Q.27 10 वीं सदी में कत्थक घाट वंश का शासन मध्य प्रदेश में कहां स्थित था?

Ans-ग्वालियर कुंड नरवर

Q.28 परमार वंश का अंतिम शासक कौन था?

Ans-महलक देव

Q.29 परमार वंश के किस प्रतापी शासक ने चालुक्य वंश के तेलप राजा का वध किया था?

Ans-भोज

इन्हें भी पढ़ें

1. मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपात Click Here
2. मध्य प्रदेश के प्रमुख अनुसंधान केंद्रों की सूची Click Here
3. मध्यप्रदेश के खेलकूद से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर Click Here
4. मध्यप्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान Click Here
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MP GK : मध्य प्रदेश के प्रमुख समाधि स्थल एवं मकबरे

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madhya pradesh ke pramukh samadhi aur makbare

Madhya Pradesh ke Pramukh Samadhi aur Makbare

नमस्कार! दोस्तों Studysafar. com मे आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में (MP GK:मध्य प्रदेश के प्रमुख समाधि स्थल एवं मकबरे) हम मध्य प्रदेश GK का एक महत्वपूर्ण टॉपिक मध्य प्रदेश के प्रमुख महल एवं मकबरे की एक संपूर्ण सूची आपके साथ शेयर कर रहे हैं । मध्यप्रदेश में अनेकों राजा महाराजाओं के पुराने महल और किले उपस्थित हैं । जिनका इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। जैसे -चंदेरी ,चंदेरी मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है बुंदेला और मालवा की सुल्तानों की बनवाई कई इमारते यहां देखी जा सकती हैं । इसका उल्लेख महाभारत में भी मिलता है चंदेरी बुंदेलखंडी शैली की साड़ियों के लिए काफी प्रसिद्ध है। पारंपरिक हस्त निर्मित साड़ियों का यह एक प्रसिद्ध केंद्र है, यहां पर नौवीं और दसवीं सदी के कई जैन मंदिर स्थित है,इसकी वजह से यहां जैन तीर्थ यात्री बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।

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मध्यप्रदेश की प्रमुख महल और मकबर (pramukh samadhi aur makbare in mp)

क्रमांक महल और मकबरे स्थान
1. महारानी सांख्य राजे सिंधिया की समाधि शिवपुरी
2 पीर बुधान का मकबरा शिवपुरी
3. तात्या टोपे की समाधि शिवपुरी
4. माधवराव सिंधिया की समाधि शिवपुरी
5. तानसेन का मकबरा ग्वालियर
6. मोहम्मद गौस का मकबरा ग्वालियर
7. रानी लक्ष्मी बाई की समाधि ग्वालियर
8. झलकारी बाई की समाधि ग्वालियर
9. अब्दुल्लाह शाह चंगेज का मकबरा मांडू( धार)
10. होशंगशाह का मकबरा मांडू( धार)
11. रानी अवंती बाई की समाधि मंडला
12. रानी गिरधारी बाई की समाधि मंडला
13. मुमताज महल की कब्र बुरहानपुर
14. दौलत का लोदी का मकबरा बुरहानपुर
15. नवाब सिद्दीकी हसन खां का मकबरा भोपाल
16. मल्हार राव होलकर की समाधि आलमपुर (भिंड)
17. रानी दुर्गावती की समाधि जबलपुर (बरेला गांव)
18. पेशवा बाजीराव की समाधि रावरखेड़ी (खरगोन)
19. बीजू बावरा की समाधि चंदेरी
20. काना बाबा की समाधि होशंगाबाद

दोस्तों इस आर्टिकल में हमने आपके साथ मध्य प्रदेश की सभी समाधि और मकबरे की सूची सांझा की है।मध्य प्रदेश भारत के ठीक मध्य में स्थित है मध्यप्रदेश में विंध्याचल और सतपुड़ा की पर्वत श्रंखला इस प्रदेश को और अधिक रमणीय बनाती हैं यहां से नर्मदा, ताप्ती ,चंबल ,सोन और महानदी ,निकलकर भारत के कई प्रदेशों में बहती है। इन प्राकृतिक देन (MP GK : मध्य प्रदेश के प्रमुख समाधि स्थल एवं मकबरे) की वजह से मध्य प्रदेश एक बेहद खूबसूरत हरा भरा हिस्सा बनकर उभरता है। मध्य प्रदेश से जुड़ी ऐसी नवीनतम जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहेपको आने वाली सभी परीक्षाओं के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं!!!!!!!!!!!!!!

