CTET & Teaching

CTET 2023: शिक्षक पात्रता परीक्षा में अक्सर पूछे जाते हैं ‘बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र’ से जुड़े ऐसे प्रश्न!

CDP MCQ For CTET 2023: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के द्वारा CTET परीक्षा जुलाई माह में आयोजित की जाएगी। जिसके लिए आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। शिक्षा के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के लाखों युवा उम्मीदवार इस परीक्षा सम्मिलित होते हैं। बता दें कि यह एक पात्रता परीक्षा होती है, जिसमें क्वालीफाई अभ्यर्थियों को देश के विभिन्न राज्यों में संचालित केंद्रीय विद्यालय नवोदय विद्यालय, अर्मी पब्लिक स्कूल में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने का मौका मिलता है। अगर आप भी इन विद्यालय में शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं, तो आपको सीटेट परीक्षा क्वालीफाई करना बेहद आवश्यक हो जाता है।

यहां पर हम परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए नवीनतम परीक्षा पैटर्न को ध्यान में रखते हुए बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र के ऐसे महत्वपूर्ण प्रश्न लेकर आए हैं, जो की परीक्षा की दृष्टि से बेहद ही महत्वपूर्ण है। अभ्यर्थियों को चाहिए कि वह इन प्रश्नों को एक नजर जरूर पढ़ें ।

ये भी पढ़े:-CTET Exam 2023: यदि शामिल होने वाले हैं सीटेट परीक्षा में तो ‘बाल विकास’ के इन प्रश्नों पर डालें एक नजर!

बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र से जुड़ी संभावित प्रश्नोत्तरी—Child Development and Pedagogy Expected Question

1. वह अवस्था जब बच्चा तार्किक रूप से वस्तुओं व घटनाओं के विषय में चिन्तन प्रारम्भ करता है,

(1) संवेदी प्रेरक अवस्था

(2) औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था

(3) पूर्व-संक्रियात्मक अवस्था

(4) मूर्त-संक्रियात्मक अवस्था

Ans- 4 

2. एक शिक्षक अपने लोकतान्त्रिक स्वभाव के कारण विद्यार्थियों को पूरी कक्षा में कहीं भी बैठने की अनुमति देता है। कुछ शिक्षार्थी एक-साथ बैठते हैं और चर्चा करते हैं या सामूहिक पठन करते हैं। कुछ चुपचाप बैठकर अपने-आप पढ़ते हैं। एक अभिभावक को यह पसन्द नहीं आता। इस स्थिति से निबटने का निम्न में से कौन-सा तरीका सबसे बेहतर हो सकता है?

(1) अभिभावकों को प्रधानाचार्य से शिक्षक की शिकायत करनी चाहिए

(2) अभिभावकों को प्रधानाचार्य से अनुरोध करना चाहिए कि वे उनके बच्चे का अनुभाग बदल दें

(3) अभिभावकों को शिक्षक पर विश्वास व्यक्त करना चाहिए और शिक्षक के साथ समस्या पर चर्चा करनी चाहिए

(4) अभिभावकों को उस विद्यालय से अपने बच्चे को निकाल लेना चाहिए

Ans- 3 

3. ‘सीखने के अन्तः दृष्टि सिद्धान्त’ को किसने बढ़ावा दिया?

(1 ) ‘गेस्टाल्ट’ सिद्धान्तवादी

(2) पावलॉव

(3) जीन पियाजे

(4) वाइगोत्स्की

Ans- 1 

4. बच्चों के बौद्धिक विकास की चार विशिष्ट अवस्थाओं की पहचान की गई –

(1) कोहलबर्ग द्वारा 

(2) एरिकसन द्वारा 

(3) स्किनर द्वारा 

(4) पियाजे द्वारा

Ans- 4 

5. निम्नलिखित में से किस अवस्था में बच्चे अपने समवयस्क समूह के सक्रिय सदस्य हो जाते हैं?

(1) किशोरावस्था

(2) प्रौढ़ावस्था 

(3) पूर्व बाल्यावस्था

(4) बाल्यावस्था

Ans- 1 

6. बच्चों की सीखने की प्रक्रिया में माता-पिता को …………  भूमिका निभानी चाहिए।

(1) नकारात्मक 

(2) अग्रोन्मुखी 

(3) सहानुभूतिपूर्ण 

(4) तटस्थ

Ans- 2 

7. “विकास कभी न समाप्त होने वाली प्रक्रिया है ।” यह विचार किससे सम्बन्धित है?

