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Success Story: आईपीएस नवजोत सिमी की सक्सेस स्टोरी है सबसे अलग, जाने यहा
IPS Navjot Simi: यूपीएससी परीक्षा क्लियर कर बड़े अधिकारी बनकर देश की सेवा करना सभी का सपना होता है। लेकिन कुछ ही अभ्यर्थी अपने सपनों को पूरा करने मे सफल हो पाते हैं, यह संख्या लाखों में एक होती है। हम बात कर रहे हैं आईपीएस नवजोत सिमी की। जिन्होंने कई परेशानियों का सामना करते हुए यूपीएससी की परीक्षा पास की। नवजोत सिमी वर्तमान में बिहार की एक आईपीएस अधिकारी है। इस लेख में हम आपको इनकी चुनौतीपूर्ण सक्सेस स्टोरी के बारे में बताएंगे। जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
नवजोत सिमी का बचपन से ही आईपीएस बनने का सपना था
नवजोत सिमी का जन्म पंजाब के गुड़दासपुर मे हुआ था। उन्होंने अपनी 12वी तक की पढ़ाई बकवाल के मॉडर्न पब्लिक स्कूल से की है। वे बचपन से ही पढ़ाई मे काफी होशियार रही और अपने स्कूली समय मे अच्छे नंबरों के साथ टॉप पर रहती थी। उन्होंने लुधियाना से बाबा जसबंत सिंह डेंटल कॉलेज अस्पताल और अनुसंधान से बेचलर ऑफ डेंटल सरजन की डिग्री प्राप्त की।
वे आईपीएस बनने से पहले डॉक्टर बन गई थी। लेकिन उनका बचपन से ही एक सपना था की वे एक आईपीएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करे। जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। वे यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली चली गई थी।
अपने प्रथम प्रयास मे नवजोत सिमी इंटरव्यू मे रही थी असफल
अपने आईपीएस अधिकारी बनने के सपने के लिए नवजोत सिमी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली चली गई थी। वही से वे यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में लग गई। जिसके बाद 2016 में नवजोत सिमी ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी। पहली बार की परीक्षा में तो वे सफल रही थी लेकिन इंटरव्यू में वह सफल न हो पाई। अपने प्रथम प्रयास मे उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से सिविल सर्विस परीक्षा के लिए तैयारी करने लागी।
अपने प्रथम प्रयास में असफल होने बाद नवजोत सिमी 2017 मे वे अपनी मेहनत के दम पर यूपीएससी की परीक्षा मे सफलता प्राप्त कर अपने आईपीएस बनने के सपने को सच कर लिया। जिसके बाद उन्हें बिहार मे आईपीएस का पद प्राप्त हुआ। नवजोत नसवजोत सोशल मीडिया पर भी काफी ऐक्टिव रहती है।
आईएएस तुषार सिंगला से की शादी
इनकी सक्सेस स्टोरी के अलावा इनकी लव स्टोरी ने भी काफी सुर्खिया बटोरी थी। नवजोत सिमी को आईएएस तुषार सिंगला से प्यार हो गया था। आईएएस ऑफिसर तुषार सिंगल साल 2015 बैच के आईएएस अधिकारी है। एक साल तक नवजोत और तुषार ने एक दूसरे को समझ जाना, जिसके बाद 2020 मे दोनों ने एक दूसरे के जीवनसाथी बनने का फेसला लेते हुए शादी कर ली।
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Railway Loco Pilot: महिलाओं के लिए मिसाल बनी रेलवे लोकों पायलट नीलम, जानें ट्रेन चलाने वाली इस महिला की दिलचस्प कहानी
Woman Railway Loco pilot Neelam: आज के आधुनिक युग मे भी कई लोगों के मन मे ये धारणा रहती है कि महिलाये कुछ नहीं कर सकती। वे सिर्फ घर ही संभाल सकती है, इस बजह से कई जगह ऐसी भी है जहा पर लड़कियों को उनकी रुचि का काम करने नहीं दिया जाता है। घर वाले अपनी बेटियों को ज्यादा अहमियत नहीं दी जाती है और ससुराल मे सिर्फ उनको घर का काम करने की जिम्मेदारी दे दी जाती है। लेकिन लोगों ये नहीं पता होता है कि लड़किया, लड़कों से कई अधिक बेहतर काम कर सकती।
बहुत सी महिलायें ऐसी है जो लोगों के मन की धारणा को गलत साबित करके लड़कों के काम को बेहतर तरीके के साथ करके अन्य लड़कियों के लिए एक प्रेरणा के रूप मे खरी उतर रही है। कुछ ऐसी ही कहानी है रेल्वे लोको पायलट के रूप मे कार्यरत नीलम की, इस लेख मे आपको नीलम की कुछ कहानी बताने वाले है कि कैसे वो अपने घर और नौकरी दोनों को स्पष्ट रूप से संभाल रही है। आइए जानते है नीलम की दिलचस्प कहानी जो हर महिला को सब कुछ कर सकने की प्रेरणा से भर देगी।
बहुत कम महिलायें ही करती है रेलवे लोकों पायलट की जॉब- नीलम
आपने अमूमन पुरुषों को ही रेल चलाते हुए देखा होगा लेकिन माथे पर लाल बिंदी, भरी हुई मांग और हाथ में लाल चूड़ी पहने हुए महिला लोकों पायलेट नीलम राथल रेल में सवार हजारों यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य पहुंचाने की जिम्मेदारी उठाती है, मालगाड़ी और पैसेंजर रेल चलाने वाली उत्तर-पश्चिमी रेलवे की सीनियर असिस्टेंट लोको पायलट नीलम बताती है कि जब वे पेसीजर ट्रेन चलाती है तो कई लोग उन्हें देख कर हेरान रह जाते है कुछ लड़कीया उन्हे देखकर काफी खुश भी होती है कि एक महिला ट्रेन चल रही है।
