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MP GK Climate of Madhya Pradesh in Hindi PDF
Climate of Madhya Pradesh in Hindi || MP GK
नमस्कार! दोस्तों इस आर्टिकल में आज हम जानेंगे MP GK का ही एक महत्वपूर्ण टॉपिक (MP GK Climate of Madhya Pradesh in Hindi PDF) जिसमें हम आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं मध्य प्रदेश की जलवायु संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां जिसमें हमने शामिल किया है मध्य प्रदेश की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक, मध्यप्रदेश में पाई जाने वाली ऋतु और जलवायु के आधार पर मध्य प्रदेश का विभाजन आदि, इन सभी टॉपिक से प्रश्न परीक्षा में पूछे जाते हैं अतः यह जानकारी आपके लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी
मध्य प्रदेश की जलवायु|| Climate of MP
किसी भी क्षेत्र में लंबे समय तक पाई जाने वाली ताप और वर्षा, आद्रता आदि की मात्रा तथा वायु की गति का औसत रूप में पाया जाना, वहां की “जलवायु” कहलाती है
किसी भी स्थान की दिन-प्रतिदिन की वायुमंडल की दशा को ‘मौसम’ कहा जाता है, जबकि मौसम का दीर्घकालीन औसत स्वरूप ‘जलवायु’ कहा जाता है
पूरे देश की तरह मध्य प्रदेश की जलवायु भी पूर्णता मौसमी अर्थात मानसूनी या उष्णकटिबंधीय मानसूनी है
मध्य प्रदेश की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक
- समुद्र से दूरी- समुद्र से दूरी अधिक होने से तापांतर अधिक होता है
- कर्क रेखा- कर्क रेखा से मध्यप्रदेश के बीच से गुजरने के कारण जून महीना सबसे अधिक गर्म होता है
- पर्वतों की स्थिति- विंध्याचल एवं सतपुड़ा पर्वत के कारण वहां वर्षा अधिक होती है
- भूमध्य रेखा से दूरी- मध्य प्रदेश उसने कटिबंधीय क्षेत्र में स्थित है इसलिए यहां पर उष्णकटिबंधीय जलवायु पाई जाती है
जलवायु के आधार पर मध्य प्रदेश का विभाजन
जलवायु के आधार पर मध्य प्रदेश को चार भागों में विभाजित किया गया है-
1.उत्तर का मैदान
- इसमें बुंदेलखंड मध्य भारत तथा रीवा पन्ना का पठार शामिल है समुद्र से दूर होने के कारण यहां गर्मियों में अधिक गर्मी सर्दियों में अधिक सर्दी पड़ती है
- क्षेत्र की जलवायु महाद्वीपीय प्रकार की है
2.मालवा का पठार
- यहां की जलवायु सम पाई जाती है अर्थात यहां ना तू ग्रीष्म ऋतु में अधिक गर्मी और ना शीत ऋतु में अधिक ठंड पड़ती है
- यहां सबसे अधिक वर्षा अरब सागर के मानसून ओं से होती है चीनी यात्री फाह्यान ने इसे विश्व की सर्वश्रेष्ठ जलवायु बताया है
3.विंध्य का पहाड़ी क्षेत्र
- विंध्याचल पर्वत का क्षेत्र सम जलवायु क्षेत्र है
- इसमें अधिक गर्मी नहीं पड़ती और ठंड में भी साधारण ठंड पड़ती है पचमढ़ी और अमरकंटक इसी क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं
4. नर्मदा घाटी क्षेत्र
- यह क्षेत्र कर्क रेखा के लगभग समानांतर होने के कारण गर्मियों में इस क्षेत्र में तेज गर्मी पड़ती है लेकिन सर्दियों में सर्दी सामान्य ही रहती है
मध्यप्रदेश में तीन ऋतु होती हैं
- ग्रीष्म ऋतु
- वर्षा ऋतु
- शीत ऋतु
1.ग्रीष्म ऋतु
- 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर लंबवत हो जाता है जो मध्य प्रदेश के बीचों – बीच से गुजरती है, जिससे जिससे मध्य प्रदेश में गर्मी बढ़ जाती है
