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Bhumi Mapan in Uttar Pradesh For UP Lekhapal 2020

जाने ! उत्तरप्रदेश मे भूमि पैमाइश की इकाइयाँ ||For UP Lekhapal 2020
नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे उत्तर प्रदेश लेखपाल की (Bhumi Mapan in Uttar Pradesh For UP Lekhapal 2020) भूमि पैमाइश संबंधी इकाइयां जोकि आने वाली उत्तर प्रदेश यूपी लेखपाल परीक्षा की दृष्टि से आपको अवश्य ही ज्ञात होना चाहिए, क्योंकि इससे संबंधित प्रश्न परीक्षा में अवश्य पूछे जाते हैं हमारे इस आर्टिकल में हमने लेखपाल हेतु आवश्यक भूमि पैमाइश संबंधित शब्दावली और इकाइयों को विस्तारपूर्वक समझाया गया है से आपको परीक्षा में इन से संबंधित प्रश्नों को हल करने में मदद मिलेगी।
भूमि पैमाइश यूपी लेखपाल 2020
- शब्द पैमाइश survey anglo french मूल का है
- भूतल के किसी भाग के रूप और आकृति को नाप का चित्र करने की कला को ही सर्वे कहा जाता है
- इसका श्रेय मिश्र और यूनान को जाता है
- भारतीय ज्यामिति प्राचीन मिस्र एवं चीन की जयंती से आगे थी
- मिस्टर वासियों ने यह ज्ञान 200 ईसा पूर्व नील नदी के तटों को विभिन्न प्रकार से नापने के दौरान सीखा था
- मुगल साम्राज्य का शक्तिशाली शासक अकबर ने भी साम्राज्य में भूमापन अभिलेखों के लिए जैसी प्रणाली अपनाएं
- नाप के लिए इन्होंने इलाही गज जो एक काले अंगूर की नाप के बराबर था नापने की रस्सी के साथ इलाही गज की होती थी
- मस्ती किए ठंड के कारण उसकी लंबाई घट बढ़ जाती थी
- अपने बॉस के टुकड़ों को लोहे की छड़ों से जोड़कर जरीब का निर्माण किया गया
- शाहजहां के शासनकाल में दोबारा पैमाइश के महत्व पर ध्यान दिया गया
- जिसको शाहजहानी गज का नाम दिया गया यह 42 अंगुल जो 33 इंच के बराबर होता था
- तथा शाहजनी जरीब जो साथ शाहजनी गज की लंबाई होती थी
- अंगुल की मोटाई के अनुसार जरीब की लंबाई में विभिन्नता स्वाभाविक शाहजनी जरीब जिसकी कुल लंबाई 165 फिट होती थी
- इसके द्वारा किया गया भूमापन थक वास्ते सर्वेक्षण के नाम से भी जाना जाता है
- इसके बाद अंग्रेजों का जमाना आ गया तब ब्रिटिश शासन काल में उन्होंने अपना अलग नाम रखा वह नाम ब्रिटिश अधिकारी गारंटी के नाम पर रखा जिसको ग नट्री जरीब के नाम से जाना जाता है
- जिसकी लंबाई 132 फिट होती है जिसका आज भी कई स्थानों पर हूं पैमाइश में उपयोग किया जा रहा है
- इसकी द्वारा किया गया भूमापन कैडेस्ट्रेल सर्वेक्षण कहलाता है
जाने !क्या होता है जरीब?