(1) अन्त: सम्बन्ध का सिद्धान्त

(2) निरन्तरता का सिद्धान्त

(3) एकीकरण का सिद्धान्त 

(4) अन्तःक्रिया का सिद्धान्त

Ans- 2 

8. वह कौन-सा स्थान है, जहाँ बच्चे के ‘संज्ञानात्मक विकास’ को सबसे बेहतर तरीके से परिभाषित किया जा सकता है? 

(1) खेल का मैदान

(2) विद्यालय एवं कक्षा पर्यावरण

(3) सभागार

(4) घर

Ans- 2 

9. निम्न में से कौन-सा बुद्धिमान बच्चे का लक्षण नहीं है?

(1) वह जो लम्बे निबन्धों को बहुत जल्दी रटने की क्षमता रखता है 

(2) वह जो प्रवाहपूर्ण एवं उचित तरीके से सम्प्रेषण करने की क्षमता रखता है 

(3) वह जो अमूर्त रूप से सोचता रहता है 

(4) वह जो नये परिवेश में स्वयं को समायोजित कर सकता है

Ans- 1 

10. ………को एक अभिप्रेरित शिक्षण का संकेतक माना जाता है। 

(1) कक्षा में अधिकतम उपस्थिति

(2) शिक्षक द्वारा दिया गया उपचारात्मक कार्य

(3) विद्यार्थियों द्वारा प्रश्न पूछना

(4) कक्षा में एकदम खामोशी

Ans- 3 

11. निम्न में से कौन-सा बच्चे की सामाजिक मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं के साथ सम्बद्ध नहीं है? 

(1) सामाजिक अनुमोदन अथवा सराहना की आवश्यकता 

(2) संवेगात्मक सुरक्षा की आवश्यकता 

(3) शरीर से अपशिष्ट पदार्थों का नियमित रूप से बाहर निकलना

(4) सान्निध्य (संगति) की आवश्यकता

Ans- 3 

12. ‘मन का मानचित्रण’ सम्बन्धित है –

(1) बोध (समझ) बढ़ाने की तकनीक से 

(2) साहसिक कार्यों की क्रिया-योजना से 

(3) मन का चित्र बनाने से 

(4) मन की क्रियाशीलता पर अनुसन्धान से

Ans- 4 

13. विशेष रूप से प्राथमिक स्तर पर विद्यार्थियों की सीखने सम्बन्धी समस्याओं को सम्बोधित करने का सबसे बेहतर तरीका है

(1) अक्षमता के अनुरूप विभिन्न शिक्षण-पद्धतियों का प्रयोग करना 

(2) महँगी और चमकदार सहायक सामग्री का प्रयोग करना

(3) सरल और रोचक सहायक सामग्री का प्रयोग करना

(4) कहानी – कथन पद्धति का प्रयोग करना 

Ans- 1 

14. पियाजे के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन-सी अवस्था में बच्चा अमूर्त संकल्पनाओं के विषय में तार्किक चिन्तन करना आरम्भ करता है? 

(1) मूर्त-संक्रियात्मक अवस्था (07-11 वर्ष)

(2) औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था (11 वर्ष एवं ऊपर)

(3) संवेदी-प्रेरक अवस्था (जन्म 02 वर्ष)

(4) पूर्व -संक्रियात्मक अवस्था (02-07 वर्ष )

Ans- 2 

15. निम्न में से कौन-सा शिक्षार्थियों में सृजनात्मकता का पोषण करता है?

(1) अच्छी शिक्षा के व्यावहारिक मूल्यों के लिए विद्यार्थियोंका शिक्षण 

(2) प्रत्येक शिक्षार्थी की अन्तर्जात प्रतिभाओं का पोषण करने एवं प्रश्न करने के अवसर उपलब्ध कराना 

(3) विद्यालयी जीवन के प्रारम्भ से उपलब्धि के लक्ष्यों पर बल देना

(4) परीक्षा में अच्छे अंकों के लिए विद्यार्थियों की कोचिंग करना 

Ans- 2 

Read More:-

CTET July 2023: विगत वर्ष पूछे गए ‘संस्कृत पेडागॉजी’ की कुछ ऐसे सवाल अभी देखें!

CTET 2023: जीन पियाजे, कोहलबर्ग और वाइगोत्सकी के सिद्धांत से जुड़े ऐसे ही सवाल पूछे जाएंगे जुलाई में होने वाली सीटेट परीक्षा में!

परीक्षा से जुड़ी सभी नवीनतम अपडेट तथा Notes प्राप्त करने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल के सदस्य जरूर बने जॉइन लिंक नीचे दी गई है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button