- जून माह से राज्य के उत्तर एवं उत्तरी पश्चिमी भागों में दिन का उच्चतम तापमान 42 डिग्री से अधिक हो जाता है
- सर्वाधिक तापमान गंज बासौदा विदिशा में 1995 में 48.7 डिग्री मापा गया था
- 2008 12 में सर्वाधिक तापमान बड़वानी तथा 2013 में छतरपुर जिले की खजुराहो व नौगांव में दर्ज किया गया
- संपूर्ण मध्यप्रदेश में मई का महीना सबसे गर्म होता है जबकि मार्च में दैनिक तापांतर सर्वाधिक होता है
- इस रितु को “उनाला” भी कहते हैं
- सितंबर अक्टूबर के समय प्रदेश में द्वितीय ग्रीष्म ऋतु पड़ती है
- राज्य में न्यूनतम तापमान वाला स्थान शिवपुरी है लेकिन वर्ल्ड 2002 में सबसे कम तापमान उमरिया का रहा था
वर्षा ऋतु
- जून मध्य तक पश्चिमोत्तर भारत में निम्न नेताओं की केंद्र बनना शुरू हो जाते हैं जिसके कारण सागरों से हवाएं इस और चलने लगती है जिससे मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में वर्षा होती है
- राज्य में मध्य जून से सितंबर तक वर्षा होती
- राज्य में मानसूनी वर्षा बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों ही शाखाओं से होती है
- प्रदेश में सर्वाधिक वर्षा जुलाई तथा अगस्त माह में होती है
- वर्षा की मात्रा सभी स्थानों पर समान नहीं है पश्चिमी मध्य प्रदेश में 75 सेंटीमीटर से 90 सेंटीमीटर वर्षा वाले भाग के बीच महादेव की पहाड़ी पर 150 सेंटीमीटर वर्षा होती है पश्चिम की अपेक्षा पूर्वी मध्य प्रदेश में वर्षा अधिक होती है
- प्रदेश में औसत वर्षा 112 सेंटीमीटर होती है सर्वाधिक वर्षा होशंगाबाद की पचमढ़ी में 199 सेंटीमीटर तथा न्यूनतम वर्षा भिंड में 55 सेंटीमीटर होती है
- बघेलखंड में अरब सागर तथा बंगाल शाखा का मिलन होता है
- इस रितु को “चौमासा” भी कहते हैं
(MP GK Climate of Madhya Pradesh in Hindi PDF)
3. शीत ऋतु
- मध्य प्रदेश में नवंबर से फरवरी तक शीत ऋतु होती है
- इस ऋतु में सूर्य की स्थिति भूमध्य रेखा के दक्षिण में होती है ता मानसूनी हवाएं उत्तर पूर्व से लौटने लगती है जिससे मध्य प्रदेश का तापमान कम होने लगता है
- इस ऋतु में मध्यप्रदेश का औसत तापमान 20.9 डिग्री सेंटीग्रेड से 26.6 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहता है
- राज्य में न्यूनतम तापमान वाला स्थान शिवपुरी है लेकिन वर्ष 2002 में सबसे कम तापमान उमरिया का रहा था
- इस ऋतु को “सयाला” भी कहते हैं
- इस ऋतु में कुछ वर्षा भी होती है जिसे लोग मावट भी कहते हैं
- मध्य प्रदेश की ऋतु संबंधी आंकड़ों को एकत्रित करने वाली रितु वैद्यशाला इंदौर में है
मध्य प्रदेश में वर्षा का वितरण
वैशाख की विभिन्नता के आधार पर राज्य को नियमित चार क्षेत्रों में विभाजित किया गया-
1. अधिक वर्षा वाले क्षेत्र (125 सेंटीमीटर से अधिक)
- राज्य के दक्षिण पूर्वी हिस्सों में औसत वर्षा 125 सेंटीमीटर से अधिक होती है
- क्षेत्र में स्थित पचमढ़ी महादेव पर्वत मंडला सीधी तथा बालाघाट में अधिक वर्षा होती है
- अधिक वर्षा होने का प्रमुख कारण नर्मदा घाटी से आने वाली अरब सागर में मानसून शाखा है
2.औसत से अधिक वर्षा वाले क्षेत्र (100 से 125 सेंटीमीटर)
- इन क्षेत्रों में 100 से 125 सेंटीमीटर तक वर्षा होती है
- इस चित्र में बैतूल छिंदवाड़ा सिवनी होशंगाबाद नरसिंहपुर जिले आते हैं