जरीब भारी होने के कारण सामान्यतया इनकी आधी लंबाई वाला आधा ही प्रयोग किया जाता है धार्मिक प्रणाली के लागू होने के उपरांत उत्तर प्रदेश में कई इलाकों में प्रयोग में लाई जाने वाली मेट्रिक जरिए कुल 20 मीटर लंबी होती है जिसमें 20 सेंटीमीटर लंबाई वाली छोकरिया होती हैं इन दोनों कड़ियों के बीच 3 छल्ले होते हैं जो जरीब की लंबाई घटाने तथा बढ़ाने के साथ जरीब को सीधा रखने में सहायक होते हैं
भूमि की पैमाइश सामान्यता वर्ग मीटर वर्ग फुट बीघा बिस्वा एकड़ किला हेक्टेयर आदि पैमानों में की जाती है
जरीब फीता सर्वेक्षण
- किसी भूभाग के सर्वेक्षण के लिए भूमापन के लिए आवश्यक प्रमुख यंत्रों में शरीफ का सर्व प्रमुख स्थान है
- जरीब एक प्रकार का पिता या चेन होती है
- इसमें लोहा या इस बात से निर्मित कड़ियां एक दूसरे के छल्लो के माध्यम से जुड़ी होती हैं
- छल्ला जरीब की कड़ियों को एक दूसरे से जोड़ने के अतिरिक्त जरीब की लंबाई को घटाने बढ़ाने में प्रयुक्त होता है
- जरीन में स्थित फुल माप के 10 के अंश के बराबर की नाव का एक कट्ठा भी लगा होता है जो छोटी लंबाई नापने के लिए प्रयोग में लिया जाता है
- गट्टा बाद से बना होता है तथा इसे टूट-फूट से बचाने के उद्देश्य से इसके सिर पर किसी धातु का किनारा बना दिया जाता है
- जरीब और इसकी सभी हिस्सों की बनावट की नाप एक सुनिश्चित अनुपात में होती है
- जरीब के साथ लोहिया इस्पात में डाले गए 10 में होते हैं सूअर लगभग 25 से 30 सेंटीमीटर लंबा होता है और इसका निचला भाग नुकीला होता है ताकि से भूमि में आसानी से गांव आ जा सके तथा ऊपरी भाग गोलाई वाला होता है ताकि गाने निकालने में कोई समस्या ना हो
- नाभि जाने वाले भूभाग की कुल लंबाई यदि जरीब की लंबाई से अधिक हो तो जरीब के प्रत्येक नाप के अंत पर एक सुबा गाड़ दिया जाता है
- जैकलिन में प्रयोग होने वाली सामग्री
- सुआ 25 से 35 सेंटीमीटर लंबा एक सिरा नुकीला होता है
- फीता यह सूती तार लगा कपड़े वाला इस्पात द्वारा बना होता है इसमें मीटर एवं सेंटीमीटर के चिन्ह बने होते हैं
- खूंटी इसका एक सिरा नुकीला होता है यह 2.5 सेंटीमीटर चौड़ा एवं 15 सेंटीमीटर लंबी होती है
- साहुल धनु भूमियों को नापने के लिए प्रयोग करते हैं
- गुनिया कई प्रकार की होती है इसका प्रयोग नंबर डालने के लिए होता है
- आलेखन दंड लकड़ी की बनी होती है एवं नीचे लोहे की नुकीली लगे रहते हैं जो 3.5 से 6 मीटर लंबे होते हैं इन्हें सीमा रेखा रखने अथवा स्टेशन दर्शाने हेतु प्रयोग किया जाता है
- अंतर लंब स्तंभ 3.5 से 6 मीटर लंबी होते हैं ऊपरी सिरे एक हुक लगा होता है
- लैब 7 सेंटीमीटर से 90 सेंटीमीटर लंबाई के होते हैं एवं सफेद होते हैं उनकी नीची भूमियों में आलेखन डंडी को स्पष्ट देखने के लिए प्रयोग होते हैं
उत्तर प्रदेश में भूमि की मापन इकाइयां (Bhumi Mapan in Uttar Pradesh For UP Lekhapal 2020)
लंबाई के लिए उपयोग होने वाली इकाइयां- सेंटीमीटर,इंच, मीटर, लट्ठा
जमीन के क्षेत्रफल के लिए उपयोग होने वाली इकाइयां -उन्वांसी, कचवांसी, विश्वा, वांसी, डिसमिल, कच्चा बीघा, पक्का बीघा एकड़, हेक्टेयर ,एयर
लंबाई का मापन
- 1 गज = 3 फिट
- एक फिट = 12 इंच
- 1 फुट = 99.44 सेंटीमीटर
- 1 मीटर = 39.37 इंच