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Mp Gk : मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां (Rivers of Madhya Pradesh)

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Rivers of Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश की नदियाँ और उनके उदगम स्थल

नमस्कार ! दोस्तों इस पोस्ट में हमने मध्य प्रदेश GK के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण टॉपिक (मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां) का विस्तार से अध्ययन करेंगे । मध्य प्रदेश स्टेट के सभी परीक्षाओं में इस टॉपिक से प्रश्न अवश्य ही पूछे जाते हैं। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको उन प्रश्नों का हल करने में बहुत ही सहायता मिलेगी।

भारत की प्रमुख 7 नदियों में से अनुपम नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक है । और यह मध्य प्रदेश के शहडोल जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील में है।अमरकंटक भारत के पवित्र स्थलों में गिना जाता है नर्मदा और सोन नदियों का उद्गम स्थल आदि काल से ही ऋषि-मुनियों की तपोभूमि रहा है।नर्मदा का उद्गम यहां एक कुंड से और सोनभद्र के पर्वत शिखर से हैं मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां इस प्रकार है-

Can Read Also:- 1. मध्यप्रदेश सरकार की वर्ष 2021 की प्रमुख योजनाएं Click Here

2. River of Madhya Pradesh Important Questions Click Here

मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां (Major Rivers in MP)

नदियों का प्रवाह

चंबल, बेतवा, सोन, केन- उत्तर दिशा की ओर

नर्मदा, ताप्ती- पूर्व दिशा की ओर

बेनगंगा, वर्धा- दक्षिण दिशा की ओर

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1.नर्मदा

उद्गम- अनूपपुर जिले के अमरकंटक से

समापन– खंभात की खाड़ी (अरब सागर)

लंबाई- 1312 (कुल लंबाई) 1077( एमपी में)

अन्य नाम- रेवा, मेकलसूता, नामादोस

सहायक नदियां- नर्मदा नदी की 41 सहायक नदियां हैं जिनमें से प्रमुख है-

वरना, हिरन, हथिनी,ऊटी, शेर, शक्कर, तवा, बंजर, दूधी आदि।

बेसिन क्षेत्र- 93180 वर्ग किलोमीटर

89.9%( एमपी में),6.5%(गुजरात में),2.7%(महाराष्ट्र में)

परियोजना- इंदिरा सागर बांध परियोजना (पुनासा डैम),सरदार सरोवर बांध परियोजना

प्रमुख तथ्य

  • यह मध्यप्रदेश की प्रमुख बड़ी तथा लंबी नदी है।
  • नर्मदा नदी भारत की पांचवीं सबसे बड़ी नदी है।
  • इस नदी को मध्य प्रदेश के लोक माता और जीवन रेखा कहते हैं।
  • नर्मदा को मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था की मेरुरज्जु कहते हैं।
  • यह नदी डेल्टा नहीं बनाती बल्कि एशचूरी का निर्माण करती है।
  • नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण का गठन 1980 में हुआ था।

2.चंबल

उद्गम- इंदौर जिले के महू की जानापाव पहाड़ी से

समापन- यमुना नदी (इटावा के पास)

लंबाई – 965 किलोमीटर

अन्य नाम- धर्मावती, चर्मावती ,भूगर्भा

सहायक नदी- पार्वती, कालीसिंध, सिंध, शिप्रा

परियोजना

  1. गांधी सागर बांध (मंदसौर)- मध्य प्रदेश की प्रथम जल विद्युत परियोजना है
  2. जवाहर सागर/ कोटा बैराज (राजस्थान)
  3. राणा प्रताप सागर परियोजना (राजस्थान)

यह नदी मध्य प्रदेश की सबसे उत्तरी सीमा बनाती है

3.सोन नदी

उद्गम– अनूपपुर के अमरकंटक से

समापन- गंगा नदी (पटना जिले के पास दीनापुर बिहार में)

लंबाई- 780 किलोमीटर

अन्य नाम- स्वर्ण नदी, हिरण्य बाहु

परियोजना- बाणसागर परियोजना शहडोल जिले में (एमपी+ बिहार+ यूपी)

4.ताप्ती नदी

उद्गम- बैतूल के मुलताई से

समापन– अरब सागर में

लंबाई –725 किलोमीटर

अन्य नाम- सूर्य पुत्री

सहायक नदी- पूर्णा

  • यह नदी भी डेल्टा नहीं बनाती तथा एशचुरी का निर्माण करती है।
  • सूरत शहर ताप्ती नदी के किनारे बसा हुआ है।

5.बेतवा नदी

उद्गम- रायसेन जिले कुमारा गांव से

समापन- यमुना नदी (हमीरपुर के निकट उत्तर प्रदेश)

लंबाई-540 किलोमीटर

सहायक नदी– बीना,धसान

परियोजना- राजघाट बांध परियोजना, हलाली परियोजना( सम्राट अशोक सागर परियोजना)

  • इसे मध्यप्रदेश की गंगा( प्रदूषण की दृष्टि से) भी कहा जाता है।
  • बुंदेलखंड की जीवन रेखा के नाम से भी इस नदी को जाना जाता है।
  • इसका पौराणिक नाम वेत्रबटी है।