- पूर्वी भाग में स्थित होने के कारण इन जिले में अधिकारिता होने से अधिक वर्षा होती है
3.औसत वर्षा वाले क्षेत्र (75 से 100 सेंटीमीटर)
- क्षेत्र में औसत वर्षा 75 से 100 सेंटीमीटर के बीच होती
- प्रदेश के उत्तर पूर्वी जिले क्षेत्र में आते हैं
- मध्य उच्च पठार बुंदेलखंड का पठार तथा रीवा पन्ना का पठार में औसत वर्षा होने का कारण वायुमंडल की आद्रता का कम होना है
4.कम वर्षा वाले क्षेत्र (50 से 75)
- राज्य का पश्चिमी क्षेत्र निम्न वर्षा वाला क्षेत्र है जहां औषध वर्षा 50 से 75 सेंटीमीटर होती है
- दक्षिण पूर्वी मानसून यहां तक पहुंचते-पहुंचते आद्रता रहित हो जाता है इसलिए इस क्षेत्र में न्यून वर्षा होती है
- राज्य की नीमच मंदसौर रतलाम धार झाबुआ हदीस के अंतर्गत आते हैं
इन्हें भी पढ़ें:-
1. | मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपात | Click Here |
2. | मध्य प्रदेश के प्रमुख अनुसंधान केंद्रों की सूची | Click Here |
3. | मध्य प्रदेश की नदियाँ और उनके उदगम स्थल | Click Here |
4. | मध्यप्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान | Click Here |
5. | मध्य प्रदेश के प्रमुख समाधि स्थल एवं मकबरे | Click Here |
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MP GK : मध्य प्रदेश के प्रमुख समाधि स्थल एवं मकबरे
Madhya Pradesh ke Pramukh Samadhi aur Makbare
नमस्कार! दोस्तों Studysafar. com मे आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में (MP GK:मध्य प्रदेश के प्रमुख समाधि स्थल एवं मकबरे) हम मध्य प्रदेश GK का एक महत्वपूर्ण टॉपिक मध्य प्रदेश के प्रमुख महल एवं मकबरे की एक संपूर्ण सूची आपके साथ शेयर कर रहे हैं । मध्यप्रदेश में अनेकों राजा महाराजाओं के पुराने महल और किले उपस्थित हैं । जिनका इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। जैसे -चंदेरी ,चंदेरी मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है बुंदेला और मालवा की सुल्तानों की बनवाई कई इमारते यहां देखी जा सकती हैं । इसका उल्लेख महाभारत में भी मिलता है चंदेरी बुंदेलखंडी शैली की साड़ियों के लिए काफी प्रसिद्ध है। पारंपरिक हस्त निर्मित साड़ियों का यह एक प्रसिद्ध केंद्र है, यहां पर नौवीं और दसवीं सदी के कई जैन मंदिर स्थित है,इसकी वजह से यहां जैन तीर्थ यात्री बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
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मध्यप्रदेश की प्रमुख महल और मकबर (pramukh samadhi aur makbare in mp)
क्रमांक | महल और मकबरे | स्थान |
1. | महारानी सांख्य राजे सिंधिया की समाधि | शिवपुरी |
2 | पीर बुधान का मकबरा | शिवपुरी |
3. | तात्या टोपे की समाधि | शिवपुरी |
4. | माधवराव सिंधिया की समाधि | शिवपुरी |
5. | तानसेन का मकबरा | ग्वालियर |
6. | मोहम्मद गौस का मकबरा | ग्वालियर |
7. | रानी लक्ष्मी बाई की समाधि | ग्वालियर |
8. | झलकारी बाई की समाधि | ग्वालियर |
9. | अब्दुल्लाह शाह चंगेज का मकबरा | मांडू( धार) |
10. | होशंगशाह का मकबरा | मांडू( धार) |
11. | रानी अवंती बाई की समाधि | मंडला |
12. | रानी गिरधारी बाई की समाधि | मंडला |
13. | मुमताज महल की कब्र | बुरहानपुर |
14. | दौलत का लोदी का मकबरा | बुरहानपुर |