- एक मीटर = 3.28 फुट
- 1 इंच = 2.54 सेंटीमीटर
- एक गज = 36 इंच
- 1 मीटर = 1.09 गज
- एक गज = 0.144 मीटर
- 1 गज इलाही = 33 इंच
- 66 गज इलाही = 5 गज
क्षेत्रफल का मापन
कच्चा बीघा
- एक कच्चा बीघा = 1008 वर्ग गज
- 1 कच्चा बीघा = 1.67 विश्वा
- एक कच्चा बीघा = 843 वर्ग मीटर
- 1 कच्चा बीघा= 0.208511 एकड़
- एक कच्चा बीघा =0.0 84 3 हेक्टेयर
पक्का बीघा
- एक पक्का बीघा = 1 वर्ग
- एक पक्का बीघा = 3025 वर्ग गज
- पक्का बीघा = 2529 वर्ग मीटर
- एक पक्का बीघा = 3 कच्चा बीघा
- पक्का बीघा = 20 वेस्पा
- एक पक्का बीघा = 27225 वर्ग फुट
एकड़
- एक एकड़= 4840 वर्ग गज
- 1 एकड़=4047 वर्ग मीटर
- एक एकड़= 43507 वर्ग फुट
हेक्टेयर
- 1 एयर = 100 वर्ग मीटर
- एक हेक्टेयर =100 एयर
- 1 हेक्टेयर= 2471 एकड़
- एक हेक्टेयर = 17639 वर्ग फुट
उपरोक्त आर्टिकल में हमने जाना भूमि मापन से संबंधी (Bhumi Mapan in Uttar Pradesh For UP Lekhapal 2020) महत्वपूर्ण आंकड़े जो कि लेखपाल भर्ती परीक्षा 2020 की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है आशा है आप इनका ध्यान पूर्वक अध्ययन करेंगे और परीक्षा में इनसे जुड़े प्रश्नों को आसानी से हल कर पाएंगे धन्यवाद!
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UP Lekhapal Exam 2021:ग्रामीण समाज और विकास के महत्वपूर्ण सवाल

उत्तर प्रदेश लेखपाल भर्ती परीक्षा 2021: उत्तर प्रदेश राजस्व विभाग में जल्द ही 8200 पदों पर भर्ती होने की संभावना है इस भर्ती में सबसे पहले उत्तर प्रदेश लोक लेखपाल भर्ती 2021 के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाएंगेयदि आप भी इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है, उत्तर प्रदेश लेखपाल भर्ती परीक्षा के लिए हम इस आर्टिकल में ग्रामीण समाज विकास के कुछ महत्वपूर्ण सवाल (Gramin Parivesh UP Lekhapal MCQ) आपके लिए लेकर आए हैं, जो आपकी आने वाली लेखपाल भर्ती परीक्षा के लिए बेहद ही मददगार साबित हो सकते हैं I
MCQ on Gramin Parivesh for UP Lekhapal 2021
Q.1 उत्तर प्रदेश के किन जिलों में पटसन की खेती की जाती है ?
a) देवरिया और गोरखपुर
b) सहारनपुर और हरदोई
c) इलाहाबाद और फतेहपुर
d) मथुरा और अलीगढ़
Ans- (a)
Q.2 गेहूं की खेती के लिए कौन से उर्वरक का उपयोग करेंगे ?
a) नाइट्रोजन
b) तांबा
c) पोटेशियम
d) लोहा
Ans- (a)
Q.3 भूमि का उपयोग करने के एवज में किसानों से वसूल किया जाने वाला टैक्स कौन सा है
a) लगान
b) विक्रय कर
c) आयकर
d) उपकर
Ans- (a)
Q.4 ब्रिटिश शासन के दौरान उत्तर प्रदेश में भूलनी पंजीकरण किस अधिकारी द्वारा किया जाता था ?
a) लिपिक
b) लेखपाल
c) काजी
d) राज्यपाल
Ans- (b)
Q.5 उत्तर प्रदेश की प्रमुख फसल है ?
a) गन्ना
b) गेहूँ
c) चना
d) चावल
Ans- (b)
Q.6 एक व्यक्ति के लिए पंचायत का सदस्य बनने की न्यूनतम आयु सीमा कितनी है ?
a) 21वर्ष
b) 23 वर्ष
c) 35 वर्ष
d) 18 वर्ष
Ans- (a)
Q.7 जोत बही में पृष्ठो की संख्या कितनी होती है ?
a) 4
b) 8
c) 16
d) 20
Ans-(c)
Q.8 बसंत ऋतु की फसलों की बुवाई कब की जाती है ?
a) जून-जुलाई
b) मध्य फरवरी से मध्य मार्च
c) अप्रैल-मई
d) इनमें से कोई नहीं
Ans-(b)
Q.9 लेखपाल खसरा तैयार करके अगले वर्ष जमा कर देता है ?