6.तवा नदी

उद्गम- होशंगाबाद पचमढ़ी के पास महादेव पर्वत

समापन– नर्मदा नदी

  • नर्मदा एवं तवा नदी के संगम पर मांधार जलप्रपात है
  • मध्य प्रदेश का सबसे लंबा बांध तवा नदी पर ही बनाया गया है जिसकी लंबाई 1322 मीटर( होशंगाबाद) है
  • सबसे लंबा सड़क पुल तवा नदी पर है

7.शिप्रा नदी

उद्गम- करारी बरड़ी पहाड़ी इंदौर से इंदौर से

समापन- चंबल नदी (देवास के पास)

लंबाई– 195 किलोमीटर

  • इस नदी को मालवा की गंगा कहा जाता है
  • इसका प्राचीन नाम अवंती है
  • शिप्रा नदी के किनारे उज्जैन में सिंहस्थ का मेला लगता है

8.माही नदी

  • इस नदी का उद्गम स्थल विंध्याचल पर्वत से माना जाता है
  • यह नदी कर्क रेखा को दो बार काटती है

9.कालीसिंध

उद्गम- देवास के बागली गांव से

समापन- चंबल में जाकर मिल जाती है

लंबाई- 150 किलोमीटर

10. सिंध

उद्गम- गुना की सिरोंज से

समापन– चंबल नदी (इटावा)

11. पार्वती

उद्गम– सीहोर (आष्टा)

समापन -चंबल में

12.टोंस( तमसा)

उद्गम– सतना जिले में कैमूर की पहाड़ियों से

समापन– गंगा नदी

13. वैनगंगा

उद्गम- यह सिवनी के पारस बड़ा पठार से

समापन –वर्धा नदी (महाराष्ट्र)

वर्धा तथा बेनगंगा का संगम प्राणहिता के नाम से जाना जाता है

14. केन

उद्गम– कटनी से

समापन- यमुना नदी में

मध्य प्रदेश की नदियों से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न मध्य प्रदेश की नदियों की प्रकृति किस प्रकार की है?

उत्तर– प्रायद्वीपीय

प्रश्न मध्य प्रदेश में देश की कितनी नदियां बहती हैं?

उत्तर- सर्वाधिक

प्रश्न नर्मदा नदी का आप्रवाह क्षेत्र है?

उत्तर 93180वर्ग किलोमीटर

प्रश्न नर्मदा नदी मध्य प्रदेश में कितने किलोमीटर में बहती है?

उत्तर1077 किलो मीटर

प्रश्न नर्मदा नदी कौन सा जलप्रपात बनाती है?

उत्तर कपिलधारा- दुग्ध धारा, मांधार तथा दर्दी, धुआंधार तथा सहस्त्रधारा

प्रश्न नर्मदा नदी की कुल कितनी सहायक नदियां हैं?

उत्तर-41

प्रश्न मध्यप्रदेश में किस स्थान से 3 किलोमीटर के अंदर दो प्रमुख नदियों का उद्गम है/

उत्तर -अमरकंटक

प्रश्न कौन सी नदी नर्मदा के समानांतर बहती है?

उत्तर-ताप्ती

प्रश्न मध्य प्रदेश की किस नदी का जल चूलिया झरने में गिरता है?

उत्तर चंबल

इन्हें भी पढ़ें

1. मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपात Click Here
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3. मध्यप्रदेश के खेलकूद से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर Click Here
4. मध्यप्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान Click Here
5. मध्य प्रदेश के प्रमुख समाधि स्थल एवं मकबरे Click Here

इस आर्टिकल में हमने आपके साथ मध्य प्रदेश की नदियों के बारे में विस्तृत जानकारी सांझा की है आशा है कि हमारे आर्टिकल (मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां) से आपको परीक्षा में नदियों से संबंधित प्रश्न को हल करने में काफी सहायता मिलेगी ऐसी नवीनतम जानकारी के लिए हमारी साइट पर विजिट करते रहे आने वाले एग्जाम के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं!!!!

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Mp Gk : Madhya Pradesh ke Pramukh National Park

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Madhya Pradesh ke Pramukh National Park

National Park of Madhya Pradesh

नमस्कार!दोस्तों Studysafar.comमे आप सभी का स्वागत है।इस पोस्ट में हम आपके साथ एमपी जीके (Mp Gk : Madhya Pradesh ke Pramukh National Park ) का एक महत्वपूर्ण टॉपिक मध्य प्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान आपके साथ सांझा कर रहे हैं। इस आर्टिकल में हम मध्य प्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों को विस्तार पूर्वक जानेंगे। इससे संबंधित प्रश्न मध्य प्रदेश के सभी स्टेट लेवल का एग्जाम जैसे MPPSC,MPSI,MP POLICE मैं मुख्य रूप से पूछे जाते हैं इस आर्टिकल की सहायता से आपको इससे संबंधित प्रश्नों को हल करने में मदद मिलेगी। मध्य प्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान इस प्रकार है।