15. | नवाब सिद्दीकी हसन खां का मकबरा | भोपाल |
16. | मल्हार राव होलकर की समाधि | आलमपुर (भिंड) |
17. | रानी दुर्गावती की समाधि | जबलपुर (बरेला गांव) |
18. | पेशवा बाजीराव की समाधि | रावरखेड़ी (खरगोन) |
19. | बीजू बावरा की समाधि | चंदेरी |
20. | काना बाबा की समाधि | होशंगाबाद |
दोस्तों इस आर्टिकल में हमने आपके साथ मध्य प्रदेश की सभी समाधि और मकबरे की सूची सांझा की है।मध्य प्रदेश भारत के ठीक मध्य में स्थित है मध्यप्रदेश में विंध्याचल और सतपुड़ा की पर्वत श्रंखला इस प्रदेश को और अधिक रमणीय बनाती हैं यहां से नर्मदा, ताप्ती ,चंबल ,सोन और महानदी ,निकलकर भारत के कई प्रदेशों में बहती है। इन प्राकृतिक देन (MP GK : मध्य प्रदेश के प्रमुख समाधि स्थल एवं मकबरे) की वजह से मध्य प्रदेश एक बेहद खूबसूरत हरा भरा हिस्सा बनकर उभरता है। मध्य प्रदेश से जुड़ी ऐसी नवीनतम जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहेपको आने वाली सभी परीक्षाओं के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं!!!!!!!!!!!!!!
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Mp Gk : मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां (Rivers of Madhya Pradesh)
मध्य प्रदेश की नदियाँ और उनके उदगम स्थल
नमस्कार ! दोस्तों इस पोस्ट में हमने मध्य प्रदेश GK के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण टॉपिक (मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां) का विस्तार से अध्ययन करेंगे । मध्य प्रदेश स्टेट के सभी परीक्षाओं में इस टॉपिक से प्रश्न अवश्य ही पूछे जाते हैं। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको उन प्रश्नों का हल करने में बहुत ही सहायता मिलेगी।
भारत की प्रमुख 7 नदियों में से अनुपम नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक है । और यह मध्य प्रदेश के शहडोल जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील में है।अमरकंटक भारत के पवित्र स्थलों में गिना जाता है नर्मदा और सोन नदियों का उद्गम स्थल आदि काल से ही ऋषि-मुनियों की तपोभूमि रहा है।नर्मदा का उद्गम यहां एक कुंड से और सोनभद्र के पर्वत शिखर से हैं मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां इस प्रकार है-
Can Read Also:- 1. मध्यप्रदेश सरकार की वर्ष 2021 की प्रमुख योजनाएं Click Here
2. River of Madhya Pradesh Important Questions Click Here |
मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां (Major Rivers in MP)
नदियों का प्रवाह–
चंबल, बेतवा, सोन, केन- उत्तर दिशा की ओर
नर्मदा, ताप्ती- पूर्व दिशा की ओर
बेनगंगा, वर्धा- दक्षिण दिशा की ओर
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1.नर्मदा
उद्गम- अनूपपुर जिले के अमरकंटक से
समापन– खंभात की खाड़ी (अरब सागर)
लंबाई- 1312 (कुल लंबाई) 1077( एमपी में)
अन्य नाम- रेवा, मेकलसूता, नामादोस
सहायक नदियां- नर्मदा नदी की 41 सहायक नदियां हैं जिनमें से प्रमुख है-
वरना, हिरन, हथिनी,ऊटी, शेर, शक्कर, तवा, बंजर, दूधी आदि।
बेसिन क्षेत्र- 93180 वर्ग किलोमीटर
89.9%( एमपी में),6.5%(गुजरात में),2.7%(महाराष्ट्र में)
परियोजना- इंदिरा सागर बांध परियोजना (पुनासा डैम),सरदार सरोवर बांध परियोजना
प्रमुख तथ्य