a) ग्राम प्रधान के पास
b) रजिस्टार कानूनगो के पास
c) तहसीलदार के पास
d) जिला कृषि अधिकारी के पास
Ans-(b)
Q.10 ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुख सुविधाएं प्रदान करना PURA योजना किसके द्वारा प्रतिपादित है ?
a) डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आजाद
b) अटल बिहारी बाजपेई
c) मनमोहन सिंह
d) जयप्रकाश नारायण
Ans-(a)
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List of Famous Anusandhan in Uttar Pradesh pdf | UP GK

Uttar Pradesh ke Pramukh Anusandhan |UP GK
नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में है उत्तर प्रदेश सामान्य ज्ञान का ही एक टॉपिक (List of Famous Anusandhan in Uttar Pradesh pdf) उत्तर प्रदेश में स्थित प्रमुख अनुसंधान की सूची आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं जो कि आने वाले प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत ही उपयोगी है-
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उत्तर प्रदेश में स्थित प्रमुख अनुसंधान की सूची
s.no. | संस्थान का नाम | स्थान |
1. | बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट | ग्रेटर नोएडा |
2. | लेदर टेक्नोलॉजी पार्क – | बंथरा (उन्नाव) |
3. | नेशनल सेंटर फॉर एग्रोफोरेस्ट्री | झांसी |
4. | नेशनल बायोफर्टिलाइजर डेवलपमेंट सेंटर – | गाजियाबाद |
5. | नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ थलमलोजी | सीतापुर |
6. | नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज | लखनऊ |
7. | खाद्य अनुसंधान एवं मानकीकरण प्रयोगशाला – | गाजियाबाद |
8. | कपड़ा रिसर्च इंस्टीट्यूट | गाजियाबाद |
9. | कपड़ा रिसर्च इंस्टीट्यूट – | गाजियाबाद |
10. | पशु जैविक औषधि संस्थान | लखनऊ |
11. | राष्ट्रीय कथक संस्थान – | लखनऊ |
12. | राजकीय फल संरक्षण एवं डिब्बा बंदी संस्थान – | लखनऊ |
13. | नेशनल एकेडमी ऑफ स्टैटिकल एंड मिनिस्ट्रेशन – | नोएडा |
14. | इंडियन ग्रेन स्टोरेज इंस्टीट्यूट – | हापुड़ |
15. | सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट – | लखनऊ |
16. | इंडियन शुगर केन रिसर्च इंस्टीट्यूट – | लखनऊ |
17. | सेंट्रल मैंगो रिसर्च इंस्टीट्यूट | लखनऊ |
18. | सेंट्रल पोटैटो (आलू) रिसर्च सेंटर – | मेरठ |
19. | केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान | मथुरा |
20. | सेंट्रल टैक्सटाइल इंस्टीट्यूट – | कानपुर |
21. | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ शुगर टेक्नोलॉजी – | कानपुर |
22. | केंद्रीय उपोषण बगवानी संस्थान – | लखनऊ |
23. | नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी | रायबरेली |
24. | राजीव गांधी पैट्रोलियम इंस्टीट्यूट – | अमेठी |
25. | भारतीय कालीन औद्योगिक संस्थान – | भदोही |
26. | इंडियन पल्सेस रिसर्च इंस्टीट्यूट – | कानपुर |
27. | पशु जैविक औषधि संस्थान – | लखनऊ |
28. | सेंट्रल ग्रेसलैंड एंड फॉडर रिसर्च इंस्टीट्यूट – | झांसी |
29. | ऊतक संवर्धन प्रयोगशाला | लखनऊ |
30. | सेंट्रल एविएशन (पक्षी) रिसर्च इंस्टीट्यूट – | इज्जत नगर |
31. | नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर मीट – | इज्जत नगर |
32. | इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी – | रायबरेली |
33. | सेंट्रल लेप्रोसी इंस्टीट्यूट – | आगरा |
34. | नेशनल पैराशूट ट्रेनिंग कॉलेज | आगरा |
35. | वीवी गिरी नेशनल लेबर इंस्टिट्यूट – | नोएडा |
36. | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ वेजिटेबल रिसर्च – | वाराणसी |