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मध्यप्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान (Madhya Pradesh ke Pramukh National Park)

कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान

  • यह राष्ट्रीय उद्यान मंडला जिले के अंतर्गत आता है
  • इसी सन 1933 में अभ्यारण तथा 1955 में नेशनल पार्क बनाया गया था
  • कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान को 1974 में बाघ परियोजना (टाइगर रिजर्व) में शामिल किया गया
  • यहां पर हांलो घाटी तथा बंजर घाटी प्रमुख दर्शनीय स्थल है
  • इस राष्ट्रीय उद्यान में वर्ल्ड बैंक की सहायता से पार्क इंटर प्रिवेंशल योजना चल रही है

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान

  • पन्ना राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में पन्ना एवं छतरपुर में फैला हुआ है
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 543 वर्ग किलोमीटर है
  • इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना करने से क्या थी में हुई थी तथा इसे 1994 में बाघ परियोजना में शामिल किया गया

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान

  • यह होशंगाबाद जिले में लगभग 525 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है
  • यह सन 1983 में स्थापित किया गया था
  • इसे 1999- 2000 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया है

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान

  • यह राष्ट्रीय उद्यान उमरिया शहडोल जिले में है
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 437 वर्ग किलोमीटर है
  • बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन 1968 में की गई थी तथा इसे 1993 में बाघ परियोजना में शामिल किया गया था
  • यहां बाघों का सर्वाधिक घनत्व है (एक बाघ प्रति 8 वर्ग किलोमीटर)
  • इस राष्ट्रीय उद्यान में सफेद शेर पाए जाते हैं
  • यह 32 पहाड़ियों से घिरा हुआ है

संजय राष्ट्रीय उद्यान

  • यह राष्ट्रीय उद्यान 1981 में स्थापित किया गया था
  • यह मध्य प्रदेश के सीधी जिले में है
  • इस राष्ट्रीय उद्यान का कुछ हिस्सा छत्तीसगढ़ राज्य में चला गया है
  • का क्षेत्रफल लगभग 467 वर्ग किलोमीटर है
  • भारत सरकार के अनुसार यह प्रोजेक्ट टाइगर में सम्मिलित है

पेंच राष्ट्रीय उद्यान

  • यह सिवनी, छिंदवाड़ा जिले तथा महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है
  • इश्क इंडिया प्रियदर्शनी राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया है
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 293 वर्ग किलोमीटर है
  • इसकी स्थापना सन 1975 में हुई थी
  • पेंच राष्ट्रीय उद्यान को 1993 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया
  • इस राष्ट्रीय उद्यान में मोगली लेन चित्र तथा वाटर राफ्टिंग सुविधा है

माधव राष्ट्रीय उद्यान

  • यह 1958 में स्थापित किया गया था
  • यह शिवपुरी जिले में स्थित है
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 337 वर्ग किलोमीटर है
  • जॉर्ज कैसल भवन भी यहीं पर स्थित है
  • इस उद्यान से राष्ट्रीय राजमार्ग 3 आगरा- मुंबई गुजरता है

फासिल (जीवाश्म) राष्ट्रीय उद्यान

  • राष्ट्रीय उद्यान डिंडोरी जिले में स्थित है
  • क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 0.27 वर्ग किलोमीटर है
  • इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1968 में की गई थी
  • इस उद्यान में पादपों तथा जंतुओं के जीवाश्म पाए जाते हैं

बन बिहार

  • सन 1979 में स्थापित यह राष्ट्रीय उद्यान भोपाल में स्थित है
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 4.452 वर्ग किलोमीटर है

ओमकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान

  • यह राष्ट्रीय उद्यान खंडवा में स्थित है, इसका क्षेत्रफल 293 वर्ग किलोमीटर है

डायनासोर जीवाश्म उद्यान

  • धार जिले में 2010 में स्थापित किया गया था
  • इसका क्षेत्रफल लगभग 0.897 वर्ग किलोमीटर है

(Mp Gk : Madhya Pradesh ke Pramukh National Park)

मध्यप्रदेश के प्रोजेक्ट टाइगर में सम्मिलित राष्ट्रीय उद्यान व अभयारण्य

प्रोजेक्ट टाइगर में 6 राष्ट्रीय उद्यान और 1 अभ्यारण शामिल है

  1. कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान
  2. बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
  3. पेंच राष्ट्रीय उद्यान
  4. पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
  5. सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
  6. संजय गांधी (डुबरी) राष्ट्रीय उद्यान
  7. रातापानी (अभ्यारण)
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