- यह मध्यप्रदेश की प्रमुख बड़ी तथा लंबी नदी है।
- नर्मदा नदी भारत की पांचवीं सबसे बड़ी नदी है।
- इस नदी को मध्य प्रदेश के लोक माता और जीवन रेखा कहते हैं।
- नर्मदा को मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था की मेरुरज्जु कहते हैं।
- यह नदी डेल्टा नहीं बनाती बल्कि एशचूरी का निर्माण करती है।
- नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण का गठन 1980 में हुआ था।
2.चंबल
उद्गम- इंदौर जिले के महू की जानापाव पहाड़ी से
समापन- यमुना नदी (इटावा के पास)
लंबाई – 965 किलोमीटर
अन्य नाम- धर्मावती, चर्मावती ,भूगर्भा
सहायक नदी- पार्वती, कालीसिंध, सिंध, शिप्रा
परियोजना–
- गांधी सागर बांध (मंदसौर)- मध्य प्रदेश की प्रथम जल विद्युत परियोजना है
- जवाहर सागर/ कोटा बैराज (राजस्थान)
- राणा प्रताप सागर परियोजना (राजस्थान)
यह नदी मध्य प्रदेश की सबसे उत्तरी सीमा बनाती है
3.सोन नदी
उद्गम– अनूपपुर के अमरकंटक से
समापन- गंगा नदी (पटना जिले के पास दीनापुर बिहार में)
लंबाई- 780 किलोमीटर
अन्य नाम- स्वर्ण नदी, हिरण्य बाहु
परियोजना- बाणसागर परियोजना शहडोल जिले में (एमपी+ बिहार+ यूपी)
4.ताप्ती नदी
उद्गम- बैतूल के मुलताई से
समापन– अरब सागर में
लंबाई –725 किलोमीटर
अन्य नाम- सूर्य पुत्री
सहायक नदी- पूर्णा
- यह नदी भी डेल्टा नहीं बनाती तथा एशचुरी का निर्माण करती है।
- सूरत शहर ताप्ती नदी के किनारे बसा हुआ है।
5.बेतवा नदी
उद्गम- रायसेन जिले कुमारा गांव से
समापन- यमुना नदी (हमीरपुर के निकट उत्तर प्रदेश)
लंबाई-540 किलोमीटर
सहायक नदी– बीना,धसान
परियोजना- राजघाट बांध परियोजना, हलाली परियोजना( सम्राट अशोक सागर परियोजना)
- इसे मध्यप्रदेश की गंगा( प्रदूषण की दृष्टि से) भी कहा जाता है।
- बुंदेलखंड की जीवन रेखा के नाम से भी इस नदी को जाना जाता है।
- इसका पौराणिक नाम वेत्रबटी है।
6.तवा नदी
उद्गम- होशंगाबाद पचमढ़ी के पास महादेव पर्वत
समापन– नर्मदा नदी
- नर्मदा एवं तवा नदी के संगम पर मांधार जलप्रपात है
- मध्य प्रदेश का सबसे लंबा बांध तवा नदी पर ही बनाया गया है जिसकी लंबाई 1322 मीटर( होशंगाबाद) है
- सबसे लंबा सड़क पुल तवा नदी पर है
7.शिप्रा नदी
उद्गम- करारी बरड़ी पहाड़ी इंदौर से इंदौर से
समापन- चंबल नदी (देवास के पास)
लंबाई– 195 किलोमीटर
- इस नदी को मालवा की गंगा कहा जाता है
- इसका प्राचीन नाम अवंती है
- शिप्रा नदी के किनारे उज्जैन में सिंहस्थ का मेला लगता है
8.माही नदी
- इस नदी का उद्गम स्थल विंध्याचल पर्वत से माना जाता है
- यह नदी कर्क रेखा को दो बार काटती है
9.कालीसिंध
उद्गम- देवास के बागली गांव से
समापन- चंबल में जाकर मिल जाती है
लंबाई- 150 किलोमीटर
10. सिंध
उद्गम- गुना की सिरोंज से
समापन– चंबल नदी (इटावा)
11. पार्वती
उद्गम– सीहोर (आष्टा)
समापन -चंबल में
12.टोंस( तमसा)
उद्गम– सतना जिले में कैमूर की पहाड़ियों से
समापन– गंगा नदी
13. वैनगंगा
उद्गम- यह सिवनी के पारस बड़ा पठार से
समापन –वर्धा नदी (महाराष्ट्र)
वर्धा तथा बेनगंगा का संगम प्राणहिता के नाम से जाना जाता है
14. केन
उद्गम– कटनी से
समापन- यमुना नदी में
मध्य प्रदेश की नदियों से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न मध्य प्रदेश की नदियों की प्रकृति किस प्रकार की है?