नीलम राथल की दो छोटी बेटियाँ भी है
नीलम के बारे मे आपको बात कि वे राजस्थान कोटा की रहनी वाली है, नीलम राथल की दो छोटी बेटियाँ है। वे बताती है कि घर और नौकरी का संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण रहता है, फिर भी वे अपना संतुलन बखूबी तौर से निभाती है।
वे कहती है कि उनके इस काम को लेकर कई लोग ताने सुनाते है लेकिन वे लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देती है और अपना काम पूरे मन से करती है। नीलम मानती है कि महिलाओ को हर क्षेत्र में आना चाहिए। क्योंकि महिला पुरुष से बेहतर काम कर सकती है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशिकिरण कहते हैं कि हमारा प्रयास सदैव रहता है कि नीलम राथल जैसी महिलाओं के माध्यम से नारी शक्ति के मुहीम को बढ़ावा मिल सके। महिलाये अपना कार्य बहुत ही धैर्य और लगाव से करती है जो कि पुरुषों से बेहतर रहता है।
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Success Story: 2021 मे फर्स्ट रैंक हासिल करने वाली श्रुति शर्मा अपने पहले प्रयास मे इस वजह से हुई थी असफल, जाने यहा
IAS Shruti Sharma AIR-1 Success Story: प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली यूपीएससी परीक्षा के लिए लाखों अभ्यर्थी अपनी कठिन परिश्रम के साथ तैयारी करते हैं। यूपीएससी परीक्षा को देश भर की सबसे कठिन परीक्षा में से एक माना जाता है जिसमें लाखों विद्यार्थी सफलता प्राप्त करने के लिए प्रतिवर्ष शामिल होते हैं। यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले विद्यार्थी अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन जाते है।
ऐसी ही कहानी है सत्र 2021 में सफलता प्राप्त करने वाली आईएएस श्रुति शर्मा की है। जिन्होंने अपने पहले प्रयास से हार न मानते हुए अपने दूसरे प्रयास मे यूपीएससी परीक्षा 2021 में पूरे भारत मे फर्स्ट रैंक हासिल करने वाली अभ्यर्थी बनी थी। इस लेख में हम आपको श्रुति शर्मा के बारे में बताएंगे कि कैसे उन्होंने परीक्षा के लिए अपनी तैयारी की तथा इनकी संपूर्ण सक्सेस स्टोरी आपको जानने को मिलेगी। अतः आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
अपने प्रदेश का नाम रोशन किया
श्रुति शर्मा उत्तर प्रदेश के बिजनौर की रहने वाली है उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई उत्तर प्रदेश के बिजनौर से ही की थी। उन्होंने सत्र 2021 मे अपने दूसरे प्रयास के साथ पहली रैंक हासिल कर अपने शहर बिजनौर व प्रदेश का नाम रोशन किया है। मात्र 22 साल की उम्र मे ही आल इंडिया फर्स्ट रैंक के साथ यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा मेर सफल होना कोई आम बात नहीं है जिसे श्रुति शर्मा ने का दिखाया है। और यह साबित कर दिया कि अगर मजबूत इरादे व कठिन परिश्रम की जाए तो कोई काम मुश्किल नहीं होता है।
श्रुति शर्मा का जन्म 1997 में उत्तर प्रदेश के बिजनौर, धमपुर मे हुआ था। उनके पिता एक कंस्ट्रक्शन है जिनका नाम सुनील दत्त शर्मा है तथा श्रुति की माता का नाम रचना शर्मा नेशनल टीचर है। श्रुति शर्मा ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई हिस्ट्री विषय से सेंट स्टीफन कॉलेज दिल्ली से पूरी की पूरी की जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी।
अपने पहले प्रयास मे श्रुति शर्मा इस वजह से हुई थी असफल
श्रुति शर्मा यूपीएससी परीक्षा के लिए अपनी तैयारी 4 सालों से कर रही थी। वे अपने दूसरे प्रयास मे 2021 की यूपीएससी परीक्षा मे टोपर रही थी। उन्होंने कहा था कि उनको ये तो पता था कि वे परीक्षा मे सफल हो जाएगी, लेकिन उनको यह अंदाजा बिल्कुल भी नहीं था कि वह परीक्षा में फर्स्ट रैंक के साथ सफलता प्राप्त करेगी।
श्रुति शर्मा ने पहली बार जब यूपीएससी परीक्षा के लिए फॉर्म भरा था तो उसमें भाषा इंग्लिश की वजाय हिंदी हो गई थी। यही कारण था कि वे अपने पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफल नहीं हो पाई थी। उन्होंने परीक्षा दी थी लेकिन कुछ अंकों से भी पीछे रह गई थी। लेकिन दूसरी बार उन्होंने कोई भी गलती कोई भी गलती ना करते हुए परीक्षा दी और सफलता हासिल की।
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