Indian Railway Gk Facts: दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में शुमार भारतीय रेलवे, आज भी देश के सबसे सस्ते और पसंदीदा परिवहन का जरिया है, जिसमें तकरीबन 2.5 करोड़ लोग रोजाना सफर करते हैं यह संख्या ऑस्ट्रेलिया जैसे देश की पूरी आबादी के बराबर है. आपने कभी ना कभी भारतीय रेलवे में सफल जरूर किया होगा, तो आपने देखा होगा कि पैसेंजर ट्रेन में एसी, जनरल, स्लीपर आदि को शामिल होते हैं लेकिन कभी आपने सोचा है कि जिन यात्री कोच में आप सफर करते हैं उन्हें भारतीय रेलवे रिटायर कब करता है और इसके बाद इनका क्या होता है? आइए जानते हैं इस रोचक तथ्य के संबंध में विस्तृत जानकारी- Indian Railway Gk Facts
आपको बता दें कि भारतीय रेलवे की स्थापना 8 मई 1845 में की गई थी जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है. 177 वर्ष पूरी कर चुकी भारतीय रेलवे में आज लगभग 12167 पैसेंजर ट्रेन है इसके साथ ही 7349 मालगाड़ी ट्रेन है जिनके सुचारु संचालन में लगभग 13 लाख रेल्वे कर्मचारी दिन रात अपनी सेवाए दे रहे है.
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यात्री कोच इतने साल बाद हो जाते हैं रिटायर
भारतीय रेलवे में यात्री कोच का प्रयोग लगभग 25 साल तक किया जाता है इन कोच को आईसीएफ यानी integral coach factory मैं निर्मित किया जाता है तकनीकी भाषा में कहे तो आईसीएफ में निर्मित कोच की कोडल लाइफ (Codal Life) 25 साल होती है हालांकि यात्री कोच को हर 5 से 10 साल में मरम्मत व मेंटेनेंस की जाती है.
रिटायर होने के बाद यात्री कोच बन जाता है NMG (newly modified goods wagon)
जब यात्री कोच अपने निर्माण से 25 वर्ष तक सेवाए देने के बाद रिटायर कर दिए जाते है जिसे बाद में ऑटो कैरियर में बदल दिए दिया जाता हैं जिसे NMG (newly modified goods wagon) के नाम से जाना जाता है. NMG का इस्तेमाल विभिन्न तरह की माल ढुलाई के साथ ही कार, मिनी ट्रक, ट्रैक्टर, मोटरसाइकल आदि जैसे ऑटोमोबाइल ट्रांसपोर्ट संबंधित कार्यों में किया जाता है.

यात्री कोच को NMG में तब्दील करने के बाद इसे 5 से 10 साल तक इस्तेमाल किया जाता है यात्री कोच को इस तरह से मॉडिफाई किया जाता है की इसके भीतर के सभी सीटें पंखे लाइट को हटा दिया जाता है इसके साथ ही खिड़कियों तथा दरवाजों को भी पूरी तरह से सील कर दिया जाता है. इन NMG कोच में सामान को लोड करने के लिए कोच के पिछले हिस्से में दरवाजा बनाया जाता है. एनएमजी कोच के अलावा भी रेलवे रिटायर्ड यात्री कोच का इस्तेमाल अन्य तरह के प्रयोगों में भी करती है.
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