उत्तर– प्रायद्वीपीय
प्रश्न मध्य प्रदेश में देश की कितनी नदियां बहती हैं?
उत्तर- सर्वाधिक
प्रश्न नर्मदा नदी का आप्रवाह क्षेत्र है?
उत्तर 93180वर्ग किलोमीटर
प्रश्न नर्मदा नदी मध्य प्रदेश में कितने किलोमीटर में बहती है?
उत्तर1077 किलो मीटर
प्रश्न नर्मदा नदी कौन सा जलप्रपात बनाती है?
उत्तर कपिलधारा- दुग्ध धारा, मांधार तथा दर्दी, धुआंधार तथा सहस्त्रधारा
प्रश्न नर्मदा नदी की कुल कितनी सहायक नदियां हैं?
उत्तर-41
प्रश्न मध्यप्रदेश में किस स्थान से 3 किलोमीटर के अंदर दो प्रमुख नदियों का उद्गम है/
उत्तर -अमरकंटक
प्रश्न कौन सी नदी नर्मदा के समानांतर बहती है?
उत्तर-ताप्ती
प्रश्न मध्य प्रदेश की किस नदी का जल चूलिया झरने में गिरता है?
उत्तर चंबल
इन्हें भी पढ़ें
1. | मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपात | Click Here |
2. | मध्य प्रदेश के प्रमुख अनुसंधान केंद्रों की सूची | Click Here |
3. | मध्यप्रदेश के खेलकूद से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर | Click Here |
4. | मध्यप्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान | Click Here |
5. | मध्य प्रदेश के प्रमुख समाधि स्थल एवं मकबरे | Click Here |
इस आर्टिकल में हमने आपके साथ मध्य प्रदेश की नदियों के बारे में विस्तृत जानकारी सांझा की है आशा है कि हमारे आर्टिकल (मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां) से आपको परीक्षा में नदियों से संबंधित प्रश्न को हल करने में काफी सहायता मिलेगी ऐसी नवीनतम जानकारी के लिए हमारी साइट पर विजिट करते रहे आने वाले एग्जाम के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं!!!!
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Mp Gk : Madhya Pradesh ke Pramukh National Park
National Park of Madhya Pradesh
नमस्कार!दोस्तों Studysafar.comमे आप सभी का स्वागत है।इस पोस्ट में हम आपके साथ एमपी जीके (Mp Gk : Madhya Pradesh ke Pramukh National Park ) का एक महत्वपूर्ण टॉपिक मध्य प्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान आपके साथ सांझा कर रहे हैं। इस आर्टिकल में हम मध्य प्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों को विस्तार पूर्वक जानेंगे। इससे संबंधित प्रश्न मध्य प्रदेश के सभी स्टेट लेवल का एग्जाम जैसे MPPSC,MPSI,MP POLICE मैं मुख्य रूप से पूछे जाते हैं इस आर्टिकल की सहायता से आपको इससे संबंधित प्रश्नों को हल करने में मदद मिलेगी। मध्य प्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान इस प्रकार है।
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मध्यप्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान (Madhya Pradesh ke Pramukh National Park)
कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान
- यह राष्ट्रीय उद्यान मंडला जिले के अंतर्गत आता है
- इसी सन 1933 में अभ्यारण तथा 1955 में नेशनल पार्क बनाया गया था
- कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान को 1974 में बाघ परियोजना (टाइगर रिजर्व) में शामिल किया गया
- यहां पर हांलो घाटी तथा बंजर घाटी प्रमुख दर्शनीय स्थल है
- इस राष्ट्रीय उद्यान में वर्ल्ड बैंक की सहायता से पार्क इंटर प्रिवेंशल योजना चल रही है
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में पन्ना एवं छतरपुर में फैला हुआ है
- इसका क्षेत्रफल लगभग 543 वर्ग किलोमीटर है