37. | स्कूल ऑफ़ पेपर टेक्नोलॉजी – | सहारनपुर |
38. | नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट – | लखनऊ |
39. | सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन कैटल – | मेरठ |
40. | इंडस्ट्रियल टेक्स्लाजी रिसर्च सेंटर – | लखनऊ |
41. | इंडियन इंस्टीट्यूट आफ हैंडलूम टेक्नोलॉजी – | वाराणसी |
42. | उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान संस्थान – | लखनऊ |
43. | केंद्रीय ग्लास एवं सिरेमिक अनुसंधान संस्थान – | खुर्जा |
44. | इंडियन वेटरिनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट – | बरेली |
45. | डॉ आंबेडकर पर्यावरण म्यूजियम – | लखनऊ |
46. | कांच उद्योग विकास केंद्र – | फिरोजाबाद |
47. | फ्रिग्नंस एंड फ्लेवर डेवलपमेंट सेंटर – | कन्नौज |
48. | राजकीय चर्म संस्थान – | कानपुर |
49. | डॉक्टर अंबेडकर टेक्नोलॉजी फॉर हैंडिकैप्ड | कानपुर |
50. | उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद – | शाहजहांपुर |
51. | वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र – | महोबा |
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Gram Samaj aur Vikas Questions for UP Lekhpal

UP Lekhpal Gram Samaj aur Vikas Questions in Hindi
दोस्तों इस आर्टिकल हम यूपी लेखापाल के लिए उपयोगी (Gram Samaj aur Vikas Questions for UP Lekhpal) ग्रामीण समाज और विकास के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं जो की परीक्षा के लिए बहुत उपयोगी हैं
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ग्रामीण विकास एवं समाज से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
Q.1 किस अधिनियम की धारा में लेखपाल का उल्लेख किया गया है?
Ans- भू राजस्व अधिनियम 1921 धारा 23 में।
Q.2 चकबंदी विभाग का प्रमुख कौन होता है?
Ans- चकबंदी आयुक्त।
Q.3 ग्राम भू-प्रबंध समिति का अध्यक्ष कौन होता है?
Ans- ग्राम प्रधान।
Q.4 शाहजहानी जरीब की लंबाई कितनी होती है?
Ans- 165 फीट।
Q.5 खसरे में कुल खानों की संख्या कितनी होती है?
Ans- 22
Q.6 उत्तर प्रदेश भू राजस्व अधिनियम की धारा 33 में वर्णित वार्षिक रजिस्टर को किस नाम से जाना जाता है?
Ans- खतौनी के नाम से।
Q.7 उत्तर प्रदेश में जोत चकबंदी अधिनियम कब बना?
Ans- 1953 में।
Q.8 कृषि वर्ष कब से कब तक चलता है?
Ans- 1 जुलाई से 30 जून तक।
Q.9 भूलेख निरीक्षक कौन होता है?
Ans- राजस्व निरीक्षक या कानूनगो।
Q.10 तहसील दिवस का आयोजन कब होता है?
Ans- प्रत्येक माह के प्रथम व तृतीय मंगलवार को।
Q.11 खतौनी में कुल खानों की संख्या कितनी होती है?
Ans- 13 खाने।
Q.12 उत्तर प्रदेश में लेखपाल सेवा नियमावली कब बनी?
Ans- वर्ष 2006 में।
Q.13 किस सूची में भूमि सुधारों से संबंधित विषयों का उल्लेख मिलता है?
Ans- राज्य सूची में।
Q.14 चकबंदी किससे संबंधित है?
Ans- भूमि सुधार कार्यक्रम से।
Q.15 काश्तकारी सुधार, मध्यस्थों का उन्मूलन और खेती योग्य भूमि की सीमा बंदी यह सभी किससे संबंधित है?
Ans- भूमि सुधार कार्यक्रम से।
Q.16 1 एकड़ में कितने बीघा (कच्चा) रकवा होता है?
Ans- 5 बीघा।
Q.17 एक विश्वा किसे कहते हैं?
Ans- 20 बिस्वानसी को।
Q.18 जरीब सर्वेक्षण में क्षेत्र को किस ज्यामिति आकृति में बांटकर नापना आसान होता है?
Ans- त्रिभुज की आकृति में।
Q.19 एक हेक्टर में कितने वर्ग मीटर होते हैं?
Ans- 10,000 वर्ग मीटर।
Q.20 लेखपाल खसरा तैयार करके अगले वर्ष किसके पास जमा कर देता है?
Ans- कानूनगो के पास।
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