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना करने से क्या थी में हुई थी तथा इसे 1994 में बाघ परियोजना में शामिल किया गया
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
- यह होशंगाबाद जिले में लगभग 525 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है
- यह सन 1983 में स्थापित किया गया था
- इसे 1999- 2000 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया है
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
- यह राष्ट्रीय उद्यान उमरिया शहडोल जिले में है
- इसका क्षेत्रफल लगभग 437 वर्ग किलोमीटर है
- बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन 1968 में की गई थी तथा इसे 1993 में बाघ परियोजना में शामिल किया गया था
- यहां बाघों का सर्वाधिक घनत्व है (एक बाघ प्रति 8 वर्ग किलोमीटर)
- इस राष्ट्रीय उद्यान में सफेद शेर पाए जाते हैं
- यह 32 पहाड़ियों से घिरा हुआ है
संजय राष्ट्रीय उद्यान
- यह राष्ट्रीय उद्यान 1981 में स्थापित किया गया था
- यह मध्य प्रदेश के सीधी जिले में है
- इस राष्ट्रीय उद्यान का कुछ हिस्सा छत्तीसगढ़ राज्य में चला गया है
- का क्षेत्रफल लगभग 467 वर्ग किलोमीटर है
- भारत सरकार के अनुसार यह प्रोजेक्ट टाइगर में सम्मिलित है
पेंच राष्ट्रीय उद्यान
- यह सिवनी, छिंदवाड़ा जिले तथा महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है
- इश्क इंडिया प्रियदर्शनी राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया है
- इसका क्षेत्रफल लगभग 293 वर्ग किलोमीटर है
- इसकी स्थापना सन 1975 में हुई थी
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान को 1993 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया
- इस राष्ट्रीय उद्यान में मोगली लेन चित्र तथा वाटर राफ्टिंग सुविधा है
माधव राष्ट्रीय उद्यान
- यह 1958 में स्थापित किया गया था
- यह शिवपुरी जिले में स्थित है
- इसका क्षेत्रफल लगभग 337 वर्ग किलोमीटर है
- जॉर्ज कैसल भवन भी यहीं पर स्थित है
- इस उद्यान से राष्ट्रीय राजमार्ग 3 आगरा- मुंबई गुजरता है
फासिल (जीवाश्म) राष्ट्रीय उद्यान
- राष्ट्रीय उद्यान डिंडोरी जिले में स्थित है
- क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है
- इसका क्षेत्रफल लगभग 0.27 वर्ग किलोमीटर है
- इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1968 में की गई थी
- इस उद्यान में पादपों तथा जंतुओं के जीवाश्म पाए जाते हैं
बन बिहार
- सन 1979 में स्थापित यह राष्ट्रीय उद्यान भोपाल में स्थित है
- इसका क्षेत्रफल लगभग 4.452 वर्ग किलोमीटर है
ओमकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान
- यह राष्ट्रीय उद्यान खंडवा में स्थित है, इसका क्षेत्रफल 293 वर्ग किलोमीटर है
डायनासोर जीवाश्म उद्यान
- धार जिले में 2010 में स्थापित किया गया था
- इसका क्षेत्रफल लगभग 0.897 वर्ग किलोमीटर है
(Mp Gk : Madhya Pradesh ke Pramukh National Park)
मध्यप्रदेश के प्रोजेक्ट टाइगर में सम्मिलित राष्ट्रीय उद्यान व अभयारण्य
प्रोजेक्ट टाइगर में 6 राष्ट्रीय उद्यान और 1 अभ्यारण शामिल है
- कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान
- बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
- सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
- संजय गांधी (डुबरी) राष्ट्रीय उद्यान
- रातापानी (अभ्यारण)
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